सोमवार, 27 जून 2011

छोटा राजन ने मरवाया पत्रकार जे. डे कोः मुंबई पुलिस

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मुंबई।। मुंबई पुलिस ने सीनियर पत्रकार जे. डे के मर्डर की गुत्थी को सुलझाने का दावा किया है। पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में पकड़े गए सातो लोगों को आज अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 4 जुलाई तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। ये छोटा राजन गैंग के लिए काम करते थे। पुलिस के मुताबिक यह बात साफ हो गई है कि इस हत्या के पीछे छोटा राजन है।

मुंबई क्राइम ब्रांच के सूत्रों ने कहा कि जे. डे मर्डर केस में सात लोगों को तमिलनाडु और महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों से हिरासत में लिया गया है।

महाराष्ट्र के गृहमंत्री आर. आर. पाटिल ने कहा कि तीन लोग तमिलनाडु के रामेश्वरम, एक महाराष्ट्र के सोलापुर और तीन मुंबई से गिरफ्तार किए गए। उन्होंने कहा कि सातों महाराष्ट्र के ही रहने वाले हैं।

पाटिल ने दो आरोपियों की पहचान सतीश काल्या और अनिल वाघमोड़े के रूप में की है। पाटिल ने कहा, 'इस मामले में किए गए मुंबई क्राइम ब्रांच के बेहतरीन काम के लिए मैंने 10 लाख रुपये इनाम की घोषणा की है।'

गौरतलब है कि टैब्लॉइट मिड डे के खोजी पत्रकार जे. डे के हत्यारों का सुराग देने वाले को मुंबई पुलिस ने 50 लाख के भारी-भरकम इनाम का ऐलान किया था। मुंबई पुलिस के इतिहास में सुराग देने वालों के लिए यह अब तक की सबसे बड़ी इनामी राशि है।

56 वर्षीय जे डे की 11 जून को पवई इलाके में चार मोटरसाइकिल सवारों ने दिन-दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी थी। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में कहा गया था कि जे. डे को काफी नजदीक से पांच गोली मारी गई थी।

हत्या के पीछे छोटा राजन गैंग 
मुंबई पुलिस कमिश्नर अरूप पटनायक और मुंबई पुलिस के सीनियर ऑफिसरों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मामले की पूरी जानकारी मीडिया को दी। पुलिस के मुताबिक जे डे की हत्या छोटा राजन ने अपने खास शूटर सतीश काल्या के जरिए करवाई। उन्हें कहा गया था कि यह एक कॉरपोरेट प्रफेशनल है जिसे उन्हें टपकाना है।

जब पता चला मरने वाला पत्रकार है 
पुलिस के मुताबिक जे डे की हत्या करने से पहले तक सतीश काल्या और उसके लोगों को पता नहीं था कि उन्हें किसी पत्रकार को मारने के लिए कहा गया है। जे डे की हत्या को अंजाम देने के बाद शाम को टीवी देखने पर सतीश काल्या को पता चला कि उसका टारगेट पत्रकार था। यह जानकर वह घबरा गया। उसने छोटा राजन को फोन कर इस बात की शिकायत की कि उसके हाथों मीडिया वाले को क्यों मरवाया गया? उसने कहा कि यह बड़ा मामला हो गया है और अब वह नहीं बचेगा। इस पर छोटा राजन ने उसे कहा कि 'घबराओ मत, पैसे लो और तुम लोग मुंबई से निकल जाओ, बाकी मैं संभाल लूंगा।'
ये सब मुंबई से निकल भी गए, लेकिन पुलिस के हत्थे चढ़ने से नहीं बच सके।

क्या रही वजह? 
इस खुलासे को अहम इसलिए माना जा रहा है कि एक तो अब तक छोटा राजन भी इस काम के पीछे अपना हाथ होने से इनकार करता रहा है और दूसरे पत्रकार जे डे को छोटा राजन गैंग का ही करीबी माना जाता था। उनकी कई रिपोर्टें दाऊद विरोधी मानी गई थीं। ऐसे में पूछा जा रहा है कि आखिर अपने ही करीबी पत्रकार की हत्या छोटा राजन क्यों करवाएगा?
पुलिस ने इसका कोई जवाब नहीं दिया है। उसके मुताबिक अबी तक हत्या की वजह का पता नहीं चला है। हो सकता है, इन आरोपियों से पूछताछ के दौरान इस बारे में जानकारी मिले।

