मंगलवार, 21 अप्रैल 2015

जैसलमेर हेरोईन तस्कर ने पुछताछ में उगले कई राज



जैसलमेर हेरोईन तस्कर ने पुछताछ में उगले कई राज

हेरोईन तस्करी में अन्र्तराष्ट्रीय गिरोह है सम्मिलित


जैसलमेर ए.टी.एस. की सूचना पर जैसलमेर व बाडमेर पुलिस की संयुक्त कार्यवाही द्वारा पाॅच तस्करों को गिरफतार कर सीमा पार से लाई गई 09 किलो हेरोईन बरामद कर बडी सफलता हासिल की गई थी। जिसके बाद पुलिस थाना झिझनियाली में मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान सुमेरसिंह उप निरीक्षक पुलिस, थानाधिकारी पुलिस थाना सांगड को सुपूर्द किया गया।

पुछताछ में उगले राज

माली हालत एवं गरीब के कारण तस्करी की तरफ खिचाव

तस्कर करीम खाॅ का मामा पाकिस्तान में करता है हेरोईन की तस्करी

हेरोईन तस्करी में लिप्त तस्करों को गिरफतार करने के बाद उनके विरूद्ध पुलिस थाना झिझनियाली में मुकदमा दर्ज कर हेरोईन तस्करों से पुछताछ की गई तो पुछताछ में अब्दुल करीम पुत्र हकीमखाॅ मेहर मुसलमान निवासी रासला पुलिस थाना सांगड बताया कि वह लगभग 02 वर्ष पूर्व दौ बार पाकिस्तान गया था। जहाॅ पर मेरा मामा मेहरदीन, अमरकोट में निवास करता है। जिसको मेने मेरी गरीबी एवं माली हालत के बारे में जिक्र किया था तब मेरे मामा में इस काम के बारे में बताया जोकि मेरा मामा पाकिस्तान में यही कार्य करता है। मामा ने जकिया उर्फ जाकब पुत्र मलार समेजा मुसलमान निवासी भुगरिया पुलिस थाना बिजराज बाडमेर माध्यम से हेरोईन भेजी थी। जिसको आगे किसी को सप्लाई देनी थी। इस सप्लाई के लिए मुझ प्रति किलो 40000 रूपये मिलते है, जिसको में आरबखाॅ पुत्र गजणखाॅ मुसलमान निवासी देवीकोट पुलिस थाना सांगड के साथ बाटता था।

हेरोईन तस्करी में अन्र्तराष्ट्रीय गिरोह है सम्मिलित

करीमखाॅ ने पुछताछ में बताया कि मेरे पास अफगानिस्तान से अली नामक व्यक्ति का फोन आया तथा अली ने पुछा कि माल मिला या नहीं माल आने पर अली फोन करके बताता कि कहाॅ लाना है। यह तथ्य पुलिस के अनुसंधान में भी साबित हुआ है। करीम ने बताया कि खरीददार उसको केवल 2.4 लाख रूपये देता। हेरोईन का मूल्य मेरे मामा मेहरदीन को पाकिस्तान में चुकाना जाना है।

आधार पता किये बिना कडी में जुडे हुए तस्कर

करीम खाॅ ने पुछताछ के दौराने बताया कि मेरे मामा अफगानिस्तान से पाकिस्तान हेरोईन लाता है, तस्करी करता है। हमें यह पता नहीं होता है कि माल कहाॅ से आया है तथा किसको देना है। हमें तो बस फोन करके बताया जाता है था कि व्यक्ति से माल लेकर दूसरे व्यक्ति को देना है, इसके आधार के बारे में हमें कुछ नहीं बताया जाता था तथा इसकी हमें जानकारी नहीं थी। प्रत्येक कड़ी को बताया जाता था ष्छममक जव ा

प्रीबीएड के ऑनलाइन आवेदन 23 तक



अजमेर प्री.बीएड परीक्षा के ऑनलाइन आवेदन जारी हैं। मंगलवार तक परीक्षा शुल्क जमा करा चुके अभ्यर्थी 23 अप्रेल तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय 17 मई को प्री. बीएड परीक्षा कराएगा।
application can submit for pre b.ed online exam till 23 april
समन्वयक प्रो. बी. पी. सारस्वत ने बताया कि मंगलवार तक परीक्षा शुल्क जमा करा चुके विद्यार्थी 23 अप्रेल तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। उल्लेखनीय है कि अब तक 2.75 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी आवेदन कर चुके हैं।

