शुक्रवार, 30 सितंबर 2011

Bhor Bhai Din Chad Gaya (Meri Ambe) - Chanchal.

बडौडा गांव की जमीन विंड मिल को नही देने की दरकार


बडौडा गांव की जमीन विंड मिल को नही देने की दरकार

ग्रामीणों ने दिया कलेक्टर को ज्ञापन

जैसलमेर ग्राम पंचायत बडौड़ा गांव के राजस्व ग्रामों की भूमि विंड मिल कंपनियों को आबंटित नहीं करने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में बताया कि बडौडा गांव, जसकरणपुरा, अभयनगर में विंड मिल की स्थापना के लिए भूमि आबंटित की जा रही है। वहीं गांव के 70 प्रतिशत लोग भूमिहीन है। विंड मिल स्थापित होने के बाद पशुपालकों के समक्ष चारे-पानी की विकट समस्या पैदा हो जाएगी।ज्ञापन में बताया कि इस गांव में जलस्त्रोत, तालाब, नाडी, कुओं आदि के लिए आगोर भूमि चिन्हित नहीं है। ऐसे में यह भूमि आबंटित होती है तो जल स्त्रोत बंद हो जाएंगे। साथ ही जसकरणपुरा व अभयनगर में आबादी भूमि, गोचर, चारागाह ओरण आदि के लिए भूमि आबंटित नहीं की गई है। ऐेसे में यहां की जमीन अगर विंड मिल कंपनियों को दी जाती है तो भारी परेशानी खड़ी हो सकती है। इससे पूर्व भी गांव की 911 बीघा जमीन विंड मिल कंपनी को आबंटित की जा चुकी है। ज्ञापन में बताया कि ग्राम पंचायत की 19 सितम्बर को हुई आमसभा बैठक में प्रस्ताव संख्या आठ द्वारा विंड मिल ग्राम पंचायत क्षेत्र में स्थापित नहीं करने का निर्णय सर्व सम्मति से लिया गया था। ज्ञापन में सरपंच उगमकंवर, वार्ड पंच गवरी, चतुरसिंह, हुकमाराम, चंदनसिंह, महेन्द्रसिंह, कंवराजसिंह, रेंवतसिंह, आशूसिंह, शेरसिंह, पूनमाराम, गोपूराम, विक्रमसिंह, प्रेमसिंह, लूणाराम, आसूसिंह, कमलसिंह, भगवानसिंह, डूंगरसिंह, ढेलाराम, दुर्गसिंह, मनोहरसिंह, किशनसिंह, नेपालसिंह, चन्द्रसिंह, शिवदानसिंह, हिंदूसिंह, राजूसिंह, अमरसिंह, विक्रमसिंह, खेताराम, दानसिंह, नारायणसिंह सहित पचास से अधिक ग्रामीणों के हस्ताक्षर है।

धरने जारी

जैसलमेर जिला विकास संघर्ष समिति के तत्ववाधान में पवन ऊर्जा संयंत्रों को पर्यटन स्थलों से हटाकर अन्यत्र स्थापित किए जाने की मांग को लेकर दिया जा रहा धरना 22 वें दिन तथा इसी मांग को लेकर कनोई के ग्रामीणों द्वारा दिया जा रहा धरना 55वें दिन भी जारी रहा।

समिति के प्रवक्ता राजेन्द्र अवस्थी ने बताया कि पवन चक्कियों के पर्यटन क्षेत्र व अन्य ग्रामीण बाहुल्य क्षेत्र से पवन ऊर्जा संयंत्र हटाए नहीं जाएंगे तब तक धरना निरंतर जारी रहेगा। गुरुवार को धरने पर चुतराराम, पीराराम, सांगाराम सहित पदमसिंह, भगवानाराम आदि बैठे।

