शुक्रवार, 2 अक्तूबर 2015

UN में नवाज शरीफ को सुषमा का करारा जवाब, कहा- आतंकवाद छोड़े PAK, तभी होगी बातचीत



विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा में पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है. PAK प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बुधवार को दिए चार सूत्रों के जवाब में सुषमा ने कहा कि दोनों देशों के बीच शांति कायम करने के लिए चार नहीं, बल्कि‍ एक सूत्र की ही आवश्यकता है. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि पाकिस्तान पहले आतंकवाद छोड़े, तभी आगे बात होगी.

पड़ोसी मुल्क को निशाने पर लेते हुए विदेश मंत्री ने कहा, 'हम मानते हैं कि भारत-पाकिस्तान के बीच शांति और बेहतर संबंध के लिए चार सूत्र नहीं, बल्कि एक सूत्र की ही काफी है. पाकिस्तान पहले आतंकवाद छोड़े, तभी बातचीत होगी. दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अभी तक बात नहीं कर पाए हैं. बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते.'



सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत बीते 25 वर्षों से आतंकवाद से पीड़ित है. हाफिज सईद और जकीउर रहमान लखवी का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा, 'आज सबसे बड़ा आतंकवादी खुलेआम घूम रहा है. मुंबई हमले का आरोपी खुलेआम घूम रहा है. आतंकवाद पर निष्कर्ष निकला तो भारत द्विपक्षीय बातचीत के लिए तैयार है.'




विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र के देशों से अपील की कि सभी को साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ मिलकर प्रस्ताव पास करना होगा. उन्होंने गांधी जयंती का जिक्र करते हुए कहा कि शुक्रवार को महात्मा गांधी की जयंती है और पूरी दुनिया इसे अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाएगी.




'शांति सैनिक भेजने वालों की भी लें राय'

अपने संबोधन के दौरान सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत यूएन के शांति प्रयासों के साथ है. लेकिन यह दुख की बात है कि जो देश शांति सैनिक भेजते हैं, निर्णय प्रक्रिया में उनकी कोई भूमिका नहीं है. मेरा अनुरोध है कि शांति सैनिक भेजने वाले देशों से भी निर्णय लेने में राय ली जाए.




संयुक्त राष्ट्र संघ की कार्यशैली के बारे में बोलते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि हमारा भविष्य ऐसा होना चाहिए कि हम अपनी पीढ़ियों को ऐसा विश्व दें, जो टिकाऊ हो. हमें सुरक्षा परिषद के निर्णायक तंत्र में और अधिक विकासशील देशों को शामिल करना होगा. साथ ही छह दशक पहले सुरक्षा परिषद के जो मानक तय किए गए थे, उनमें बदलाव की जरूरत है.

पति का कद छोटा था, पत्नी ने दिया तलाक



साउदी में एक महिला ने अपने पति को सिर्फ इसलिए तलाक दे दिया क्योंकि उसका कद बहुत छोटा था.

20 वर्षीय इस महिला ने कहा कि वह अब और अधिक इस रिश्ते को नहीं निभा सकती है. एक लीगल नोटिस में इस महिला ने दावा किया है कि 7 महीने चली इस शादी को संभालना उसके लिए बहुत ही कष्टकारी रहा है.



हालांकि बीते इन महीनों में वह लगातार अपने पति से यह बात छिपाती रही और ऐसा करना उसके लिए बहुत दुखभरा था.




हालांकि इस मामले में संलिप्त पति-पत्नी का नाम कहीं भी जाहिर नहीं किया गया है. वहीं तलाक की खबरों को काफी मिली-जुली प्रतिक्रिया मिल रही है. सोशल मीडिया पर कई लोगों का कहना है कि जब लड़की को लड़के के कद के बारे में पहले ही पता था, तो उसे इस शादी से मना कर देना चाहिए था. उसे यह रिश्ते स्वीकार ही नहीं करना चाहिए था.




हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब किसी प्रेम संबंध में कद को इतना महत्व दिया जा रहा है. राइस यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस के एक संयुक्त अध्ययन में यह बात सामने आई है कि औरतों को अमूमन लंबे मर्दों की चाहत होती है. यह एक परंपरागत सोच तो है ही, इसके अलावा यह भी देखने में आया है कि महिलाएं लंबे पुरुषों के साथ खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करती हैं.




ऑनलाइन डेटिंग साइट्स से प्राप्त डेटा के अनुसार, करीब 13.5 फीसदी आदमी अपने से कद में छोटी महिलाओं को डेट करना चाहते हैं. जबकि करीब आधी फीसदी महिलाएं अपने से लंबे मर्दों को डेट करना चाहती हैं.

PM मोदी समेत कई राजनेताओं ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को दी श्रद्धांजलि



देश आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मना रहा है. आज बापू की 146वीं जयंती है. PM नरेंद्र मोदी समेत कई राजनेताओं ने सुबह को राजघाट जाकर बापू को श्रद्धांजलि अर्पित की.

राजघाट पर सुबह से ही बापू को श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा हुआ है. उन्हें नमन करने वालों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और बीजेपी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं.



लालबहादुर शास्त्री को भी नमन कर रहा है राष्ट्र

देश के पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की जयंती पर भी कृतज्ञ राष्ट्र उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है. शास्त्रीजी का 'जय जवान, जय किसान' का नारा आज भी देश के विकास का मूलमंत्र साबित हो रहा है.





जैसलमेर 250 साल पुरानी विश्वविख्यात जहाझनुमा सालिम सिंह हवेली का अस्तित्व खतरे में


 जैसलमेर 250 साल पुरानी विश्वविख्यात जहाझनुमा सालिम सिंह हवेली का अस्तित्व खतरे में 


ख़ास रिपोर्ट साभार विमल भाटिया 

शिल्प सौन्दर्य बारीक नक्काशी व खूबसूरत जालीदार झरोखे वाली 250 साल पुरानी विश्वविख्यात जहाझनुमा सालिम सिंह हवेली का अस्तित्व खतरे में नजर आ रहा हैं जर-जर अवस्था में पहुंचने के बाद अब हवेली हिलने लगी हैं। कभी भी भूकंप या अन्य डिजास्टर आने की दिशा में शहर के मुख्य रास्ते पर स्थित होने के कारण भारी जान-माल के नुकसान होने की संभावना है। यहां देशी विदेशी सैलानियों का तांता भी लगा रहता हैं क्षतिग्रस्त हवेली के किसी भाग के गिरने से सैलानियों की भी जन-हानि हो सकती है।

राज्य सरकार द्वारा इस प्राचीन धरोहर को 40 साल पूर्व संरक्षित स्मारक घोषित करने के बावजूद आज दिन तक किसी भी सरकारी स्तर पर इस हवेली की सुध नहीं ली गई हैं हर तरह से अनदेखी का शिकार इस हवेली का एक हिस्सा 1993 व 2006 मंे भारी वर्षा से ढह गया था जबकि 26 जनवरी 2001 में आये जबरदस्त भूकंप के कारण हवेली का अन्य हिस्सा भी भर-भराकर ढह गया था जिसकी आज दिन तक मरम्मत नहीं हो पाई हैं हालांकि राज्य सरकार ने जुलाई 2007 में 10 लाख रूपए इस हवेली की मरम्मत के लिये स्वीकृत किये थे मगर यहां पर किसी प्रकार का कार्य नहीं करवाये जा सकने के कारण यह राशि भी लेप्स हो गई, इस हवेली के मालिकानों में से एक कमल सिंह मोहता द्वारा राज्य सरकार को हवेली के जीर्ण क्षीर्ण अवस्था में पहुंचने के कारण इसकी मरम्मत के लिये पिछले 20 सालों में अनगिनत पत्र लिखे लेकिन सरकारी स्तर पर इस खूबसूरत हवेली की मरम्मत के लिये कभी किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। करीब एक सप्ताह पूर्व राजस्थान पुरातत्व विभाग के इंजीनीयर की एक टीम ए.ई.एन महेन्द्र गुप्ता के नेतृत्व में यहां आई थी उन्होंने क्षतिग्रस्त हवेली के संबंध में जानकारी एकत्रित की थी।

