रविवार, 21 अगस्त 2011

बांग्लादेश से आए राजस्थान, कई शहरों में दिया लूट को अंजाम

जयपुर। सदर पुलिस की गिरफ्त में आए तीन बदमाश लूटपाट के लिए बांग्लादेश से राजस्थान आए थे। वे शहर-दर-शहर घूमते और वारदात करते हुए जयपुर पहुंचे थे। पुलिस पूछताछ में बदमाशों ने नागौर, सुल्तानपुर में लूट की वारदात करना कबूल कर लिया।

एडिशनल सीपी अनिल पालीवाल ने बताया कि बदमाश बांग्लादेश से रवाना होकर 9 अगस्त को यूपी में सुल्तानपुर पहुंचे। वहां विद्युत वितरण खंड द्बितीय के अधिशासी अभियंता कार्यालय में चौकीदार को बंधक बनाकर चाबी छीन ली और कार्यालय खोलकर तिजोरी तोड़ने की वारदात को अंजाम दिया।

अजमेर होकर नागौर पहुंचे, लूट की वारदात की : सुल्तानपुर में लूट के बाद बदमाश अजमेर होकर नागौर पहुंचे। नागौर में 13 अगस्त को अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड नागौर के सहायक अभियंता कार्यालय में चौकीदार को बंधक बनाकर तिजोरी से 50 हजार रुपए लूटे।

नागौर में वारदात कर वे जोधपुर पहुंचे। वहां सफल नहीं होने पर 14 अगस्त की रात जयपुर आकर बनीपार्क में राम मंदिर के पास रुके। संदिग्धों की सूचना पर सदर पुलिस ने दबोच लिया। उनसे पासपोर्ट व धारदार हथियार बरामद हुए।

जयपुर में वारदात की फिराक में थे : पालीवाल ने बताया कि आरोपी बांग्लादेश निवासी मो. खान जहान शेख, मो. सलीम सरदात तथा मिलन सरकार बांग्लादेश से राजस्थान में लूट तथा डाका डालने आए थे। उन्होंने जयपुर की संपन्नता के बारे में सुन रखा था। इस कारण वारदात करने जयपुर आए थे। कुछ दिन जयपुर में रहकर वारदात करना चाह रहे थे, लेकिन पकड़े गए।

सरकारी दफ्तरों में न्यूज वेबसाइट देखने पर पाबंदी

जयपुर. प्रदेश में अफसरों और कर्मचारियों पर दफ्तर समय में न्यूज सहित अन्य वेबसाइट देखने पर पाबंदी लगा दी गई है। इस संबंध में परिपत्र जारी किया है। अवहेलना पर संबंधित विभाग की इंटरनेट सेवा बंद कर दी जाएगी।

इस कृत्य को गैर कानूनी तक ठहराया गया है। आईटी विभाग के परिपत्र में कहा गया है कि इंटरनेट का उपयोग राजकीय कामों के अलावा ऑनलाइन गेम, मैच स्कोर, न्यूज चैनल और अन्य अवांछित साइटों को देखने में किया जाता है, जिससे सरकारी काम में बाधा पैदा होती है।

सरकारी कार्यालयों में इंटरनेट सुविधा का उपयोग अवांछित साइटों को देखने और गैर सरकारी कामों में किया जाना राजकीय कार्य में व्यवधान और राजकीय संसाधनों के दुरुपयोग की श्रेणी में आता है और गैर कानूनी है। अगर किसी विभाग में इंटरनेट का उपयोग अवांछित साइटों को देखने और गैर सरकारी कामों में करना पाया गया तो विभाग की इंटरनेट सेवा को तुरंत रोक दिया जाएगा।

हां, परिपत्र जारी किया है, सरकारी दफ्तरों में इंटरनेट का उपयोग केवल सरकारी कामों के लिए ही होना चाहिए। गृह विभाग, सीएमओ सहित जिन विभागों को न्यूज चैनल या खबर देखने की जरूरत है वे देख सकते हैं, सार यही है कि इसका इस्तेमाल सरकारी कामों में ही होना चाहिए।
संजय मल्होत्रा, सचिव व आयुक्त, आईटी व संचार विभाग