मगर, सूत्रों के मुताबिक जे डे ने मुंबई में दाऊद के भाई पर हाल में हुए हमले के बाद जिस तरह की आक्रामक रिपोर्टिंग की थी, उससे वह दाऊद गैंग के निशाने पर आ ही गए थे। ऐसे में छोटा राजन की यह चाल हो सकती है कि ऐसे मौके पर डे की हत्या से दोष दाऊद गैंग पर जाएगा और इसका खामियाजा भी डी गैंग को ही भुगतना पड़ेगा। हालांकि इसके अलावा क्या और भी वजहें थी छोटा राजन की जे डे से चिढ़ने की? क्या छोटा राजन के खिलाफ भी कोई अहम जानकारी जे डे के हाथ लग गई थी? उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही मुंबई पुलिस इन सवालों के भी जवाब ढूंढ़ लेगी।

कांग्रेस की न्याय यात्रा के दौरान पुलिस ने लाठी-चार्ज


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लखनऊ।। कांग्रेस की न्याय यात्रा के दौरान पुलिस ने लाठी-चार्ज किया। कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी समेत कई कार्यकर्ता गिरफ्तार किए गए। शासन-प्रशासन ने लाठी-चार्ज का कारण धारा 144 का उल्लंघन बताया। 

पुलिस ने पहले न्याय यात्रा को रोकने की कोशिश की लेकिन जब कांग्रेसी कार्यकर्ता नहीं रुके तो पुलिस ने लाठियां बरसाईं। कांग्रेस के प्रवक्ता सलमान खुर्शीद ने कहा कि मायावती लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्ण प्रदर्शन नहीं करने दे रही हैं, इससे पता चलता है कि वह कितनी डरी हुई हैं।

मायावती सरकार ने कांग्रेस को लखनऊ में न्याय मार्च की इजाजत नहीं दी थी। लखनऊ में रविवार शाम से ही धारा 144 लागू कर दी गई थी। कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपराध के मामले बढ़ने का आरोप लगाते हुए लखनऊ में न्याय यात्रा निकालना चाहती थी।

प्रस्तावित रैली के एक दिन पहले शनिवार को स्थानीय प्रशासन ने शहर में निषेधाज्ञा लागू कर दी। डीएम अनिल कुमार सागर ने कहा कि रैली से शहर की शांति व्यवस्था भंग होने का खतरा था। अनिल कुमार सागर ने कहा है कि प्रस्तावित मार्च से यातायात में बाधा पैदा होगी, जिससे नागरिकों को असुविधा का सामना करना पड़ेगा।

कांग्रेस ने धारा 144 लागू करने की निंदा करते हुए इसे मायावती सरकार का 'फासीवादी' रवैया बताया था।

आईएएस चयनित सोलंकी का स्वागत





आईएएस चयनित सोलंकी का स्वागत

प्रतिभाओं व खिलाडिय़ों का सम्मान किया

रावणा राजपूत समाज : करणसिंह गोहिल स्मृति क्रिकेट प्रतियोगिता का समापन

बाड़मेर रावणा राजपूत समाज की ओर से रविवार शाम करण सिंह गोहिल स्मृति क्रिकेट प्रतियोगिता के समापन समारोह तथा समाज की प्रथम नव चयनित आईएएस नीतूसिंह का सम्मान समारोह का आयोजन विधायक मेवाराम जैन के मुख्य आतिथ्य में किया गया।

विधायक जैन ने कहा कि निरंतर प्रयास तथा कड़ी मेहनत से सफलता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने समाज से बच्चों को पढ़ाने तथा कुरीतियों को मिटाने का आह्वान किया। नगरपालिका अध्यक्ष उषा जैन ने खिलाडिय़ों तथा आईएएस चयनित नीतुसिंह के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। समाज के जिलाध्यक्ष गोरधन सिंह राठौड़ ने कहा कि नीतू सिंह ने समाज का मान बढ़ाया है। उन्होंने नशामुक्ति का आह्वान करते हुए समाज को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने का आह्वान किया। नगरपालिका उपाध्यक्ष चैनसिंह भाटी व उम्मेदसिंह तंवर ने भी विचार व्यक्त किए। अंत में नगर युवा अध्यक्ष हरी सिंह राठौड़ ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन युवा महामंत्री पृथ्वी सिंह पंवार ने किया।