ए.ई.एन महेन्द्र गुप्ता ने एक बातचीत में बताया कि सालिम सिंह की हवेली की वस्तु स्थिति की जानकारी के लिये वे यहां आये हैं उन्होंने पूरी हवेली में घूमकर इसकी स्थिति का जायजा लिया हैं इसकी रिपोर्ट को वो सरकार को प्रेषित कर रहे हैं अतिशीघ्र ही इसकी मरम्मत के संबंध में कोई कार्यवाही होगी।

कमल सिंह मोहता जो इस हवेली के मालिक में से एक हैं ने बताया कि उन्होंने सरकार को कई पत्र लिखे हैं जिसमें बताया हैं कि वर्तमान में हवेली के कई पत्थर हिल रहे हैं कभी जबरदस्त वर्षा या आंधी आती हैं तो इनके गिरने की पूर्ण संभावना हैं यदि इससे कोई जन हानि होती हैं तो प्रशासन व पुरातत्व विभाग जिम्मेदार होगा।

उन्होंने बताया कि 1993 में इसका एक भाग गिर चुका हैं जिसकी मरम्मत के लिये 10 लाख मंजूर भी हुवे थे, लेकिन आज दिन तक मरम्मत का कोई कार्य शुरू नहीं हो पाया, स्वीकृति रकम कहां गई उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। राज्य सरकार ने इसे संरक्षित स्मारक घोषित कर बोर्ड लगाने के अलावा कोई कदम नहीं उठाये हैं वे कहते हैं हवेली के कई हिस्सा बंद हैं दीवारों में दरारें आ गई हैं भीतरी भाग के छज्जे टूट गये हैं वर्षा के पानी की निकासी नहीं है। ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा घटित हो सकता है। वे कहते हैं कि इस हवेली के चारों ओर 38 बंगलियां थी जिनमें 15 से ज्यादा गिर गई हैं।

विख्यात इतिहासविद् नंदकिशोर शर्मा बताते हैं कि पीर पाषाण शिलाओं से युक्त 180 फीट उंची जहाझनुमा से हवेली के निर्माण की शुरूआत संवत 1819 में दीवान सालिम सिंह के पिता स्वरूप सिंह ने किया था बाद में दो मंजिला बनने के बाद सालिम सिंह ने इस हवेली को सोनार किले की उंचाई तक ले जाने के लिये 9 मंजिला का निर्माण भी करवाया, लेकिन तत्कालीन महारावल उपर की दो मंजिलों को हटवा दिया।

वे कहते हैं कि एतिहासिक धरोहर को बचाने के लिये यदि कोई सघन प्रयास नहीं किये गये तो कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती हैं इसकी बंगलियां, झरोखे, व घुमटियों के कंगूरे, धीरे धीरे जीर्ण क्षीर्ण अवस्था में पहुंचते हुवे गिरने की कगार पर है। जल्दी कोई कड़े कदम नहीं उठाये तो एतिहासिक धरोहर को हम हमेशा के लिये खो देंगे।

जैसलमेर. युद्ध स्थल में रखा पाकिस्तानी टैंक जिस पर भारतीय सैनिकों ने मनाया था जीत का जश्न।






जैसलमेर. युद्ध स्थल में रखा पाकिस्तानी टैंक जिस पर भारतीय सैनिकों ने मनाया था जीत का जश्न।