दोस्ती कर बनाई अश्लील फिल्म



भोपाल. मैं बीते 14 महीने से घुट-घुटकर जी रही थी, मुझे क्या मालूम था, उसके मन में पाप है? पहले उसने मुझसे दोस्ती की, फिर मुझे घुमाने शहर के बाहर ले गया। यहां उसने मेरी अश्लील फिल्म तैयार कर ली। मुझे इसकी जानकारी नहीं थी, बाद में वो सीडी सार्वजनिक करने की धमकी देकर मुझसे रुपए मांगने लगा। मैं अपने गहने बेचकर उसे रुपए देती रही।



अश्लील फिल्म मामले में पीड़ित एमबीए छात्रा ने शाहजहांनाबाद पुलिस को दिए बयान में यह दास्तां सुनाई।छात्रा ने पुलिस को बताया है कि एक निजी कंपनी में काम करने के दौरान उसकी अजहर से दोस्ती हुई थी। अजहर ने उसे बताया कि वह एक कंपनी का एरिया सेल्स मैनेजर है और उसका वेतन 40 हजार रुपए है। वर्ष 2010 के शुरुआती दिनों में ही उनकी दोस्ती गहरी हो गई।



इस दौरान अजहर एक मर्तबा उसे घुमाने मंडीदीप ले गया। यहां दोनों अजहर के एक दोस्त के घर ठहरे। इस दौरान अजहर ने चोरी से उसकी अश्लील फिल्म तैयार कर ली। उसे इस बात की भनक तब लगी, जब अजहर ने उसे ये सीडी दिखाकर उससे दो हजार रुपए मांगे। रुपए नहीं देने पर उसने सीडी सार्वजनिक करने की धमकी दी। पहले तो मैंने घर से लेकर उसे पैसे दिए। फिर वह आए दिन मुझसे कभी दो हजार, कभी पांच हजार रुपए मांगने लगा। बदनामी के डर से मैं ये बात किसी को बता भी नहीं सकी। अपने गहने बेचकर मैं उसे रुपए देती रही।

पत्नी के हाथ लगी थी अश्लील सीडी: फतेहगढ़ इलाके में रहने वाले अजहर की पत्नी को अगस्त के पहले हफ्ते में घर पर एक पेन ड्राइव मिली। उसने जब पेन ड्राइव का डाटा खंगाला तो अपने पति को किसी अन्य युवती के साथ आपत्तिजनक हालत में देखकर वह चौंक गई। उसने युवती का पता लगाकर यह सीडी उसके परिजनों को भेज दी। परिजनों ने इसकी शिकायत पुलिस से की। इस मामले में अजहर को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया है।

पीएम आ जाएं तो भी अनशन नहीं टूटेगा

पीएम आ जाएं तो भी अनशन नहीं टूटेगा

नई दिल्ली। अन्ना हजारे और उनकी टीम ने कड़ा रूख अख्तियार कर लिया है। अनशन के छठे दिन अन्ना ने कहा कि भ्रष्टाचार के रावण को खत्म करना जरूरी है। अन्ना ने कहा कि बातचीत के रास्ते बंद नहीं किए गए हैं। सरकार में बैठे लोग इंग्लैण्ड से नहीं आए हैं ये लोग हमारे देश के ही हैं लेकिन सत्ता में आने के बाद ये लोग गद्दार बन गए हैं। अन्ना ने कहा कि जब तक सरकार जनलोकपाल बिल को स्वीकार नहीं करती तब तक अनशन खत्म नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अब अगर प्रधानमंत्री भी आ जाएं तो भी अनशन खत्म नहीं होगा।

इसके बाद अन्ना के सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री के बातचीत के प्रस्ताव पर कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि सिविल सोसायटी कहां और किससे बात करे। कोर कमेटी की बैठक के बाद केजरीवाल ने कहा कि जनलोकपाल बिल पर सरकार से कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ साथ विपक्ष भी जनलोकपाल पर अपना रूख साफ नहीं कर रहा है।

