रविवार, 21 अगस्त 2011

बयान से पलटी 'रेप पीड़ित' लड़की

कड़कड़डूमा कोर्ट
अपहरण और रेप मामले में पीड़ित लड़की मैजिस्ट्रेट के सामने दिए गए अपने बयान से पलट गई। लड़की ने कहा कि परिवार और समाज के दबाव में आकर उसने आफताब उर्फ संजीद के खिलाफ बयान दिया था। लड़की के बयान सुनने के पश्चात अडिशनल सेशन जज निशा सक्सेना की अदालत ने आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।

11 मई 2007 को लड़की की मां ने मानसरोवर पार्क थाने में पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनकी 19 साल की लड़की 30 अप्रैल 2007 से गायब है। पुलिस ने लड़की की मां के बयान पर अपहरण का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। 7 जून 2007 को पुलिस ने आरोपी युवक को गुलावटी (यूपी) स्थित उसके गांव से गिरफ्तार कर लड़की को बरामद कर लिया।

मैजिस्ट्रेट के सामने बयान में लड़ुकी ने आफताब उर्फ संजीद पर रेप का आरोप लगाया। बयान में लड़की ने कहा कि आफताब ने मेरे भाई और परिवार वालों की हत्या की धमकी देकर 28 अप्रैल से 18 जून तक मेरे साथ रेप किया। इस दौरान वह उसे कई जगह लेकर गया था। इसके बाद पुलिस ने एफआईआर में बलात्कार और धमकी देने की धाराएं भी जोड़ दीं।

अभियोजन पक्ष ने आरोप साबित करने के लिए पीड़ित लड़की सहित 6 गवाहों को अदालत में पेश किया। पर कोर्ट में लड़की ने इस बात का खुलासा किया कि उसकी 21 साल है। वह 2004-05 में नोएडा से कंप्यूटर कोर्स कर रही थी। इस दौरान उसकी दोस्ती आफताब से हो गई। वह अपनी मर्जी से उसके साथ गई थी। कुछ दिन तक वे दोनों ओखला इलाके में रहे। इसके बाद आफताब उसे गुलावटी लेकर गया जहां उसने अपना धर्म परिवर्तन कर आफताब से शादी कर ली थी और दोनों पति-पत्नी की तरह साथ रहने लगे। लड़की ने अदालत को बताया कि उनका डेढ़ साल का बच्चा भी है। लड़की ने अदालत को बताया कि 27 जून 2007 को उसने मैजिस्ट्रेट के सामने परिवार और समाज के दबाव में बयान दिया था। इसके अलावा भी अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाया। अदालत ने गवाहों के बयान और दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के पश्चात आरोपी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।

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