जैसलमेर. लौंगेवाला युद्ध स्थल।

देसी सैलानियों के लिए अद्भुत



कोणार्क कोर ने 1965 के युद्ध की स्वर्ण जयंती के मौके पर तैयार किया रण क्षेत्र पर्यटकों के लिए खोला, तनोट जाने वाले देख सकेंगे बॉर्डर पर असली युद्ध स्थल

1971 स्मारक
लोंगेवाला युद्ध स्थल पर देसी सैलानियों की आवक शुरू हो गई है। गुरुवार को मुम्बई से आए हेमंत कुमार उनकी पत्नी ने बताया कि उन्होंने बॉर्डर फिल्म देख रखी है और अन्य कई जगहों पर युद्ध से जुड़ी प्रदर्शनी म्यूजियम देखे हैं लेकिन युद्ध स्थल देखने का पहली बार मौका मिला है। यह वाकई में अद्भुत है और रोंगटे खड़े कर देने वाला है। इस पवित्र जमीन पर कदम रखते ही मन जोश जज्बे से भर जाता है।


जैसलमेर



वर्ष1971 के युद्ध में लोंगेवाला में पाकिस्तानी सेना की पूरी टैंक ब्रिगेड को भारतीय थलसेना की 23 पंजाब की टुकड़ी ने धूल चटा दी थी। करीब डेढ़ दशक पहले 'बॉर्डर' फिल्म में युद्ध का बखूबी चित्रांकन किया गया था। अब थलसेना ने इस गौरवशाली युद्ध को 45 साल बाद जीवंत कर दिखाया है। 1965 के युद्ध की स्वर्ण जयंती के मौके पर कोणार्क कोर ने लोंगेवाला में इस युद्ध स्थल को वैसे ही सजीव किया है, जैसे वर्ष 1971 में 4 5 दिसंबर की रात को हुआ था। यहां पर युद्ध स्थल बनाने के साथ उस दौर का सैन्य सामान, टैंक आदि प्रदर्शित किए हैं। साथ ही थिएटर में बेहतरीन दृश्य श्रव्य माध्यम से इसे जीवंत किया है। इसे पर्यटकों के लिए गत 24 अगस्त को खोल दिया गया।