जवां रहने के जुनून में सुअर के खून से नहाती है ये मॉडल -





हाल ही में एक हॉलीवुड रिएलिटी शो में 19 वर्षीय टीनएज मॉडल ने अपने जवान रहने की सनक का खुलासा किया। जवां रहने के लिए ये मॉडल ऎसा काम करती है, जिसे आप सोच भी नहीं सकते। एक फ्रीलेंस मॉडल चेनल ने बताया कि वह अपनी स्किन और जवां दिखने को लेकर बहुत जुनूनी है और इसके लिए वह सुअर के खून से नहाती है। चेनल का कहना है कि पुराने जमाने में भी महिलाएं जवां रहने के लिए ऎसा करती थी। आगे की स्लाइड में जानिए क्या है मॉडल का सबसे बड़ा डर...कैलिफोर्निया में रहने वाली इस मॉडल का कहना है कि बूढ़ा होना, झुर्रियां पड़ना और एक्स्ट्रा लूज स्किन मेरा सबसे बड़ा डर है। इसे रोकने के लिए जो भी हो सकता है, मैं वह करती हूं। मॉडल के मुताबिक यंग एज में ही उन्हें अभी से बूढ़े होने के साइन दिखने लगे हैं, जिससे उनका मानना है कि उनका मॉडलिंग करियर जल्द ही खत्म हो जाएगा। आगे की स्लाइड में जानिए इससे बचने के लिए क्या करती है चेनल... अपने आपको जवां रखने के लिए खुद को वेजीटेरियन बताने वाली चेनल सुअर के खून से नहाती है। उनका मानना है कि इससे उनकी स्किन सॉफ्ट और टाइट रहती है। उनके परिवार ने जब उनसे इस बात को साबित करने के लिए कहा तो वे अपने दावों को साबित करने में असमर्थ रही। मॉडल इसके अलावा भी कई ब्यूटी ट्रीटमेंट इस्तेमाल करती है। चेनल की दादी उनके खून से नहाने वाले तरीके से चिंतित हैं। मॉडल का कहना है कि सुअर के खून से नहाने से स्किन सॉफ्ट हो जाती है, लेकिन अब उनकी ऎसा करने की कोई इच्छा नहीं है। -


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इस तरह लूटा भारत के छोरों ने विदेशी हसीनाओं का दिल



जालंधर: प्यार न तो कोई सीमा देखता है और न ही वजह, प्यार तो सिर्फ हो जाता है, और प्यार में लोग क्या कुछ नहीं कर बैठते, कहे तो प्यार को न कोई सरहद रोक पाती है न जाति-धर्म और संस्कृति इसके आड़े आती है। ऐसे ही कई मामले हुए जहा विदेशी मेम भारत के छोरे को दिल दें बैठी और प्यार में विदेश से भारत आ गई। और किसी की परवाह न करते हुए शादी के बंधन में बंधने का फैसला लिया।





जापानी बाला ने बनारसी छोरे से रचाई शादी

जापान से घूमने आई एक जापानी बाला साचिको जिम्बो, टूरिस्ट गाइड विनय कुमार जायसवाल को दिल दे बैठी, पिंटू ने जापानी महिला को बनारस और आसपास की सैर कराई। इसी दौरान दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो गई। समय बीता और दोनों के बीच प्रेम परवान चढने लगा। और हिंदू रीति-रिवाज से दोनों ने अग्नि को साक्षी मानकर शादी कर ली।



हरियाणा के छोरे ने लूटा जर्मनी की मेम का दिल

हरियाणा के हिसार में रहने वाले छोरे को एक जर्मनी मेम दिल दें बैठी। हिसार का रहने वाला विकास 12वीं पास करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए जर्मनी चला गया। बाद में वहीं जर्मन विश्वविद्यालय में आइटी मैनेजर बन गया। इसी दौरान विकास की मुलाकात जर्मनी में ही रहने वाली मार्टिना से हुई। जिसके बाद दोनों को प्यार हो गया। मार्टिना के पिता वर्नर ने भारत आकर बेटी का कन्यादान भी किया। और दोनों शादी के बंधंन में बंध गए।



फेसबुक पर हुआ प्यार मेम को खीच लाया भारत

सोशल मीडिया फेसबुक पर हुई दोस्ती कब प्यार तक पहुच गई पता ही नहीं चला। हरियाणा के एक छोरे को अपनी उम्र से 15 साल बड़ी मेम से प्यार हो गया. करनाल जिले के पोपड़ी गांव निवासी मुकेश को अमेरिका की रहने वाली एड्रियाना से प्यार हुआ और शादी के लिए व भारत आ गई, और दोनों ने मंदिर में शादी कर ली। और शादी के साल बाद उनका एक बच्चा भी है जिसका नाम एनाया रखा है। हालाकि दोनों को वीजा में काफी दिक्कत आ रही है।



