शुक्रवार, 28 सितंबर 2012

बच्ची को बैग में पैक कर छोड़ गई मां



बच्ची को बैग में पैक कर छोड़ गई मां

जयपुर। जयपुर के गांधी नगर थाना इलाका स्थित एक कॉलेज के पीछे एक बैग में नवजात कन्या मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने आसपास के लोगों से बैग के संबंध में जानकारी जुटाई लेकिन कुछ पता नहीं चला। इस पर पुलिस ने नवजात को इलाज के लिए जेके लोन अस्पताल में भर्ती करा दिया। बच्ची की हालत सामान्य बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार गांधी नगर थाना पुलिस को कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि थाना इलाका स्थित एक महिला कॉलेज के पीछे की गली में एक काले रंग बैग पड़ा हुआ है । बैग में से किसी के रोने की आवाजें सुनाई दे रही हैं। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब बैग को खोला तो उसमें जिंदा नवजात कन्या को पाया।

हिना के खिलाफ जारी हो सकता है फतवा

हिना के खिलाफ जारी हो सकता है फतवा
ढाका/न्यूयॉर्क। पाकिस्तानी विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार को राष्ट्रपति आसिफ अली जरदरारी के पुत्र और पीपीपी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो के साथ इश्क लड़ाना भारी पड़ सकता है।

बांग्लादेश के एक समाचार पत्र के मुताबिक हिना के खिलाफ फतवा जारी किया जा सकता है। समाचार पत्र इत्तेफाक के अनुसार इस्लाम में विवाहेत्तर संबंधों को गलत मानते हुए
पाक के कट्टरपंथी संगठन जल्द ही हिना व बिलावल के खिलाफ फतवा जारी कर सकते हैं।

माना जा रहा है कि राष्ट्रपति जरदारी को भी इसका इल्म है। वे कुछ आशंकित दिख रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक जल्द ही हिना की कैबिनेट से विदाई हो सकती है। बिलावल को पीपीपी अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ सकता है।


बीते अगस्त में देर रात तक चैटिंग करने को लेकर हिना के पति फिरोज गुलजार ने वजह जाननी चाही तो हिना ने दो टूक कहा था कि वे बिलावल को राजनीतिक और कूटनीतिक मसलों पर समझाइश देती हैं,लेकिन ये सिलसिला जब हद से ज्यादा बढ़ गया तो दोनों में जमकर तू-तू मैं-मैं हुई।

सूत्रों के अनुसार मध्य अगस्त में हुई इस घटना के बाद हिना ने फिरोज से साफ कह दिया कि वे पति को तो छोड़ सकती हैं, लेकिन राजनीति को अलविदा कतई नहीं कहेंगी। हिना ने फिरोज से अपना नजरिया सुधारने को भी कह दिया।

थार की छाती पर हरियाली का परचम



थार की छाती पर हरियाली का परचम

कसी लगाम मरु प्रसार पर

- डॉ. दीपक आचार्य

जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी

बाड़मेर

दूर-दूर तक छितराये रेगिस्तान में हरियाली का मंजर देख पाना अकल्पनीय ही था मगर सरकारी प्रयासों सेअब थार धरा पर व्यापक पैमाने पर चल रही वन विकास व विस्तार गतिविधियों ने हरियाली ला दी है वहीं मरुस्थलके प्रसार पर लगाम कसने के लिए की जा रही कोशिशें भी रंग ला रही हैं।

दरख़्तों का संसार बिछा हरित राजस्थान में

राजस्थान प्रदेश को हरा-भरा बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2009-10 से सम्पूर्ण राज्य में हरितराजस्थान कार्यक्रम का आगाज किया गया। इस कार्यक्रम में वन विभाग के साथ ही अन्य राजकीय विभागों, आमजनएवं काश्तकारों द्वारा वृहत स्तर पर वृक्षारोपण कार्य करवाये जाते रहे हैं। बाड़मेर जिले में इस वर्ष अब तक 1.80 लाखपौधों का विभिन्न विभागों व आम जनता द्वारा रोपण किया जा चुका है।

