सोमवार, 29 अगस्त 2011

कुत्ते से हुआ प्यार, साइंस की छात्रा ने कर दी सारी हदें पार!



अहमदाबाद।शहर के पॉश इलाके में रहने वाली और साइंस (कक्षा 12वीं) की एक छात्रा का एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। छात्रा को अपने घर पर पले कुत्ते से इस कदर प्यार हो गया कि अब वह उसे अपना ब्वॉयफ्रेंड मानने लगी है।



छात्रा कुत्ते को लेकर सारी हदें पार कर चुकी है। बताया जाता है कि छात्रा के कमरे से उसके परिजनों को अश्लील साहित्य भी मिले हैं। मजबूरीवश अब परिजनों को मनोचिकित्सक की मदद लेनी पड़ी है।



लगभग 5 वर्ष पहले छात्रा के पिता जर्मन शैफर्ड ब्रीड के एक कुत्ते को घर लाए थे। जैसे-जैसे कुत्ता बड़ा होता गया, छात्रा का उससे प्रेम उतना ही बढ़ता गया। अब तो स्थिति यहां तक पहुंच चुकी है कि छात्रा रात-दिन कुत्ते के साथ ही रहती थी और उसे कुत्ते से एक पल के लिए भी दूर रहना पसंद नहीं।






कुत्ते को लेकर छात्रा का पागलपन इस कदर बढ़ चुका था कि यह बात उसकी सहेलियों तक को पता थी। इन्हीं में से एक सहेली ने यह बात परिजनों बता दी, तब जाकर इस मामले का खुलासा हुआ। पिता ने यह बात सुनते ही कुत्ते को एक स्वैच्छिक संस्था को सौंप दिया। लेकिन छात्रा कुत्ते के प्यार में इस कदर पागल थी कि उसने परिजनों को धमकी दे दी कि अगर कुत्ते को वापस नहीं लाया गया तो वह आत्महत्या कर लेगी।






इकलौती बेटी की इस हरकत से परिजन भी घबरा गए और कुत्ते को घर वापस ले आए। परिजन कुत्ते को वापस तो ले आए लेकिन अब उन्होंने कुत्ते को एक पिंजरे में रखना शुरू कर दिया है और उसकी देखभाल के लिए एक वॉचमैन भी रखना पड़ा है।






इधर, कुत्ते से अलग रहने पर छात्रा की मानसिक हालत बिगड़ गई और वह डिप्रेशन में चली गई। अन्य चिकित्सकों की सलाह पर पिता ने उसे शहर के जाने-माने मनोचिकित्सक को दिखाया है।






छात्रा के कमरे से मिले अश्लील साहित्य:


पुत्री के कुत्ते से इस कदर प्रेम के चलते परिजनों ने जब उसके कमरे और सामानों की तलाशी ली तो काफी मात्रा में अश्लील साहित्य भी बरामद हुआ है।




यह बीमारी 'जूफिलिया' कहलाती है:


चिकित्सीय भाषा में इस बीमारी को जूफिलिया (जानवरों से अत्यधिक प्रेम व संभोग की स्थिति) कहा जाता है। इसकी शुरुआत 'अनकंडिशन लव' के रूप में होती है जो धीरे-धीरे बढ़ते हुए अंत तक 'अनकंडिशनल फिजिकलिटी' में बदल जाती है। पशु के प्रति बढ़ता प्रेम, संभोग तक पहुंच जाता है, जिसे 'सैक्सुअल परवरजन' भी कहा जाता है। विज्ञान में इस समस्या का निदान सिर्फ मनोवैज्ञानिक तरीके से ही संभव है।

दवा वितरण योजना में 20 करोड़ का घपला

दवा वितरण योजना में 20 करोड़ का घपला

जयपुर। आगामी दो अक्टूबर से शुरू होने वाली निशुल्क दवा वितरण योजना घपलों के जंजाल में घिरती नजर आ रही है। स्थिति ऎसी है कि जहां मुख्यमंत्री हर हाल में इस योजना को दो अक्टूबर से शुरू करना चाहते हैं, बस यही बात जैसे विभाग के अफसरों के लिए बिल्ली के भाग्य से छींका टूटने जैसी साबित हो रही है। योजना को शुरू करने के लिए आनन-फानन में करीब 20 करोड़ रूपए के साजो-सामान को बिना निविदा के ही खरीदने के आदेश दे दिए गए हैं। जबकि अधिकारी खुद ही कह रहे हैं कि खरीद में राज्य सरकार के लेखा और वित्तीय नियमों का कठोरता से पालन किया जाए।