बाजरे की उन्नत किस्म करेगी निहाल

बाजरे की उन्नत किस्म करेगी निहाल

बाड़मेर। जोरदार बरसात के बाद बाजरे की बम्पर पैदावार की उम्मीद ने जहां किसानों को खुशी से सरोबार कर दिया है, वहीं जिन किसानों ने उन्नत किस्म के बाजरे की बुवाई की है, उनकी खुशियां सातवें आसमान पर है। कृषि विभाग ने करीब 47 हजार हेक्टेयर में उन्नत किस्म के बाजरे की बुवाई करवाई, वहीं किसानों ने अपने स्तर पर भी हजारों हेक्टेयर में बाजरा बोया।

जिले भर में इस बार करीब 16.5 लाख हेक्टेयर में खरीफ की फसल की बुवाई हुई, जिसमें बाजरा, ग्वार, मूंग, मोठ व तिल की पैदावार शामिल है। भरपूर बरसात होने के कारण खेतों में खड़ी खरीफ की फसल पूर्ण यौवन के साथ लहलहा रही है। शुरूआती दौर में बोई गई बाजरे की फसल के सिट्टे में दाना पक गया है और नवरात्रि पर्व के दूसरे दिन दूज को शुभ दिवस मानते हुए किसानों ने सिट्टे की कटाई भी शुरू कर दी है। शुरूआती बुवाई वाले किसानों को बाजरे से दो-दो सिट्टों की आस है। लिहाजा सिट्टे की कटाई जल्दी ही शुरू कर दी गई है।

इस बार खेतों में एक-एक फीट का सिट्टा सामान्य बात है। जबकि साधारण किस्म के बीज से आधा फीट का सिट्टा भी पर्याप्त माना जाता है। इस बार आधे फीट से कम का सिट्टा कहीं नजर ही नहीं आ रहा है। हालांकि अभी तक सर्वत्र पर्याप्त दाना नहीं पड़ा है, लेकिन जिस गति से दाना पड़ रहा है, उससे यह साफ हो गया है कि बम्पर पैदावार होगी ही होगी।

कृषि विभाग बाड़मेर ने इस वर्ष उन्नत किस्म बीज एच एस बी-67 किसानों को वितरित किया, जिसकी लगभग सैंतालीस हजार हेक्टेयर में बुवाई की गई। इस बीज की खासियत यह है कि सिट्टा करीब दो फीट तक पहुंच जाता है। जो आम तौर पर होने वाले सिट्टे से तीन गुणा अधिक लम्बा है। इसके अलावा किसानों ने अपने स्तर पर बाजार से खरीदकर हजारों हेक्टेयर में उन्नत किस्म का बाजरा बोया है, जो बम्पर पैदावार में सहायक होगा।

शुष्क मौसम की जरूरत
अब बरसात की जरूरत नहीं है। मौसम जितना शुष्क रहेगा, खरीफ की फसल के उतना ही लाभदायक रहेगा। फिलहाल जो मौसम है, वह अच्छा है। शुष्क मौसम खरीफ की फसल की अभिवृद्धि में सहायक रहेगा। -पदमसिंह भाटी, सहायक कृçष्ा

अधिकारी बम्पर पैदावार की उम्मीद
इस बार बाजरे की बम्पर पैदावार की उम्मीद है। लक्ष्य से करीब सोलह प्रतिशत अधिक बुवाई हुई है। उन्नत किस्म का बाजरा बम्पर पैदावार में अहम भूमिका निभाएगा। -बनवारीलाल चौधरी, सहायक निदेशक, कृषि विभाग बाड़मेर

सिरोही न्यूज़ बॉक्स ...आज की खबरे ..शुक्रवार. ३० सितंबर, २०११

कार खाई में गिरी 8 गंभीर घायल

माउंट आबू  माउंट आबू से अंबाजी जा रही कार अनियंत्रित होकर बीस नंबर पिलर स्थित महादेव मंदिर के पास दीवार से टकरा कर खाई में जा गिरी। हादसे में 8 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को सीआरपीएफ के जवानों ने बाहर निकालकर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया। सभी घायल मध्यप्रदेश के ब्यावरा निवासी हैं। तलेन ब्यावरा मध्यप्रदेश निवासी प्रवीण यादव ने इलाज के दौरान बताया कि वह अपने दोस्तों कैलाश चंद्र, सुभाष अग्रवाल, दिनेश गुप्ता, कैलाश नारायण, राजेश तिवारी और एक अन्य युवक के साथ अंबाजी मंदिर में दर्शन के लिए कार से शाम को रवाना हुए थे। बीस नंबर पिलर के पास कार अनियंत्रित होकर दीवार से टकराई तथा खाई में गिर गई। हादसे की सूचना मिलते ही उपखंड अधिकारी कुमार पाल गौतम, विधायक गंगाबेन गरासिया, थाना प्रभारी राजेश बाफना तथा काफी संख्या में सीआरपीएफ के जवान सहित समाजसेवी मौके पर पहुंचे। सभी घायलों को ग्लोबल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।



