शुक्रवार, 31 अगस्त 2012

सिद्धू की बीवी ने किया स्टिंग ऑपरेशन

सिद्धू की बीवी ने किया स्टिंग ऑपरेशन

चंडीगढ़। भाजपा सांसद नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने स्टिंग ऑपरेशन के जरिए एक डॉक्टर को गिरफ्तार करवाया हैं। वरिष्ठ सरकारी डॉक्टर मोहाली में अपना निजी अस्पताल चला रहा था। जब कौर को इसकी खबर मिली तो स्टिंग ऑपरेशन कर उसे रंगे हाथों पकड़वा लिया। डॉक्टर को गिरफ्तार कर मामला दर्ज कर लिया गया है।

पंजाब सिविल मेडिकल सर्विस से जुड़े 50 वर्षीय समीर कौशल मोहाली में अपना निजी अस्पताल भी चला रहे थे। कौशल पिछले 17 सालों से सरकारी डॉक्टर हैं जिन्हें 1.5 लाख प्रति माह वेतन मिलता हैं। जब कौर को पता चला कि कौशल लगातार सरकारी अस्पताल से गायब रहते हैं तो उन्होंने स्टिंग ऑपरेशन के जरिए उसे रंगे हाथ पकड़ने का फैसला किया।

कौर डॉक्टर के पास उनके निजी अस्पताल में मरीज बन कर पहुंची और उसे रंगे हाथ पकड़ा। कौर ने कहा कि सरकारी डॉक्टर होने के बावजूद निजी अस्पताल चलाना एक डॉक्टर के लिए शर्म की बात हैं।

राज्य के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने पुलिस को इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। मोहाली के एसएसपी ने बताया कि यह धोखाधड़ी का मामला हैं। सरकारी नौकर होते हुए निजी अस्पताल चलाना वाले को भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत गिरफ्तार किया जाता है।

पदोन्नति में मिलेगा 28 प्रतिशत आरक्षण

पदोन्नति में मिलेगा 28 प्रतिशत आरक्षण

जयपुर। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के पालन में पदोन्नति में 28 प्रतिशत आरक्षण फिर से देने की तैयारी शुरू कर दी है। सरकारी भर्ती की तरह पदोन्नति में भी अनुसूचित जाति के अधिकारी-कर्मचारियों को 16 और जनजाति को 12 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। गुरूवार को मुख्य सचिव सी.के.मैथ्यू की अध्यक्षता में उच्चाधिकारियों की बैठक में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर चर्चा की गई।

बैठक में इस नतीजे पर पहुंचा गया कि अदालत का निर्णय पदोन्नति में आरक्षण के पक्ष में है और सरकार दो माह के भीतर भटनागर समिति की रिपोर्ट को आधार मानते हुए इसे लागू करेगी।

बैठक में भटनागर कमेटी के सदस्य डा. अशोक सम्पतराम, डा. गोविन्द शर्मा, प्रमुख विधि सचिव प्रकाश गुप्ता, विधि सचिव पंकज भंडारी, महाधिवक्ता जी. एस.बापना, प्रमुख कार्मिक सचिव सुदर्शन सेठी, तत्कालीन प्रमुख कार्मिक सचिव व वर्तमान में वाणिज्यिक कर आयुक्त खेमराज व अन्य अधिकारी मौजूद थे।


1997 से ही दिया जाएगा लाभ
बैठक में यह तय हुआ कि इस बारे में राज्य सरकार की 11 सितम्बर 2011 को जारी अधिसूचना प्रभावी होगी और इसका लाभ 1997 से ही दिया जाएगा। सरकार को जरूरत पड़ी तो 1997 के बाद हुई डीपीसी के बदले रिव्यू डीपीसी कराई जा सकेगी। बैठक में सरकार का यह रूख भी स्पष्ट किया गया कि किसी विभाग या सेवा में अजा-जजा कर्मियों की आरक्षित कोटे से ज्यादा पदोन्नतियां हो चुकी हैं तो भी किसी को पदावनत नहीं किया जाएगा। इस बारे में छाया पद सृजित करने व अन्य विकल्पों पर विचार किया जाएगा।

पदोन्नतियों का रास्ता साफ
सूत्रों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद आरएएस से आईएएस में पदोन्नतियों का रास्ता भी फिर से खुल सकेगा। अदालती निर्णय के पालन से सभी वर्गो की पदोन्नतियों का रास्ता साफ हो गया है।