सीधे 20 करोड़ का घपला : चूंकि योजना को शुरू होने में कुछ ही समय बचा है। लिहाजा जिलों में बैठे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों ने अस्पतालों में दवा वितरण काउंटर चलाने के लिए बजट नहीं होने का शोर मचाना शुरू कर दिया। लिहाजा, आनन-फानन में योजना के लिए मुख्यमंत्री ने 20 करोड़ रूपए का अतिरिक्त बजट स्वीकृत किया। बजट स्वीकृत होते ही राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन के अधिकारियों ने बजट को जिलों के सीएमएचओ को दे दिया। विभाग के निदेशक जन स्वास्थ्य डॉ. बीआर मीणा की ओर से जरूरी साजो सामान की कीमतें निर्घारित कर बजट खर्च करने के की बात कही गई है।

दरें बाजार दर से अधिक : निशुल्क दवा वितरण योजना के तहत जरूरी साजो-सामान खरीद की जो दरें विभाग ने बिना निविदा व रेट कॉन्ट्रेक्ट के तय की है वे पूरी तरह से अव्यवहारिक प्रतीत होती हैं। वित्त विशेष्ाज्ञों का मानना है कि अगर निविदाएं मांगी जातीं और कंपनियों से रेट कॉन्ट्रेक्ट किया जाता, तो विभाग को करोड़ों रूपए की चपत लगने से बचाया जा सकता था। जहां विभाग ने 165 लीटर के फ्रिज की कीमत 8700 रूपए रखी है, वहीं इस फ्रिज की कीमत खुले बाजार में 7 हजार से भी कम है। वहीं, एक कुर्सी की कीमत 750 रूपए व एक बड़ी रैक की कीमत तीन हजार रूपए रखी गई है। गौरतलब है कि यह खरीद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर होनी है।

विभाग एक और नियम दो : जहां राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन के तहत दवाइयों की खरीद निविदाओं के माध्यम से हो रही है, वहीं 20 करोड़ के साजो-सामान की खरीद बिना निविदा के हो रही है। इसे लेकर खुद महकमे में ही अचरज जताया जा रहा है। वित्त विशेष्ाज्ञों का भी कुछ ऎसा ही मानना है। जबकि इस सामान की खरीद के लिए निदेशालय स्तर पर टेंडर प्रकिया अपनाई जा सकती थी।

इनका कहना है : खरीद के लिए जो दरें तय की हैं, ये अनुमान पर आधारित हैं। अभी तो विधानसभा में बिजी हूं। सत्र के बाद ही देखूंगा कि क्या आदेश निकाले हैं खरीद के लिए।
- डॉ. बीआर मीणा, निदेशक (जन स्वास्थ्य), चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग

आरएएस अधिकारी ने की हत्या

आरएएस अधिकारी ने की हत्या

जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में सहायक जिला कलेक्टर के रूप में सेवारत सीनियर आरएएस अधिकारी रामदेव सिंह ने सोमवार को अपनी पत्नी की हत्या कर दी। यह घटना श्याम नगर थाना इलाके की है। हत्या के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपी आरएएस अधिकारी सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन अभी यह पता नहीं चला है कि आरोपी ने अपनी 52 वर्षीय पत्नी की हत्या क्यों की। फिलहाल पुलिस मामले की पूछताछ में लगी है।

सूत्रों के अनुसार रामदेव सिंह पिछले कई दिनों से तनाव में थे और उनके सहायक कर्मचारी भी इस बात से वाकिफ थे। सहकर्मियों के अनुसार तनाव दूर करने लिए रामदेव सिंह की काउंसलिंग भी करवाई थी, लेकिन तनाव कम नहीं हुआ।

गौरतलब है कि एक दिन पहले ही प्रदेश के टोंक के देवली में एक इंजीनियर ने भी पारिवारिक कलह की वहज से पत्नी सहित ससुराल पक्ष के चार लोगों की हत्या कर दी थी।

रघु पर फेंकी भवानी सिंह ने चप्पल

रघु पर फेंकी भवानी सिंह ने चप्पल

जयपुर। राजस्थान विधानसभा में सोमवार को लोकतंत्र को शर्मसार करने वाला नजारा पेश आया। सदन की मर्यादा उस समय तार-तार हो गई जब भ्रष्टाचार पर बहस के दौरान किसी ने चप्पल उछाली तो किसी ने चप्पल दिखाई। बाद में सभापति सुरेन्द्र जाड़ावत ने भवानी सिंह को चप्पल फेंकने का दोषी पाया। तथा सिंह को एक साल के लिए सदन की कार्यवाही से निलम्बित कर दिया गया।

कांग्रेस विधायक रघु शर्मा ने आरोप लगाया है कि भाजपा विधायक भवानी सिंह राजावत ने भाजपा विधायक चंद्रकांता मेघवाल की चप्पल उठाकर उन पर फेंकी। मिली जानकारी के मुताबिक भ्रष्टाचार पर बहस के दौरान भाजपा विधायक प्रमिला कुंडारा ने बिना किसी का नाम लेते हुए कहा कि किसी प्रभावी नेता का जमीन का मामला है।