तनोट जाने वाले पर्यटक अब इस स्थल को देख सकेंगे।
1971 युद्ध की गाथा

4-5दिसंबर 1971 को पाकिस्तान की दो आर्म्ड रेजिमेंट ने करीब 1 हजार सैनिकों के साथ भारत पर हमला कर दिया था। उस समय लोंगेवाला में मेजर कुलदीपसिंह चांदपुरी के नेतृत्व में केवल 120 जवान तैनात थे। जैसलमेर एयरबेस पर चार हंटर विमान थे जो रात में उड़ान नहीं भर सकते थे। ऐसे में मेजर चांदपुरी के जिम्मे पाक सेना को लोंगेवाला में रोकने की जिम्मेदारी थी। केवल 120 जवानों ने अपनी बहादुरी का परिचय देते हुए पाक सेना को धूल चटा दी। उनके टैंक नेस्तनाबूद कर दिए और लोंगेवाला तक आई पाक सेना को आगे नहीं बढ़ने दिया। दिन उगने के साथ हंटर विमानों ने पाक सेना के टैंकों की कब्रगाह यहीं खोद दी। भारतीय सैनिकों के हौसले उन्हें श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से सेना ने लोंगेवाला में उसी स्थान पर युद्ध स्थल बनाया है।
हमारे सैनिकों को श्रद्धांजलि है
ब्रिगेडियरविपुल सिंघल ने गुरुवार को युद्ध स्थल पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमारा सौभाग्य है कि यहां पर युद्ध हुआ था और उस पवित्र जमीन पर आज हम मौजूद हैं। एल्फा कंपनी 23 पंजाब के 120 जवानों ने 70 टैंकों 1 हजार पाक सैनिकों को नेस्तनाबूद कर दिया था। बहादुर सैनिकों के खून से सींची हुई जमीन है यह। हमने उन्हें श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से युद्ध को रीक्रिएट किया है। यहां से युवा पीढ़ी प्रेरणा लेगी और यह युद्ध स्थल जैसलमेर का नया टूरिस्ट प्वाइंट बनकर उभरेगा। इस अवसर पर कर्नल हरप्रीतसिंह, कर्नल अहमद, ले. कर्नल मनीष ओझा भी मौजूद थे।
असली युद्ध स्थल के ठीक सामने तैयार किया स्मारक
लोंगेवालामें इस युद्ध स्मारक का निर्माण ठीक उसी स्थान पर किया गया हैं, जहां 4 दिसंबर 1971 की रात को भारत के बहादुर सैनिकों ने अपने जज्बे के दम पर पाकिस्तान को करारी शिकस्त देते हुए 179 दुश्मनों को हताहत करने के साथ-साथ उसके 37 टैंकों को भी ध्वस्त किया था। युद्ध की दृश्यावली का सजीव चित्रण बंकरों, बारूदी सुरंगों और बर्बाद हुए टैंकों अन्य सैन्य वाहनों की मदद से किया गया है। उच्च नैतिक मूल्यों से ओत-प्रोत भारतीय सैनिकों की चित्रावली भी प्रदर्शित की गई है, जिनका देश के प्रति समर्पण बलिदान भाव ही लोंगेवाला विजय की आधारशिला बना। युद्ध में पाकिस्तानी टैंकों को ध्वस्त करने वाली 106 एमएम रिकाइलेस गन को भी इस संग्रहालय में गौरवपूर्ण तरीके से स्थापित किया गया है। लोंगेवाला युद्ध की सजीव प्रस्तुति क चलचित्र के माध्यम से प्रदर्शित करने के लिए संग्रहालय में एक सिनेमाहॉल भी है। इस प्रस्तुति में मेजर कुलदीपसिंह चांदपुरी के युद्ध विश्लेषणों को सम्मिलित कर इसे इतना सजीव बना दिया गया है कि इसे देखते हुए हर कोई गर्व से भर उठता है।

बाड़मेर में थी तलाश, पिस्टल समेत पाली में पकड़ा

बाड़मेर में थी तलाश, पिस्टल समेत पाली में पकड़ा


आरोपी के कब्जे से मिली 9 एमएम की पिस्टल, जीप चाेरी मेंं भी वांछित 
  बाड़मेर
पुलिसने गुरुवार दिन में एक युवक को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से पिस्टल तीन जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। आरोपी प्रकाश जाट बाड़मेर में सदर थाना क्षेत्र के शिवकर गांव का रहने वाला है, जो कुछ दिन पहले पिकअप जीप चोरी कर फरार हुआ था। वाहन चोरी के अन्य मामले में भी बाड़मेर पुलिस को उसकी तलाश है। आरोपी मादक पदार्थों की तस्करी वाले गिरोह के भी संपर्क में रहा है, जिसके बारे में पाली पुलिस पूछताछ कर पता लगा रही है। बाड़मेर पुलिस से बचने के लिए वह पाली में कहीं छिपने का ठिकाना ढूंढ रहा था। कुछ समय पहले प्रकाश पाली की फैक्ट्रियों में काम कर चुका है। 
पुलिस ने बताया कि गुरुवार दिन में सूचना मिली कि मंडिया रोड इलाके में एक युवक संदिग्धावस्था में घूम रहा है, जिसके पास हथियार हो सकते हैं। इस सूचना के बाद पुलिस ने तलाश कर बाड़मेर के सदर थाना क्षेत्र के शिवकर निवासी प्रकाश जाट (22) पुत्र लूंबाराम को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से पिस्टल तीन जिंदा कारतूस बरामद किए। आरोपी के कब्जे से मिली 9 एमएम की पिस्टल कंट्री मैड है, जिसमें तीन कारतूस लोड किए हुए थे। आरोपी के खिलाफ बाड़मेर में वाहन चोरी के कई मामले दर्ज हैं, जिसमें पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। इस दौरान कुछ दिन पहले वह पिकअप जीप चोरी कर फरार हो गया था, जिसे उसने मादक पदार्थों की तस्करी वाले गिरोह को बेच दिया। इस बारे में भी आरोपी से पूछताछ की जा रही है। यह आरोपी कुछ समय पहले पाली के मंडिया रोड इलाके में फैक्ट्रियों में काम करता था। बाड़मेर पुलिस द्वारा उसका पीछा करने पर वह पाली में छिपने का ठिकाना ढूंढ़ने की फिराक में था। इस बीच पाली पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी की सूचना बाड़मेर पुलिस को दी है। 