...और राह में यह रोडा
इधर, अधिकारियों व विधि सलाहकारों का मानना है कि जब तक हाईकोर्ट में समता आंदोलन समिति की अवमानना याचिका लम्बित है, 11 सितम्बर 11 की अधिसूचना लागू नहीं की जा सकेगी। सरकार ने हाईकोर्ट में पिछले साल यह अधिसूचना लागू न करने की अंडरटेकिंग दी थी। सरकार याचिका को निस्तारित कराने के लिए जल्द ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश कर सकती है। समता आंदोलन ने एक अवमानना याचिका में भटनागर कमेटी को भी चुनौती दे रखी हैै।

सांसद हरीश और मेवाराम का बढ़ा कद ,शेष दरकिनार दिखे दिग्गज

सांसद हरीश और मेवाराम का बढ़ा कद ,शेष दरकिनार दिखे दिग्गज 
 


बाड़मेर। कांगे्रसाध्यक्ष के बाड़मेर दौरे में कांग्रेस के कई दिग्गज दरकिनार दिखे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ.चन्द्रभान से लेकर सरकार के कुछ मंत्री समारोह स्थल पर थे अवश्य लेकिन दिखे अलग-थलग। खाश कर बाड़मेर के नेताओ में हरीश चौधरी और मेवाराम जैन को ख़ास तवज्जो मिली वही शेष नेताओ को सोनिया की तरफ से निराशा ही हाथ लगी ,तवज्जो तो दूर संबोधन में बाड़मेर के वरिष्ठ नेता मंत्री हेमा राम चौधरी ,अमीन खान ,गफूर अहमद ,गोपाराम मेघवाल ,किसी का नाम तक नहीं लिया इस मामले में जिला प्रमुख मदन कौर भाग्यशाली रही जिनका नाम सोनिया ने संबोधन में लेकर इज्ज़त बक्षी .इधर सोनिया की इस सभा में बाड़मेर के सांसद हरीश चौधरी के नंबर केंद्र तथ्जा विधायक मेवाराम जैन के राज्य की राजनीति में नंबर बढे इन दोनों नेताओ को दस में से नौ नस्म्बर इस सभा के बाद सोनिया गांधी और अशोक गहलोत ने दिए होंगे ,इस सभा को लेकर इन दोनों नेताओ ने खासी मसक्कत की थी ,दोनों का कद निश्चिन्त रूप से बाधा हें ,शेष नेताओ को अपने कल की चिंता करने की जरुरत हें ,गहलोत ने भी शेष नेताओ को वजन नहीं दिया ,बाड़मेर जिले से मंत्री स्तर के चार नेता होने के बावजूद धन्यवाद भाषण विधायक म्वेवारम से दिलाना अशोक गहलोत का ही निर्णय था ,

कांग्रेस सुप्रीमो के इस कार्यक्रम में पिछले एक हफ्ते से चल रही कवायद का नतीजा गुरूवार को अच्छी खासी भीड़ के तौर पर सामने आया। सांसद से लेकर जिले के छह कांग्रेसी विधायक और दो आयोगो के अध्यक्षों के नेतृत्व में लोग जुटे। कांग्रेस के कई पदाधिकारियों ने भी इस शक्ति प्रदर्शन की दौड़ में पीछे नहीं रहने के कई प्रयास किए। नतीजा यह रहा कि आदर्श स्टेडियम में यह अब तक की सबसे बड़ी आमसभा हुई। जिले के कुल सात विधानसभा क्षेत्रों में से वर्तमान में छह से कांग्रेस के विधायक हैं। यहां से दो विधायक प्रदेश सरकार में मंत्री और दो अलग-अलग आयोग के अध्यक्ष हैं। सभी ने पुरजोर प्रयास किए। फिर भी कई कांग्रेसी नेताओं को तरजीह नहीं मिल पाई।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ.चन्द्रभान कार्यक्रम स्थल पर स्वागत करने वाले लोगों की कतार में शरीक हुए। यहां से वे सोनिया गांधी और मुख्यमंत्री के साथ मंच तक भी पहुंचे, लेकिन मंच से सम्बोधन का मौका नहीं दिया गया। मुख्यमंत्री ने पुष्प गुच्छ देकर सोनिया का स्वागत किया। इसके बाद बाड़मेर सांसद हरीश चौधरी ने स्वागत भाषण दिया। जलदाय मंत्री जितेन्द्रसिंह ने पेयजल योजना की जानकारी दी। केन्द्रीय भूतल मंत्री डॉ.सीपी जोशी ने संक्षिप्त सम्बोधन दिया। गहलोत के भाषण के दौरान एकबारगी सोनिया गांधी ने पास में बैठे डॉ.चन्द्रभान से कुछ पूछा जिसका उन्होंने जवाब भी दिया। गहलोत के भाषण के बाद सोनिया गांधी के सम्बोधन हुआ और अन्त में बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने आभार ज्ञापित किया।