इस पर कांग्रेस विधायक रघु शर्मा उत्तेजित हो गए। वह जोर जोर से चिल्लाने लगे। जबाव में भाजपा विधायक भी उत्तेजित हो गए। भारी हंगामे के बीच भाजपा सदस्य वेल में आ गए और हंगामा करने लगे। इस बीच भाजपा सदस्यों के बीच से चप्पल चलती हुई देखी गई। जवाब में रघु शर्मा ने भी चप्पल दिखाई। इसके बाद सदन में भारी हंगामा हुआ।

भवानीसिंह एक साल के लिए निलम्बित

सत्ता पक्ष पर चप्पल फेंकने के आरोप में भाजपा विधायक भवानासिंह राजावत को सदन से एक साल के लिए निलम्बित कर दिया गया। सभापति सुरेन्द्र जाड़ावत ने भवानी सिंह को चप्पल फेंकने का दोषी पाया। बाद में सदन में ध्वनिमत से निलम्बन का फैसला किया गया। इसके बाद राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई।

गृहमंत्री के वक्तव्य पर एतराज

विधानसभा में गृहमंत्री शांति धारीवाल द्वारा खेद व्यक्त करने के मामले में प्रतिपक्ष के सदस्यों के एतराज करने पर शोरगुल के कारण सदन की कार्यवाही आधा घंटा स्थगित कर दी गई। शून्यकाल में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में विवाद पर वक्तव्य के दौरान बजट सत्र में गृह विभाग का वार्षिक लेखा जोखा प्रतिवेदन नहीं रख पाने के कारण गृहमंत्री जब खेद प्रकट करने लगे तब भाजपा के गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि वह किन नियमों के तहत खेद व्यक्त कर रहे है।

भाजपा के अन्य सदस्य भी इस पर विरोध करने लगे तथा आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे। शोरगुल में ही धारीवाल ने अपना वक्तव्य पढ़ा तथा पत्रावली को सदन की मेज पर रख दिया। भाजपा सदस्यों की नारेबाजी के कारण बढ़ते शोरगुल के बीच सभापति सुरेन्द्र सिंह जाडावत ने एक बजकर पचास मिनट पर सदन की कार्यवाही आधा घंटा के लिए स्थगित कर दी। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित हुई।

समलैंगिक कहानी का दर्दनाक अंत



मोरबी।शहर में सजातीय संबंध रखने वाले दो मित्रों की कहानी का दर्दनाक अंत हो गया। इनमें से एक युवक का विवाह हो गया था, इसलिए अब वह साथी से शारीरिक संबंध नहीं रखना चाहता था। लेकिन दूसरा साथी फिर भी उस पर संबंध बनाने के लिए दबाव डाला करता था। इससे तंग आकर पहले साथी ने चाकुओं से गोद कर उसकी निर्मम हत्या कर दी और खुद को पुलिस के हवाले कर दिया।


प्राप्त जानकारी के अनुसार मोरबी के एवेन्यू पार्क सोसायटी में रहने वाले दिनेश बावाला और पड़ोस में रहने वाले उत्तम जगदीशभाई के बीच पिछले काफी समय से समलैंगिक संबंध थे। इनमें से दिनेश का दो वर्ष पहले विवाह हो चुका था, जिसके बाद उसने जगदीश से समलैंगिक संबंध खत्म करने चाहे। लेकिन जगदीश लगातार दिनेश पर शारीरिक संबंध के लिए दबाव डाला करता था। जगदीश की इस हरकत से दिनेश तंग आ चुका था। दूसरी ओर अब जगदीश ने दिनेश की पत्नी पर भी बुरी नजर डालना शुरू कर दी थी, जो बात अब दिनेश के लिए असहनीय हो चुकी थी।


बीते दिन जब जगदीश ने उससे शारीरिक संबंध बनाने की बात की तो योजना के तहत दिनेश ने उसे सुबह साढ़े 8 बजे ग्रीन चौक स्थित एक मकान में बुलाया। यहीं पर दिनेश ने जगदीश के शरीर पर चाकुओं से 20 से भी अधिक वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया। दिनेश अपने दोस्त जगदीश की हत्या कर खून से लथपथ कपड़ों में ही सीधे पुलिस थाने जा पहुंचा और अपना जुर्म कुबूल कर पूरी कहानी बयां कर दी। पुलिस ने जगदीश का शव जब्त कर जांच की कार्रवाई शुरू कर दी है।


मृतक की सगाई होने वाली थी:


पुलिस थाने पहुंचे दिनेश ने पुलिस को मृतक जगदीश के बारे में भी काफी बाते बताईं। दिनेश के अनुसार जगदीश अति विकृत मानसिकता का व्यक्ति था। वह हर समय शारीरिक संबंध बनाने की ही बात किया करता था। इसके अलावा मृतक जगदीश की कुछ दिन बाद ही सगाई भी होने वाली थी।