गुरुवार, 5 मार्च 2015

बाड़मेर कांग्रेस ने दिया धरना, जताया रोष



बाड़मेर कांग्रेस ने दिया धरना, जताया रोष
बाड़मेर

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार जिला कांग्रेस कमेटी, बाड़मेर द्वारा राज्य सरकार द्वारा बढ़ाई गई विद्युत दरों एवं जनविरोधी नीतियों के विरोध में एक दिवसीय धरना आयोजित किया गया एवं जिला कलक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया। इस धरने में पूर्व मंत्री अमीन खां, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री राजेन्द्र चैधरी, प्रदेश कांग्रेस सचिव जगदीश चैधरी, बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन, जिला प्रमुख प्रियंका मेघवाल, जिलाध्यक्ष फतेह खां, उप जिला प्रमुख सोहनलाल चैधरी, पूर्व विधायक मदन प्रजापत, पदमाराम मेघवाल, जिला उपाध्यक्ष यज्ञदत्त जोशी, मूलाराम मेघवाल, नारायण विश्नोई, बलवंतसिंह चैधरी, महामंत्री चैनसिंह भाटी, गनी मोहम्मद, सोनाराम टांक, जगजीवनराम सिंधी, जिला प्रवक्ता मुकेश जैन, प्रधान ताजाराम चैधरी, श्रीमती रशीदा बानो, पुष्पा चैधरी, ओमप्रकाश भील, तेजाराम मेघवाल, नगर परिषद् सभापति लूणकरण बोथरा, रतनलाल खत्री सहित समस्त ब्लाॅक अध्यक्ष, अग्रिम संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे।

धरने को सम्बोधित करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष व जिला प्रभारी राजेन्द्र चैधरी ने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने इतिहास में पहली बार बिजली की दरों में 17 प्रतिशत वृद्धि कर आम जनता के हितों पर कुठाराघात किया है जिसे बर्दाश्त नहीं करेगी। कांग्रेस द्वारा इसके विरोध में धरने प्रदर्शन कर जन आंदोलन किया जाएगा।

पूर्व मंत्री अमीन खां ने कांग्रेस की रीति-नीति एवं सिद्धांतों की चर्चा करते हुए कहा कि अकाल के समय में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अकाल राहत शिविर खोलकर राहत प्रदान की, जबकि वर्तमान में भाजपा सरकार ने प्रदेश में भारी अकाल होने के बावजूद भी अकाल राहत के कार्यों को तीन माह के बाद बंद कर दिया जिससे पशुओं की अकाल मौत हो रही है।

बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने कहा कि मंगलवार को प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के नेतृत्व में भूमि अधिग्रहण अधिनियम के विरोध में विधानसभा का घेराव करने पर लाठीचार्ज किया गया एवं कांग्रेसी विधायकों को सदन से निलंबित किया गया जिसके लिए राजस्थान की जनता भाजपा सरकार को माफ नहीं करेगी।

प्रदेश सचिव जगदीश चैधरी ने कहा कि आज राज्य की मुख्यमंत्री प्रचण्ड बहुमत के कारण सत्ता मद में डूबी हुई है और जनता पर महंगाई की मार व दमनकारी नीतियों से अत्याचार कर रही है। केवल निजी कम्पनियों को लाभ पहुंचाने के लिए ही 17 प्रतिशत विद्युत दरें बढ़ाई हैं जिसका कांग्रेस पूर्ण रूप से विरोध करती है।

सभा को पूर्व विधायक मदन प्रजापत, पदमाराम मेघवाल, जिला प्रमुख प्रियंका मेघवाल, जिला परिषद् सदस्य मृदुरेखा चैधरी, उप जिला प्रमुख सोहनलाल चैधरी, उदाराम मेघवाल, नजीर मोहम्मद, गोरधनसिंह राठौड़, भंवरलाल भाटी, यज्ञदत्त जोशी, तेजाराम मेघवाल, नरेश भादू, गंगासिंह राठौड़ आदि ने भी सम्बोधित किया। सभा का संचालन जिला प्रवक्ता मुकेश जैन ने किया।

सभा के पश्चात् कांग्रेस नेताओं के नेतृत्व में भारी संख्या में कार्यकर्ताओं द्वारा राज्य सरकार के विरूद्ध नारे लगाते हुए जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया गया। इस सभा में प्रदेश कांग्रेस सदस्य रोशन अली, ब्लाॅक अध्यक्ष पताराम कलबी, दिनेश कुलदीप, मोटाराम मेघवाल, बच्चू खां, वीरेन्द्र जैन, नरेश देव सारण, दमाराम माली, दीपक परमार, करनाराम चैधरी, डालूराम चैधरी, हरीशचन्द्र सोलंकी, चन्द्रसिंह राजपुरोहित, जगजीवनराम सिंधी, ईशा खां राजड़, सिमरथाराम बेनीवाल, रूपाराम सारण, प्रहलाद धतरवाल, चम्पालाल प्रजापत, किशन कागा, देरावरसिंह कोटड़ा, भंवरलाल गोदारा, रिड़मलसिंह दांता, महेन्द्र पोटलिया, लक्ष्मणसिंह गोदारा, प्रेमकरण, कार्यालय सचिव ओमप्रकाश चैधरी, खुमाणसिंह, शंकरलाल जैन, किशोर शर्मा, दलपतसिंह, पपू कुमारी सरपंच, मगाराम सांई आडेल, पदमाराम बेनीवाल, नगाराम गुर्जर, सुभान खां, सूजाराम, मांगीलाल सांखला, सुरतानसिंह, रावताराम मेघवाल, गुलाम अली, रामलाल विश्नोई, महादानसिंह बारहठ, प्रेमप्रकाश चैधरी सहित बड़ी संख्या में जिला परिषद्, पंचायत समिति सदस्य, पार्षद एवं कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।

