गुरुवार, 29 अगस्त 2013

भारत के चन्द्रयान ने ढूंढ़ा चन्द्रमा पर पानी

वाशिंगटन। चन्द्रमा पर पानी ढूंढ़ने में भारत का चन्द्रयान मिशन कामयाब रहा। चन्द्रयान के साथ भेजे गए "मून मिनरलॉजी मैपर" (एम3) उपकरण ने यह ऎतिहासिक काम किया। नासा ने इसकी पुष्टि की है।भारत के चन्द्रयान ने ढूंढ़ा चन्द्रमा पर पानी
अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार ऎसा पहली बार हुआ है कि चन्द्रमा की सतह से काफी गहराई में पानी ढूंढ़ निकाला गया। पानी तलाशने के लिए एम3 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के चन्द्रयान-1 के साथ भेजा गया।

पहली बार वर्ष 2009 में चन्द्रयान एम3 ने चन्द्रमा की सतह की विभिन्न कोणों से साफ तस्वीरें भेजी थी। इन तस्वीरों से चन्द्रमा पर जल अणुओं की उपस्थिति दर्ज की गई थी। हालांकि चन्द्रमा पर मौजूद पानी मोटी परत के रूप में उपलब्ध है।

जॉन होपकिंग्स यूनिवर्सिटी अप्लाइड फिजिक्स लैबोरेटरी (एपीएल) से जुड़ी वैज्ञानिक रचेल क्लीमा ने कहा,"चंद्रमा से निकाली गई चट्टान सामान्य रूप से सतह के नीचे होती हैं और इसके प्रभाव से ही बुलियाल्डस क्षेत्र का निर्माण हुआ।"

उन्होंने कहा,"हमने पाया कि इस क्षेत्र में अच्छी खासी मात्रा में हाइड्राक्सिल है जिसमें ऑक्सीजन और हाइड्रोजन के परमाणु हैं। यह इस बात का सबूत है कि इस गड्ढे में मौजूद चट्टान के साथ पानी (मोटी परत के तौर पर) भी है। "

बुलियाल्डस चंद्रमा पर एक ऐसा क्षेत्र है जो सौर हवाओं के लिए विपरीत पर्यावरण मुहैया कराता है जिस कारण सतह में भारी मात्रा में पानी पैदा होता है।

नासा के अनुसार कई वषरें तक वैज्ञानिक यही मानते रहे कि चंद्रमा से मिली चट्टानें सूखी हैं और अपोलो मिशन के दौरान जिस पानी का पता चलने का दावा किया गया था, उसका ताल्लुक भी किसी न किसी रूप से पृथ्वी से रहा होगा। चंद्रमा की सतह पर पानी की मौजूदगी का पता चल जाने के बाद यह धारणा बदल गई।

गहने, नकदी लेकर प्रेमी संग भागी विवाहिता

जयपुर। मुरलीपुरा थाना क्षेत्र में एक विवाहिता के पति को छोड़ प्रेमी संग भागने का मामला सामने आया है। पति का आरोप है कि वह अपने साथ ही घर पर रखे गहने व नकदी के साथ अपने चार साल की बच्ची को भी ले गई। गहने, नकदी लेकर प्रेमी संग भागी विवाहिता
इस संबंध में पति ने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा दी। पुलिस ने बताया कि चौदह नंबर बाइपास स्थित पार्वती नगर में किराए के मकान में रहने वाले पीडित पति ने पुलिस को बताया कि वह पिछले दिनों झिरका हरियाणा गया हुआ था।

दो दिन पहले लौटा तो पत्नी व बच्ची घर पर नहीं मिली। मामले की जांच कर रहे एएसआई राजेंद्र सिंह ने बताया कि पति ने घर के पास स्थित एक दुकानदार पर पत्नी को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने का संदेह जाहिर किया है। घर के सामने ही दुकान होने के कारण दोनों का मिलना होता था और इसका उसे संदेह भी था।

पीडित ने बताया कि उसकी पत्नी गहने, एक प्लॉट के कागजात व तीस हजार रूपए साथ लेकर गई है। पीडित ने पुलिस को अपनी पत्नी के मोबाइल नंबर भी दिए हैं, जोकि दो दिन से बंद हैं और उनसे संपर्क नहीं हो पाया। नंबरों के आधार पर पुलिस लोकेशन पता लगाने में जुटी हुई है।

मोस्ट वांटेड आतंकी यासीन भटकल पुलिस की गिरफ्त में



नई दिल्ली। देश में कई बम धमाकों का आरोपी आंतकी यासीन भटकल पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। एनआईए ने भटकल को नेपाल-बिहार बॉर्डर पर रक्सौल से गिरफ्तार किया है। भटकल इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक सदस्यों में से एक है और देश में कई धमाकों का मास्टरमाइंड है। भटकल के साथ ही एक और आतंकी असदुल्ला को भी गिरफ्तार किया गया है। भटकल की गिरफ्तार जांच एजेंसियों के लिए बहुत बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।