स्कूल की भूमि पर निर्माण का विरोध

जिला शिक्षा अधिकारी ने गुस्साए नागरिकों के प्रतिनिधिमंडल से की समझौता वार्ता, समझाइश पर शांत हुआ मामला

शिवगंज शहर के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल के पुराने भवन परिसर में बालिका छात्रावास के निर्माण कार्य के लिए नींव की खुदाई को लेकर गुरुवार सुबह नागरिकों व जनप्रतिनिधियों ने शिक्षा विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया। छात्र भी इसके विरोध में धरने पर बैठे। मौके पर उपस्थित नगरपालिका के पार्षद किशोर आर्य, इरफान भाई, भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष प्रकाश भाटी, कैलाश दान चारण, नारायणलाल परिहार, ओमप्रकाश परिहार, नरेश कुमार सिंघी, गोपाल भाई, इंसाफ भाई सहित कई नागरिकों ने स्कूल की भूमि पर छात्रावास बनाने के लिए खोदी गई नींव का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि यह विद्यार्थियों के साथ सरासर अन्याय है, इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

‘पावली लइने मैं तो पावागढ़ गई थी’


नवरात्रि महोत्सव त्न हर गली-नुक्कड़ पर मची डांडियों की धूम
डांडियों की खनक, पांवों की थिरकन व गरबों की गूंज से बना अनूठा संगम


आबूरोड जिलेभर में गरबा खेलने को लेकर युवक-युवतियों में गजब का उत्साह देखा जा रहा है। शाम ढलते ही युवक-युवतियों के साथ बच्चों के कदम गरबा पांडालों की ओर बढऩे लगते हैं। गुरुवार को गुजरात गीतों की गूंज पर देर रात तक युवा थिरकते रहे।ठेठ गुजराती पारंपरिक गायन शैली, नृत्य और हावभाव का संगम इन दिनों जिलेभर में मोहित कर रहा है। कमोबेश हर गली-नुक्कड़ पर जहां देर रात तक आध्यात्मिक रंग से सराबोर है। शहर के रामझरोखा, मातरमाताजी, नयावास, संपूर्णानंद कॉलोनी, आदर्शनगर, पीडब्ल्यूडी कॉलोनी, भाटकड़ा समेत आबूरोड, शिवगंज, पिंडवाड़ा, माउंट आबू, रेवदर, मंडार, सरूपगंज, रोहिड़ा, जावाल, कालंद्री, मोहब्बतनगर में उत्कृष्ट नृत्य कला से आराधना का सिलसिला जारी है।