बाड़मेर निजी स्कूल की दीवार गिरने से एक दर्जन से ज्यादा बच्चे घायल

बाड़मेर निजी स्कूल की दीवार गिरने से एक दर्जन से ज्यादा बच्चे घायल




बाड़मेर
राजस्थान के बाड़मेर जिला मुख्यालय पर स्थित एक निजी विद्यालय सनराइज में होली से एक दिन पहले चल रहे वार्षिक उत्सव में भाग ले रहे बच्चो के ऊपर दीवार गिरने से एक दर्जन से भी ज्यादा बच्चे घायल हो गए।
मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार की रोज सनराइज स्कूल में वार्षिक उत्सव के कार्यक्रम में बाधे टेंट के हवा से गिरने से उसके साथ स्कूल की ईटो से बनी दीवार गिर गई और टेट में बैठे बच्चो के ऊपर गिर गई जिससे करीब एक दर्जन से भी ज्यादा बच्चे घायल हो गए जिसमे दो बच्चे गभीर रूप से घायल हो गए। घायल को हॉस्पिटल लाया गया और गभीर दो बच्चो को प्राथमिक उपचार कर जोधपुर रेफर किया गया। बाकी बचे घायल बच्चो का बाड़मेर हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। घायल होने वाले चेनाराम पुत्र बाबूराम जाति जाट उम्र 5 वर्ष निवासी बलाउ, मुकेश पुत्र रूघाराम जाति जाट उम्र 14 वर्ष निवासी महाबार पीथल, कर्णसिंह पुत्र हुकमसिह जाति राजपूत, उम्र 5 वर्ष निवासी हाथमा, हरदेव पुत्र गेनाराम जाति जाट उग्र 15 वर्ष निवासी जायडू
देवेन्द्र पुत्र बालाराम जाति जाट उम्र 10 वर्ष निवासी मीठीसर, फरसाराम पुत्र रायचन्दराम जाति जाट उम्र 14 वर्ष निवासी बलाउ, कवराराम पुत्र धन्नाराम जाति जाट उम्र 15 वर्ष निवासी तारातरा, प्रकाष पुत्र भारूराम जाति जाट उम्र 15 वर्ष निवासी बलाउ, कमलेष पुत्र बालाराम जाति जाट उम्र 13 वर्ष निवासी बोला, भंवर चौधरी पुत्र जेठाराज जाति जाट उम्र 6 वर्ष निवासी खड़ीन, कृष्ण कुमार पुत्र मोटाराम जाति जाट उम्र 14 वर्ष निवासी दानपुरा, किस्तराराम पुत्र डालूराम जाति जाट उम्र 12 वर्ष निवासी बलाउ।
इन में से फरसाराम पुत्र रायचन्दराम व भंवर चौधरी पुत्र जेठाराम के गम्भीर चोटिल होने के कारण ईलाज के लिए जोधपुर रेफर कर दिया है।
घायल के परिजनों से बात करने पर बताया गया की दुर्घटना होने के बाद श्कूल व्यवथापक और मेनेचमेंट हॉस्पिटल तक नहीं आया और एक दो टीचर हमारे साथ आये और न बच्चो को हॉस्पिटल पहुचाया गया और बच्चो के परिजन हॉस्पिटल लेकर अाये है।
हॉस्पिटल में अव्यवस्था रही हावी
जिला का एक मात्र बड़ा हॉस्पिटल होने के बावजूद इस घटना को देखने के बाद लगता है हॉस्पिटल प्रशासन कितना लापरवाह है जहा न तो सिटी स्कैन में लाइट की प्रॉपर नहीं थी और न है उनके पास कोई उपचार के लिए साधन नजर आये।
कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक हॉस्पिटल पहुंचे
घटना की सूचना मिलने पर जिला कलेक्टर मधुसूदन शर्मा और जिला अधीक्षक अनिल देशमुख पारिश हॉस्पिटल पहुंचे और उन्होंने घायल बच्चो से मिले और परिजनों से उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली और पीएमओ हेमत सिंहल से घटना की पूरी जानकारी ली और जल्द से जल्द इलाज करने का कहा और किसी तरह की लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए।
विधायक जैन सहित कई कांग्रेसी पहुंचे हॉस्पिटल
घटना की सूचना मिलने पर बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन, पार्षद सुलतान सिंह सहित कई कांग्रेसी कार्यकर्त्ता भी हॉस्टपीत्तल पहुंचे और घायल बच्चो और परिजनों से मिले और डॉकटरो से बातचीत कर जल्द इलाज करने को कहा और गभीरो को रेफर करने की बात भी कही।