डॉन से नेता बने गवली को उम्रकैद


 
मुंबई. अंडरवर्ल्ड डॉन से नेता बने अरुण गवली को मुंबई की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। उसे शिवसेना नेता की हत्या के केस में दोषी करार दिया जा चुका था। अदालत ने 28 अगस्त को इस केस पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को कोर्ट ने गवली के साथ-साथ 9 और लोगों को भी उम्रकैद की सजा सुनाई। गवली पर 7 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

मुंबई की मोका अदालत में 28 अगस्त को इस केस पर बहस पूरी कर ली गई थी. बहस के दौरान गवली की ओर से दी गई सफाई में कहा गया है कि 2007 के बीएमसी के चुनावों में शिवसेना को समर्थन करने के लिए उनकी पार्टी अखिल भारतीय सेना के चार पार्षदों को काफी पैसे मिले थे। ऐसे में वह 30 लाख रुपये के लिए जामसांडेकर की हत्या क्यों करेगा? लेकिन उसकी यह दलील नहीं मानी गई और 24 अगस्त को उसे दोषी करार दिया गया था। शिवसेना नेता और निगम पार्षद कमलाकर जामसांडेकर की हत्या मार्च 2007 में हुई थी।

गवली पर इससे पहले भी हत्या, हत्या की कोशिश, जबरन उगाही और अपहरण के कई आपराधिक मुकदमे चले, लेकिन पुलिस उसे अदालत के सामने दोषी ठहराने में हर बार नाकाम रही है। यह पहला मौका है जब अरुण गवली किसी केस में सजा काटेगा।

बारात लेकर दो दिन तक दुल्हन को ढूंढता रहा दूल्हा

बारात लेकर दो दिन तक दुल्हन को ढूंढता रहा दूल्हा

सदर थाने में शादी का झांसा देकर पैसे हड़पने का मामला दर्ज

बाड़मेर

शादी रचाने के लिए बारात लेकर आए दूल्हे को बैरंग लौटना पड़ा। दो दिन तक दूल्हे के साथ बारात दुल्हन को ढूंढती रही। मगर शादी का सौदा तय करने वाले युवक गायब हो गए तो शादी नहीं हो पाई। जिन लोगों ने शादी का झांसा दिया था वे तीन लाख साठ हजार रुपए लेकर भाग गए। जब पता चला कि उनके साथ धोखा हुआ तो दूल्हे के परिजनों ने पुलिस थाना सदर में धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया है।जोधपुर के भोपालगढ़ क्षेत्र के हीरादेसर गांव का एक युवक शादी रचाने के लिए बारात लेकर बुधवार को बाड़मेर पहुंचा। शादी तय करवाने वाले दो युवकों से संपर्क नहीं हो पाया तो बारात रुक गई। गुरुवार को दिनभर फोन पर संपर्क के लिए प्रयास करने के बावजूद बिचौलियों का पता नहीं लगा तो बारातियों को पूरा माजरा समझ में आ गया। इसके बाद अर्जुनराम पुत्र पाबूराम जाट निवासी हीरादेसर ने पुलिस थाना सदर में मामला दर्ज करवाया कि बाड़मेर के वीरसिंह व जेठाराम नामक दो युवकों ने लड़के की सगाई तय की थी। उस दौरान उन्होंने कुल 3 लाख 60 हजार रुपए में यह सौदा तय किया। आधे पैसे तो पहले ही दे दिए थे। शेष राशि बारात बाड़मेर पहुंचने पर दे दिए। इसके बाद ये दोनों भाग गए। मोबाइल स्विच ऑफ कर दिए। पुलिस ने शादी का झांसा देकर पैसे हड़पने का मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है।