इस मौके रेवंतसिंह राठौड़, दाऊ सिंह राजावत, विशाला सरपंच बलवंत सिंह भाटी, तिलवाड़ा सरपंच अन्नपूर्णा कंवर, आयोजक ओमसिंह गोयल, करण सिंह सोलंकी, इंद्रसिंह राठौड़, भीम सिंह मेपावत, सुरेंद्रसिंह दइया, देवीसिंह राठौड़, मूलसिंह गोयल, बाबूसिंह चौहान, गोपालसिंह गोयल, शैतानसिंह राणा, कैप्टन मोहन सिंह, खेतसिंह सरणू, सवाईसिंह शिव, नारायणसिंह चौहटन, संतोषसिंह जसोल, प्रेमसिंह गिड़ा, मोहन सिंह भाटी, पार्षद दरियादेवी, मीरा कंवर व मधु राठौड़ सहित समाज बंधु उपस्थित थे।

कुछ भी असंभव नहीं

समारोह के दौरान नव चयनित आईएएस अधिकारी नीतू सिंह ने अनुभव बताते हुए कहा कि दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं हैं। बस जरूरत है कड़ी मेहनत और सच्ची लगन की। उन्होंने युवाओं को मेहनत कर उच्च पद हासिल करने की बात कही। उन्होंने कहा कि बच्चों को अच्छी शिक्षा दें। ताकि वे समाज तथा देश का नाम रोशन कर सकें।

इनका किया सम्मान : समारोह में आईएएस चयनित नीतू सिंह का सम्मान किया गया। इसके अलावा भामाशाह गोरधन सिंह सोढ़ा, भाखर सिंह सोनड़ी, पुरखसिंह चौहान, धनसिंह परमार, मुकनसिंह परमार, दुर्जनसिंह गुडीसर, उदयसिंह दोहट व अशोक सिंह राजावत का शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया गया। वहीं क्रिकेट प्रतियोगिता में विजेता, उपविजेता तथा मैन ऑफ न मैच चुने गए खिलाडिय़ों को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया।
कल्याणपुर स्थित रावणा राजपूत समाज भवन में भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित नीतूसिंह सोलंकी का समाज के लोगों की ओर से सम्मान किया गया।

रविवार सुबह 9 बजे जोधपुर से कल्याणपुर पहुंचने पर समाज के लोगों ने ढोल नगाड़ों के साथ सोलंकी का स्वागत किया। इस अवसर पर नीतूसिंह ने कहा कि कड़ी मेहनत करने पर सफलता अवश्य मिलती है। उन्होंने कहा कि समाज स्तर पर ऐसे प्रयास होने चाहिए कि जिससे कि बालिका शिक्षा को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने समाज के युवाओं को नशे की प्रवृति त्याग कर समाज के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयास करने की बात कही। इस अवसर पर गणेशसिंह, मांगूसिंह, रूपसिंह, पुखराजसिंह, भीखसिंह, नरपतसिंह, सुमेरसिंह, गुमानसिंह, देवीसिंह, कालूसिंह, ओमसिंह, डाऊसिंह, अखेसिंह, जबरसिंह व भरतसिंह पंवार सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

जसोल. प्रशासनिक सेवा कार्यो में मातृभूमि को नहीं भुलूंगी। सामाजिक व समाजसेवा के कार्यो मे सदैव तत्पर रहूंगी। यह बात नव नियुक्त आईएएस नीतूसिंह सोलंकी ने स्थानीय रावणा राजपूत सभा भवन मे स्वागत समारोह को संबोधित करते हुए कही। केवल कक्षा 6 उत्तीर्ण कर सीधे दसवीं की परीक्षा मे 88 प्रतिशत अंक प्राप्त कर भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन की उपलब्धि हासिल करने वाली नीतूसिंह सोलंकी का रावणा राजपूत सभा भवन में समाज के गणमान्य लोगों ने स्वागत किया। पं राजू महाराज के सान्निध्य मे समाज की बालिकाओं द्वारा तिलक लगाकर सोलंकी का स्वागत किया गया। इस अवसर पर आंजणा समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमराराम चौधरी का भी स्वागत किया गया। चौधरी ने कहा कि बेटियां समाज की रीढ़ है, बालिकाओं के आगे बढ़ाने के प्रयास समाज को करने चाहिए। जिला महामंत्री ईश्वरसिंह चौहान ने कहा कि समाज की प्रतिभाओं को तलाश कर उन्हें आगे बढ़ाने का प्रयास समाज को करना होगा। इस अवसर पर दाऊसिंह राजावत व तिलवाड़ा सरपंच अन्नपूर्णा कंवर का भी स्वागत किया गया। कार्यक्रम मे चैनसिंह भाटी तिलवाड़ा, प्रेमसिंह विदा, भाजपा जिला उपाध्यक्ष पिन्ना कंवर, मंत्री देवीसिंह जुडिय़ा, बाबुसिंह भाटी, दुर्गसिंह परिहार, राणसिंह परिहार, संतोषसिंह, बाबुसिंह चौहान, छगनसिंह परिहार, युवा अध्यक्ष दलपतसिंह, मगसिंह दहिया, माणक गहलोत सहित समाज के कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन विक्रमसिंह राठौड़ ने किया।

