गुरुवार, 7 सितंबर 2017

बाड़मेर,संभागीय आयुक्त लाहोटी ने जेल एवं उपखंड कार्यालय का निरीक्षण किया



बाड़मेर,संभागीय आयुक्त लाहोटी ने जेल एवं उपखंड कार्यालय का निरीक्षण किया
बाड़मेर, 07 सितंबर। संभागीय आयुक्त रतन लाहोटी ने गुरूवार को बाड़मेर उपखंड अधिकारी कार्यालय एवं जेल का निरीक्षण किया। उन्हांेने इससे पहले जिला कलक्टर से बाड़मेर जिले से संबंधित विभिन्न मामलांे के बारे मंे जानकारी ली।

संभागीय आयुक्त रतन लाहोटी ने गुरूवार शाम को बाड़मेर उपखंड अधिकारी कार्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर ओ.पी.बिश्नोई एवं उपखंड अधिकारी चेतन कुमार त्रिपाठी से उपखंड कार्यालय मंे संपादित किए जा रहे कार्याें की जानकारी लेने के साथ आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इसके उपरांत संभागीय आयुक्त लाहोटी ने बाड़मेर जेल का निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी ली। उन्हांेने संबंधित अधिकारियांे को समुचित सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इससे पहले संभागीय आयुक्त लाहोटी ने जिला कलक्टर कार्यालय मंे जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते से जिले मंे संचालित विभिन्न परियोजनाआंे एवं जन कल्याणकारी योजनाआंे की प्रगति की जानकारी ली।

बुधवार, 6 सितंबर 2017

बाड़मेर PAK के कब्जे में था भारत का ये रेलवे स्टेशन, रेल कर्मचारियों पर बरसे थे बम

बाड़मेर   PAK के कब्जे में था भारत का ये रेलवे स्टेशन, रेल कर्मचारियों पर बरसे थे बमPAK के कब्जे में था भारत का ये रेलवे स्टेशन, रेल कर्मचारियों पर बरसे थे बम
भारत-पाकिस्तान के बीच वर्ष 1965 में युद्ध के दौरान राजस्थान सीमा पर दोनों सेनाओं के बीच जोरदार युद्ध हुआ। पाकिस्तानी सेना ने भारत के अंतिम रेलवे स्टेशन मुनाबाव पर कब्जा कर लिया था। जवाबी हमले को रोकने के लिए पाकिस्तान की भीषण बमबारी से रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया। गडरा में सेना तक गोला-बारूद व रसद पहुंचाने के लिए रेल कर्मचारियों ने ट्रैक की मरम्मत कर दी, लेकिन इस दौरान हुई बमबारी में सत्रह रेल कर्मचारी शहीद हो गए। इसके बावजूद रेलवे कर्मचारियों ने रेल को गडरा पहुंचा ही दिया। सेना को इससे मिली आपूर्ति के दम पर इस मोर्चे पर युद्ध का नजारा ही बदल गया और भारतीय सेना ने न केवल मुनाबाव वापस हासिल किया, वरन पाकिस्तान में प्रवेश कर गई। मुनाबाव पर पाकिस्तान का अधिकार...

- वर्ष 1965 के युद्ध में मराठा लाइट इन्फैन्ट्री को एक दस्ते को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मुनाबाव भेजा गया। पाकिस्तानी तोपखाने और वायुसेना के भीषण हमले के कारण वे केवल अपनी चौकी की ही रक्षा कर पाए। मराठा लाइट इन्फैन्ट्री के सैनिकों की बहादुरी के कारण इस चौकी को मराठा हिल के नाम से पहचाना जाता है। दुश्मन की भारी गोलाबारी के कारण मुनाबाव में अन्य सैनिक नहीं पहुंच पाए। पाकिस्तान ने गडरा जाने वाले रेल मार्ग को उड़ा दिया। सहायता नहीं पहुंचने के कारण आठ सितम्बर 1965 को मुनाबाव पर पाकिस्तान का अधिकार हो गया।

रेल कर्मचारियों ने दिखाई हिम्मत

- गडरा रेल लाइन के क्षतिग्रस्त होने के कारण इस मोर्चे पर तैनात सैनिकों की सप्लाई लाइन पूरी तरह से कट गई। भारत का प्रमुख लक्ष्य सप्लाई लाइन को तैयार करना था ताकि सीमा पर डटे जवानों तक निर्बाध आपूर्ति हो सके।

- ऐसे हालात में गडराा क्षेत्र में तैनात रेल कर्मचारियों ने ट्रैक को ठीक करने का बीड़ा उठाया। उन्होंने पाकिस्तानी वायुसेना की भीषण बमबारी के बीच ट्रैक को फिर से शुरू कर दिया।