बुधवार, 4 मार्च 2015

तारानगर एक साथ उठी मां,बेटे और बहू की अर्थियां



तारानगर

कस्बे के वार्ड 25 में होली के त्योंहार से पहले मंगलवार शाम एक ही घर से तीन अर्थियां उठती देख आस-पास के लोगों की आंखे गम से नम हो गई।



सोमवार सुबह चौमंू (जयपुर)के निकट ट्रौले एवं कार की भिड़ंत में कस्बे के सरावगी मौहल्ले के एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत का समाचार सुन न केवल मौहल्ले में बल्कि समूचे तारानगर में शोक की लहर छा गई। कस्बे का मुख्य बाजार बंद रहा।




10 वर्षो से जयपुर में था

मूल रूप से तारानगर के सरावगी मौहल्ले का निवासी राकेश मित्तल (32) गत 10 वर्षो से मां मुन्नी देवी(57) पत्नी प्रिंसी (27) पुत्र ध्रुव(4) एवं छोटे भाई दीपक कुमार के साथ दादी का फाटक,जयपुर में स्वयं के मकान में रहते हुए शेयर मार्केट का काम करता था।




परिवार में था सबसे बड़ा

तीन वर्ष पहले राकेश का पिता का देहांत हो चुका है। पांच भाई बहनों में राकेश सबसे बड़ा था। उसके तीन छोटी शादीशुदा बहने एवं अविवाहित छोटा भाई दीपक (25) है। राकेश के दो चाचाओं में एक राजकुमार तारानगर में तथा दूसरा बृजलाल परिवार के साथ नेपाल रहता है।




घर में मचा कोहराम

मां, बेटे एवं बहू तीनों के शव लेकर शाम 4.30 बजे एम्बुलेंस तारानगर के वार्ड 25 में पहुंची तो शवों को देख परिजन एवं रिश्तेदारों में कोहराम मच गया।महिलाएं दहाड़े मारकर रोने लगी। आस-पास के लोगों ने ढाढ़स बंधाया कर परिवारजनों को शांत किया।




खाटूृश्यामजी से लौट रहे थे जयपुर

राकेश सोमवार को मंा, पत्नी, बेटे व भाई के साथ साथ खाटूश्यामजी मंदिर में धोक लगाकर कार से जयपुर लौट रहा था। मंगलवार सुबह चौमू के निकट ट्रोले एवं कार की टक्कर में राकेश, उसकी मां व पत् नी की मौत हो। भाई दीपक गंभीर घायल हो गया जबकि चार वर्षीय पुत्र को मामूली चोट आई।




मंगलवार शाम निकली मित्तल परिवार के तीन सदस्यों की शव यात्रा में भाजपा नेता रामसिंह कस्वां, नगरपालिका अध्यक्ष जसवंत स्वामी, उपाध्यक्ष राकेश जांगिड़, भाजपा नगर अध्यक्ष सुशील सरावगी सहित कस्बे के अनेक लोग शामिल हुए।







मासूम ध्रुव ने पिता से मांगी थी नई पिचकारी

चार साल का मासूम धु्रव। अभी पिछले वर्ष से ही तो स्कूल जाने लगा है। होली पर नई पिचकारी व रंग लाने की जिद कर रहा था।




मां से नए कपड़े की मांग की थी तो पिता से नई पिचकारी की। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था।अब ना मां रही ना पिता।




दादी भी साथ चल बसी। अकेला रह गया ध्रुव।कोई उसे दिलासा दे रहा था, मां व पिता आने वाले हैं तो कोई गोद में लेकर दुलार रहा था।




भले ही उसे कोई हकीकत नहीं बता रहा हो,लेकिन मासूम निगाहें आज बड़ी हो गई थी। शाम को सबकुछ समझकर वह भी गुमसुम हो गया।




ना रोटी खाई ना टॉफी। दूध को भी मुंह नहीं लगाया। धु्रव जब मम्मी कहकर आंसू बहाने लगा तो बड़ों के नयन भी छलक उठे।

होली के देवता होलिका के गुमनाम प्रेमी "ईलोजी"

होली के  देवता होलिका के गुमनाम प्रेमी "ईलोजी"