प्रेम प्रसंग को लेकर युवक-युवती ने आत्महत्या की


जयपुर। राजस्थान के झुंझुनू जिले के बग्गउू थाना इलाके में रविवार को एक युवक और युवती ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली।
राजकीय रेलवे पुलिस सूत्रों के अनुसार रेलवे ट्रैक पर युवक, युवती के क्षत विक्षत शव देखकर ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी।
सूत्रों के अनुसार मृतक युवक युवती की आयु 20 से 23 वर्ष है।
उन्होंने बताया कि संभवत: प्रेम प्रसंग को लेकर दोनों ने आत्महत्या की है। शवों की पहचान नहीं हुई है।

महंगाई को दूसरा नाम कांग्रेस : वसुंधरा


महंगाई को दूसरा नाम कांग्रेस : वसुंधरा



प्रतिपक्ष की नेता वसुंधरा राजे ने डीजल, केरोसिन और रसोई गैस के दामों की बढ़ोतरी पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि महंगाई की मार से जनता के घावों पर सरकार ने एक बार फिर नमक छिड़कने का काम किया है।
खासकर बुआई के समय डीजल के दामों में हुई बढ़ोतरी ने आम आदमी के साथ-साथ किसानों की आंखों में भी आंसू ला दिए है। सच तो यह है कि कांग्रेस शासन में पेट्रोलियम पदार्थो की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से साबित हो गया है कि महंगाई का दूसरा नाम ही कांग्रेस है। राजे ने जारी एक बयान में कहा है कि इस बढ़ोतरी से ट्रांसपोर्ट महंगा होगा जिससे खाने-पीने और आम जरूरत की चीजों की कीमतों में असहनीय वृद्धि होगी।
एलपीजी सिलेंडर महंगा होने से आम आदमी के रसोई का खर्च निश्चित रूप से बढ़ेगा। इसके साथ ही केरोसिन के दाम बढ़ने से निम्न तबके का रसोई बजट भी हर हाल में लड़खड़ा जाएगा।

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अंजलि जोसेफ की किताब को दो पुरस्कार

अंजलि जोसेफ की किताब को दो पुरस्कार 
 




लंदन। मुंबई में जन्मी लेखिका अंजलि जोसेफ को उनके पहले उपन्यास "सरस्वती पार्क" के लिए साहित्य के क्षेत्र के दो शीर्ष पुरस्कारों बेट्टी ट्रैस्क अवार्ड और डेसमंड एलियट प्राइज से नवाजा गया है। दोनों पुरस्कार के तहत 10,000 पाउंड की नगद राशि दी जाती है।

बेट्टी ट्रैस्क अवार्ड उपन्यास लेखन की शुरूआत करने वाले उस शख्स को दिया जाता है जिसकी उम्र 35 वर्ष से कम हो।

डेसमंड इलियट प्राइज भी बेहतरीन उपन्यास को दिया जाने वाला वार्षिक पुरस्कार है। डेसमंड इलियट प्राइज के निर्णायक मंडल के अध्यक्ष एडवर्ड स्टोयूर्टन ने अंजलि की तारीफ की है। 

राजस्थान स्टेट माइंस एंड मिनरल्स लिमिटेड (आरएसएमएमएल) अब रसोई गैस क्षेत्र में भी कार्य करेगी