- ट्रैक ठीक होते ही पाकिस्तान की बमबारी में चौदह रेल कर्मचारी शहीद हो गए। अब बमबारी के बीच बाड़मेर से हथियारों से लदी ट्रेन को गडरा पहुंचाने की चुनौती थी।

- चालक चुन्नीलाल, फायरमैन चिमनसिंह और माधोसिंह ने यह बीड़ा उठाया। बमबारी के बीच वे ट्रेन को गडर ा पहुंचाने में सफल रहे। वापसी के दौरान पाकिस्तानी घुसपैठियों के सिग्नल में गड़बड़ करने के कारण उनकी ट्रेन एक इंजन से जा टकराई।

- इस हादसे में तीनों रेलकर्मी मारे गए। इनमें से माधोसिंह की शादी महज पंद्रह दिन पूर्व ही हुई थी। उसका अवकाश रद्द कर बीच में बुलाया गया था।

रेल कर्मचारियों की हिम्मत से बढ़ा सैनिकों का मनोबल

- बेसब्री के साथ हथियारों की आपूर्ति का इंतजार कर रहे मोर्चे पर डटे सैनिकों को जब रेल कर्मचारियों की बहादुरी और शहीद होने का पता चला तो वे इसका बदला लेने के लिए पाकिस्तानी सेना पर टूट पड़े।

- इसके बाद भारतीय सेना ने इस मोर्चे पर नई कहानी लिखी। सेना ने न केवल मुनाबाव पर वापस कब्जा जमाया बल्कि पाकिस्तान में काफी दूरी तक प्रवेश कर लिया।

- इस युद्ध में शहीद हुए रेल कर्मचारियों की स्मृति में हर वर्ष आठ सितम्बर को गडरा में शहीद मेला आयोजित होता है। इसमें बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोग पहुंचते है।

3 बच्चों के साथ पति-पत्नी ने खाया जहर, चार लोगो की मौत, एक की हालत नाजुक

3 बच्चों के साथ पति-पत्नी ने खाया जहर, चार लोगो की मौत, एक की हालत नाजुक
3 बच्चों के साथ पति-पत्नी ने खाया जहर, चार लोगो की मौत, एक की हालत नाजुक

जयपुर. बुधवार को शहर के करधनी इलाके में पति-पत्नी ने अपने तीन बच्चों के साथ कमरे में बंद करके जहर खा लिया। दस बजे तक जब किसी ने घर का दरवाजा नहींं खोला तो छत के रास्ते एक रिश्तेदार और पड़ोसी घर में घूसे तब घटना का पता लगा। मौके पर एकत्रित हुए पड़ोसियों ने घर के मुखिया डूंगरराम जांगिड़, पत्नी सुमन, बेटा जितेन्द्र, धर्मेंद्र व बेटी खुशी को एसएमएस हॉस्पिटल पहुंचाया। जहां पर चिकित्सकों ने सुमन,जितेन्द्र व खुशी को मृत घोषित कर दिया। और डूंगरराम व धर्मेंद्र को इलाज के लिए भर्ती किया था। लेकिन कुछ देर बाद डूंगरराम ने भी दम तोड़ दिया। बेटे धर्मेंद्र की हालत नाजुक है। बहन घर पहुंची तो हुआ खुलासा...




- डूंगरराम की बड़ी बहन ने बताया कि सुबह करीब आठ बजे वो मिठाई मंगवाने उनके घर आई थी, लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला। वो ये सोचकर वापस लौट गई की बच्चे स्कूल कॉलेज चले गए होंगे, सुमन नहा रही होगी और डूंगर सो रहा होगा।

- उसके बाद बह दूसरे भाई जगदीश घर चली गई। जहां से जगदीश ने भी डूंगरराम के मोबाइल पर फोन किया था, लेकिन किसी तरह का जवाब नही मिला।

- दो घंटे बाद करीब दस बजे भंवरी देवी वापस डूंगरराम के घर जाकर फिर से गेट बजाया। नहीं खोला तो शक हो गया उसके पड़ोसियों की मदद से छत पर पहुंचे और ऊपर वाले कमरे का बार-बार गेट खटखटाया तो कुछ देर बाद धर्मेन्द्र ने गेट खोला।

- गेट खुलते ही देखा तो सब की आंखे फटी रह गई। देखा कि कोई बेड पर तो कोई नीचे पर्श पर पड़े हुए थे। और सब के मुंह में झााग आ रखे थे।

- भंवरी देवी जोर-जोर से चिल्लाई तो आस-पास से इक्कठे हुए लोगों ने अलग-अलग गाड़ियों से पांचों को लएसएमएस हॉस्पिटल ले गए।

- बता दें कि डूंगरराम की बड़ी बहन भंवरी देवी घर के पास की ही कॉलोनी में रहती है।

सुसाइड नोट भी मिला

- घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें एक बाबा का जिक्र किया गया है।