नर्मदा नहर वृक्षारोपण परियोजना

नर्मदा नहर परियोजना से बाड़मेर जिले के 108 गांवों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। वनविभाग द्वारा पर्यावरणीय परिस्थितयों को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र में भूमिगत क्षार एवं लवण से वाटर लोगिंग केजरिये भूमि को खराब होने से बचाने, शैल्टर बैल्ट बनाकर नहरों में रेत जमा होने से रोकने और क्षेत्र के समग्रपर्यावरण को सुधारने की दृष्टि से मुख्य नहर एवं उसकी वितरिकाओं के समानान्तर वृक्षारोपण कार्य करवाया जा रहाहै। अब तक मुख्य नहर के समानान्तर दायंे व बायें 100 रनिंग कि.मी में वृक्षारोपण कार्य पूर्ण हो चुका है तथावितरिकाओं के समानान्तर 260 आर.के.एम. में वृक्षारोपण के कार्य प्रगति पर है।

रेगिस्तानी डग थामने के प्रयास

केन्द्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय एवं राजस्थान सरकार के सहयोग से मरुस्थलीय जिलों में मरुप्रसार रोक परियोजना के तहत शैल्टर बैल्ट वृक्षारोपण, वनीकरण वृक्षारोपण व टिब्बा स्थिरीकरण वृक्षारोपण कियेगये हैं।

बाड़मेर जिले में इस योजना के तहत कुल 25232 हैक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण कार्य किये गये हैं, जिसकीवजह से रेतीली आंधियों, चलायमान टिब्बों से कृषि भूमि, आबादी, जलस्रोतों को बचाने एवं रेगिस्तान के प्रसार कोरोकने में काफी सफलता मिली है।

शहीदे आज़म भगत सिंह को किया याद दी श्रधांजलि

शहीदे आज़म भगत सिंह को किया याद दी श्रधांजलि


बाड़मेर राजस्थानी मोटियार परिषद् के तत्वाधान में स्थानीय डाक बंगलो में शहीदे आज़म भगत सिंह की जयंती समारोह का आयोजन राजस्थानी भाषा समिति के संस्थापक लक्ष्मण दान कविया के मुख्या आतिथ्य ,रणवीर सिंह भादू की अध्यक्षता में आयोजित किया गया ,जयंती समारोह में मुख्या अतिथि द्वारा शहीदे आज़म भगत सिंह के चित्र पर पुष्पहार कर शर्धांजलि दी गई ,इस अवसर पर लक्ष्मण दान कविया ने कहा की अशहिदे आज़म की जयंती पर युवाओं द्वारा उन्हें याद करना सुखद आभास हें उन्होंने कहा की देश की आज़ादी में इन क्रांतिवीरो के कारण ही भारत को आज़ादी मिली उन्होंने कहा किसी भी अभियान को युवाओं के सहयोग के बिना सफलता नहीं मिलाती .इस अवसर पर शेर सिंह भुरटिया ने कहा की भगत सिंह भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। भगतसिंह ने देश की आज़ादी के लिए जिस साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुक़ाबला किया, वह आज के युवकों के लिए एक बहुत बड़ा आदर्श है। इन्होंने केन्द्रीय संसद (सेण्ट्रल असेम्बली) में बम फेंककर भी भागने से मना कर दिया। जिसके फलस्वरूप इन्हें २३ मार्च, १९३१ को इनके दो अन्य साथियों, राजगुरु तथा सुखदेव के साथ फाँसी पर लटका दिया गया। इस अवसर पर चन्दन सिंह भाटी , नरेश देव सारण ,रिड़मल सिंह दांता रणवीर सिंह भादू ,दुर्जन सिंह गुडीसर रघुवीर सिंह तामलोर ,विजय सिंह खारा ,आवड सिंह सोढा ,अशोक सारला ,रमेश गौड़ ,दिनेशपाल सिंह लखा सहित कई लोग मोजूद थे ,सभी ने शहीदे आज़म को श्रधांजलि अर्पित की