गिरफ्तार दोनों आतंकियों से एनआईए और स्थानीय पुलिस किसी गुप्त ठिकाने पर ले जाकर पूछताछ कर रही है। हालांकि सुरक्षा कारणों से जांच एजेंसी और स्थानीय पुलिस इस मामले पर विस्तार से कुछ भी बताने से इंकार कर रही है। बताया जा रहा है कि भटकल मधुबनी के रास्ते बिहार से अक्सर नेपाल जाता रहता था। रॉ और आईबी की ओर से मिली जानकारी के आधार पर एऩआईए कुछ समय से उसके लिए जाल बिछा रही थी और आखिरकार वो इसमें फंस ही गया।
यासीन भटकल कर्नाटक के भटकल का रहने वाला है और इसी के चलते उसका नाम भटकल पड़ा। उसने देश में करीब 10 बड़े धमाकों को अंजाम दिया है। 2008 के जयपुर और सूरत धमाकों में भटकल का हाथ माना जाता है। 2011 के पुणे जर्मन बेकरी धमाके में भी उसी का हाथ होने का आरोप है। इसके अलावा दिल्ली और अहमदाबाद ब्लास्ट में भी भटकल का ही नाम सामने आया है। जानकारों की मानें तो भटकल की गिरफ्तारी इंडियन मुजाहिदीन के लिए तगड़ा झटका है और इस आतंकी संगठन की रीढ़ तोड़ सकता है।

लगातार ट्रेस कर रही थी खुफिया एजेंसियां
भटकल को कल रात बिहार-नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया। उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि गृह मंत्रालय ने भी कर दी है। इस ऑपरेशन में कर्नाटक और दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल को भी शामिल किया गया था। पिछले 7 दिनों से भटकल को इंटरसेप्ट किया जा रहा था। खुफिया एजेंसियां लगातार उसे ट्रेस करने में लगी थी। आखिरकार नेपाल से उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

बीकानेर में सड़क हादसे में कमाडेंट की मौत,पत्नी,बच्चा घायल



बीकानेर में बुधवार को एक कार और टैंकर में हुई टक्कर में सीमा सुरक्षा बल के कमाडेंट अनिल कुमार चौधरी की मौत हो गई.
बीकानेर में सड़क हादसे में कमाडेंट की मौत,पत्नी,बच्चा घायल
जबकि इस हादसे में उनकी पत्नी और बेटा घायल हो गए.

पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि बीकानेर-जैसलमेर राष्ट्रीय राज मार्ग संख्या 15 पर हुए हादसे में कमाडेंट ने मौके पर ही दम तोड दिया. कमाडेंट का शव कोलायत के सरकारी अस्पताल में रखा गया है.

सूत्रों के अनुसार मृतक की घायल पत्नी और बारह साल के पुत्र को बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, चिकित्सकों के अनुसार दोनों की हालत खतरे से बाहर है. कार, बीकानेर से जैसलमेर की ओर जा रही थी.

पुलिस ने ट्रक चालक के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज कर जांच कर रही है.

भूमि अधिग्रहण विधेयक आज होगा लोकसभा में पेश



नई दिल्ली: यूपीए सरकार लोकसभा में आज महत्वपूर्ण भूमि अधिग्रहण विधेयक को चर्चा और पारित कराने के लिए पेश करेगी। फूड बिल के बाद सरकार की ओर से लाया जाने वाला यह दूसरे अहम बिल है।
भूमि अधिग्रहण विधेयक आज होगा लोकसभा में पेश
माना जा रहा है कि बहस के दौरान विपक्ष बिल में कई संशोधनों की मांग कर सकता है। हालांकि सरकार ने दावा किया है कि महत्वपूर्ण संशोधनों की संख्या दो दर्जन से अधिक नहीं है। विपक्ष को खुश करने के लिए सरकार ने उसके कुछ संशोधनों को माना तो है, लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि क्या यह बिल वाकई भूस्वामियों की हितों को सुरक्षित करेगा।

इस विधेयक का उद्देश्य परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण से प्रभावित परिवारों को 'न्यायसंगत एवं उचित' मुआवजा दिलाना है। बहुचर्चित इस विधेयक में ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण होने पर प्रभावित परिवारों को भूमि के बाजार मूल्य का चार गुणा और शहरी क्षेत्रों में दो गुणा मूल्य देने का प्रस्ताव किया गया है।

ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश भूमि अधिग्रहण विधेयक को लोकसभा में पेश करेंगे। इसमें प्रस्ताव किया गया है कि प्रभावित लोगों को विकास में भागीदार बनाया जाए, ताकि उनकी जमीन के अधिग्रहण के बाद उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके। रमेश ने कहा कि विधेयक का नाम 'भूमि अधिग्रहण, पुनरुद्धार एवं पुनर्वास में पारदर्शिता तथा उचित मुआवजे का अधिकार विधेयक, 2012' रखा गया है।

विधेयक भूमि अधिग्रहण मामलों में लोगों के साथ अब तक हो रहे अन्याय को दूर करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह विधेयक एक सदी से अधिक पुराने भूमि अधिग्रहण कानून, 1894 की जगह लेगा, जिसमें आज की जरूरतों की दृष्टि से अनेक कमियां हैं।

इसमें 'अति आवश्यकता अनुच्छेद' की स्थिति संबंधी एक उपबंध भी था। इसे कभी ठीक से परिभाषित नहीं किया जा सका कि वास्तव में 'अति आवश्यकता' क्या है, बल्कि इसे भूमि अधिग्रहीत करने वाले प्राधिकरण के विवेक पर छोड़ दिया गया। इसके लिए इसकी काफी आलोचना होती रही।