- जिसमें लिखा है कि उन्होंने लोगों से करीब 55 लाख उधार लेकर महला नाम की जगह के एक बाबा को दिए थे। जो रुपए डूब गए।

- ब्याज बढ़ने के कारण उन पर पैसे लौटाने का दबाव था।

5 साल की थी बेटी बेटे कर रहे थे ग्रेजुएशन

- डीसीपी अशोक कुमार गुप्ता ने बताया कि डूंगरराम मुलत: नागौर के डिडवाना स्थित लुणोदा गांव के रहने वाले थे।

- पिछले 20 साल से जयपुर में करधनी स्थित सर्वोदय एनक्लेव में रहकर प्रोपर्टी का काम करते थे। उनके दो बेटे व एक बेटी थी।

- बड़े बेटे जितेन्द्र ने इसी साल ग्रेजुएशन करी थी, छोटे बेटा धर्मेंद्र ग्रेजुएशन कर रहा था। बेटी खुशी 5वीं कक्षा में पढ़ाई कर रही थी।

- बुधवार सुबह डूंगरराम ने पहली मंजिल मे कमरे के अंदर से कुंदी लगाकर पुरे परिवार ने जहर पी लिया।

फिर शर्मसार हुई दिल्ली, चलती कार में उज्बेकिस्तान की महिला के साथ दुष्कर्म

फिर शर्मसार हुई दिल्ली, चलती कार में उज्बेकिस्तान की महिला के साथ दुष्कर्म


नई दिल्ली [ वसंत कुंज नॉर्थ थाना क्षेत्र में उज्बेकिस्तान की 26 वर्षीय महिला के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। महिला की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आगे की छानबीन कर रही है।
फिर शर्मसार हुई दिल्ली, चलती कार में उज्बेकिस्तान की महिला के साथ दुष्कर्म



पीड़ित महिला ने पुलिस को शिकायत में बताया है कि वह वसंत कुंज इलाके में रहती है। सोमवार रात करीब साढ़े नौ बजे वह वसंत कुंज इलाके में स्थित मॉल से निकलकर साकेत स्थित मॉल में ऑटो से जा रही थी। इसी बीच ऑटो खराब हो गया। वह सड़क पर दूसरे ऑटो का इंतजार कर रही थी। तभी सफेद रंग की कार में तीन युवक आए और जबरन उठाकर ले गए।




युवक उसे करीब एक घंटे तक इलाके में घूमाते रहे और चलती कार में दुष्कर्म किया। बाद में उसे खिड़की एक्सटेंशन में सुनसान इलाके में फेंककर फरार हो गए। पुलिस ने अज्ञात युवकों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

बाड़मेर शहीद दिवस पर रक्त दान शिविर के बेनर्स का विमोचन ।। उपेक्षित रेलवे शहीदों को रक्तदान शिविर सच्ची श्रद्धांजलि राठौड़

बाड़मेर शहीद दिवस पर रक्त दान शिविर के बेनर्स का विमोचन ।।

उपेक्षित रेलवे शहीदों को रक्तदान शिविर सच्ची श्रद्धांजलि राठौड़


बाड़मेर सामाजिक सरोकार और नवाचार के प्रतीक ग्रुप फ़ॉर पीपल द्वारा 9 सितंबर को शहीद दिवस पर गडरा रॉड शहीद स्मारक स्थल पर आयोजित होने वाले रक्तदान शिविर के बेनर्स का विमोचन ग्रुप अध्यक्ष आज़ाद सिंह राठौड़ द्वारा किया गया।इस अवसर पर राठौड़ ने कहा की भारत पाक युद्ध के शहीदों को रक्तदान शिविर सच्ची श्रद्धांजलि हैं।उन्होंने कहा कि देश की खातिर जान गंवाने वाले रेलवे शहीद पूरी तरह उपेक्षित हैं।उन्होंने कहा कि ग्रुप द्वारा शहीद परिवारो को सम्मानित करने की पहल सराहनीय हैं। इस अवसर पर संयोजक चन्दन सिंह भाटी,महेश पनपालिया,नरेंद्र खत्री ,मदन बारूपाल ,आदिल भाई, राजेन्द्र लहुआ,आईदान सिंह इन्दा,महेंद्र सिंह तेजमालता,आसाराम,जसवंत सिंह चौहान,रमेश सिंह इन्दा,विरमाराम सहित ग्रुप के कई सदस्य उपस्थित थे।।

इसी तरह रामसर मुख्यालय पर सवाई सिंह राठौड़,शंकर लाल खत्री सहित मौजिज लोगो ने बेनर का विमोचन किया।गागरिया में हसन खान समेजा,रोशन खान अजबानी ने ग्रामीणों के साथ बेनर का विमोचन किया।