शुक्रवार, 1 जून 2012

नरेंद्र मोदी की गुजरात से होगी छुट्टी?

नई दिल्‍ली. बीजेपी के भीतर जारी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। पार्टी के वरिष्‍ठ नेता लाल कृष्‍ण आडवाणी द्वारा नितिन गडकरी पर निशाना साधे जाने के बाद अब बीजेपी के मुखपत्र 'कमल संदेश' के जरिये गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोला गया है। इस बीच, मोदी नई दिल्‍ली पहुंच गए हैं। योजना आयोग की बैठक में हिस्‍सा लेने दिल्‍ली आए मोदी आज शाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से भी मिलेंगे। उम्‍मीद है कि मोदी यहां गडकरी से भी मिल सकते हैं।

समय-समय पर अपनी ही पार्टी को अपने आगे झुकने पर मजबूर करने वाले मोदी की गुजरात से छुट्टी हो सकती है। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक बीजेपी और आरएसएस उन्‍हें अगले लोकसभा चुनाव में यूपी से उम्‍मीदवार बनाने के बारे में गंभीरता से विचार कर रहा है।
 


पार्टी के मुखपत्र में हालांकि सीधे तौर पर मोदी का नाम तो नहीं लिया गया लेकिन यह कहा गया कि पार्टी के कुछ नेताओं को आगे बढ़ने की जल्‍दबाजी है। 'कमल संदेश' के ताजा अंक के संपादकीय में लिखा गया है, 'जो लोग जल्‍दबाजी में हैं, वो पार्टी के ताने-बाने को नुकसान पहुंचा रहे हैं।'' संपादकीय में लिखा गया है, 'व्यवस्थाएं पार्टी में कार्यरत लोग ही कायम रखते हैं। पार्टी किसी एक के सहयोग से नहीं, सभी के सहयोग से चलती है। 'सिर्फ मेरी ही चलेगी, मेरी नहीं तो किसी की नहीं चलेगी' की तर्ज पर न संगठन चलता है न ही समाज और न परिवार।'

संपादकीय के मुताबिक, 'जब एक शख्‍स ऊंचाइयों पर चढ़ता है तो उसकी समझदारी भी बढ़नी चाहिए। लेकिन अफसोस की बात है कि शीर्ष पर पहुंचने के बाद अक्‍सर लोग अपने नीचे वाले को कमतर दिखाने की कोशिश करते हैं जबकि उन्‍हें पता होता है कि एक दिन वो भी इस स्थिति में पहुंचेंगे। जब हम किसी शख्‍स की हद से ज्‍यादा तारीफ करते हैं तो इसकी अधिक गुंजाइश रहती है कि वह शख्‍स बहक जाएगा। इसी तरह जब किसी की हद से अधिक आलोचना की जाती है तो हम उसके बाहर जाने का रास्‍ता साफ कर रहे होते हैं।'

मोदी को संयम रखने की सीख देते हुए लिखा गया है, 'अटल, आडवाणी और डॉ. जोशी भारतीय राजनीति में आज भी इसलिए चमक रहे हैं, क्योंकि उन्होंने हमेशा संगठन को सबसे ऊपर माना। अपने को पार्टी के भीतर रखा। उनका कद बहुत बड़ा है, पर उन्होंने अपने कद को पार्टी के कद से कभी ऊंचा नहीं बनाया।'

नरेंद्र मोदी को पार्टी में प्रधानमंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है, लेकिन हाल के दिनों में उनके प्रधानमंत्री बनने की राह में रोड़े अटकाने वाली खबरें लगातार आ रही हैं। पहले केशुभाई पटेल ने मोदी को तानाशाह बताया, फिर विकीलीक्‍स के जरिए पूर्व भाजपा विधायक जयनारायण व्‍यास की 'निजी बातचीत' जगजाहिर हुई। इसमें उन्‍हें यह कहते हुए बताया गया कि भाजपा के पास तानाशाह नरेंद्र मोदी का विकल्‍प नहीं है और अब पार्टी के 'मुखपत्र' के जरिए ही उन पर निशाना साधा गया है।

इससे पहले, आडवाणी ने पार्टी की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताते हुए गुरुवार को कहा कि देश की जनता यदि यूपीए सरकार से निराश है तो वह भाजपा से भी खुश नहीं है। पेट्रोल मूल्य वृद्धि के खिलाफ भाजपा ने गुरुवार को जहां देशव्यापी बंद आयोजित किया, वहीं आडवाणी ने अपने ब्लॉग पर कहा कि देश की मुख्य विपक्षी पार्टी की मनोदशा उत्साहजनक नहीं है। भाजपा ने हालांकि, आडवाणी के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

