बाड़मेर 35 साल बाद जेल की जमीन की पैमाइश तैयार कार्रवाई
हाईकोर्ट की ओर से नियुक्त न्याय मित्र की मौजूदगी में टीम ने पैमाइश करवाई, अतिक्रमियों ने रखा अपना पक्ष
{हाईकोर्ट में पेश होगी पैमाइश रिपोर्ट, अब अगली सुनवाई 29 सितंबर को होगी।
| बाड़मेर
जिला कारागृह को आवंटित जमीन पर किए गए अतिक्रमणों की पैमाइश करने शनिवार को हाईकोर्ट की ओर से नियुक्त न्याय मित्र दिनेश बोथरा,एसडीएम तहसीलदार के नेतृत्व में टीम पहुंची।
जेल डीएसपी चैनसिंह अतिक्रमियों की मौजूदगी में टीम ने जमीन की पैमाइश की प्रक्रिया शुरू की गई।
{हाईकोर्ट में पेश होगी पैमाइश रिपोर्ट, अब अगली सुनवाई 29 सितंबर को होगी।
| बाड़मेर
जिला कारागृह को आवंटित जमीन पर किए गए अतिक्रमणों की पैमाइश करने शनिवार को हाईकोर्ट की ओर से नियुक्त न्याय मित्र दिनेश बोथरा,एसडीएम तहसीलदार के नेतृत्व में टीम पहुंची।
जेल डीएसपी चैनसिंह अतिक्रमियों की मौजूदगी में टीम ने जमीन की पैमाइश की प्रक्रिया शुरू की गई।
राजस्व रिकार्ड के आधार पर पटवारियों ने जेल को आवंटित 32.4 बीघा जमीन को चिन्हित किया।
करीब दस बीघा जमीन पर काबिज लोगों की ओर से जमीन से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए अपना पक्ष रखा। न्याय मित्र दिनेश बोथरा हाईकोर्ट के वकील संगीत पुरोहित ने प्रशासन की टीम के साथ जेल को आवंटित जमीन का मौका मुआयना कर पैमाइश रिपोर्ट तैयार की।
करीब दस बीघा जमीन पर काबिज लोगों की ओर से जमीन से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए अपना पक्ष रखा। न्याय मित्र दिनेश बोथरा हाईकोर्ट के वकील संगीत पुरोहित ने प्रशासन की टीम के साथ जेल को आवंटित जमीन का मौका मुआयना कर पैमाइश रिपोर्ट तैयार की।
इस दौरान अतिक्रमियों ने एसडीएम तहसीलदार से रूबरू होते हुए कहा कि बीते 40 साल से उनके कच्चे पक्के मकान बने हैं। नगरपरिषद की ओर से पट्टे भी जारी हो चुके हैं। इस पर एसडीएम एच.आर. मेहरा ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश पर जमीन की पैमाइश की जा रही है। कोर्ट में आप भी अपना पक्ष रख सकते हैं।
^हाईकोर्ट के न्याय मित्र की मौजूदगी में जेल की जमीन की पैमाइश करवाई। पटवारियों की टीम ने जेल को आवंटित 35 बीघा जमीन को चिन्हित करते हुए रिपोर्ट तैयार कर दी है। अतिक्रमियों का पक्ष भी सुना गया। एच.आर.मेहरा, एसडीएम
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^हाईकोर्ट के न्याय मित्र की मौजूदगी में जेल की जमीन की पैमाइश करवाई। पटवारियों की टीम ने जेल को आवंटित 35 बीघा जमीन को चिन्हित करते हुए रिपोर्ट तैयार कर दी है। अतिक्रमियों का पक्ष भी सुना गया। एच.आर.मेहरा, एसडीएम
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तहसीलदारकी ओर से नोटिस जारी करने पर अतिक्रमियों ने जवाब पेश करते हुए भूखंडों के पट्टों के दस्तावेज पेश किए। यह पट्टे लक्ष्मी नगर में स्थित नगरपरिषद की जमीन के है। अतिक्रमण को कब्जे में तब्दील करने के उद्देश्य से जेल की जमीन पर हक जता रहे हैं। चैनसिंहमहेचा, डीएसपी जेल
^करीबपांच बीघा जमीन पर काबिज 15 लोगों के पक्ष में तत्कालीन राजस्व मंत्री गंगाराम चौधरी ने फैसला किया था। एक बार कोर्ट का फैसला भी हो चुका है। उक्त जमीन पर कच्चे-पक्के मकान सालों से आबाद है। नगरपरिषद की ओर से पट्टे भी जारी है। -बलवंतसिंह भाटी, पार्षद
^करीबपांच बीघा जमीन पर काबिज 15 लोगों के पक्ष में तत्कालीन राजस्व मंत्री गंगाराम चौधरी ने फैसला किया था। एक बार कोर्ट का फैसला भी हो चुका है। उक्त जमीन पर कच्चे-पक्के मकान सालों से आबाद है। नगरपरिषद की ओर से पट्टे भी जारी है। -बलवंतसिंह भाटी, पार्षद
