जयपुर।आज से लगेंगे शहर के सरकारी कार्यालयों में प्री-पेड मीटर
जयपुर शहर वृत में वेण्डिग स्टेशन की स्थापना होने के साथ ही मंगलवार से सरकारी कार्यालयों में सिंगल फेज के प्री पेड मीटर लगाने का कार्य प्रार भ हो जाएगा। इसी प्रकार जयपुर शहर वृत में डिस्कॉम के 17 कार्यालयों में जंहा सिंगल फेज के कनेक्शन है वहां एक सप्ताह में प्री पेड मीटर लगाए जाएंगे।
जयपुर विद्युत वितरण निगम के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक भास्कर ए. सावंत की अध्यक्षता में सोमवार को सरकारी कार्यालयों में प्री पेड बिजली मीटर से स बन्धित मीटिंग में यह निर्णय लिया गया।
इसके तहत पहले चरण में डिस्कॉम के 4 बड़े वृतों जयपुर शहर, जयपुर जिला, अलवर एवं कोटा वृत में सिंगल फेज के मीटर लगाने का कार्य किया जाएगा। इसके तहत जयपुर शहर वृत में सोमवार को वेंडिंग स्टेशन की स्थापना की गई है।
मंगलवार से वेंडिंग स्टेशन के शुरु कर प्री पेड मीटर लगाए जाएंगे। सावंत ने बताया कि जयपुर शहर वृत में 927 सरकारी कार्यालयों को प्री पेड मीटर लगाने के लिए जुलाई माह के अन्त में 30 दिन के नोटिस भेज दिए गए हैं। इनके द्वारा राशि जमा कराते ही प्री पेड मीटर लगा दिए जाएगें।
दस दिन का समय
मु य सचिव की ओर से जारी परिपत्र के अनुसार नोटिस देने के 30 दिन की अवधि के बाद निगम स्वत: ही शुन्य बेलेन्स पर प्री पेड मीटर लगा देगा। इन मीटरों की स्थापना के बाद 10 दिन तक बिजली सप्लाई जारी रहेगी एवं 10 दिन बाद राशि जमा नही होने पर बिजली सप्लाई स्वत: ही बन्द हो जाएगी।
अलवर और कोटा में कार्यवाही
सावंत ने बताया कि जयपुर जिला वृत, अलवर वृत एवं कोटा वृत भी को भी निर्देश जारी किए हैं कि वे भी अपने क्षेत्र के सरकारी कार्यालय, जहां सिंगल फेज के प्री पेड बिजली मीटर लगने हैं उनको नोटिस देने की कार्यवाही शुरु करें।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक वृत में 100 प्री पेड मीटर लगाने के लक्ष्य के तहत 3300 प्री पेड बिजली मीटरों की जांच होने के उपरान्त स्टोर में उपलब्ध हैं तथा शीघ्र ही सभी वृतों में इनको भेज दिया जाएगा।
अस्थाई में ाी लगेंगे प्रीपेड मीटर
उन्होंने टे प्रेरी कनेक्शन मे भी प्री पेड बिजली मीटर लगाने की स भावना के लिए प्री पेड बिजली मीटर आपूर्ति करने वाली क पनी के प्रतिनिधि को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जयपुर डिस्कॉम के शेष सभी वृतों में सरकारी कार्यालय जहां सिंगल फेज प्री पेड मीटर लगाने हैं उनको चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं।
जैसलमेर।सरहदी जैसलमेर जिले में जल्द ही सीमेंट उद्योग की इकाइयां शुरू होने के साथ यहां औद्योगिक विकास के नए द्वार खुलेंगे। लाइम स्टोन की प्रचुर मात्रा उपलब्ध होने से दो सीमेट कम्पनियो ने यहां सीमेंट उद्योग विकसित करने मे रूचि दिखाई है।
वे यहां 40 अरब का निवेश करने को तैयार है। लाइम स्टोन के संबंधित ब्लॉक्स के प्रस्ताव भारतीय भू-सर्वेक्षण विभाग को प्रेषित कर दिए गए हैं। वहीं खान विभाग ने भी दोनो कंपनियो को मंशा पत्र भी जारी कर दिए हैं।
