जैसलमेर हेरोईन तस्कर ने पुछताछ में उगले कई राज
हेरोईन तस्करी में अन्र्तराष्ट्रीय गिरोह है सम्मिलित
जैसलमेर ए.टी.एस. की सूचना पर जैसलमेर व बाडमेर पुलिस की संयुक्त कार्यवाही द्वारा पाॅच तस्करों को गिरफतार कर सीमा पार से लाई गई 09 किलो हेरोईन बरामद कर बडी सफलता हासिल की गई थी। जिसके बाद पुलिस थाना झिझनियाली में मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान सुमेरसिंह उप निरीक्षक पुलिस, थानाधिकारी पुलिस थाना सांगड को सुपूर्द किया गया।
पुछताछ में उगले राज
माली हालत एवं गरीब के कारण तस्करी की तरफ खिचाव
तस्कर करीम खाॅ का मामा पाकिस्तान में करता है हेरोईन की तस्करी
हेरोईन तस्करी में लिप्त तस्करों को गिरफतार करने के बाद उनके विरूद्ध पुलिस थाना झिझनियाली में मुकदमा दर्ज कर हेरोईन तस्करों से पुछताछ की गई तो पुछताछ में अब्दुल करीम पुत्र हकीमखाॅ मेहर मुसलमान निवासी रासला पुलिस थाना सांगड बताया कि वह लगभग 02 वर्ष पूर्व दौ बार पाकिस्तान गया था। जहाॅ पर मेरा मामा मेहरदीन, अमरकोट में निवास करता है। जिसको मेने मेरी गरीबी एवं माली हालत के बारे में जिक्र किया था तब मेरे मामा में इस काम के बारे में बताया जोकि मेरा मामा पाकिस्तान में यही कार्य करता है। मामा ने जकिया उर्फ जाकब पुत्र मलार समेजा मुसलमान निवासी भुगरिया पुलिस थाना बिजराज बाडमेर माध्यम से हेरोईन भेजी थी। जिसको आगे किसी को सप्लाई देनी थी। इस सप्लाई के लिए मुझ प्रति किलो 40000 रूपये मिलते है, जिसको में आरबखाॅ पुत्र गजणखाॅ मुसलमान निवासी देवीकोट पुलिस थाना सांगड के साथ बाटता था।
हेरोईन तस्करी में अन्र्तराष्ट्रीय गिरोह है सम्मिलित
करीमखाॅ ने पुछताछ में बताया कि मेरे पास अफगानिस्तान से अली नामक व्यक्ति का फोन आया तथा अली ने पुछा कि माल मिला या नहीं माल आने पर अली फोन करके बताता कि कहाॅ लाना है। यह तथ्य पुलिस के अनुसंधान में भी साबित हुआ है। करीम ने बताया कि खरीददार उसको केवल 2.4 लाख रूपये देता। हेरोईन का मूल्य मेरे मामा मेहरदीन को पाकिस्तान में चुकाना जाना है।
आधार पता किये बिना कडी में जुडे हुए तस्कर
करीम खाॅ ने पुछताछ के दौराने बताया कि मेरे मामा अफगानिस्तान से पाकिस्तान हेरोईन लाता है, तस्करी करता है। हमें यह पता नहीं होता है कि माल कहाॅ से आया है तथा किसको देना है। हमें तो बस फोन करके बताया जाता है था कि व्यक्ति से माल लेकर दूसरे व्यक्ति को देना है, इसके आधार के बारे में हमें कुछ नहीं बताया जाता था तथा इसकी हमें जानकारी नहीं थी। प्रत्येक कड़ी को बताया जाता था ष्छममक जव ा