अब गूगल बताएगा, कौन बिछा रहा है जासूसी का जाल!
बाड़मेर। सीआईडी इंटेलिजेंस ने गूगल के अधिकारियों से बालोतरा और पोकरण से गिरफ्तार जासूसों के ई-मेल का रिकॉर्ड मांगा है। इससे जासूसों द्वारा भेजे ई-मेल से आईएसआई हैंडलर के कम्प्यूटर के आईपी एड्रेस व उसकी लोकेशन का भी पता चल सकेगा। पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के राजस्थान में फैले जासूस नेटवर्क के जाल के हैंडलर को लेकर खुफिया एजेंसियां अभी तक अनजान हैं। सात जासूस गिरफ्तार हो चुके हैं, लेकिन अभी तक आईएसआई हैंडलर का नाम और लोकेशन की जानकारी नहीं हो सकी है।
गूगल से जी-मेल की रिपोर्ट मांगी
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि आईएसआई जासूस चिनमाराम दईया, इमामुद्दीन, किशनपाल और नरेन्द्र शर्मा द्वारा भेजे ई-मेल की रिपोर्ट मंगाई है। चारों के जी-मेल अकाउंट की रिपोर्ट बनाकर गूगल अधिकारियों को भेजी है। जी-मेल अकाउंट से भेजे गए ई-मेल की रिपोर्ट से आईएसआई हैंडलर के कम्प्यूटर का आईपी एड्रेस पत चल जाएगा। साथ ही यह भी पता चल सकेगा कि कितने लोग हैं, जो जासूस नेटवर्क की मॉनीटरिंग कर रहे हैं।
कौन है आईएसआई हैंडलर?
राजस्थान में दो माह में सात आईएसआई के जासूस पकड़े गए, लेकिन अभी तक आईएसआई के हैंडलर का पता नहीं चला है कि वह कौन है? कहां बैठकर जासूस नेटवर्क को हैंडल कर रहा है। कम्प्यूटर के आईपी एड्रेस से आईएसआई हैंडलर की लोकेशन का पता चल जाएगा कि वह आखिर किस देश या जगह पर बैठकर जासूस नेटवर्क की मॉनीटरिंग कर रहा है। पटवारी गोवर्धन सिंह से भी आईएसआई हैंडलर के बारे में कोई सुराग हाथ नहीं लगा था।
कम्प्यूटरों की कराई एफएसएल जांच
गौरतलब है कि गत एक फरवरी को सीआईडी इंटेलिजेंस ने बाड़मेर के बालोतरा से पोस्टमास्टर चिनमाराम दईया व डाक सहायक इमामुद्दीन, पोकरण से पोस्टमास्टर किशनपाल और लिपिक नरेन्द्र शर्मा को आईएसआई के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था। चारों ने आईएसआई के हैंडलर को ई-मेल से सेना की खुफिया और सामरिक जानकारियां ई-मेल से सेना के पत्रों को स्कैन कर भेजी थीं। पुलिस अधीक्षक सीआईडी इंटेलिजेंस राजेश मीणा ने बताया कि आरोपितों की बताई हर बात की तस्दीक जारी है। उनके कम्प्यूटर की एफएसएल से जांच कराई है। चारों आरोपित अभी न्यायिक अभिरक्षा में हैं।
दोनों को भेजा न्यायिक अभिरक्षा में
सीआईडी ने शनिवार को रिमांड अवधि खत्म होने पर जासूसी में गिरफ्तार चिनमाराम दईया और इमामुद्दीन को कोर्ट में पेश किया। दस दिन की पूछताछ में आईएसआई के जासूस नेटवर्क के बारे में कोई अहम जानकारी नहीं मिल सकी है। कोर्ट ने दोनों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया। शुक्रवार को पहले ही सीआईडी इंटेलिजेंस ने जासूस किशनपाल और नरेंद्र शर्मा को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा था।