हमारे ग्रंथों मे सैंकडों ऐसे पात्र हैं, जिनका उनके समय के घटनाक्रम मे एक अहम योगदान रहा था। परन्तु किसी ना किसी कारणवश उनका नाम और काम हाशिए पर धकेल दिया गया। कुछ लोगों का उस समय के शासकों ने अपने हित मे उपयोग कर उन्हें दूध की मक्खी की तरह अलग कर दिया तो कुछ के काम का मुल्यांकन सही ना हो पाने की वजह से वे नेपथ्य मे चले गये। ऐसा ही एक नाम है इलोजी। असुर राज हिरण्यकश्यप की बहन होलिका और पडोसी राज्य के राजकुमार इलोजी एक दूसरे को दिलोजान से चाहते थे। इलोजी के रूप-रंग के सामने देवता भी शर्माते थे। सुंदर, स्वस्थ,सर्वगुण संपन्न साक्षात कामदेव का प्रतिरूप थे वे। इधर होलिका भी अत्यंत सुंदर रूपवती युवती थी। लोग इनकी जोडी की बलाएं लिया करते थे। । उभय पक्ष की सहमति से दोनों का विवाह होना भी तय हो चुका था। परन्तु विधाता को कुछ और ही मंजूर था। हिरण्यकश्यप अपने पुत्र के प्रभू प्रेम से व्यथित रहा करता था। उसके लाख समझाने-मनाने पर भी प्रह्लाद की भक्ती मे कोई कमी नहीं आ पा रही थी। धीरे-धीरे हिरण्यकश्यप की नाराजगी क्रोध मे बदलती चली गयी और फिर एक समय ऐसा भी आ गया कि उसने अपने पुत्र को सदा के लिये अपने रास्ते से हटाने का दृढसंकल्प कर लिया। परन्तु लाख कोशिशों के बावजूद भी वह प्रह्लाद का बाल भी बांका नही कर पा रहा था। राजकुमार का प्रभाव जनमानस पर बहुत गहरा था। राज्य की जनता हिरण्यकश्यप के अत्याचारों से तंग आ चुकी थी। प्रह्लाद के साधू स्वभाव के कारण सारे लोगों की आशाएं उससे जुडी हुई थीं। हिरणयकश्यप ये बात जानता था। इसीलिये वह प्रह्लाद के वध को एक दुर्घटना का रूप देना चाहता था और यही हो नहीं पा रहा था। इसी बीच उसे अपनी बहन होलिका को मिले वरदान की याद हो आई, जिसके अनुसार होलिका पर अग्नि का कोई प्रभाव नहीं पडता था। उसने होलिका को अपनी योजना बताई कि उसे प्रह्लाद को अपनी गोद मे लेकर अग्नि प्रवेश करना होगा। होलिका पर तो मानो वज्रपात हो गया। वह अपने भतीजे को अपने प्राणों से भी ज्यादा चाहती थी। बचपन से ही प्रह्लाद अपनी बुआ के करीब रहा था, बुआ ने ही उसे पाल-पोस कर बडा किया था। जिसकी जरा सी चोट से होलिका परेशान हो जाती थी, उसीकी हत्या की तो वह कल्पना भी नही कर सकती थी। उसने भाई के षडयन्त्र मे भागीदार होने से साफ़ मना कर दिया। पर हिरण्यकश्यप भी होलिका की कमजोरी जानता था, उसने भी होलिका को धमकी दी कि यदि उसने उसका कहा नही माना तो वह भी उसका विवाह इलोजी से नहीं होने देगा। होलिका गंभीर धर्मसंकट मे पड गयी थी, वह अपना खाना-पीना-सोना सब भूल गयी। एक तरफ़ दिल का टुकडा, मासूम भतीजा था तो दूसरी तरफ प्यार, जिसके बिना जिंदा रहने की वह कल्पना भी नहीं कर सकती थी। आखिरकार उसने एक अत्यन्त कठिन फ़ैसला कर लिया और भाई की बात मान ली, क्योंकि उसे डर था कि कहीं हिरण्यकश्यप इलोजी को कोई नुक्सान ना पहुंचा दे। निश्चित दिन, उसने अपने वरदान का सहारा प्रह्लाद को दे, उसे अपनी गोद मे ले अग्नि प्रवेश कर अपना बलिदान कर दिया, पर उसके इस त्याग का किसी को भी पता नहीं चल पाया। यही दिन होलिका और इलोजी के विवाह के लिए भी तय किया गया था। इलोजी इन सब बातों से अंजान अपनी बारात ले नियत समय पर राजमहल आ पहुंचे। वहां आने पर जब उन्हें सारी बातें पता चलीं तो उन पर तो मानो पहाड टूट पडा, दिमाग कुछ सोचने समझने के काबिल न रहा। पागलपन का एक तूफ़ान उठ खडा हुआ और इसी झंझावात मे उन्होंने अपने कपडे फाड डाले और होलिका-होलिका की मर्म भेदी पुकार से धरती-आकाश को गुंजायमान करते हुए होलिका की चिता पर लोटने लगे। गर्म चिता पर निढाल पडे अपने आंसुओं से ही जैसे चिता को ठंडा कर अपनी प्रेयसी को ढूंढ रहे हों। उसके बाद उन्होंने आजीवन विवाह नहीं किया। वन-प्रातों मे भटकते-भटकते सारी जिंदगी गुजार दी। आज भी राजस्थान में उन्हें सम्मान की दृष्टी से याद किया जाता है। उन्हें विशेष मान्यता प्राप्त है वहां के जनमानस में। वे जिंदा हैं वहां के लोक गीतों तथा कहानियों मे।