अग्रसेन जयंती महोत्सव के तहत गरबा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में 12 वर्ष से ऊपर वर्ग में मोहन मुरली ग्रुप प्रथम, नवदुर्गा पार्टी द्वितीय, 12 वर्ष तक के वर्ग में धमाका एंड पार्टी प्रथम, प्राची द्वितीय स्थान पर रहे। कलश सजावट प्रतियोगिता में मंजु सिंहल प्रथम, सीमा अग्रवाल द्वितीय स्थान पर रही। झांकी प्रतियोगिता बड़े बच्चों में परसराम झांकी प्रथम, रावण द्वारा शिवलिंग की पूजा झांकी द्वितीय, छोटे बच्चों में भगवान शिव की महिमा प्रथम, अग्रसेन दरबार द्वितीय स्थान पर रहे। सांस्कृतिक कार्यक्रम में एकल नृत्य में प्राची गर्ग प्रथम, सिद्दी बंसल द्वितीय, शिशु स्वास्थ्य प्रतियोगिता में 1 वर्ष की आयु में विनोद सिंहल प्रथम, काशिका द्वितीय, 1 वर्ष से ऊपर तक तानिया प्रथम, महिला वेजीटेबल गेम में लक्ष्मी गुप्ता प्रथम, सुनीता अग्रवाल द्वितीय, पुरुष म्यूजिकल चेयर दौड़ में 18 से 35 वर्ष में विनय गोयल प्रथम, विशाल द्वितीय, 33 से 50 वर्ष वर्ग में उमेश मंगल प्रथम, अशोक द्वितीय, 50 वर्ष से ऊपर में बजरंग लाल प्रथम, हरीश चंद गोयल द्वितीय स्थान पर रहे। निबंध प्रतियोगिता कक्षा 6 से 8 में चार्वी जैन प्रथम, सौरभ अग्रवाल द्वितीय, कक्षा 9 से 12 में तुषार गोयल प्रथम, केतन द्वितीय, कक्षा 12 से ऊपर सोनल अग्रवाल प्रथम, नितिश ऐरन द्वितीय, चित्रकला प्रतियोगिता में कक्षा 2 में परी अग्रवाल प्रथम, मयंक अग्रवाल द्वितीय, कक्षा 3 से 5 में प्राची प्रथम, ईशा द्वितीय, कक्षा 6 से 8 में नम्रता अग्रवाल प्रथम, आशिष अग्रवाल द्वितीय स्थान पर रहे।


अतिक्रमण के आरोपियों को तीन माह का कारावास

अतिक्रमण के आरोपियों को तीन माह का कारावास

नदी की भूमि पर अतिक्रमण करने के 8 आरोपियों को सजा सुनाने के बाद भू-तस्करों में मची खलबली

शिवगंज तहसील न्यायालय नेे नदी की भूमि पर अतिक्रमण कर कब्जा व काश्त करने के मामले में 8 व्यक्तियों को तीन माह की सजा एवं भू-राजस्व लगान का 50 गुणा जुर्माना वसूलने का निर्णय सुनाया है।

इस फैसले के बाद भू-तस्करों एवं अवैध कब्जाधारियों में खलबली मच गई है। तहसीलदार नंदकिशोर ने बताया कि कैलाशनगर निवासी देवाराम पुत्र दानाराम मेघवाल, जोगाराम पुत्र कूपाराम मेघवाल, रावता राम पुत्र कनाराम मूंगिया, शंकरलाल पुत्र केसाराम जोगी, छैलसिंह पुत्र रणजीतसिंह राजपूत, देवाराम पुत्र हरजीराम माली, बाबूसिंह पुत्र केसरसिंह राजपूत व मना राम पुत्र कानाराम माली की ओर से नदी में अतिक्रमण कर कब्जा कर काश्त किए जाने के मामले न्यायालय में चल रहे थे।

मामलों में आरोपियों के पक्ष सुनकर गुरुवार को फैसला सुनाया गया। इसमें सभी आरोपियों को तीन माह का कारावास एवं भू-राजस्व लगान का 50 गुणा जुर्माना वसूल करने के आदेश जारी किए हैं। तहसीलदार राजौरा ने बताया कि इन 8 आरोपियों ने करीब 25 बीघा भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर उस पर खेती कार्य प्रारंभ किया था। इस निर्णय के पहले इनको उस भूमि से बेदखल कर दिया था, लेकिन कुछ दिनों के बाद उन्होंने उस पर फिर से कब्जा कर लिया था।

मिलेगी चमत्कारिक शक्तियां, करें दुर्गा सप्तशती का जप

नवरात्रि के दौरान माता को प्रसन्न करने के लिए साधक विभिन्न प्रकार के पूजन करते हैं जिनसे माता प्रसन्न उन्हें अद्भुत शक्तियां प्रदान करती हैं। ऐसा माना जाता है कि यदि नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का नियमित पाठ विधि-विधान से किया जाए तो माता बहुत प्रसन्न होती हैं। दुर्गा सप्तशती में (700) सात सौ प्रयोग है जो इस प्रकार है:- मारण के 90, मोहन के 90, उच्चाटन के दो सौ(200), स्तंभन के दो सौ(200), विद्वेषण के साठ(60) और वशीकरण के साठ(60)। इसी कारण इसे सप्तशती कहा जाता है।



