नई दिल्ली. मानसून सेशन के दौरान लगातार विरोध कर रही कांग्रेस के 44 में से 25 सांसदों को सोमवार को पांच दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया गया। यानी अगले पांच दिन लोकसभा में कांग्रेस की आवाज बुलंद करने के लिए सिर्फ 19 सांसद ही बचे हैं। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने यह कार्रवाई की। सस्पेंड किए गए सांसद स्पीकर के सामने हाथ में काली पट्टी बांधकर और तख्तियां लेकर हंगामा कर रहे थे। लोकसभा स्पीकर ने अपने फैसले के बारे में मीडिया से बात करते हुए कहा, 'मैंने सदन चलाने की पूरी कोशिश की। लेकिन सांसदों का तरीका सही नहीं था। मैं कड़ी कार्रवाई नहीं चाहती थी। आज लोकतंत्र के लिए कुछ सीखने का दिन है।' वहीं, सस्पेंशन की इस कार्रवाई को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकतंत्र का काला दिन बताया है। पिछले कई दिनों की तरह सोमवार को भी कांग्रेस के सांसद हाथों में काली पट्टी बांधकर तख्तियां लेकर लोकसभा पहुंचे थे। जब कांग्रेस के कई सांसद स्पीकर के आसन के सामने आ गए तो
उन्होंने चेतावनी देते हुए हंगामा कर रहे सांसदों को पांच मिनट का वक्त दिया था। लेकिन चेतावनी को दरकिनार करते हुए कांग्रेसी सांसद वहां मौजूद रहे। इसके बाद स्पीकर ने उन्हें सस्पेंड कर दिया।
इस कार्रवाई का मतलब?
इस सस्पेंशन के कारण कांग्रेस के 25 सांसद लोकसभा की कार्यवाही में शामिल नहीं हो सकेंगे। इससे सदन में कांग्रेस सांसदों की संख्या घटकर 19 रह गई है। बता दें कि लोकसभा में कांग्रेस के कुल 44 सांसद हैं।
किस नियम के तहत कार्रवाई?
लोकसभा संचालन के नियम 364 (ए) के तहत यह कार्रवाई हुई। संसदीय कार्यराज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा, ''पिछले कई दिनों से कांग्रेस के सांसद नियम तोड़ रहे थे। स्पीकर ने उन्हें कई बार चेताया।''
कांग्रेस ने स्पीकर पर उठाए सवाल
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'स्पीकर की कार्रवाई पार्लियामेंट्री डेमोक्रेसी के खिलाफ है। हम इसका विरोध करेंगे।'
टीएमसी और आप के एमपी भी नहीं जाएंगे संसद
लोकसभा से कांग्रेस के 25 सांसदों के सस्पेंशन का विरोध करते हुए तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने एलान किया है कि पार्टी के सांसद पांच दिनों तक संसद नहीं जाएंगे। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, विपक्ष की 8 पार्टियां सस्पेंशन के खिलाफ कार्यवाही का बायकॉट करेंगी।
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