उन्होंने अपने समर्थकों से मंत्रियों और सांसदों के घरों के सामने धरने पर बैठने की अपील की। केजरीवाल ने कहा कि विपक्षी दलों ने जनलोकपाल बिल पर अपना रूख साफ नहीं किया है। इसलिए विपक्षी दलों के सांसदों के घरों के सामने भी धरने पर बैठना होगा। केजरीवाल ने कहा कि विपक्षी दलों और एनजीओ को जनलोकपाल बिल की जिन बातों पर एतराज है उनको रामलीला मैदान में आकर जनता के सामने साफ करें। टीम अन्ना उनसे बहस को तैयार है। केजरीवाल ने कहा कि शाम को 5 बजे महारैली निकाली जाएगी। यह रैली इंडिया गेट से होकर रामलीला मैदान पहुंचेगी

बयान से पलटी 'रेप पीड़ित' लड़की

कड़कड़डूमा कोर्ट
अपहरण और रेप मामले में पीड़ित लड़की मैजिस्ट्रेट के सामने दिए गए अपने बयान से पलट गई। लड़की ने कहा कि परिवार और समाज के दबाव में आकर उसने आफताब उर्फ संजीद के खिलाफ बयान दिया था। लड़की के बयान सुनने के पश्चात अडिशनल सेशन जज निशा सक्सेना की अदालत ने आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।

11 मई 2007 को लड़की की मां ने मानसरोवर पार्क थाने में पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनकी 19 साल की लड़की 30 अप्रैल 2007 से गायब है। पुलिस ने लड़की की मां के बयान पर अपहरण का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। 7 जून 2007 को पुलिस ने आरोपी युवक को गुलावटी (यूपी) स्थित उसके गांव से गिरफ्तार कर लड़की को बरामद कर लिया।

मैजिस्ट्रेट के सामने बयान में लड़ुकी ने आफताब उर्फ संजीद पर रेप का आरोप लगाया। बयान में लड़की ने कहा कि आफताब ने मेरे भाई और परिवार वालों की हत्या की धमकी देकर 28 अप्रैल से 18 जून तक मेरे साथ रेप किया। इस दौरान वह उसे कई जगह लेकर गया था। इसके बाद पुलिस ने एफआईआर में बलात्कार और धमकी देने की धाराएं भी जोड़ दीं।

अभियोजन पक्ष ने आरोप साबित करने के लिए पीड़ित लड़की सहित 6 गवाहों को अदालत में पेश किया। पर कोर्ट में लड़की ने इस बात का खुलासा किया कि उसकी 21 साल है। वह 2004-05 में नोएडा से कंप्यूटर कोर्स कर रही थी। इस दौरान उसकी दोस्ती आफताब से हो गई। वह अपनी मर्जी से उसके साथ गई थी। कुछ दिन तक वे दोनों ओखला इलाके में रहे। इसके बाद आफताब उसे गुलावटी लेकर गया जहां उसने अपना धर्म परिवर्तन कर आफताब से शादी कर ली थी और दोनों पति-पत्नी की तरह साथ रहने लगे। लड़की ने अदालत को बताया कि उनका डेढ़ साल का बच्चा भी है। लड़की ने अदालत को बताया कि 27 जून 2007 को उसने मैजिस्ट्रेट के सामने परिवार और समाज के दबाव में बयान दिया था। इसके अलावा भी अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाया। अदालत ने गवाहों के बयान और दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के पश्चात आरोपी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।

एक बोतल खून के बदले मांगी अस्मत

एक बोतल खून के बदले मांगी अस्मत
बैतूल। जिला अस्पताल की ब्लड बैंक में महज खून की एक बोतल के लिए एक मजबूर महिला से अस्मत मांगे जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप सामने आने के बाद हरकत में आए अस्पताल प्रशासन ने आनन-फानन में आरोपी लैब टेक्निशियन को वहां से हटाकर अन्यत्र अटैच कर दिया है।

बीमार है महिला का बेटा - पीडित महिला जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर के गांव से अपने दस साल के बेटे का इलाज कराने 8 अगस्त को जिला अस्पताल आई थी। सिकलसेल एनीमिया से पीडित उसका बेटा यहां शिशु वार्ड में भर्ती है। उपचार के दौरान बच्चे को बार-बार खून की जरूरत पड़ रही थी।

