नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरी बार लाल किले की प्राचीर से देश से रू-ब-रू हुए। शनिवार को उन्होंने देशवासियों को आजादी की 68वीं सालगिरह (69वां इंडिपेंडेंस-डे) की बधाई दी। तिरंगा फहराने के बाद जब मोदी स्पीच देने खड़े हुए तो वहां से कोई 5 किलोमीटर दूर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे रिटायर्ड फौजियों को वन रैंक-वन पेंशन के एलान की उम्मीद थी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। हालांकि, मोदी ने कुछ नए एलान किए। यही नहीं, 86 मिनट 10 सेकंड भाषण देकर उन्होंने पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। नेहरू ने 1947 में 72 मिनट का भाषण दिया था।
मोदी ने किए 4 बड़े एलान
- मोदी की स्पीच में पिछली बार जहां 'मेक इन इंडिया' पर जोर था, इस बार उन्होंने स्टार्ट अप इंडिया-स्टैंड अप इंडिया की बात कही।
- पिछली बार योजना आयोग का नाम बदलने की बात कही थी। इस बार कहा कि कृषि मंत्रालय का नाम बदलकर कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय होगा।
- पिछली बार उन्होंने सांसद आदर्श ग्राम योजना का जिक्र किया था। इस बार एक हजार दिनों में उन 18500 गांवों तक बिजली पहुंचाने का एलान किया, जहां अब तक बिजली के खंभे भी नहीं लगे हैं।
- पिछले साल उन्होंने कहा था कि 2019 तक पूरा देश 'स्वच्छ भारत अभियान' के तहत साफ होगा। इस बार कहा कि हम संकल्प करें कि 2022 तक दलित, आदिवासी, महिलाएं और युवाओं के हाथ मजबूत करने का संकल्प पूरा होगा।
मोदी के 3 बड़े कोट्स
- मोदी बोलते-बोलते पसीने से तर हाे गए। कहा- सवा सौ करोड़ देशवासी ही टीम इंडिया हैं। यही टीम देश को आगे बढ़ा रही है।
- 15 महीने पहले दिल्ली में आपने जो सरकार बैठाई, उस पर एक नए पैसे के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है। कुछ लोग जब तक निराशा की बात नहीं करते, उन्हें नींद नहीं आती। लेकिन आपने जिस सपने के लिए हमें बैठाया, उसे पूरा करने के लिए हर जुल्म सहता रहूंगा। हर अवरोधों का सामना करूंगा।’
- ‘अपनी आत्मा से पूछें- करप्शन गया कि नहीं गया? मैंने भाषण नहीं दिया, करके दिखाया।’
इस बार भी वैसा ही साफा, वैसा ही अंदाज, लंबी स्पीच का नेहरू का तोड़ा रिकॉर्ड
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इस साल
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पिछले साल
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लाल किले से कितनी देर बोले मोदी?
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मोदी 86 मिनट 10 सेकंड बोले। नेहरू के 1947 में 72 मिनट के सबसे लंबे स्पीच का रिकॉर्ड तोड़ा।
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64 मिनट। नेहरू के बाद दूसरी सबसे लंबी स्पीच थी।
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कैसे बोले?
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बिना पढ़े बोले। लेकिन नोट्स बनाकर लाए थे।
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पिछली बार भी बिना पढ़े स्पीच दी।
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क्या बुलेटप्रूफ कवर था?
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नहीं। जबकि राजीव गांधी के बाद दूसरे ऐसे पीएम हैं जिनकी सिक्युरिटी को सबसे ज्यादा खतरा है।
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इंदिरा गांधी के बाद 29 साल बाद किसी पीएम ने बुलेटप्रूफ शीशे के बिना स्पीच दिया था।
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क्या था पहनावा?
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क्रीम कलर का कुर्ता, सफेद पायजामा, क्रीम कलर की सिल्क-कॉटन मिक्स जैकेट, जोधपुरी साफा।
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क्रीम कलर का बंद गले वाला मोदी कुर्ता, जोधपुरी बंधेज साफा, चूड़ीदार पायजामा और सैंडल।
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लाल किले की प्राचीर तक कैसे गए?
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गार्ड ऑफ ऑनर के बाद सीढ़ी चढ़कर ही तिरंग फहराने लाल किले की प्राचीर तक गए।
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बिना लिफ्ट के सीढ़ी से। जबकि उनके पहले कई पीएम लिफ्ट का इस्तेमाल करते थे।
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क्या सुरक्षा तोड़ा?
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बिल्कुल। बच्चों से इस कदर मिले कि एसपीजी को कंट्रोल करना मुश्किल हो गया।
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घेरा तोड़कर नीचे बच्चों से मिले, हाथ मिलाया, फोटो खिंचवाए।
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इतिहास की किन शख्सियतों को याद किया?
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संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर और महात्मा गांधी।
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महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई, चंद्रशेखर आजाद, स्वामी विवेकानंद।
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महिला सुरक्षा पर क्या बोले?