राजस्थानी महज भाषा नहीं हमारी संस्कृति और पहचान हें..कविया

राजस्थानी भाषा समिति की समीक्षा बैठक संपन


,राजस्थानी महज भाषा नहीं हमारी संस्कृति और पहचान हें..कविया

बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर के तत्वाधान में शुक्रवार को समिति के संस्थापक लक्ष्मण दान कविया की के मुख्य आतिथ्य और कवि कृष्ण कबीर की अध्यक्षता में कार्यसमिति की बैठक का आयोजन डाक बंगलो में किया गया ,बैठक में संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी , इन्द्र प्रकाश पुरोहित ,रणवीर भादू ,रिड़मल सिंह दांता ,शेर सिंह भुरटिया महेश दादानी ,,पुरुषोतम अग्रवाल ,दीप सिंह रन्धा ,जिला सहसंयोजक नरेश देव सारण ,रघुवीर सिंह तामलोर ,रहमान जायादू विजय कुमार ,,अशोक सारला ,दुर्जन सिंह गुडीसर ,रमेश गौड़ ,दिनेश दवे ,आवड सिंह सोढा ,भोम सिंह बलाई ,विजय सिंह खारा ,दिनेशपाल सिंह लखा ,जीतेन्द्र फुलवारिया ,खान मोहम्मद ,सामाराम सारला ,सुरेश जांगिड ,तेजाराम हुड्डा सहित कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे ,स्थानीय डाक बंगलो में राजस्थानी भाषा अभियान की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी .इससे पूर्व राजस्थानी भाषा बाड़मेर समिति द्वारा समिति संस्थापक लक्ष्मण दान कविया का सम्मान किया गया .बैठक को संबोधित करते हुए लक्षमण दान कविया ने कहा की राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता नहीं मिलाने का खामियाजा युवा वर्ग को भुगतना पद रहा हें उन्होंने कहा की राजस्थानी भाषा को राजनीति कारणों तथा बाहरी प्रान्तों के प्रभावशाली लोगो द्वारा सोची समझी रणनीति के तहत वंचित रखा जा रहा हें ,उन्होंने कहा की राजस्थानी भाषा का सम्रध इतिहास हें ,राजस्थानी महज भाषा नहीं हमारी संस्कृति और पहचान हें ,उन्होंने कहा की अपनी भाषा के आभाव में हम अपनी पहचान खोते जा रहे हें ,राजस्थानी के बिना राजस्थान की कल्पना बेमानी हें ,उन्होंने कहा की राजनेता वोट की भाषा समझते हें इस बार हम उन्हें उनकी भाषा में राजस्थानी का महत्त्व समझेंगे .उन्होंने कहा की अगला अभियान सुन ले नेता सगला डंके की चौत ,पेली भाषा पछे वोट की तर्ज पर चलेगा जिसमे जो नेता राजस्थानी भाषा के लिए आगे आएगा उन्हें ही समर्थन देंगे .बैठक को संबोधित करते हुए कृष्ण कबीर ने कहा की हिंदी साहित्य भी राजस्थानी भाषा के बिना अधूरा हें ,उन्होंने कहा की हिंदी साहित्य की संकल्पना राजस्थानी भाषा पर रची गई हें ,उन्होंने कहा की मीरा ,दादू ,चंदर बरदाई ,कन्हयालाल सेठिया को हिंदी साहित्य से निकाल ले तो हिंदी साहित्य सुन्या होगा ,इस अवसर पर समिति के जोधपुर संभाग के उप पाटवी न्दन सिंह भाटी ने कहा की भाषा के आभाव में हमारा समाज कई विक्रतियो के दौर से गुजर रहा हें ,उन्होंने कहा की एक मत से राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता के लिए आवाज़ बुलंद करने की जरूरत हें ,बैठक को संबोधित करते हुए रणवीर भादू ने कहा की बाड़मेर से राजस्थानी भाषा को मान्यता के उठी आवाज़ संसद तक पहुंची हें ,इस अवसर पर महेश दादानी ने कहा की राजस्थानी भाषा कोमायद भाषा को संवेधानिक मान्यता मिलाने में राजनीति अडचने आ रही हें ,इस अवसर पर समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष इन्दर प्रकाश पुरोहित ने कहा की ने कहा की राजस्थानी भाषा की अलख जगाने की मशाल जो बाड़मेर को पकडाई उसे जन जन तक पहुँचाने का पूरा प्रयास किया गया उन्होंने कहा की बाड़मेर में वाहनों पर राजस्थानी भाषा में स्लोगन ,ओखाने लिखने का अभियान शुरू किया जाएगा मोटियार परिषद् के जिला पाटवी रघुवीर सिंह तामलोर ने कहा की जैसलमेर में भी अभियान शुरू किया गया .उन्होंने अब तक राजस्थानी भाषा को लेकर चलाये अभियान की जानकारी दी .इस अवसर पर जिला पाटवी रीडमल सिंह दांता सहसंयोजक नरेश देव सारण ,शेर सिंह भुरटिया ,दीप सिंह रणधा ने राजस्थानी भाषा से युवा वर्ग के सक्रीय रूप से जुड़ने को उपलब्धि बताया . कार्यक्रम का सञ्चालन रघुवीर सिंह तामलोर ने किया