एक बोतल ञ्च पेज 12
महिला के परिजनों ने 17 अगस्त को तो डोनर के जरिए एक यूनिट खून की व्यवस्था कर दी, लेकिन अगले दिन डोनर की व्यवस्था नहीं हो पाई। परेशान महिला ब्लड बैंक में पदस्थ लैब टेक्निशियन अभय अग्निहोत्री के पास गई। महिला का आरोप है कि टेक्निशियन ने उससे खून के बदले आबरू मांगी। 18 अगस्त को महिला ने परिजनों को इसकी जानकारी दी और सीएस डॉ. डब्ल्यूए नागले को लिखित शिकायत की गई।

...पूरा इंतजाम कर दूंगा
आरोप के अनुसार लैब टेक्निशियन अग्निहोत्री ने महिला से कहा कि बच्चे के इलाज में जितना ब्लड लगेगा, पूरी व्यवस्था करवा दी जाएगी, बस एक बार अस्मत दे दो। शिकायत के बाद अग्निहोत्री को हटाकर सेहरा पीएससी अटैच कर दिया गया।


महिला ने शिकायत की है। मामला संवेदनशील होने के कारण आरोपी कर्मचारी को तत्काल वहां से हटा दिया गया है। जांच की जा रही है। डॉ. डब्ल्यूए नागले सीएस, जिला अस्पताल बैतूल

मेरे खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। जांच में सच सामने आ जाएगा। इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कहना चाहता।
अभय अग्निहोत्री, आरोपी

प्रदीप जेएनवीयू छात्रसंघ अध्यक्ष

प्रदीप जेएनवीयू छात्रसंघ अध्यक्ष

जोधपुर। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर एक बार फिर एनएसयूआई काबिज हो गई है। पिछली बार पूरा एपेक्स पैनल एनएसयूआई का था। अध्यक्ष पद पर एनएसयूआई प्रत्याशी प्रदीपसिंह राठौड़ ने एबीवीपी के महेंद्र चौधरी को पराजित किया। वहीं महासचिव पद पर एनएसयूआई के राजप्रिंस भाटी ने एसएफआई के सुनील विश्नोई को 83 मतों से हराया।

वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर एबीवीपी के हितेश व्यास और संयुक्त महासचिव पद पर एसएफआई की इंद्राकुमारी ने जीत दर्ज की। इधर, जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के महाविद्यालयों में एबीवीपी ने बाजी मारी। पीपाड़सिटी के श्रीमती सीतादेवी चुन्नीलाल बरडिया राजकीय कन्या महाविद्यालय में एबीवीपी की वर्षा टाक ने एनएसयूआई की पूजा दाधीच को 36 मतों से पराजित किया।

वहीं भोपालगढ़ के राजकीय महाविद्यालय में एबीवीपी के राजाराम सारण ने एनएसयूआई के भूपेंद्र मेवाड़ा को 155 मतों से हराया। फलोदी के जयनारायण मोहनलाल पुरोहित राजकीय महाविद्यालय में भी अध्यक्ष पद पर एबीवीपी के मोतीलाल पुरोहित 96 मतों से जीते। उन्होंने एसएफआई के श्याम नेहरा को हराया।

बीकानेर में पर्ची से हुआ अध्यक्ष का फैसला


बीकानेर में पर्ची से हुआ अध्यक्ष का फैसला

बीकानेर। महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय बीकानेर में पहली बार हुए छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष का फैसला पर्ची से हुआ। यहां सुल्तान सिंह व रमेश चंद्र को 40-40 वोट मिले। इस पर पर्ची डाली गई। कुल पांच पर्चियों में से सुल्तान के नाम तीन व रमेश के नाम दो पर्ची निकली।इस तरह स्वतंत्र प्रत्याशी सुल्तान अध्यक्ष बन गए। अन्य पदों के लिए हुए चुनाव में पुष्पा उपाध्यक्ष,अभिषेक पारीक महासचिव व राहुल मूण्ड संयुक्त सचिव निर्वाचित हुए।