दुर्गा सप्तशती पाठ विधि

- सर्वप्रथम साधक को स्नान कर शुद्ध हो जाना चाहिए।

- तत्पश्चात वह आसन शुद्धि की क्रिया कर आसन पर बैठ जाए।

- माथे पर अपनी पसंद के अनुसार भस्म, चंदन अथवा रोली लगा लें।

- शिखा बाँध लें, फिर पूर्वाभिमुख होकर चार बार आचमन करें।

- इसके बाद प्राणायाम करके गणेश आदि देवताओं एवं गुरुजनों को प्रणाम करें, फिर पवित्रेस्थो वैष्णव्यौ इत्यादि मन्त्र से कुश की पवित्री धारण करके हाथ में लाल फूल, अक्षत और जल लेकर देवी को अर्पित करें तथा मंत्रों से संकल्प लें।

- देवी का ध्यान करते हुए पंचोपचार विधि से पुस्तक की पूजा करें।

- फिर मूल नवार्ण मन्त्र से पीठ आदि में आधारशक्ति की स्थापना करके उसके ऊपर पुस्तक को विराजमान करें। इसके बाद शापोद्धार करना चाहिए।

- इसके बाद उत्कीलन मन्त्र का जप किया जाता है। इसका जप आदि और अन्त में इक्कीस-इक्कीस बार होता है।

-इसके जप के पश्चात् मृतसंजीवनी विद्या का जप करना चाहिए।



तत्पश्चात पूरे ध्यान के साथ माता दुर्गा का स्मरण करते हुए दुर्गा सप्तशती पाठ करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

चूहे ने लगाई आग, घर का सामान खाक..

बाड़मेर. कल्याणपुरा में माणक अस्पताल के पास एक घर में गुरुवार शाम अचानक आग लग जाने से सामान जलकर राख हो गया। वहीं आग बुझाने में दमकल की देरी और पानी खत्म हो जाने से भी नुकसान में इजाफा ही हुआ।

आग लगने का कारण चूहे द्वारा खाने के लिए देवी को प्रज्‍जवलित की गई जोत ले जाना बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार गुरुवार शाम करीब साढ़े सात बजे माणक अस्पताल के पास स्थित बबीता बाई के घर में आग लग गई। आग घर के एक कमरे में लगी।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बबीता बाई ने नवरात्रा की पूजा में जोत जगाई थी। इसके बाद वह कमरे से बाहर आ गई। तभी चूहे ने खाने के लिए दीपक से जोत निकाल ली और कपड़ों के पास जाकर बैठ गया। इसी दरम्यान कपड़ों ने आग पकड़ ली और आग फैलने लगी।

कमरे में धुआं उठता देख घरवाले पहुंचे तथा चिल्लाने लगे। जिस पर मोहल्ले वासी एकत्रित हो गए और आग बुझाने के प्रयास कर लगे। मोहल्लेवासियों ने दमकल कर्मियों को भी फोन किया। आग में हुए नुकसान का अभी आंकलन नहीं हो सका है।

देरी से पहुंची दमकल: मोहल्लावासी हुक्मीचंद डागा ने बताया कि दमकल को करीब पौने आठ बजे इसकी सूचना दी गई थी। लेकिन रेलवे फाटक बंद होने के कारण दमकल उस पार अटक गई। फिर साढ़े आठ बजे फाटक खुलने के बाद घटना स्थल पहुंची।

...और पानी खत्म हो गया : देर से पहुंची दमकल ने हालांकि आग बुझाने का प्रयास जरूर किया लेकिन कुछ मिनटों में ही इसका पानी खत्म हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दमकल पूरी भरी हुई थी ही नहीं, जिसके चलते दस मिनटों में ही पानी खत्म हो गया।

