जोधपुर: पांच अगस्त से आसाराम मामले में अब सुनवाई कोर्ट के जगह जेल के अंदर होगी। राजस्थान हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ने सेशंस कोर्ट के जज की अर्ज़ी पर इसको मंजूरी दे दी है।
अपनी चिट्ठी में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ने कहा "आरोपी के सुरक्षा के मद्देनज़र, निष्पक्ष सुनवाई और गवाहों की सुरक्षा और अदालत के कर्मियों की भी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, और अदालत परिसर में क़ानून व्यवस्था बनी रहे।"
इस सबके कारण जेल में सुनवाई की इजाजत दे दी गई है और पुलिस और जेल प्रशासन को भी सभी सुविधा मुहैया कराने के आदेश दिए गए हैं।
हर बार जब आसाराम की सुनवाई होती है तो सैकड़ों समर्थक आसाराम के दर्शन के लिए इकट्ठा होते हैं। दर्जनों बार इनकी भिड़ंत पुलिस से हुई है और इनपर लाठी चार्ज भी किया गया है।
जब भी आसाराम को जेल से अदालत में पेश किया जाता है तो, दो थानों का पूरा बल और आरएसी की एक पूरी की पूरी बटालियन उसकी सुरक्षा में लग जाती है। इसके बावजूद आसाराम को लेकर कई बार क़ानून व्यवस्था बिगड़ी है।
इस साल फ़रवरी में एक गवाह पर अदालत परिसर में ही हमला हुआ था। आसाराम केस की सुनवाई कर रहे जज को पिछले साल एक धमकी भरा खत मिला था। उदय मंदिर पुलिस थाना, जो आसाराम को जेल से लेकर आने में लगता है, उस पुलिस थाने के थाना अधिकारी को WHATSAPP पर धमकी मिली थी। तीनों मामलों में एफआईआर दर्ज हो चुकी है।
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