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2022 तक संकल्प करें कि महिलाओं को सशक्त बनाएंगे, बैंक भी स्टार्टअप में महिलाओं की मदद करें।
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दुष्कर्म शर्म का विषय है, हमें लड़कों को अनुशासित करना होगा।
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किन योजनाओं का एलान?
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जन कल्याण, आदिवासियों के लिए बनी योजना पर फोकस। स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, 1000 दिन में 18500 गांवों में बिजली। कृषि मंत्रालय अब कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय होगा। 2022 तक दलित, आदिवासी, महिला, युवा सशक्तीकरण का संकल्प पूरा होगा।
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जनधन योजना, संसद आदर्श ग्राम, मेक इन इंडिया, योजना आयोग की जगह नया आयोग, स्वच्छ भारत अभियान।
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खुद के बारे में क्या कहा?
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कहा- आपके देखे सपने के लिए हर जुल्म सहता रहूंगा, अवराेधों का सामना करता रहूंगा।
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कहा- गरीब परिवार का आम आदमी आज यहां खड़ा है। मैं प्रधानमंत्री नहीं, प्रधान सेवक हूं।
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पर्यावरण पर क्या बोले?
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कुछ खास नहीं।
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जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट। यानी सामान बनाने में कोई डिफेक्ट न हो और उसे बनाने की प्रोसेस में एन्वायरन्मेंट पर इफेक्ट न पड़े।
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पाकिस्तान पर क्या बोले?
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इस बार भी कोई जिक्र नहीं।
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बरसों बाद किसी पीएम ने अपने स्पीच में पाकिस्तान के बारे में कुछ नहीं कहा।
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रिटायर्ड फौजियों को थी मोदी से उम्मीदें, लेकिन वन रैंक-वन पेंशन का एलान नहीं
देश में 25 लाख से ज्यादा रिटायर्ड फौजी हैं। उन्हें वन रैंक-वन पेंशन योजना के एलान की उम्मीद थी। इसे ऐसे समझें कि जो अफसर कम से कम 7 साल कर्नल की रैंक पर रहा हो, उसे 10 या 12 साल कर्नल रहे अफसरों से कम पेंशन नहीं मिलेगी, बल्कि उनके बराबर ही मिलेगी। लेकिन 15 अगस्त पर भी मोदी ने इसकी घोषणा नहीं की। सिर्फ यही कहा- ‘मैं तिरंगे की छत्रछाया में लाल किले की प्राचीर से कह रहा हूं कि सैद्धांतिक रूप से हमने वन रैंक-वन पेंशन योजना को मंजूर कर लिया है। लेकिन बातचीत चल रही है जो अंतिम दौर में है।’
मोदी ने करप्शन के मुद्दे पर कांग्रेस को कैसे लपेटा?
- सुषमा स्वराज पर लगे आरोपों पर : मोदी ने कहा- ‘15 महीने पहले दिल्ली में आपने जो सरकार बैठाई, उस पर एक नए पैसे के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है। कुछ लोग जब तक निराशा की बात नहीं करते, उन्हें नींद नहीं आती। लेकिन आपने जिस सपने के लिए हमें बैठाया, उसे पूरा करने के लिए हर जुल्म सहता रहूंगा। हर अवरोधों का सामना करूंगा।’
- करप्शन के बाकी मुद्दाें पर लगे आरोपों पर : मोदी ने कहा- करप्शन दीमक की तरह है जो पहले दिखती नहीं, फिर बेडरूम की अलमारी तक आ जाने पर पता चलती है। कुछ लोग बीमार होते हैं तो वे चाहते नहीं कि पता चले बीमारी क्या है? फिर कुछ ऐसे होते हैं जो खुद बीमारी की बात करते हैं घंटों। सवा सौ करोड़ देशवासी इनके लिए टाइम वेस्ट नहीं करेंगे। आप अपनी आत्मा से पूछें- करप्शन गया कि नहीं गया? मैंने भाषण नहीं दिया, करके दिखाया। यह देश करप्शन से मुक्त हो सकता है। सीबीआई ने करप्शन के सिर्फ 800 केस किए थे। हमारे आने के बाद अब तक 1800 केस दर्ज हो चुके हैं।
- कालेधन पर कुछ नहीं करने के आरोपों पर : मोदी ने कहा- हमारी सरकार बनने के बाद पहले ही दिन हमने तीन हफ्ते से लटका काम पूरा किया। हमने एसआईटी बनाई। कई देशों से संधियां की, ताकि जिस देश के पास किसी भारतीय नागरिक का कालाधन हो तो हमें रियल टाइम जानकारी दे। कालाधन वापस लाने की लंबी प्रॉसेस है, वो चल रही है। पर इतना हो गया है कि अब कोई कालाधन बाहर भेज नहीं सकता। अघोषित 6500 करोड़ रुपए आ गए। यह पैसा भारत के गरीबों के काम आएगा।
- कोयला घोटाले पर : मोदी ने कहा- कोयले की चर्चा करूंगा तो कुछ पॉलिटिकल पंडित राजनीतिक तराजू से तौलेंगे। इसलिए प्रार्थना करता हूं कि राजनीतिक तराजू से न तौलें। यह राष्ट्र की संकल्प शक्ति की बात है। पर्ची से कोयले की खदान देने के कारण 1.74 लाख करोड़ रुपए नुकसान हुआ। हम भी चुनाव में बात करते थे, लेकिन लगता था कि इतना नुकसान नहीं हुआ होगा। हमने समय सीमा के तहत कोयला, स्पेक्ट्रम सबकी नीलामी करने की सोची। समय सीमा में कोयले का ऑक्शन हुआ और 3 लाख करोड़ रुपए देश के खजाने में आ गए।
मोदी ने अपनी सरकार की पीठ कैसे थपथपाई?