अक्षरधाम: दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर, गिनीज बुक में दर्ज है नाम



नई दिल्ली में स्थित स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर का नाम दुनिया के सबसे विस्तृत मंदिर के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में 2005 में दर्ज हुआ। यह खूबसूरत मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर होने के साथ ही, बहुत ही सुंदर और आकर्षक आर्किटेक्चर के शानदार उदाहरणों में से एक है।

यह मंदिर 10,000 वर्ष पुरानी भारतीय संस्कृति के प्रतीक को बहुत विस्मयकारी, सुंदर, बुद्धिमत्तापूर्ण और सुखद रूप से प्रस्तुत करता है। मंदिर भारतीय शिल्पकला, परंपराओं और प्राचीन आध्यात्मिक संदेशों के तत्वों को शानदार ढंग से दिखाता है। स्वामीनारायण अक्षरधाम परिसर का निर्माण कार्य एचडीएच प्रमुख बोचासन के स्वामी महाराज श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के आशीर्वाद से और 11,000 कारीगरों और हज़ारों बीएपीएस स्वयंसेवकों के धार्मिक प्रयासों से केवल पांच साल में पूरा हुआ था।
अक्षरधाम: दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर, गिनीज बुक में दर्ज है नाम


मंदिर की विशेषताएं -




नीलकंठ वर्णी अभिषेक- एक प्रतिष्ठित आध्यात्मिक परंपरा, जिसमें विश्व शांति और व्यक्ति, परिवार और मित्रों के लिए अनवरत शांति की प्रार्थनाएं की जाती हैं। इस अभिषेक के लिए भारत की 151 पवित्र नदियों, झीलों और तालाबों के पानी का उपयोग किया जाता है।

ये प्रदर्शनियां हैं आकर्षण-




हॉल 1 - हॉल ऑफ वैल्यूज़ (50 मिनट)

अहिंसा, ईमानदारी और आध्यात्मिकता का उल्लेख करने वाली फिल्मों और रोबोटिक शो के माध्यम से चिरस्थायी मानव मूल्यों का अनुभव।




हॉल 2 - विशाल पर्दे पर फिल्म (40 मिनट)

नीलकंठ नामक एक ग्यारह वर्षीय योगी की अविश्वसनीय कथा के माध्यम से भारत की जानकारी लें। जिसमें भारतीय रीति-रिवाज़ों को संस्कृति और आध्यात्मिकता के माध्यम से जीवन-दर्शन में उतारा गया है। इसकी कला और शिल्पकला का सौंदर्य तथा अविस्मरणीय दृश्यावलियों, ध्वनियों और इसके प्रेरक पर्वों को अनुभव किया जा सकता है।




हॉल 3 - कल्चरल बोट राइड (15 मिनट)

भारत की शानदार विरासत के 10,000 वर्षों का सफर कराती है। इसमें आप भारत के ऋषियों-वैज्ञानिकों की खोजों और आविष्कारों की जानकारी लें। विश्व का प्रथम विश्वविद्यालय तक्षशिला देखें। अजंता-एलौरा की गुफाओं से होकर जाएं और प्राचीन काल से ही मानवता के प्रति भारत के योगदान की जानकारी लें।

संगीतमय फव्वारा - जीवन चक्र (सुबह के बाद शाम को - 15 मिनट)

एक दर्शनीय संगीतमय फव्वारा शो। इसमें भारतीय दर्शन के अनुरूप जन्म, जीवनकाल और मृत्यु चक्र का उल्लेख किया जाता है।




गार्डन ऑफ इंडिया- साठ एकड़ के हरे-भरे लॉन, बाग और कांस्य की उत्कृष्ट प्रतिमा, भारत के उन बाल-वीरों, वीर योद्धाओं, राष्ट्रीय देशभक्तों और महान महिला विभूतियों का सम्मान किया गया है, जो मूल्यों और चरित्र के प्रेरणास्रोत रहे हैं।




लोटस गार्डन- कमल के आकार का एक बगीचा उस आध्यात्मिकता का आभास देता है, जो दर्शनशास्त्रियों, वैज्ञानिकों और लीडरों द्वारा बताई जाती है।

कहां स्थित है-राष्ट्रीय राजमार्ग 24, अक्षरधाम सेतु, नई दिल्ली, भारत - 110092




नजदीकी मेट्रो स्टेशन-

अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन (पैदल - 200 मीटर / 7 मिनट)।