नई गैस कंपनी की तैयारी 
 




उदयपुर। राजस्थान सरकार के उपक्रम राजस्थान स्टेट माइंस एंड मिनरल्स लिमिटेड (आरएसएमएमएल) अब रसोई गैस क्षेत्र में भी कार्य करेगी। इसके लिए एचपीसीएल और गेल की साझेदारी में एक नई कम्पनी बनाने की कवायद चल रही है, उसके बाद राज्य में पाइप लाइन से गैस सप्लाई की जाएगी।

प्रक्रिया शुरू : आरएसएमएमएल ने ऑयल, गैस क्षेत्र में काम करने के लिए चार वर्ष पूर्व अपनी ही कम्पनी राजस्थान स्टेट पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि. (आरएसपीसीएल) का गठन किया था। लेकिन कम्पनी अभी तक शुरू नहीं हो पाई। इसलिए अब आरएसपीसीएल के बोर्ड निदेशकों ने एचपीसीएल और गेल के साथ साझेदारी में कम्पनी बनाने का निर्णय किया है।

इसे लेकर हाल ही दिल्ली में हुई बैठक में तय किया गया कि रसोई गैस क्षेत्र में कार्य करने के लिए हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि. (एचपीसीएल) और गैस ऑथोरिटी ऑफ इण्डिया लि. (गेल) के साथ साझेदारी में कम्पनी गठित होगी। इसके बाद दोनों कम्पनियों के उच्चाधिकारियों ने आवश्यक प्रक्रियाएं शुरू कर दी हैं। मसौदा तैयार होने पर नई कम्पनी गठन कर उसका नामकरण किया जाएगा।

कोटा में शुरू, भिवाड़ी- नीमराना में तैयारी
अभी कोटा शहर में गेल आवासीय व औद्योगिक गैस आपूर्ति कर रहा है। प्रथम चरण में 60 आवासीय व एक दर्जन व्यावसायिक गैस कनेक्शन दिए हैं। कोटा में मप्र से गैस आ रही है। अलवर के भिवाड़ी और नीमराना में गेल ने औद्योगिक इकाइयों को गैस आपूर्ति के लिए पाइप लाइन बिछाई है। आपूर्ति बाकी है।


बोर्ड में होंगे दो-दो अधिकारी : नई कम्पनी के बोर्ड में आरएसएमएमएल, आरएस-पीसीएल, एचपीसीएल और गेल प्रत्येक कम्पनी से क्रमश: दो-दो अधिकारी सदस्य होंगे। बोर्ड बनने के बाद तय किया जाएगा कि कम्पनी का चेयरमैन कौन होगा? इसके बाद राजस्थान में गैस वितरण का काम शुरू करने के लिए सिटी का चयन किया जाएगा। यह भी देखा जाएगा कि वितरण के लिए रसोई गैस कहां से मिलेगी? इसके बाद पीएनजीआरबी को आवेदन किया जाएगा, जहां से सहमति होने पर टेण्डर निकलेगा। टेण्डर स्वीकृत होते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

आरएसपीसीएल रसोई गैस वितरण क्षेत्र में कार्य करेगी। इसके लिए एचपीसीएल और गेल के साथ साझेदारी में कम्पनी बनाने की तैयारी चल रही है।
-अखिल अरोड़ा, प्रबंधक निदेशक, आरएसएमएमएल उदयपुर

यूपी में पुलिस ने किया पत्रकार पर हमला

यूपी में पुलिस ने किया पत्रकार पर हमला 
 

लखनऊ। यूपी पुलिस ने रविवार को एक निजी टीवी चैनल के पत्रकार की पिटाई कर दी। बाद में पुलिस उसे हजरतगंज थाने ले गई। पुलिस इसी टीवी चैनल के एक अन्य पत्रकार को भी अपने साथ ले जाना चाहती थी लेकिन वह पुलिस के चंगुल से भाग गया।

उसने अपने साथियों को घटना की जानकारी दी। पत्रकार को हिरासत में लिए जाने की घटना के विरोध में लखनऊ के अन्य पत्रकार विरोध प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतर आए।
बढ़ते दबाव के कारण पुलिस ने एक घंटे बाद हिरासत में लिए गए पत्रकार को रिहा कर दिया। इस मामले में दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