6 मिलियन टन की क्षमता
सरहदी जैसलमेर जिले मे दो सीमेंट कंपनियां कारखाने विकसित करने को उत्सुक हैं और करीब 2-2 हजार करोड़ यानि कुल 40 अरब का निवेश करने का मानस बना चुकी है। जानकारी के मुताबिक हर सीमेन्ट कारखाने की उत्पादन क्षमता तीन मिलियन टन प्रतिवर्ष होगी, जिससे प्रदेश सरकार को काफी मात्रा मे राजस्व हासिल होगा।
मिलेगी 30 करोड़ की रॉयल्टी
सरहदी जैसलमेर जिले मे सीमेन्ट उद्योग विकसित होने से राज्य सरकार को करीब 30 करोड़ रूपए की रॉयल्टी मिल सकेगी। यही नहीं, पवन व सौर ऊर्जा के साथ खनन क्षेत्र मे भी सरहदी जिले के बाशिंदो को रोजगार मिल सकेगा। पूर्व मे सरकार ने निर्णय लिया था कि जैसलमेर से जोधपुर व बीकानेर तक सीमेंट उत्पादन के परिवहन के लिए 25 प्रतिशत सब्सिडी दी जा सकती है।
ये हैं दस ब्लॉक
सीमेंट उद्योग के लिए प्रदेश मे 10 ब्लॉक घोषित किए गए हैं, उसमे 6 ब्लॉक जैसलमेर जिले मे हैं। इन ब्लॉको मे पारेवर एनएन-2, पारेवार एसएन-3, पारेवर एसएन-5, मंघा आरएम-1, खीया-2 व खींवसर केएच-4 शामिल हैं।
चल रही प्रक्रिया
जैसलमेर मे सीमेन्ट उद्योग विकसित करने के लिए दोनो कम्पनियो की ओर से वांछित प्रक्रिया की जा रही है। एनओसी की कार्यवाही चल रही है। वैसे दोनो सीमेट कम्पनियो को मंशा पत्र जारी कर दिए गए हैं, लेकिन सीमेन्ट कारखाने विकसित होने मे अभी समय लग सकता है। सोहनलाल रैगर, खनि अभियंता, जैसलमेर
इसलिए है सीमेन्ट उद्योग की संभावनाएं
सरहदी जैसलमेर जिले मे सीमेंट उद्योग स्थापित करने के लिए अनुकूल परिस्थितियां मौजूद।
जिले मे अत्यधिक मात्रा मे चूना पत्थर व जिप्सम के भंडार।
प्रचुर मात्रा मे छोटे आकार का वह लाइम टोन, जो स्टील मिलो को नहीं भेजा जा रहा और आरएसएमएम के समीप अनुपयोगी पड़ा है।
उद्योग इकाई को शुरू करने के लिए भूमि और इंदिरा गांधी नहर
का पानी उपलब्ध
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जोधपुर: पांच अगस्त से आसाराम मामले में अब सुनवाई कोर्ट के जगह जेल के अंदर होगी। राजस्थान हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ने सेशंस कोर्ट के जज की अर्ज़ी पर इसको मंजूरी दे दी है।
अपनी चिट्ठी में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ने कहा "आरोपी के सुरक्षा के मद्देनज़र, निष्पक्ष सुनवाई और गवाहों की सुरक्षा और अदालत के कर्मियों की भी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, और अदालत परिसर में क़ानून व्यवस्था बनी रहे।"
इस सबके कारण जेल में सुनवाई की इजाजत दे दी गई है और पुलिस और जेल प्रशासन को भी सभी सुविधा मुहैया कराने के आदेश दिए गए हैं।
हर बार जब आसाराम की सुनवाई होती है तो सैकड़ों समर्थक आसाराम के दर्शन के लिए इकट्ठा होते हैं। दर्जनों बार इनकी भिड़ंत पुलिस से हुई है और इनपर लाठी चार्ज भी किया गया है।