परिसर में प्रवेश - निःशुल्क कोई टिकट नहीं।




समय

प्रथम प्रवेश: प्रातः 9:30 बजे

अंतिम प्रवेश: सायं 6:30 बजे

प्रदर्शनी समय: प्रातः10:00 बजे से 5:30 बजे।




प्रवेश

परिसर में प्रवेश- निःशुल्क कोई टिकट नहीं।

मंदिर एवं बागीचे - निःशुल्क कोई टिकट नहीं।

प्रदर्शनी एवं संगीतमय फव्वारा - शुल्क 7 टिकट।

अभिषेक दर्शन- निःशुल्क कोई टिकट नहीं।

अभिषेक पूजा- टिकट शुल्क।




केवल प्रदर्शनी हेतु

वयस्क (12 वर्ष एवं अधिक) रु. 170

वरिष्ठ नागरिक (65 वर्ष एवं अधिक) रु. 125

बच्चा (4 से 11 वर्ष) रु. 100

बच्चा (4 वर्ष से कम) निःशुल्क

केवल संगीतमय फव्वारा हेतु:

वयस्क (12 वर्ष एवं अधिक) रु. 30

वरिष्ठ नागरिक (65 वर्ष एवं अधिक) रु. 30

बच्चा (4 से 11 वर्ष) रु. 2

बच्चा (4 वर्ष से कम)




सुविधाएं-

पार्किंग- वाहन के प्रकार के अनुसार दरें।

अमानती समानघर- मालिक के जोखिम पर डिपॉजिट (निःशुल्क)

फोटोग्राफ (शुल्क पर)

व्हीलचेयर- रिफंडेबल डिपॉजिट - रु. 100

फूड कोर्ट- भोजन, स्नेक्स एवं पेय-पदार्थ (केवल 100 रु. शाकाहारी)।

मंगलवार, 3 मार्च 2015

भ्रष्ट मेजर को दो साल की सजा

भ्रष्ट मेजर को दो साल की सजा


सीबीआई मामलों की विशेष अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में सेना के मेजर अनिन्दय रॉय को दो साल की सजा के आदेश दिए है।

यह आदेश सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश गिरिशकुमार शर्मा ने परिवादी नरेन्द्रकुमार की ओर से दायर परिवाद की सुनवाई करते हुए दिए।

मेजर रॉय को सीबीआई की भ्रष्टाचार विंग ने यूनिट में टेंडर स्वीकृत करने के लिए 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।

प्रकरण के अनुसार वर्ष 2011 में सेना की युनिट में मेजर रॉय कार्यरत थे। इस दौरान एक टेंडर स्वीकृत करने के लिए नरेन्द्रकुमार से 20 हजार की रिश्वत मांगी थी। जिसकी शिकायत नरेन्द्रकुमार ने सीबीआई की भ्रष्टाचार विंग में की। जिस पर कार्रवाही करते हुए भ्रष्टाचार विंग ने 29 दिसम्बर 2011 को जीएमईएस के कार्यालय में आरोपी मेजर रॉय को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।

सीबीआई की ओर से लोक अभियोजक एसएस यादव व राकेशकुमार ने पैरवी की। मेजर रॉय वर्तमान में उत्तर-पूर्व में पदस्थ है तथा सजा सुनने के लिए सोमवार को अदालत में मौजूद थे।

बाड़मेर जिलानी पीर की सभाओ की गूंज विधानसभा में,धर्म सभाओ का उद्देश्य क्या वीजा भ्रमण का

बाड़मेर जिलानी पीर की सभाओ की गूंज विधानसभा में,धर्म सभाओ का उद्देश्य क्या वीजा भ्रमण का 


जसवंत सिंह का मुस्लिमो में प्रभाव कम करने के उद्देश्य से कराई पीर की बाड़मेर सभाए


बाड़मेर जम्मू कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी ने जिस कदर हिन्दू एजेंडो को एक तरफ रख मुफ़्ती मोहम्मद सैयद को मुख्यमंत्री बना मुस्लिमो को राजी करने का प्रयास किया वैसा ही प्रयास राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थान में किया जब पाकिस्तान से आये जिलानी समुदाय के धर्मगुरु पीर सैय्यद गुलाम हुसैन शाह जीलानी की में बिना अनुमति के ताबड़तोड़ सभाए कराई ताकि बीजेपी के पूर्व नेता जसवंत सिंह का मुस्लिम प्रेम को कम किया जा सके ,पीर ने खुले आम अपनी सभाओ में वसुंधरा राजे के हाथ मजबूत करने का आह्वान तक किये ,इधर मंगलवार को विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता रामेश्वर डूडी ने पीर का मामला उठा कर सरकार को सकते में डाल दिया ,डूडी लगाया की पाकिस्तान से आये धर्म गुरु की वीजा गलत तरीके से जारी तथा उन्होंने अवैध तरीके से सरहदी क्षेत्रो में धर्म सभाओ का आयोजन किया ,इन सभाओ के आयोजन की स्वीकृति स्थानी जिला प्रशासन से नहीं ली गयी। विधानसभा में पीर का मामला उठाने के बाद माहौल गरमा गया।