बाड़मेर विवाहिता ने पढ़ने की जिद की तो ससुराल वालों ने गर्म चिमटे से दागा


 बाड़मेर विवाहिता ने पढ़ने की जिद की तो ससुराल वालों ने गर्म चिमटे से दागा



{सिणधरी थाना क्षेत्र के पायला खुर्द की घटना
{पुलिस ने मामला दर्ज कर शुरू की जांच

| बाड़मेर
एकविवाहिता के ससुराल में पढ़ने की जिद पर उसको गर्म चिमटे से दागने और उसके साथ मारपीट कर जंजीरों के बंधक बनाने का मामला जिले के सिणधरी थाने में दर्ज हुआ है। विवाहिता का आरोप है कि उसके सास-ससुर, पति और ननद ने मिलकर उसे प्रताड़ित किया। वो बीए प्रथम वर्ष में पढ़ रही है, लेकिन ससुराल वालों ने उसे परीक्षा देने तक नहीं दिया। पुलिस अधीक्षक को सौंपे ज्ञापन के बाद सिणधरी पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
धतरवालों की ढाणी पायला खुर्द निवासी विवाहिता प्रमिला पत्नी जुगताराम की शादी एक साल पहले जुगताराम पुत्र बनाराम जाट पायला खुर्द के साथ हुई थी। शादी के बाद उसके पिता का देहांत हो गया। उसके भाई-बहन नाबालिग है। विवाह के समय उसकी विधवा मां ने हैसियत के अनुसार दहेज दिया था। सुसराल जाने के बाद उसके सास-ससुर, पति, नणद उसे बिन बाप की बेटी के ताने देकर उसके परेशान करने लगे। वर्ष 2014 में बीए प्रथम वर्ष की परीक्षा के लिए उसने जब फॉर्म भरा तो ससुराल वालों ने नाराज होकर पढ़ाई नहीं करने देते, कभी किताबें जला देते तो कभी फाड़ देते। इसके बाद 21 25 मई को दो पेपर देने के लिए ससुराल वालों ने उसे जाने दिया। यातनाएं देकर परेशान किया जाने लगा।


बाड़मेर. चिमटे से दागने से शरीर पर आए घाव।
पुलिस ने शुरू की जांच


एसपीके निर्देश पर सिणधरी थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। ससुराल पक्ष के लोगों को पाबंद भी किया गया। अब पूरे मामले की जांच के बाद ही आरोपियों की गिरफ्तारी होगी। पुलिस का कहना है कि पहले मामले की वास्तविक घटना की जांच हो जाए, आरोपियों को पाबंद कर दिया है। अगर दोषी पाए गए तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।

