बाड़मेर 489 ग्राम पंचायत मुख्यालयो पर बनेंगे अनाज गोदाम
जिले की समस्त ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर कन्वर्जेंन्स के माध्यम से 100 मैट्रिक टन क्षमता के अनाज गोदामों का निर्माण कराया जाएगा। महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत गोदाम निर्माण कार्य के लिए ग्रामीण
जिले की समस्त ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर कन्वर्जेंन्स के माध्यम से 100 मैट्रिक टन क्षमता के अनाज गोदामों का निर्माण कराया जाएगा। महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत गोदाम निर्माण कार्य के लिए ग्रामीण
विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किए है।
जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं जिला कलक्टर एम.एल.नेहरा ने बताया कि बाड़मेर जिले की 489 ग्राम पंचायतों में अनाज गोदाम भवन निर्माण और स्थान चिन्हित करने के लिए सहकारिता विभाग की संस्थाओं और खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग का सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि गोदाम के लिए भूमि का चयन आबादी के आस-पास उपयुक्त स्थान पर किया जायेगा। केन्द्र सरकार से प्राप्त राशि सशर्त होने के कारण गोदाम निर्माण की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए गए है। उन्होंने बताया कि पंचायती राज विभाग ने प्रोजेक्ट के तहत प्रत्येक गोदाम निर्माण के लिए लगभग 22.39 लाख रुपए की राशि निर्धारित की है। इसमें 9.67 लाख रुपये श्रम मद एवं 12.72 लाख रुपये सामग्री मद में खर्च किए जाएंगे। उन्हांेने बताया कि अनाज गोदाम निर्माण की नोडल एजेन्सी के रूप में ग्राम पंचायतों भूमिका निर्धारित की गई है। निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग जिला कलेक्टर और अन्य सहयोगी संस्थाएं करेगी। सहकारिता विभाग की संस्थाआंे और खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग की सहमति से चयनित भूमि विभाग को आवंटित की जाएगी। एक गोदाम के लिए अधिकतम एक एकड़ जमीन आवश्यक होगी जिसमें 40 गुणा 50 साईज के गोदाम का निर्माण होगा। उन्हांेने बताया कि सभी ग्राम पंचायतों में अनाज गोदाम निर्माण के कार्य को शीघ्र पूरा कराने का प्रयास किया जाएगा जिससे प्रत्येक ग्राम पंचायत में अतिरिक्त अनाज को सुरक्षित रखा जा सकेगा। क्योंकि गोदामों की कमी के कारण बड़ी मात्रा में अनाज भण्डारण के अभाव में खराब हो जाता है।
अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक सुरेश कुमार दाधीच ने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा योजना में गोदाम निर्माण पर 16.10 लाख रुपए तथा पंचायती राज व ग्रामीण विकास विभाग की (टीएफसी, एसएफसी, निबंध, डांग, मगरा विकास योजना) मद से 6.29 लाख रुपए व्यय होंगे। उन्होंने बताया कि गोदाम निर्माण में अकुशल श्रम कार्य महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत जॉब कार्डधारी परिवारों से कराया जाएगा। इसमंे ठेका प्रक्रिया के साथ मानव श्रम के बदले मशीनों का प्रयोग भी पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
यहां बनेंगे अनाज गोदामः
प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर संचालित होने वाले अटल सेवा केंद्र के पंचायत भवन के पास इन गोदामों का निर्माण होगा। गोदाम निर्माण के लिए शीघ्र ही ग्राम पंचायत स्तर पर जमीनों को चिन्हित किया जाएगा। ग्राम पंचायत के पंचायत भवन के पास अगर गोदामों के निर्माण के लिए जमीन की उपलब्धता किसी कारण नहीं हो पाती तो पंचायत स्तर की सरकारी जमीन पर इनका निर्माण किया जाएगा।
इन बातों का रखना होगा ध्यानः
गोदाम निर्माण कराते समय निर्माण स्थल की ऊंचाई, पानी निकासी, बिजली, गैस एवं ऑयल पाइपलाइन से दूरी, पार्किंग व्यवस्था, हड्डी क्रेशिंग मिल, पशुवध गृह, चमड़े के कारखाने, मल जल उपचार संयत्र से 500 मीटर दूरी, डेयरी एवं मुर्गीपालन केंद्र से 300 मीटर दूरी, पैट्रोल पंप, फैक्ट्री से 150 मीटर दूरी का ध्यान रखना होगा।
अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक सुरेश कुमार दाधीच ने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा योजना में गोदाम निर्माण पर 16.10 लाख रुपए तथा पंचायती राज व ग्रामीण विकास विभाग की (टीएफसी, एसएफसी, निबंध, डांग, मगरा विकास योजना) मद से 6.29 लाख रुपए व्यय होंगे। उन्होंने बताया कि गोदाम निर्माण में अकुशल श्रम कार्य महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत जॉब कार्डधारी परिवारों से कराया जाएगा। इसमंे ठेका प्रक्रिया के साथ मानव श्रम के बदले मशीनों का प्रयोग भी पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
यहां बनेंगे अनाज गोदामः
प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर संचालित होने वाले अटल सेवा केंद्र के पंचायत भवन के पास इन गोदामों का निर्माण होगा। गोदाम निर्माण के लिए शीघ्र ही ग्राम पंचायत स्तर पर जमीनों को चिन्हित किया जाएगा। ग्राम पंचायत के पंचायत भवन के पास अगर गोदामों के निर्माण के लिए जमीन की उपलब्धता किसी कारण नहीं हो पाती तो पंचायत स्तर की सरकारी जमीन पर इनका निर्माण किया जाएगा।
इन बातों का रखना होगा ध्यानः
गोदाम निर्माण कराते समय निर्माण स्थल की ऊंचाई, पानी निकासी, बिजली, गैस एवं ऑयल पाइपलाइन से दूरी, पार्किंग व्यवस्था, हड्डी क्रेशिंग मिल, पशुवध गृह, चमड़े के कारखाने, मल जल उपचार संयत्र से 500 मीटर दूरी, डेयरी एवं मुर्गीपालन केंद्र से 300 मीटर दूरी, पैट्रोल पंप, फैक्ट्री से 150 मीटर दूरी का ध्यान रखना होगा।