कोरिया की मेम को हुआ भारतीय से प्यार, बोलती है राम राम

जींद के रामराय गांव के रहने वाले एक लड़के को दक्षिण कोरिया की लड़की से प्यार हो गया। हुआ कुछ ऐसा कि भारतीय लड़का पढऩे के लिए दक्षिण कोरिया गया और वहीं उसे एक होटल में नौकरी मिल गई, और वहीं पर काम करते हुए उससे होटल में ही एक कर्मचारी सियोनकिम से पहचान हो गई और धीरे-धीरे प्यार बढऩे के साथ मामला शादी तक पहुंच गया। और शादी के लिए परिवार की रजामदी के बाद दोनों ही भारत आ गए और शादी कर ली। लेकिन विदेशी महिला सियोनकिम को हिन्दी तो नहीं आती लेकिन भारत में आकर व राम-राम बोलना जरूर सीख गई है।



पाकिस्तान की सैयदा बनी गुरदासपुर की बहू

अहमदिया मुस्लिम जमात के 123वें सालाना जलसे में भाग लेने आई सैयद साजिदा मोना का विवाह कादियां निवासी सैयद शरजील अहमद पुत्र सैयद सुहेल अहमद के साथ इस्लाम रीति रिवाज के अनुसार हुआ। एक ओर जहां भारत-पाकिस्तान में इस समय तनाव का माहौल बना हुआ है तो दूसरी ओर दोनों देशों के नागरिकों में प्यार की डोर बंधना एक अच्छा कदम है। शरजील अहमद ने इस दिन को बहुत मुबारक व खुशियों वाला बताते हुए कहा कि मेरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मांग है कि वह भारत-पाक के संबंधों में सुधार कर वीजा प्रणाली आसान बनाएं, ताकि दोनों देशों के रिश्तों अच्छे हों।



अमेरिकी युवती ने की फेसबुक फ्रेंड किसान युवक से शादी

फेसबुक पर छह माह पहले हुई दोस्ती न जाने कब प्यार में बदल गई और अमेरिका के इंडियाना प्रांत की युवती ने गुजरात आकर अपने प्रेमी से विवाह रचा लिया। खेडा जिले के 35 वर्षीय केतन कुमार कांतिलाल पटेल 12वीं तक पढ़े-लिखे हैं। छह माह पहले फेसबुक पर उनकी दोस्ती अमेरिका के इंडियाना प्रांत की वेंडी के. जॉनसन के साथ हुई थी। फेसबुक पर ही लगातार बातचीत होती रही और न जाने कब दोनों प्रेम के बंधन में बंध गए। आाखिर गत माह युवती केतन पटेल के गांव पहुंची। कुछ दिन उसके साथ रहने के बाद गत सप्ताह इन दोनों ने हिन्दू रीति-रिवाज से विवाह कर लिया।



इंग्लैंड की सोनिया मेरिकेट्स बनी सिंह की कौर

अमृतसर के रहने वाले गगनदीप सिंह को फेसबुक के जरिए विदेशी लड़की से हुआ प्यार लड़की को अमृतसर खीच लाया। इंग्लैंड के साउथ हाल की रहने वाली सोनिया मेरिकेट्स को गगनदीप सिंह से फेसबुक पर दोस्ती हुई और बातो ही बातों में दोनों के बीच दोस्ती प्यार में बदल गई। अमृतसर में आकर सोनिया मेरिकेट्स ने सिख धर्म अपनाया और दोनों ने शादी कर ली

खुशियां देकर कम कर रही गम किन्नर लीला



बालोतरा

किन्नर, मतलब परिवार बिना जीवन। बकौल लीला अधकचरी जिंदगी। अधूरी जिन्दगी मिलने के बाद भी बालोतरा निवासी किन्नर लीला ने अपने तरीके से पूरा करने का प्रयास किया है।

वह कन्यादान कर अब तक करीब 150 बेटियों की मां का दर्जा हासिल कर चुकी है। लीला की अंगूली पकड़ 35 बच्चे शिक्षा के रास्ते पर आगे बढ़ रहे है।