^हाईकोर्ट के न्याय मित्र की मौजूदगी में जेल की जमीन की पैमाइश करवाई। पटवारियों की टीम ने जेल को आवंटित 35 बीघा जमीन को चिन्हित करते हुए रिपोर्ट तैयार कर दी है। अतिक्रमियों का पक्ष भी सुना गया। एच.आर.मेहरा, एसडीएम
^तहसीलदारकी ओर से नोटिस जारी करने पर अतिक्रमियों ने जवाब पेश करते हुए भूखंडों के पट्टों के दस्तावेज पेश किए। यह पट्टे लक्ष्मी नगर में स्थित नगरपरिषद की जमीन के है। अतिक्रमण को कब्जे में तब्दील करने के उद्देश्य से जेल की जमीन पर हक जता रहे हैं। चैनसिंहमहेचा, डीएसपी जेल
^करीबपांच बीघा जमीन पर काबिज 15 लोगों के पक्ष में तत्कालीन राजस्व मंत्री गंगाराम चौधरी ने फैसला किया था। एक बार कोर्ट का फैसला भी हो चुका है। उक्त जमीन पर कच्चे-पक्के मकान सालों से आबाद है। नगरपरिषद की ओर से पट्टे भी जारी है। -बलवंतसिंह भाटी, पार्षद
जमीन की पेमाइस करते हुए उपस्थित प्राशनिक अधिकारी
यह है मामला
^करीबपांच बीघा जमीन पर काबिज 15 लोगों के पक्ष में तत्कालीन राजस्व मंत्री गंगाराम चौधरी ने फैसला किया था। एक बार कोर्ट का फैसला भी हो चुका है। उक्त जमीन पर कच्चे-पक्के मकान सालों से आबाद है। नगरपरिषद की ओर से पट्टे भी जारी है। -बलवंतसिंह भाटी, पार्षद
जमीन की पेमाइस करते हुए उपस्थित प्राशनिक अधिकारी
यह है मामला
राज्यसरकार ने 18 अप्रैल, 1967 को 32 बीघा 4 बिस्वा भूमि तत्कालीन सब जेल को आवंटित की थी। यह भूमि वर्तमान में राजस्व रिकार्ड में जेल विभाग के नाम दर्ज है। वर्तमान में दस बीघा से भी भूमि पर अतिक्रमण हो गए हैं। कुछ ने नगर परिषद से पट्टे भी बना लिए हैं। जेल प्रशासन अतिक्रमियों के बीच विवाद बीते 35 सालों से चल रहा है। प्रशासन की ओर से कई बार भू-राजस्व की धारा 91 के तहत नोटिस जारी किए गए। इधर, कब्जाधारियों तत्कालीन राजस्व मंत्री गंगाराम चौधरी की ओर से फैसला उनके पक्ष में होने का हवाला दे रहे हैं। हाल ही में सेंट्रल जेल जोधपुर के बंदी भंवरलाल की ओर से हाईकोर्ट में जेल की जमीन पर अतिक्रमण मामले की याचिका दायर करवाने के बाद न्याय मित्र दिनेश बोथरा को उक्त जमीन की पैमाइश करने के निर्देश दिए।
बाड़मेर. जमीन पर हो रहे अतिक्रमण को जमीन की पैमाइश के दौरान विरोध करते स्थानीय लोग ^हाईकोर्ट के न्याय मित्र की मौजूदगी में जेल की जमीन की पैमाइश करवाई। पटवारियों की टीम ने जेल को आवंटित 35 बीघा जमीन को चिन्हित करते हुए रिपोर्ट तैयार कर दी है। अतिक्रमियों का पक्ष भी सुना गया। एच.आर.मेहरा, एसडीएम
तहसीलदारकी ओर से नोटिस जारी करने पर अतिक्रमियों ने जवाब पेश करते हुए भूखंडों के पट्टों के दस्तावेज पेश किए। यह पट्टे लक्ष्मी नगर में स्थित नगरपरिषद की जमीन के है। अतिक्रमण को कब्जे में तब्दील करने के उद्देश्य से जेल की जमीन पर हक जता रहे हैं। चैनसिंहमहेचा, डीएसपी जेल
^करीबपांच बीघा जमीन पर काबिज 15 लोगों के पक्ष में तत्कालीन राजस्व मंत्री गंगाराम चौधरी ने फैसला किया था। एक बार कोर्ट का फैसला भी हो चुका है। उक्त जमीन पर कच्चे-पक्के मकान सालों से आबाद है। नगरपरिषद की ओर से पट्टे भी जारी है। -बलवंतसिंह भाटी, पार्षद
^करीबपांच बीघा जमीन पर काबिज 15 लोगों के पक्ष में तत्कालीन राजस्व मंत्री गंगाराम चौधरी ने फैसला किया था। एक बार कोर्ट का फैसला भी हो चुका है। उक्त जमीन पर कच्चे-पक्के मकान सालों से आबाद है। नगरपरिषद की ओर से पट्टे भी जारी है। -बलवंतसिंह भाटी, पार्षद