फरार हेरोइन तस्कर पकड़ा
बाड़मेर । सीमा सुरक्षा बल, सेन्ट्रल व स्टेट इन्टेलीजेंस ब्यूरो और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में शनिवार को बीकानेर जिले के बज्जू क्षेत्र में एक हेरोइन तस्कर को गिरफ्तार कर लिया गया। बाड़मेर में 15 किलो हेरोइन बरामदगी के दो साल पुराने प्रकरण में वह फरार चल रहा था। उसे बाड़मेर पुलिस को सौंप दिया गया है।
खाजूवाला वृत्ताधिकारी बाबूलाल बिश्नोई व बज्जू थानाप्रभारी श्रवण दास ने बताया कि गिरफ्तार तस्कर गोकुला राम जाट पुत्र रामाराम है। यह बाड़मेर के भाखासर क्षेत्र के दीपला गांव का निवासी है। उसे शनिवार को बज्जू के दण्डकलां गांव में संयुक्त कार्रवाई के दौरान दबोच लिया गया।
भाई के यहां फर्जी नाम से रहता था
हेरोइन तस्कर गोकुला काफी समय से बज्जू के दण्डकलां गांव में अपने सगे भाई आशुराम के यहां फर्जी नाम से रह रहा था। एक अन्य भाई दयाला राम भी यहीं रहता है। ये मूल रूप से पाकिस्तान के थारपारकर जिले में लादेकी बेरी गांव के हैं।
भारत- पाक युद्ध 1971 में ये शरणार्थी के रूप में भारत आ गए थे और बाड़मेर जिले की चौहटन तहसील दीपला गांव में रहने लगे। गोकुला के पिता को दण्डकलां में चक दो जीएसएम में दो मुरब्बा जमीन मिली थी। बाड़मेर पुलिस ने उसे भगौड़ा घोषित कर गिरफ्तारी पर 25 हजार का इनाम भी रखा था।
सूत्रों के अनुसार गोकुला ने पहले धोकल राम और फिर बृजाराम नाम रखे। इसी वजह से वह संदेह के दायरे में आया। पिछले दिनों खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान के दौरान कुछ खुलासा हुआ कि बज्जू के सीमा क्षेत्र में संदिग्ध नाम से रह रहा शख्स बाड़मेर में वांछित तस्कर गोकुला ही है। इस पर शनिवार को सीमा सुरक्षा बल बीकानेर सेक्टर के निरीक्षक संग्राम सिंह बिस्वाल और इन्टेलीजेंस ब्यूरो व पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में उसे दबोच लिया गया। हालांकि भनक लगने पर उसने भागने की कोशिश की थी।
एसओजी ने मामला बनाया था
एजेन्सियों के सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2009 में जयपुर से आई एसओजी की टीम ने बाड़मेर में 15 किलो हेरोइन बरामद की थी और दो अभियुक्तों बलवंतराम चारण व गोकुल राम पुत्र सिमरथा राम को गिरफ्तार कर लिया था जबकि गोकुला पुत्र रामाराम जाट भाग निकला था।
एसओजी ने ही इनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत बाड़मेर के भाखासर थाने में मामला दर्ज कराया था।ऎसा माना गया था कि हेरोइन पाकिस्तान से लाई गई थी और गुजरात ले जाई जा रही थी। शनिवार को गोकुला को पकड़ कर बज्जू पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया जहां से उसे बाड़मेर पुलिस ले गई।
हेरोइन तस्कर गोकुला काफी समय से बज्जू के दण्डकलां गांव में अपने सगे भाई आशुराम के यहां फर्जी नाम से रह रहा था। एक अन्य भाई दयाला राम भी यहीं रहता है। ये मूल रूप से पाकिस्तान के थारपारकर जिले में लादेकी बेरी गांव के हैं।
भारत- पाक युद्ध 1971 में ये शरणार्थी के रूप में भारत आ गए थे और बाड़मेर जिले की चौहटन तहसील दीपला गांव में रहने लगे। गोकुला के पिता को दण्डकलां में चक दो जीएसएम में दो मुरब्बा जमीन मिली थी। बाड़मेर पुलिस ने उसे भगौड़ा घोषित कर गिरफ्तारी पर 25 हजार का इनाम भी रखा था।
सूत्रों के अनुसार गोकुला ने पहले धोकल राम और फिर बृजाराम नाम रखे। इसी वजह से वह संदेह के दायरे में आया। पिछले दिनों खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान के दौरान कुछ खुलासा हुआ कि बज्जू के सीमा क्षेत्र में संदिग्ध नाम से रह रहा शख्स बाड़मेर में वांछित तस्कर गोकुला ही है। इस पर शनिवार को सीमा सुरक्षा बल बीकानेर सेक्टर के निरीक्षक संग्राम सिंह बिस्वाल और इन्टेलीजेंस ब्यूरो व पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में उसे दबोच लिया गया। हालांकि भनक लगने पर उसने भागने की कोशिश की थी।
एसओजी ने मामला बनाया था
एजेन्सियों के सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2009 में जयपुर से आई एसओजी की टीम ने बाड़मेर में 15 किलो हेरोइन बरामद की थी और दो अभियुक्तों बलवंतराम चारण व गोकुल राम पुत्र सिमरथा राम को गिरफ्तार कर लिया था जबकि गोकुला पुत्र रामाराम जाट भाग निकला था।
एसओजी ने ही इनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत बाड़मेर के भाखासर थाने में मामला दर्ज कराया था।ऎसा माना गया था कि हेरोइन पाकिस्तान से लाई गई थी और गुजरात ले जाई जा रही थी। शनिवार को गोकुला को पकड़ कर बज्जू पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया जहां से उसे बाड़मेर पुलिस ले गई।
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