आम धारणा है कि किन्नर यजमानों से मिली राशि अपने और अपने समाज पर ही व्यय करते हैं, लेकिन बी.एससी. तक शिक्षित 48 साल की लीला लीला 21 साल पहले बालोतरा आई और यहां के लोगों के दुख-दर्द की साथी बनकर रह गई।

इतना बड़ा परिवार

लीला को इस बात का बड़ा इत्मिनान है कि आज उसका परिवार बहुत बड़ा हो गया है। 150 बेटियां हैं। जिन परिवारों से जुड़ाव हुआ वे और जिन यजमानों से मदद लेकर कार्य करवाया वे भी निरंतर उसके संपर्क में रहते हैं।

अक्षय तृतीया पर इस बार पांच विवाह

अक्षय तृतीया 21 अप्रेल को लीला पांच बेटियों की शादियां करवाने की तैयारी में जुटी हुई हैं। वह कहती है घर-घर घूमती हूं। सेठ-साहूकारों से अन्न-धन लेती हूं।

उसे जरूरतमंदों में बांट देती हूं। वह मिलने वाली मदद से 60 प्रतिशत राशि गोशाला, शिक्षा, शादी, गरीबों की मदद में लगा देती है।

इससे उसे आत्मिक सकून भी मिलता है। लीला बाल विवाह नहीं कराती है, और विवाह के दौरान इसका ध्यान भी रखती है।

मिसाल

किन्नर लीला ने कराए 150 विवाह

अपने खर्चे पर पढ़ा रही बच्चों को

कश्यप ऋषि को धरती का दान कर कहां गए थे परशुराम?



धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान परशुराम का जन्म वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया को भृगुवंशीय ऋषि जमदग्नि की पत्नी रेणुका के गर्भ से हुआ था। विष्णु के दस अवतारों में से छठे अवतार के रूप में अवतरित परशुराम का प्रारम्भिक नाम राम था परंतु अपने गुरु भगवान शिव से प्राप्त अमोघ दिव्य शस्त्र परशु (फरसा) को धारण करने के कारण यह परशुराम कहलाए।
where went parshuram after donate earth
सत्य के साथ पराक्रम

परशु पराक्रम का प्रतीक है, राम पर्याय है सत्य सनातन का, इस प्रकार परशुराम पराक्रम के कारक और सत्य के धारक हैं। जन्म समय में छह ग्रह उच्च के होने से वे तेजस्वी, ओजस्वी, वर्चस्वी महापुरुष थे।

प्रतापी एवं मातृ-पितृ भक्त परशुराम ने जहां पिता की आज्ञा से माता का गला काट दिया, वहीं पिता से माता को पुनः जीवित होने का वर मांगकर उन्हें जीवित कर लिया।

अन्याय के खिलाफ आवाज

परशुराम को उनके हठी स्वभाव, क्रोध और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के लिए याद किया जाता है। प्राणी मात्र का हित ही उनका सर्वोपरि लक्ष्य था।

न्याय के पक्षधर परशुरामजी दीन-दुखियों, शोषितों और पीड़ितों की निरंतर सहायता एवं रक्षा करते थे। अंत में परशुराम ने कश्यप ऋषि को पृथ्वी का दान कर दिया और स्वयं महेंद्र पर्वत पर निवास करने लगे।

चिरंजीवी हैं परशुराम

परशुराम का सप्त चिरंजीवियों में स्थान है। वह आज भी इस ब्रह्मांड में विचरण करते हैं। परशुराम जयंती पर हवन, पूजन, भोग, भंडारा एवं दान करना शुभ होता है। इस दिन किए जाने वाले दान पुण्य का अक्षय फल प्राप्त होता है।

अबूझ और शुभ तिथि

अक्षय तृृतीया को अबूझ मुहूर्त वाली शुभ तिथि माना जाता है। इसी दिन भगवान विष्णु ने नर-नारायण और हयग्रीव के रूप में अवतार लिया था। इस तिथि से ही सतयुगादि युगों का प्रारम्भ होने के कारण इसे युगादि तिथि कहते हैं। बद्रीनाथ धाम के कपाट भी इसी तिथि से खुलते हैं।

आध्यात्मिक महत्व के कारण ही अक्षय तृृतीया का दिन विवाह, चूड़ाकर्म, रत्न धारण, मंत्र साधना आदि शुभ मांगलिक और धार्मिक कार्यों के लिए स्वयंसिद्ध मुहूर्त का दिन है। भविष्य पुराण के अनुसार अक्षय तृृतीया परम पुनीत मंगलकारी एवं अक्षय पुण्य फलदायिनी तिथि है।