जब भी आसाराम को जेल से अदालत में पेश किया जाता है तो, दो थानों का पूरा बल और आरएसी की एक पूरी की पूरी बटालियन उसकी सुरक्षा में लग जाती है। इसके बावजूद आसाराम को लेकर कई बार क़ानून व्यवस्था बिगड़ी है।
इस साल फ़रवरी में एक गवाह पर अदालत परिसर में ही हमला हुआ था। आसाराम केस की सुनवाई कर रहे जज को पिछले साल एक धमकी भरा खत मिला था। उदय मंदिर पुलिस थाना, जो आसाराम को जेल से लेकर आने में लगता है, उस पुलिस थाने के थाना अधिकारी को WHATSAPP पर धमकी मिली थी। तीनों मामलों में एफआईआर दर्ज हो चुकी है।
नई दिल्ली. मानसून सेशन के दौरान लगातार विरोध कर रही कांग्रेस के 44 में से 25 सांसदों को सोमवार को पांच दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया गया। यानी अगले पांच दिन लोकसभा में कांग्रेस की आवाज बुलंद करने के लिए सिर्फ 19 सांसद ही बचे हैं। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने यह कार्रवाई की। सस्पेंड किए गए सांसद स्पीकर के सामने हाथ में काली पट्टी बांधकर और तख्तियां लेकर हंगामा कर रहे थे। लोकसभा स्पीकर ने अपने फैसले के बारे में मीडिया से बात करते हुए कहा, 'मैंने सदन चलाने की पूरी कोशिश की। लेकिन सांसदों का तरीका सही नहीं था। मैं कड़ी कार्रवाई नहीं चाहती थी। आज लोकतंत्र के लिए कुछ सीखने का दिन है।' वहीं, सस्पेंशन की इस कार्रवाई को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकतंत्र का काला दिन बताया है। पिछले कई दिनों की तरह सोमवार को भी कांग्रेस के सांसद हाथों में काली पट्टी बांधकर तख्तियां लेकर लोकसभा पहुंचे थे। जब कांग्रेस के कई सांसद स्पीकर के आसन के सामने आ गए तो
उन्होंने चेतावनी देते हुए हंगामा कर रहे सांसदों को पांच मिनट का वक्त दिया था। लेकिन चेतावनी को दरकिनार करते हुए कांग्रेसी सांसद वहां मौजूद रहे। इसके बाद स्पीकर ने उन्हें सस्पेंड कर दिया।
इस कार्रवाई का मतलब?
इस सस्पेंशन के कारण कांग्रेस के 25 सांसद लोकसभा की कार्यवाही में शामिल नहीं हो सकेंगे। इससे सदन में कांग्रेस सांसदों की संख्या घटकर 19 रह गई है। बता दें कि लोकसभा में कांग्रेस के कुल 44 सांसद हैं।
किस नियम के तहत कार्रवाई?
लोकसभा संचालन के नियम 364 (ए) के तहत यह कार्रवाई हुई। संसदीय कार्यराज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा, ''पिछले कई दिनों से कांग्रेस के सांसद नियम तोड़ रहे थे। स्पीकर ने उन्हें कई बार चेताया।''
कांग्रेस ने स्पीकर पर उठाए सवाल
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'स्पीकर की कार्रवाई पार्लियामेंट्री डेमोक्रेसी के खिलाफ है। हम इसका विरोध करेंगे।'
टीएमसी और आप के एमपी भी नहीं जाएंगे संसद
लोकसभा से कांग्रेस के 25 सांसदों के सस्पेंशन का विरोध करते हुए तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने एलान किया है कि पार्टी के सांसद पांच दिनों तक संसद नहीं जाएंगे। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, विपक्ष की 8 पार्टियां सस्पेंशन के खिलाफ कार्यवाही का बायकॉट करेंगी।