फर्स्ट लेवल में नहीं बैठ पाएंगे बीएड धारी
नई दिल्ली। राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रथम स्तर में उत्तीर्ण 70 हजार बीएडधारी अभ्यर्थियों को तगड़ा झटका लगा है। ये बीएडधारी 2 जून को होने वाली तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा के (प्रथम स्तर)में नहीं बैठ पाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इन अभ्यर्थियों को प्रथम स्तर एग्जाम में बैठने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। हालांकि कोर्ट ने परीक्षा परिणाम को अपने अधीन रखा है।
राजस्थान सरकार ने कोर्ट में दलील दी कि बीएडधारी अभ्यर्थियों की संख्या बहुत ज्यादा है इसलिए इनके लिए प्रवेश पत्र की व्यवस्था करना संभव नहीं हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि जब तक अंतिम आदेश नहीं आ जाता तब तक ये परीक्षा में नहीं बैठेंगे। हालांकि कोर्ट ने कहा कि अगल आदेश अगर बीएडधारियों के पक्ष में आता है तो उनके लिए विशेष परीक्षा की व्यवस्था कराई जाए।
गौरतलब है कि राजस्थान हाईकोर्ट ने बीएड धारियों के फर्स्ट लेवल एग्जाम में बैठने पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि अगर सुप्रीम कोर्ट का आदेश इनके पक्ष में आता है तो सरकार इन्हें एग्जाम में बिठा सकती है। हाईकोर्ट कोर्ट के आदेश के बाद उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चंद्राभान के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनकी समस्या पर विचार करने का आश्वासन दिया था।
नई दिल्ली। राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रथम स्तर में उत्तीर्ण 70 हजार बीएडधारी अभ्यर्थियों को तगड़ा झटका लगा है। ये बीएडधारी 2 जून को होने वाली तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा के (प्रथम स्तर)में नहीं बैठ पाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इन अभ्यर्थियों को प्रथम स्तर एग्जाम में बैठने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। हालांकि कोर्ट ने परीक्षा परिणाम को अपने अधीन रखा है।
राजस्थान सरकार ने कोर्ट में दलील दी कि बीएडधारी अभ्यर्थियों की संख्या बहुत ज्यादा है इसलिए इनके लिए प्रवेश पत्र की व्यवस्था करना संभव नहीं हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि जब तक अंतिम आदेश नहीं आ जाता तब तक ये परीक्षा में नहीं बैठेंगे। हालांकि कोर्ट ने कहा कि अगल आदेश अगर बीएडधारियों के पक्ष में आता है तो उनके लिए विशेष परीक्षा की व्यवस्था कराई जाए।
गौरतलब है कि राजस्थान हाईकोर्ट ने बीएड धारियों के फर्स्ट लेवल एग्जाम में बैठने पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि अगर सुप्रीम कोर्ट का आदेश इनके पक्ष में आता है तो सरकार इन्हें एग्जाम में बिठा सकती है। हाईकोर्ट कोर्ट के आदेश के बाद उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चंद्राभान के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनकी समस्या पर विचार करने का आश्वासन दिया था।
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