फर्स्ट लेवल में नहीं बैठ पाएंगे बीएड धारी

फर्स्ट लेवल में नहीं बैठ पाएंगे बीएड धारी
नई दिल्ली। राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रथम स्तर में उत्तीर्ण 70 हजार बीएडधारी अभ्यर्थियों को तगड़ा झटका लगा है। ये बीएडधारी 2 जून को होने वाली तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा के (प्रथम स्तर)में नहीं बैठ पाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इन अभ्यर्थियों को प्रथम स्तर एग्जाम में बैठने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। हालांकि कोर्ट ने परीक्षा परिणाम को अपने अधीन रखा है।

राजस्थान सरकार ने कोर्ट में दलील दी कि बीएडधारी अभ्यर्थियों की संख्या बहुत ज्यादा है इसलिए इनके लिए प्रवेश पत्र की व्यवस्था करना संभव नहीं हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि जब तक अंतिम आदेश नहीं आ जाता तब तक ये परीक्षा में नहीं बैठेंगे। हालांकि कोर्ट ने कहा कि अगल आदेश अगर बीएडधारियों के पक्ष में आता है तो उनके लिए विशेष परीक्षा की व्यवस्था कराई जाए।

गौरतलब है कि राजस्थान हाईकोर्ट ने बीएड धारियों के फर्स्ट लेवल एग्जाम में बैठने पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि अगर सुप्रीम कोर्ट का आदेश इनके पक्ष में आता है तो सरकार इन्हें एग्जाम में बिठा सकती है। हाईकोर्ट कोर्ट के आदेश के बाद उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चंद्राभान के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनकी समस्या पर विचार करने का आश्वासन दिया था।

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उदयपुर राजघराने के अरविंद को संयुक्त राष्ट्र का पुरस्कार

उदयपुर राजघराने के अरविंद को संयुक्त राष्ट्र का पुरस्कार

उदयपुर के पूर्व राजघराने के वंशज महाराणा अरविंद सिंह मेवाड़ को वूमेन टूगेदर अवार्ड फॉर ''कंट्रीब्यूशन टू युनिवर्सल कल्चर ऑफ द युनाइटेड नेशंस'' के लिए चुना गया गया है। संयुक्त राष्ट्र के इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुने जाने वाले वह दूसरे भारतीय हैं। यह जानकारी एक आधिकारिक प्रवक्ता ने यहां बुधवार को दी है।यह पुरस्कार उन्हें, महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउंडेशन, उदयपुर के माध्यम से उनके द्वारा किए गए कार्यो के लिए प्रदान किया जा रहा है। पांच जून को न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।


इस चैरिटेबल प्रतिष्ठान की स्थापना महाराणा भागवत सिंह मेवाड़ ने की थी। वूमेन टूगेदर ने संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर इस पुरस्कार के लिए इस संस्था को आमसहमति से चुना। गैर सरकारी संगठन वूमेन टूगेदर, संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद का हिस्सा है।


अमेरिका में फिर भारतीय मूल के छात्रों का वर्चस्व

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अमेरिका में भारतीय मूल के अमेरिकी छात्रों ने देश में आयोजित होने वाले इस वर्ष के प्रतिष्ठित स्पैलिंग प्रतिस्पर्द्धा में तीन शीर्ष स्थान अपने नाम करके इसमें अपना वर्चस्व कायम कर लिया है।14 वर्षीय स्निग्धा दक्षिण एशियाई मूल की पांचवीं अमेरिकी बन गई हैं, जिन्होंने इस प्रतिस्पर्धा में लगातार कई बार जीत दर्ज की है। आठवीं कक्षा की छात्रा स्निग्धा कैलिफोर्निया के सान दियागो में रहती है।

स्निग्धा को इस जीत के लिए 30 हजार डॉलर नकद, एक ट्राफी, ढाई हजार डॉलर के बचत बांड, पांच हजार की छात्रवृत्ति, इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका एवं एक ऑनलाइन भाषा पाठ्यक्रम से 2600 डॉलर की संदर्भ सामग्री मिलेगी।

फ्लोरिडा के आरलैंडो की 14 वर्षीय स्तुति मिश्रा दूसरे स्थान पर रहीं, जबकि न्यूयार्क के अरविंद महमकाली को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। कल रात आयोजित इस प्रतिस्पर्धा का पूरे देश में टेलीविजन पर प्रसारण किया गया।

भारतीय मूल के तीनों छात्र 278 राष्ट्रीय प्रतियोगियों में से अंतिम दौर में पहुंचने वाले नौ प्रतियोगियों में शामिल थे।