हिरासत में लिए गए पत्रकार का कहना है कि पुलिस वाले उस आधी रात को एक फूड सेंटर से हजरतगंज थाने ले गए। घटना के विरोध में आधी रात को लखनऊ के पत्रकारों ने मुख्यमंत्री निवास तक मार्च किया।

पुलिस का कहना है कि त्रिपाठी का ड्राइवर पुलिस कान्सटेबल की पत्नी से बदतमीजी कर रहा था, जब पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की तो त्रिपाठी बीच में कूद पड़े और पुलिस
का विरोध करने लगे। इस घटना के चलते उनको हिरासत में लिया गया था।


एएसपी और सीओ निलंबित

इधर, पत्रकार से पिटाई के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। एसपी और सीओ को निलंबित कर दिया है। 

मुंबई में रेव पार्टी करते 150 गिरफ्तार

मुंबई में रेव पार्टी करते 150 गिरफ्तार 
 

मुंबई। मुंबई के कर्जत इलो में रेव पार्टी करते हुए पुलिस ने 150 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है। हिरासत में लिए गए लोगों से बड़ी मात्रा में ड्रग्स बरामद हुआ है।

रविवार रात कुछ लोगों द्वारा सूचना मिलने पर पुलिस की टीम कर्जत इलाके में छापा मारा। जहां पर रात 11 बजे के बाद जोर शोर से रेव पार्टी चल रही थी। पार्टी में कई युवक युवतिश्यां नशे की हालत में बेसुध पड़े थे। पुलिस ने करीब 150 लोगों को हिरासत में लिया है। उनसे भारी मात्रा में ड्रग्स भी बरामद किया गया है। पकड़े गए लोगों में ज्यादा रईस घरों के बच्चे हैं। 

ho ji re diwana,thara dera ladiya jave....orignal rajasthani folk song for u

पत्रकार जे.डे.की हत्या की गुत्थी सुलझी




पत्रकार जे.डे.की हत्या की गुत्थी सुलझी 
 

मुंबई। मुंबई पुलिस ने वरिष्ठ पत्रकार जे.डे. की हत्या की गुत्थी सुलझाने का दावा किया है। मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने जेडे की हत्या के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों को महाराष्ट्र और कर्नाटक से गिरफ्तार किया गया है। हालांकि इन लोगों की पहचान फिलहाल उजागर नहीं की गई है। गौरतलब है कि 11 जून को मुंबई के पवई इलाके में जेडे की हत्या कर दी गई थी।

इससे पहले जेडे के ईमले का पासवर्ड भी क्रेक कर दिया गया है। पुलिस ने आईटी विशेषज्ञों की मदद से पासवर्ड को क्रेक किया। पुलिस का कहना है कि जेडे के मेल से कई अहम जानकारियां मिली है। पुलिस के मुताबिक अब इस बात का पता चल सकेगा कि जेडे किन लोगों के खिलाफ स्टोरी कर रहे थे और उनकी स्टोरी से किन किन लोगों को नुकसान हो सकता था। ये जानकारियां मिलने से हत्या के पीछे की वजह का पता चलने में मदद मिलेगी। 

राजस्थान दर्शन भाग 2......चित्तोड़ गढ़


रणनीति के दृष्टिकोण से चित्तौड़गढ़ का राजधानी के रुप में महत्व
चित्तौड़गढ़ का किला राजपूताने में हमेशा एक विशेष महत्व रखता है। इसे मेवाड़ के गुहिलवंशियों की पहली राजधानी के रुप में सम्मान प्राप्त है, जिसे उन्होंने मौर्यवंश के अंतिम शासक मानमोनी को हराकर अपने अधिकार में कर लिया था। यह दुर्ग अरावली की पहाड़ी पर उत्तर से दक्षिण की ओर लंबाई में बना है, जिसमें बीच में समतल भूमि आ जाने के कारण एक कुंड, तालाब, मंदिर, महल आदि सभी एक निश्चित निर्माण-योजना के तहत समय-समय पर बनते रहे हैं। कुछ जलाशय तो ऐसे हैं जो निरन्तर जलापूर्ति के साधन के रुप में काम आते रहे हैं। इस गढ़ के सम्बन्ध में प्रचलित एक कहावत है जो इस दुर्ग के महत्व को बताता है।