एक माह तक कमरें में बंधक बनाकर रखा, मारपीट की

विवाहिताका आरोप है कि करीब एक माह पहले उसके पति जुगताराम, ससुर बनाराम, सास हीरों नणद मूली ने मिलकर उसे झोंपे में बंद कर दिया। जंजीरों से मारपीट की और उसे बेहोश कर दिया। इसके बाद समाज के मौजिज लोगों ने समझाइश की। इसके बावजूद 28 सितंबर की रात में वह सो रही थी, इस दौरान उसका पति, ससुर, सास नणद उसके पास आए और उसे पकड़ मारने लगे। लोहे के गर्म चिमटे से शरीर पर दागा, जिससे कई घाव शरीर पर बन गए। इसके बाद उसका जेवर वगैरह छीन लिए और उसे घर से निकाल दिया। सूचना मिलने पर उसकी मां पहुंची और उसे सिणधरी अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां उपचार के बाद बुधवार को एसपी के समक्ष पेश हुई और पूरी आपबीती सुनाई।

गुरुवार, 1 अक्तूबर 2015

संबलपुर।यहां है महात्मा गांधी का मंदिर, रोज होता है उपदेशों का पाठ



संबलपुर।यहां है महात्मा गांधी का मंदिर, रोज होता है उपदेशों का पाठ

भारत के कई गांव-शहरों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमाएं लगी हुई हैं, लेकिन एक गांव ऐसा भी है जहां बापू का मंदिर है। यह मंदिर ओडिशा के संबलपुर जिले के भटारा गांव में स्थित है। मंदिर का निर्माण ग्रामीणों ने किया था। मंदिर में तिरंगे के नीचे गांधीजी की प्रतिमा है। प्रतिमा की ऊंचाई करीब 6 फीट है।



मंदिर के प्रवेश द्वार के निकट ही भारत माता की प्रतिमा है और अशोक स्तंभ बना हुआ है। ग्रामीण बताते हैं कि 1928 में आजादी के आंदोलन के समय गांधीजी यहां आए थे। उन्होंने ग्रामीणों को जागरूक किया और छुआछूत जैसी सामाजिक बुराई छोड़ने का आह्वान किया।







बाद में यहां के गांधीवादी नेता अभिमन्यु ने बापू के मंदिर के निर्माण की पहल की। अभिमन्यु इस क्षेत्र से विधायक भी बने थे। मंदिर का डिजाइन भी स्थानीय शिल्पी ने तैयार किया था। 23 मार्च 1971 को मंदिर की आधारशिला रखी गई।







मंदिर निर्माण के लिए ग्रामीणों ने अपने सामर्थ्य के अनुसार दान दिया और निर्माण कार्य में भाग लिया। गांधीजी की कांस्य प्रतिमा का निर्माण एक काॅलेज के छात्रों ने किया था। 11 अप्रेल 1974 को मंदिर का उद्घाटन प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री नंदिनी सतपथी ने किया।







मंदिर में हर रोज गांधीजी की आरती होती है और उनके उपदेशों का पाठ किया जाता है। स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और गांधी जयंती पर यहां का नजारा अनोखा होता है। इन खास मौकों पर दूर-दूर से लोग मंदिर में दर्शन करने आते हैं।

आर.एस.एस. का राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान- प्रो. देवनानी



आर.एस.एस. का राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान- प्रो. देवनानी

भाजपा का मण्डल स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन

कार्यकर्ताओं को भी संघ व विचार परिवार की कार्यप्रणाली की दी जानकारी, प्रशिक्षण में सीखी बातों को आम जन तक पहुंचाएं कार्यकर्ता

अजमेर 01 अक्टूबर। शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान है। संघ एवं इससे जुड़े विचार परिवार के संगठनों ने राष्ट्रीय एकता, अखण्डता और राष्ट्रवाद की अलख जगाए रखी । संघ ने देश को एकता के सूत्रा में बांधा और समाज के हर वर्ग की बात को राष्ट्रीय पटल पर रखा है। कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर में सीखी बातों को आत्मसात करे और इन खूबियों को आमजन के बीच प्रचारित करें।

शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी ने आज होटल मेरवाड़ा ऐस्टेट में पण्डित दीनदयाल उपाध्याय महाअभियान के तहत भाजपा के मण्डल स्तरीय प्रशिक्षण वर्ग को सम्बोधित किया। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ एवं विचार परिवार विषय पर प्रशिक्षण दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ देश का एक मात्रा ऐसा संगठन है। जिसने तमाम तरह के भेदभाव से उपर उठकर देश को एकता के सूत्रा में बांधा और राष्ट्र निर्माण में योगदान दिया।

उन्होंने कहा कि संघ ने सदैव देश हित को सर्वोपरि रखा । समाज के सभी वर्ग, जो विविध व्यवसाय और कार्यप्रणाली से जुड़े है। संघ ने उन सभी वर्गो की उन्नति तथा उनकी समस्याओं के समाधान के लिए कंधे से कंधा मिला कर कार्य किया। देश में मजदूरों की समस्याओं के समाधान के लिए भारतीय मजदूर संघ के माध्यम से कार्य किया गया । मजदूर संघ ने “राष्ट्र हित में करेंगे काम, काम का लेंगे पूरा दाम“ की सोच के साथ देश के मजदूरों को उनका हक दिलाया और मजदूर के उन्नयन का यह क्रम अनवरत जारी है।

प्रो. देवनानी ने कहा कि देश के साधु संतों और धर्म से जुड़े लोगों को विश्व हिन्दु परिषद के जरिये एक मंच पर बैठाया गया । देश की आध्यात्मिक उन्नति के लिए यह कार्य बेहद आवश्यकता जिसे सफलता पूर्वक पूरा किया गया। युवाओं से जुड़ा बजरंग दल हो या महिलाओं की दुर्गावाहिनी, इन संगठनों ने समाज के हित को सर्वाेपरि रखा।

उन्होंने कहा कि देश को संस्कारवान एवं राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत विद्यार्थी उपलब्ध कराने का जिम्मा विद्या भारती ने संभाल रखा है। यह एक मात्रा ऐसी संस्था है जहां विद्यार्थी एक दूसरे को भैया और बहन कहकर सम्बोधित करते है। विद्या भारती विद्यार्थियों में राष्ट्रीयता के भाव विकसित करती है। इसी तरह अन्नदाता किसानों की समस्याओं को राष्ट्र पटल पर भारतीय किसान संघ और आदिवासियों के कल्याण के लिए वनवासी कल्याण संघ कार्य कर रहे है। दोनों ही संस्थाओं को व्यापक समर्थन व स्नेह मिला है।

इसी तरह गरीब बस्तियों में सेवा भारती संस्था काम कर रही हैं। सेवा भारती के 1.22 लाख प्रकल्पों के माध्यम से गरीब और जरूरतमंदों को सहयोग किया जा रहा है। वकीलों के साथ अधिवक्ता परिषद, स्वदेशी के लिए स्वदेशी जागरण मंच, देशी ज्ञान-विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान भारती, विदेशी इतिहासकारों द्वारा बिगाड़े गये इतिहास को सुधारने के लिए इतिहास आंकलन समिति सहित कई ऐसे संस्थान है जो राष्ट्रहित में लगातार कार्यरत है।

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को इन संगठनों का सहयोग नही भूलना चाहिए। कार्यकर्ता इस प्रशिक्षण शिविर में प्राप्त प्रशिक्षण और विभिन्न संगठनों की राष्ट्रवादी सोच को आत्मसात करें और समाज को इन बेहतरीन संगठनों द्वारा समाज हित में की जा रही कार्यवाही से अवगत कराएं। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, राष्ट्रीय सेविका समिति, जनसंघ, राष्ट्रीय सिख संगत, भारतीय सिन्धु सभा आदि के समाज में योगदान को भी रेखांकित किया।

इस अवसर पर भाजपा के शहर जिला अध्यक्ष श्री अरविन्द यादव, जिला प्रमुख सुश्री वंदना नोगिया, महापौर श्री धमेन्द्र गहलोत, श्री शिवशंकर हेडा, श्री धर्मेश जैन एवं श्री जयकिशन पारवानी सहित पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।