पाकिस्तान के पश्चिमी सीमा पर बेस बाड़मेर जिले के नेशनल हाई वे 15 के पश्चिमी क्षेत्र में विदेशी नागरिको के जाने पर पूर्णत प्रतिबन्ध हे,पश्चिमी क्षेत्र में जाने के लिए केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय से विशष स्वीकृति लेनी होती हैं ,. धर्मगुरु पीर सैय्यद गुलाम हुसैन शाह जीलानी के सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक परिस देश मुख ने बताया की केंद्र सरकार द्वारा उन्हें सरहदी प्रतिबंधित क्षेत्र में भ्रमण की स्वीकृति दे राखी थी। जबकि जिला कलेक्टर ने कहा की पाकिस्तान से आये पीर साब की सभाओ की स्वीकृति जिला प्रशासन से नहीं ली गयी ,यदि पुलिस अधीक्षक या सम्बंधित थानाधिकारी से स्वीकृति रिपोर्ट ली हे तो पता करते हैं ,.




प्रश्न यह हे की राष्ट्रिय सुरक्षा से जुड़े मसाले पर राष्ट्रिय संविधान यह कहता हैं की पश्चिमी क्षेत्र में किसी भी विदेशी नागरिक को जाने पर प्रतिबन्ध हैं विशेष परिस्थितियों में आज्ञा दी जाती हे तो अपने परिचितों से मिलने के आलावा कोई गतिविधि नहीं ,करेंगे ख़ास कर सरहदी क्षेत्र में धार्मिक सभाए आयोजित नहीं का सकते ,मगर बाड़मेर जिले के सरहदी क्षेरो में पीर जिलानी द्वारा दर्जनो धर्म सभाओ का आयोजन जिला प्रशासन से अनुमति लिए बिना कर दिया गया ,




जबकि कानून के अनुसार देश का कोई नागरिक सभा का आयोजन करे तो उसे सम्बंधित उप खंड अधिकारी या कार्यपालक मजिस्ट्रेट से माइक लगाने की अनुमति लेनी पड़ती हैं मगर पीर जिलानी के मामले में नियमो की पालना नही हुई। आखिर पाकिस्तान से आये समुदाय विशेष के धर्म गुरु सरहदी क्षेत्रो में सभाए करने की क्या जरुरत आन पड़ी ,




बाड़मेर में पीर धर्मगुरु पीर सैय्यद गुलाम हुसैन शाह जीलानी की सभाओ के आयोजन की अनुमति जिला प्रशासन से नही ली गयी ,पुलिस स्तर पर कोई परमिशन ली गयी हे तो पता करवाता हूँ। शर्मा जिला कलेक्टर बाड़मेर




धर्मगुरु पीर सैय्यद गुलाम हुसैन शाह जीलानी को केंद्र सरकार ने क्षेर में भ्रमण की अनुमति दी हैं ,अलग से कोई अनुमति स्थानीय स्तर पर जारी नही हुई ,उन्होंने धर्म सभाए नहीं की ,लोग मिलाने उनके पास बड़ी तादाद में पहुंचे। परिस देशमुख पुलिस अधीक्षक बाड़मेर

राज्यसभा में मोदी सरकार चित



नई दिल्ली, । राज्यसभा में सरकार के अल्पमत में होने की बेबसी मंगलवार को सामने आ गई। राष्ट्रपति के अभिभाषण में संशोधन पर लोकसभा में प्रचंड बहुमत वाली मोदी सरकार राज्यसभा में चित हो गई।

सत्ता पक्ष की मान-मनुहार के बावजूद ताकत दिखाने पर तुले विपक्ष ने अभिभाषण पर वोटिंग के जरिये सरकार को नीचा दिखाया। विपक्ष के संशोधन प्रस्ताव पर सरकार 118 के मुकाबले 57 वोटों से हार गई। प्रधानमंत्री मोदी उस वक्त राज्यसभा में मौजूद थे। वोटिंग में हार के बाद सरकार को राष्ट्रपति के अभिभाषण में विपक्ष का संशोधन शामिल करने पर बाध्य होना पड़ा।

अड़े येचुरी

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल को लेकर माकपा पर करारे हमले किए थे। प्रधानमंत्री के हमले से तिलमिलाए सीताराम येचुरी अभिभाषण को लेकर अपने संशोधन पर अड़ गए। उनकी मांग थी कि उनके संशोधन को अभिभाषण में जोड़ा जाए।

इसके मुताबिक राष्ट्रपति के अभिभाषण में यह भी जोड़ा जाना था कि 'सरकार कालेधन को वापिस लाने में विफल रही है।' दरअसल, उनका कहना था कि राज्यसभा की परंपरा के मुताबिक प्रधानमंत्री व सदन के नेता के भाषण के बाद विपक्ष सवाल पूछ सकता है।

नायडू की गुजारिश अनसुनी

जबकि, संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने ऐसी परंपरा न होने की बात कहते हुए अभिभाषण के पारित हो जाने की गुजारिश की। नायडू ने येचुरी से कहा कि 'आपको अधिकार है। आपकी बात नोट कर ली गई है। कृपया मत विभाजन न कराएं।' लेकिन उनकी गुजारिश को येचुरी ने अनसुनी कर दी।