1. जनधन : मोदी ने कहा- मैंने पिछले 15 अगस्त को पीएम जनधन योजना की घोषणा की थी। 40 फीसदी लोग बैंक खातों से वंचित थे। गरीब के लिए बैंकों के दरवाजे बंद थे। हमने कहा था 26 जनवरी को जब देश तिरंगे के सामने खड़ा होगा और तब तक काम पूरा होगा। 17 करोड़ लोगों ने पीएम जनधन योजना के तहत खाते खुलवाए। जीरो बैंलेंस अकाउंट खोलने के बावजूद 20 हजार करोड़ रुपए जमा किए गए।
2. इन्श्योरेंस स्कीम : मोदी ने कहा- हमने सामाजिक सुरक्षा, गरीबों की भलाई, पीएम सुरक्षा बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, पीएम जीवन ज्योति योजना से इस पर बल दिया है। देश में करोड़ों-करोड़ लोग हैं जिन्हें सुरक्षा कवच नहीं है। हमने योजना बनाई - एक महीने का एक रुपया। 12 महीने में 12 रुपए में आप पीएम सुरक्षा योजना के हिस्सेदार बन जाइए और आपदा के समय 2 लाख रुपए मिलेंगे। - परिवार के स्वास्थ्य के लिए दो लाख रुपए का बीमा 90 पैसे पर किया। 100 दिन में ही 10 करोड़ नागरिकों ने इसका लाभ लिया। मतलब दस करोड़ परिवार। 30-35 करोड़ में से 10 करोड़ परिवार इस योजना में शरीक हो गए हैं। हमारी सरकार की, टीम इंडिया की पिछले एक साल की विशेषता है। सबसे बड़ा काम है समय सीमा में निर्धारित कामों को पूरा करना।
3. स्कूलों में टॉयलेट्स : मोदी ने कहा- जब काम शुरू किया तो ध्यान में आया 2 लाख 62 हजार स्कूलों में सवा चार लाख से ज्यादा शौचालय बनाने होंगे। कोई भी सरकार इसके लिए पैसा बढ़ा देती। पर टीम इंडिया का संकल्प देखिए। आज 15 अगस्त को मैंने अभिनंदन रखा, तिरंगे का सम्मान किया और इस सपने को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, करीब-करीब सारे शौचालय बनाने में सफलता पाई है।
3. पीएफ का यूनीक नंबर : पीएम ने कहा- गरीब आदमी 6-8 महीने, फिर साल दो साल बाद कहीं और नौकरी को चला जाता है। पूंजी भी कम होती है तो निकालने नहीं जाता। इस कारण पसीने की कमाई का हिस्सा सरकार की तिजोरी में सड़ रहा था। हमने उपाय खोजा और स्पेशल पहचान (पीएफ का यूनीक नंबर) दी। आपका तबादला कहीं भी हो, नंबर साथ रहेगा और रुपए भी आपके साथ होंगे। 27 हजार करोड़ रुपए वापस देने की दिशा में कदम उठाया।
4. एलपीजी की सब्सिडी : एलपीजी को हमने डायरेक्ट ट्रांस्फर की योजना बनाया। ग्राहकों के खाते में सीधी सब्सिडी डाली। इसके कारण दलालों, बिचौलियों, कालाबाजारी करने वाले... सबकी दुकान बंद हो गई। आज मैं कहना चाहता हूं कि इसके कारण 15 हजार करोड़ रुपए हर साल गैस सिलेंडर के नाम से चोरी होता था, वो बंद हो गया। करप्शन चला गया। सब्सिडी छोड़ने के गिवइटअप कैंपेन के तहत 20 लाख लोगों ने गैस सब्सिडी छोड़ दी है। यह आंकड़ा छोटा नहीं है। ये कोई अमीर घराने के नहीं हैं। सामान्य मध्यम वर्ग के हैं जिन्होंने सब्सिडी छोड़ी।