इस दिन जप, दान, हवन, स्वाध्याय, व्रत आदि करने का महापुण्य एवं अक्षय फल प्राप्त होता है। इस तिथि से नया कार्य व्यवसाय प्रारम्भ करने से सफलता की संभावना बढ़ जाती है।

- डॉ. महेश शर्मा

सोमवार, 20 अप्रैल 2015

जोधपुर ट्रेन के आगे कूदकर युवक ने की आत्महत्या

young man suicide by jumping in front of train

जोधपुर
शहर के महामंदिर क्षेत्र में सोमवार शाम को एक युवक ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई है। शव एमजीएच की मोर्चरी में रखवाया गया है।
महामंदिर थाना पुलिस के अनुसार शाम करीब साढ़े पांच बजे एक युवक ट्रेन की पटरी पर सो गया। इस दौरान पैलेस ऑन व्हील ट्रेन पटरी से गुजरी। नीचे लेटा युवक ट्रेन से कट गया, जिससे उसकी मौत हो गई। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। मृतक की शिनाख्त का प्रयास किया जा रहा है। हादसे के बाद कुछ देर तक ट्रेन मौके पर रुकी रही।

बाड़मेर हादसे में आबकारी अधिकारी की पत्नी की मौत

Excise officer's wife death in accident

बाड़मेर

जोधपुर के जिला आबकारी अधिकारी प्रदीप बालाच की पत्नी की रविवार शाम हादसे में मौत हो गई। प्रदीप बालाच दो दिन के अवकाश पर अपने गांव गडरा रोड आए हुए थे।

सूत्रों के अनुसार रविवार शाम बालाच अपनी पत्नी निर्मला के साथ निजी वाहन से निकटवर्ती गांव जैसिंधर की सरहद में स्थित भूरे की बस्ती में धार्मिक स्थल पर गए। उनके साथ कार में उनका पुत्र व भाई भी था। बालाच खुद गाड़ी ड्राइव कर रहे थे। धार्मिक स्थल से लौटते समय जैसिंधर की सरहद में मोड़ पर अचानक वाहन का दरवाजा खुल गया। इससे उनकी पत्नी निर्मला (28 ) नीचे गिर गई, उसके सिर में गंभीर चोटें आईं। उन्हें तत्काल निकटवर्ती अस्पताल गडरारोड ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित किया।

जोधपुर आबकारी महकमे में शोक

हादसे के समाचार के बाद जोधपुर आबकारी महकमे में शोक छा गया। जोधपुर आबकारी कार्यालय के अधिकांश स्टाफ सोमवार को अंतिम संस्कार में शामिल होने उनके गांव पहुंचे।

पोरबंदर में पकड़ी गई संदिग्ध नाव, हजारों करोड़ के ड्रग्स भी बरामद -



नौसेना और तट रक्षक की टीम को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। दोनों ने संयुक्त अभियान के दौरान बड़ी मात्रा में नशे की खेप बरामद की है। नशे की ये खेप एक संदिग्ध नाव से बरामद हुई है जो पोरबंदर के पास पकड़ी गई। ये संदिग्ध नाव पोरंबदर से भारत में घुसपैठ की कोशिश में थी। संदिग्ध नाव पाकिस्तान का बताया जा रहा है जिस पर चार से पांच घुसपैठिए सवार थे।

दो दिनों पहले खूफिया एजेंसियों ने खबर दी थी कि समुंद्र के रास्ते पाकिस्तानी घुसपैठ कर सकते हैं। इस अलर्ट के बाद नौसेना और तट रक्षक की टीम ने एक अभियान चलाया। दो दिनों तक चले इस अभियान के दौरान बड़ी कार्रवाई करते हुए नौसेना और तट रक्षक ने एक संदिग्ध नाव को पकड़ा। ये नाव गुजरात के रास्ते भारत में घुसने की फिराक में था। अभियान के दौरान इस संदिग्ध नाव को पोरबंदर के पास पकड़ लिया गया। इस नाव पर चार से पांच संदिग्ध घुसपैठिये सवार थे। ये सभी पाकिस्तान के बताए जा रहे हैं।

नौसेना के जवानों ने जब इस नाव की तलाशी ली तो इस पर हजारों करोड़ के ड्रग्स बरामद हुए। इतना ही नहीं इस नाव से कई सेटेलाइट फोन भी बरामद हुए हैं। फिलहाल तट रक्षक की टीम इस संदिग्ध नाव को पोरबंदर लेकर आ रही है।