मुकेश निर्विरोध अध्यक्ष
राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर में भी पहली बार हुए छात्र संघ चुनाव में मुकेश कुमार माली निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित हुए है।

उपाध्यक्ष मनोज कुमार , महासचिव योगेश आर्य व सह सचिव आदित्य मिढ्ढा निर्वाचित हुए हैं।
स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर में छात्रसंघ का चुनाव रविवार को होगा। यहां सम्बद्ध कॉलेजों के प्रतिनिधि छात्रसंघ चुनेंगे।

फरार हेरोइन तस्कर पकड़ा


फरार हेरोइन तस्कर पकड़ा

बाड़मेर । सीमा सुरक्षा बल, सेन्ट्रल व स्टेट इन्टेलीजेंस ब्यूरो और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में शनिवार को बीकानेर जिले के बज्जू क्षेत्र में एक हेरोइन तस्कर को गिरफ्तार कर लिया गया। बाड़मेर में 15 किलो हेरोइन बरामदगी के दो साल पुराने प्रकरण में वह फरार चल रहा था। उसे बाड़मेर पुलिस को सौंप दिया गया है।


खाजूवाला वृत्ताधिकारी बाबूलाल बिश्नोई व बज्जू थानाप्रभारी श्रवण दास ने बताया कि गिरफ्तार तस्कर गोकुला राम जाट पुत्र रामाराम है। यह बाड़मेर के भाखासर क्षेत्र के दीपला गांव का निवासी है। उसे शनिवार को बज्जू के दण्डकलां गांव में संयुक्त कार्रवाई के दौरान दबोच लिया गया।

भाई के यहां फर्जी नाम से रहता था

हेरोइन तस्कर गोकुला काफी समय से बज्जू के दण्डकलां गांव में अपने सगे भाई आशुराम के यहां फर्जी नाम से रह रहा था। एक अन्य भाई दयाला राम भी यहीं रहता है। ये मूल रूप से पाकिस्तान के थारपारकर जिले में लादेकी बेरी गांव के हैं।

भारत- पाक युद्ध 1971 में ये शरणार्थी के रूप में भारत आ गए थे और बाड़मेर जिले की चौहटन तहसील दीपला गांव में रहने लगे। गोकुला के पिता को दण्डकलां में चक दो जीएसएम में दो मुरब्बा जमीन मिली थी। बाड़मेर पुलिस ने उसे भगौड़ा घोषित कर गिरफ्तारी पर 25 हजार का इनाम भी रखा था।

सूत्रों के अनुसार गोकुला ने पहले धोकल राम और फिर बृजाराम नाम रखे। इसी वजह से वह संदेह के दायरे में आया। पिछले दिनों खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान के दौरान कुछ खुलासा हुआ कि बज्जू के सीमा क्षेत्र में संदिग्ध नाम से रह रहा शख्स बाड़मेर में वांछित तस्कर गोकुला ही है। इस पर शनिवार को सीमा सुरक्षा बल बीकानेर सेक्टर के निरीक्षक संग्राम सिंह बिस्वाल और इन्टेलीजेंस ब्यूरो व पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में उसे दबोच लिया गया। हालांकि भनक लगने पर उसने भागने की कोशिश की थी।
एसओजी ने मामला बनाया था

एजेन्सियों के सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2009 में जयपुर से आई एसओजी की टीम ने बाड़मेर में 15 किलो हेरोइन बरामद की थी और दो अभियुक्तों बलवंतराम चारण व गोकुल राम पुत्र सिमरथा राम को गिरफ्तार कर लिया था जबकि गोकुला पुत्र रामाराम जाट भाग निकला था।

एसओजी ने ही इनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत बाड़मेर के भाखासर थाने में मामला दर्ज कराया था।ऎसा माना गया था कि हेरोइन पाकिस्तान से लाई गई थी और गुजरात ले जाई जा रही थी। शनिवार को गोकुला को पकड़ कर बज्जू पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया जहां से उसे बाड़मेर पुलिस ले गई।