सपा ने संशोधन वापस लिया

सपा सहित कई विपक्षी पार्टियों ने संसदीय कार्यमंत्री की गुजारिश पर अपने संशोधन प्रस्तावों को वापस भी ले लिया। लेकिन सीताराम येचुरी अपने संशोधन पर अड़ गए। इसके बाद हुए मत विभाजन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर काले धन और भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर विपक्ष का प्रस्ताव पास हो गया।

पहले भी पास हुए हैं ऐसे संशोधन

यह चौथा मौका है जब राष्ट्रपति के अभिभाषण पर विपक्ष का संशोधन पास हुआ है। इससे पहले जनवरी 1980 में जनता पार्टी सरकार के दौरान, नवंबर 1989 में वीपी सिंह की सरकार के दौरान जबकि मार्च 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय भी विपक्ष ने सरकार को राज्यसभा में संशोधनों के लिए बाध्य किया था। हालांकि, ऐसा पहली बार है जब पूर्ण बहुमत से चुनी एक पार्टी की सरकार को इस असहज स्थिति का सामना करना पड़ा है।

जैसलमेर 05 बाल श्रमिको को मुक्त करवाकर, खाने की होटल के मालिक के विरूद्ध कार्यवाही



जैसलमेर मानव तस्करी विरोधी इकाई जैसलमेर द्वारा बाल श्रम की रोकथाम की  बडी कार्यवाही
जैसलमेर 05 बाल श्रमिको को मुक्त करवाकर, खाने की होटल के मालिक के विरूद्ध कार्यवाही



जैसलमेर पुलिस ने  गोपनीय सूचना व सर्वे रिपोर्ट अनुसार बाल श्रम की रोकथाम व बालको को संरक्षण , देखभाल व पुर्नवास के सम्बध मे चलाये जा रहे विशेष अभियान के अन्तर्गत डॉ राजीव पचार पुलिस अधीक्षक जिला जैलसमेर के आदेशानुसार रतनलाल निपु प्रभारी मानव तस्करी विरोधी ईकाई जैसलमेर मय जाब्ता हैड कानि. केवलदास, कानि0 शेलेन्द्र कुमार, मानाराम कानि 271 जरिये सरकारी वाहन चालक मठारखाॅ के सादा वस्त्रो मे व जिला बाल कल्याण समिती जैसलमेर की सदस्या श्रीमति तुलछी देवी की मौजुदगी में स्पेशल गुजराती ढाबा नीरज बस स्टेण्ड चैराहा की तलाशी उसके मालिक कालुखाॅ की मौजुदगी में ली गई तो छोटी-छोटी उम्र के चार पाॅच बालक वेटर व होटल में खाने के बर्तन धोने का काम करते क्रमसः आलमखाॅ पुत्र गाजीखाॅ उम्र 16 साल जाति मुसलमान निवासी लुणार पुलिस थाना सम, मोयबखाॅ पुत्र हलीमखाॅ मुसलमान उम्र 16 साल निवासी रावडी चक नेगरडा पुलिस थाना सांगड, मोयबखाॅ पुत्र प्रतापखाॅ उम्र 12 साल जाति मुसलमान निवासी रउ का पार पुलिस थाना सम, सुभानखाॅ पुत्र मीठेखाॅ मुसलमान उम्र 17 साल निवासी रावडी चक नेगरडा पुलिस थाना सांगड व खंगारखाॅ पुत्र कलेखाॅ मुसलमान उम्र 16 साल निवासी नीम्बा पुलिस थाना सम जिला जैसलमेर पाये गये। उक्त बालको से इस ढाबे में विगत दो माह से बाल श्रम करवाना बताया, जिन्हे बाल श्रम की रोकथाम व पुर्नवास हेतू हस्बकायदा पुलिस संरक्षण में लिया गया। इस प्रकार उक्त ढाबा मालिक का उक्त कृत्य किशोर न्याय अधिनियम के तहत दण्डनीय होने से होटल मालिक कालुखाॅ पुत्र मोहम्मदखाॅ मुसलमान निवासी तिबनीयार पुलिस थाना गिराब जिला बाडमेर हाल गुजराती स्पेशल ढाबा जैस्लमेर के विरूद्व प्रकरण दर्ज कर जाॅच जेठाराम निरीक्षक पुलिस, थानाधिकारी पुलिस थाना कोतवाली को सूपूर्द की गई।

पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर ने बताया कि राज्य में बाल श्रम की रोकथाम व बालको को संरक्षण, देखभाल व पुर्नवास करने हेतु जिला स्तर मानव तस्करी विरोधी ईकाई का गठन किया गया। जो आगे भी इसी प्रकार बाल श्रम को रोकने के लिए कार्यवाही करती रहेगी। इसलिए कोई भी व्यक्ति अपने होटल, रेस्टोरेट, दूकान इत्यादि में बालकों से श्रम ना करवावे। अगर किसी व्यक्ति के विरूद्ध ऐसी शिकायत या सूचना मिलती है तो उसके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।