गढ़ तो चित्तौड़गढ़ और सब गढ़ैया
वास्तव में इस दुर्ग का निर्माण अभी भी हमें विस्मय व रोमांच से भर देता है। लेकिन रणनीतिक दृष्टिकोण से देखने पर पता चलता है कि अपने भौगोलिक कारणों से यह दुर्ग युद्ध के लिए रणथंभौर और कुभलगढ़ जैसे दुर्गों की तरह उपयुक्त नहीं था। नि:संदेह किला सुदृढ़ था। पहाड़ी के किनारे-किनारे उदग्र खड़े चट्टानों की पंक्ति थी जिसके ऊपर एक ऊँचा और सुदृढ़ प्रकार बना हुआ था। साथ ही साथ दुर्ग में प्रवेश करने के लिए लगातार सात दरवाजे कुछ अन्तराल पर बनाए गये थे। इन सब कारणों से किले में प्रवेश कर पाना तो शत्रुओं के लिए बहुत ही मुश्किल था। परन्तु यह विस्तृत मैदान के बीच एक लम्बी पहाड़ी पर बना है जो अन्य पर्वत श्रेणियों से पृथक हो गया है। अतएव शत्रुओं द्वारा उसका घेरा डालकर किले में इस्तेमाल होने वाला रसद पहुँचाना सुगमता से रोक दिया जाता था। इस दुर्ग का जब-जब घेरा डाला गया तब-तब गढ़ में भोजन-सामग्री विद्यमान रहने तक ही गढ़ सुरक्षित रहा। भोजनादि सामग्री खत्म होते ही राजपूतों को विवश होकर युद्ध के लिए किले का द्वार खोल देना पड़ता था। लेकिन प्रायः शत्रुओं की बड़ी सेना होने की स्थिति में उन्हें हार का सामना करना पड़ता था। इस प्रकार हम देखते हैं कि चित्तौड़गढ़ का राजधानी के रुप में चयन रणनीति की दृष्टि से उचित नहीं था और यही कारण था कि महाराणा उदय सिंह ने उदयपुर को अपनी राजधानी बनाई, जो चारों तरफ पर्वतों से घिरे होने के कारण ज्यादा सुरक्षित था।





वर्तमान में चित्तौड़गढ़ जंक्शन से किले के ऊपर तक पक्की सड़क बनी हुई है। करीब सवा मील जाने पर गम्भीरी नदी आती है, जिसपर अलाउद्दीन खिलजी के शाहजादे खिज्र खाँ का सन् १३०३ (वि. सं. १३६०) में बनवाया हुआ पत्थर का एक सुदृढ़ पुल है। कुछ लोगों का मानना है कि यह पुल राणा लक्ष्मण सिंह के पुत्र अरिसिंह ने, जो अलाउद्दीन के साथ लड़ाई में मारा गया था, ने बनवाया था, लेकिन ज्यादातर विद्वान इससे सहमत नहीं हैं, क्योंकि इस पुल के निर्माण में कई हिन्दु और जैन मंदिरों को गिराकर उसके पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। साथ ही इसकी निर्माण शैली भी मुसलमान (सारसेनिक) है। नदी के जल प्रवाह के लिए दस मेहरावें बनी हैं, जिसमें नौ के ऊपर के सिरे नुकीले हैं। नदी के पश्चिमी तट से छठे का अग्रभाग अर्धवृत्ताकार है।
पुल से थोड़ी दूर जाने पर कोट से घिरा हुआ चित्तौड़ का कस्बा आता है जिसको तलहटी (तलहट्टिका) कहते हैं। कस्बे में जिले की कचहरी है, जिस के पास से किले की चढ़ाई प्रारम्भ हो जाती है। दुर्ग के अंतिम प्रवेश तक कुल सात दरवाजे बनाये गये हैं। इसमें प्रवेश के रास्ते से लेकर अन्दर के परिसर तक कई एक इमारतें हैं, जिनका संक्षिप्त उल्लेख इस प्रकार है-

द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रसिद्ध ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन


 प्रसिद्ध ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग 


भगवान शंकर के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रसिद्ध ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन व पूजन से जीवन में आने वाली सारी बाधाएं दूर हो जाती है।

शास्त्रों के अनुसार कोई भी तीर्थयात्री देश के भले ही सारे तीर्थ कर ले किन्तु जब तक वह ओंकारेश्वर में किए गए तीर्थों का जल लाकर नहीं चढ़ाता तब तक उसके सारे तीर्थ अधूरे माने जाते हैं।