मंगवाए पानी के टैंकर: दमकल में पानी खत्म होने के बाद पानी के टैंकर मंगवाए गए। दो टैंकरों से पहले दमकल में पानी भरा गया, फिर आग बुझाने का काम शुरू हुआ। इसके बाद करीब साढ़े नौ बजे आग पर काबू पाया गया।

काले डूगर राय माता जी मन्दिर जैसलमेर


काले डूगर राय मन्दिर जैसलमेर


जैसलमेर भारत पाकिस्तान सरहद पर बसे जैसलमेर जिले में चमत्कारी देवीय शक्ति के प्रति धर्म प्रेमियों की जबरदस्त आस्था हें .जैसलमेर की नो देवीय शक्तियों के चमत्कार जग जाहिर हें.सरहद पर तनौत माता जी का मंदिर .घंटियाली माता जी का मंदिर .तेम्बदेरय माँ  मंदिर .पनोधर राय माँ मंदिर ,भादरिया माँ मंदिर .देग्रय माँ मंदिर ,नभ डूंगर राय  मंदिर स्वन्गिया माँ मंदिर काले दूंगेर माँ के मंदिरों के प्रति आगाध आस्था हें .जैसलमेर कुलधरा रस्ते के आगे खाभा गाँव से १० किलोमित्टर दूर काले डूंगर राय माँ का बेहद सुन्दर ओउर रमणीक मंदिर पहाड़ी पर बना हुआ हें .काले डूगर राय मन्दिर यह मन्दिर जैसलमेर शहर से ४५ की. मी उतर दिशा मे एक पहाड़ी की चोटी पर हें ! इस पहाड़ी का रंग काला होने के कारण इस मन्दिर को काले डूगर राय के नाम से जाना जाता हें ! जब माड़ प्रदेश के महाराजा भादरिये से जब वापिस पधारे तब मैया के कथानुसार इस पहाड़ी पर पधार कर मैया के नाम से एक छोटे से मन्दिर की स्थापना कर दी थी जो कालांतर मे अनेको भक्तो के सहयोग से भव्य मन्दिर बन गया ! जैसलमेर व आसपास के ग्रामो का विशेष श्रद्धा का केन्द्र हें ! उस समय माड़ प्रदेश एक जंगली एरिया था उबड़ खाबड़ इलाका था , हालाँकि मैया उस समय शशरीर इस धरा पर विराजमान थी ! लेकिन मैया एसे पर्वतो मे जाकर तपस्या लीन हो जाती थी !सभी को दर्शन दुर्लभ थे सिर्फ़ धर्मात्मा राजा या अनन्य भक्तो के वसीभूत होकर मैया को शशरीर उस समय पधारना पड़ता था , मैया कभी नभ डूगर , कभी काले डूगर , कभी भूरे डूगर इस प्रकार अनेको पर्वतो पर निवास स्थान था ! जिस जगहों का भक्तो का मालूम हुवा वहा तो स्थान बना दिए बाकि जगहों का आज तक पता नही हे !




काले डूगर कोड सु , नमै नगर नर नार पूजा ! चढ़े पहाड़ पर, पुरे भगत पुकार !!

गुरुवार, 29 सितंबर 2011

नवरात्रि के साथ शुरू हुई डांडिया-गरबा की धूम!

 

नवरात्रि के साथ शुरू हुआ डांडिया रास गरबा का आयोजन। देश भर में हर किसी पर इन दिनों गरबा-डांडिया का रंग चढ़ा हुआ है। पूरे देश में मां दुर्गा के ये नौ दिन काफी धूमधाम के साथ मनाए जाते हैं। गरबा महोत्सव में शामिल होने के लिए लोग महीनों पहले से तैयारियां करना शुरू कर देते हैं। गुजरात का ये लोकनृत्य अब पूरे देश में प्रचलित हो गया है। नवरात्रि के ये नौ दिनों में गरबा खेलने का जूनून हर किसी पर सिर चढ़ कर बोलता है। ऐसा ही कुछ जुनून नजर आ रहा है इन महिलाओं पर जो अपनी पीठ पर डांडिया-गरबा की कलाकृति बनवाकर काफी खुश नजर आ रही हैं।