ज्योर्तिलिंग की विशेषता

ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग की विशेषता है कि यह दो स्वरुपों में है। पहला अमरेश्वर या ममलेश्वर और दूसरा ओंकारेश्वर। इस ज्योर्तिंलिंग का महत्व है कि इनकी पूजा व उपासना से सभी मनोरथ पूरे होते हैं। दोनों शिवलिंग मंदिर अलग होते हुए भी दोनों की शक्ति और स्वरुप एक ही माने जाते हैं।

जो मनुष्य इस तीर्थ में पहुंच कर अन्नदान, तप, पूजा आदि करता है अथवा अपना प्राणोत्सर्ग यानि मृत्यु को प्राप्त होता है उसे भगवान शिव के लोक में स्थान प्राप्त होता है।

कहां है स्थित

मध्यप्रदेश में देश के प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में से 2 ज्योतिर्लिंग विराजमान हैं। एक उज्जैन में महाकाल के रूप में और दूसरा ओंकारेश्वर में ममलेश्वर (अमलेश्वर) के रूप में विराजमान हैं। ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग मध्यप्रदेश के इंदौर में नर्मदा नदी के किनारे स्थित है।

कथा (ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग)

एक बार नारदजी ने गोकर्ण तीर्थ में जाकर गोकर्ण नामक शिव की पूजा और पुन: विंध्याचल पर्वत पर जाकर वहां भी श्रद्धापूर्वक शिवजी का पूजन किया। इस पर गर्वोन्मत विंध्य नारदजी के समझ उपस्थित होकर अपने को सर्वश्रेष्ठ बतलाने लगा। नारदजी ने उसके दर्पदलन के लिए उससे कहा कि सुमेरू के समक्ष तुम्हारी कोई गणना नहीं क्योंकि उसकी तो देवताओं में गणना होती है।

यह सुनकर विंध्य सुमेरू से भी उच्च पद पाने के लिए शंकरजी के शरणागत होकर, ओंकार नामक शिव की पार्थिव मूर्ति बनाकर उनकी पूजा करने लगा। विंध्य के घोर तप से प्रसन्न होकर शिवजी ने उससे वरदान मांगने को कहा, विंध्य ने भगवान से मनोवांछित कार्यों को सिद्ध कर सकने का वर मांगा।

इस पर भगवान सोचने लगे कि इसने तो ऐसा वरदान मांगा है जो दूसरों के लिए दुखद है अब तो ऐसा कुछ करना होगा कि यह किसी को दुख न दे सके। तब शिवजी ने उसके द्वारा बनायी गयी ओंकार नामक पार्थिव मूर्ति के अन्दर ज्योति रूप में समा गये और तभी से यह ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग से प्रसिद्ध हुयी।

एक और मान्यता के अनुसार भगवान शंकर के महान भक्त अम्बरीष और मुचुकंद के पिता सूर्यवंशी राजा मान्धाता ने इस पर्वत पर कठोर तपस्या करके प्रभु को प्रसन्न किया और शिवजी के प्रकट होने पर उनसे यहीं निवास करने का वरदान मांग लिया। तभी से इस स्थान को ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग के नाम से जानते हैं।

रविवार, 26 जून 2011

पंजाब में अवैध लिंग जांच का पर्दाफाश करने के लिए स्टिंग ऑपरेशन करने वालों को 50,000 रुपये का इनाम




चंडीगढ़।। पंजाब में अवैध लिंग जांच का पर्दाफाश करने के लिए स्टिंग ऑपरेशन करने वालों को 50,000 रुपये का इनाम दिया जाएगा। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ने रविवार को यह घोषणा की।

गौरतलब है कि पंजाब में लिंगानुपात प्रति 1,000 पुरुषों पर 893 महिलाएं हैं। लिंगानुपात के मामले में इस राज्य की स्थिति देश के अन्य राज्यों से दयनीय है। लिंगानुपात की बुरी स्थिति के मद्देनजर पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री सतपाल गोसाईं ने कन्या भ्रूणहत्या के मामले को उजागर करने वाले किसी भी पत्रकार या गैर-पत्रकार को इनाम देने की घोषणा की।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पंजाब क्षेत्र में कन्या भ्रूणहत्या जैसी बुराई को खत्म करने और लिंगानुपात में सुधार के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।