जैसलमेर।सरहदी जैसलमेर जिले में जल्द ही सीमेंट उद्योग की इकाइयां शुरू होने के साथ यहां औद्योगिक विकास के नए द्वार खुलेंगे। लाइम स्टोन की प्रचुर मात्रा उपलब्ध होने से दो सीमेट कम्पनियो ने यहां सीमेंट उद्योग विकसित करने मे रूचि दिखाई है।
वे यहां 40 अरब का निवेश करने को तैयार है। लाइम स्टोन के संबंधित ब्लॉक्स के प्रस्ताव भारतीय भू-सर्वेक्षण विभाग को प्रेषित कर दिए गए हैं। वहीं खान विभाग ने भी दोनो कंपनियो को मंशा पत्र भी जारी कर दिए हैं।
6 मिलियन टन की क्षमता
सरहदी जैसलमेर जिले मे दो सीमेंट कंपनियां कारखाने विकसित करने को उत्सुक हैं और करीब 2-2 हजार करोड़ यानि कुल 40 अरब का निवेश करने का मानस बना चुकी है। जानकारी के मुताबिक हर सीमेन्ट कारखाने की उत्पादन क्षमता तीन मिलियन टन प्रतिवर्ष होगी, जिससे प्रदेश सरकार को काफी मात्रा मे राजस्व हासिल होगा।
मिलेगी 30 करोड़ की रॉयल्टी
सरहदी जैसलमेर जिले मे सीमेन्ट उद्योग विकसित होने से राज्य सरकार को करीब 30 करोड़ रूपए की रॉयल्टी मिल सकेगी। यही नहीं, पवन व सौर ऊर्जा के साथ खनन क्षेत्र मे भी सरहदी जिले के बाशिंदो को रोजगार मिल सकेगा। पूर्व मे सरकार ने निर्णय लिया था कि जैसलमेर से जोधपुर व बीकानेर तक सीमेंट उत्पादन के परिवहन के लिए 25 प्रतिशत सब्सिडी दी जा सकती है।
ये हैं दस ब्लॉक
सीमेंट उद्योग के लिए प्रदेश मे 10 ब्लॉक घोषित किए गए हैं, उसमे 6 ब्लॉक जैसलमेर जिले मे हैं। इन ब्लॉको मे पारेवर एनएन-2, पारेवार एसएन-3, पारेवर एसएन-5, मंघा आरएम-1, खीया-2 व खींवसर केएच-4 शामिल हैं।
चल रही प्रक्रिया
जैसलमेर मे सीमेन्ट उद्योग विकसित करने के लिए दोनो कम्पनियो की ओर से वांछित प्रक्रिया की जा रही है। एनओसी की कार्यवाही चल रही है। वैसे दोनो सीमेट कम्पनियो को मंशा पत्र जारी कर दिए गए हैं, लेकिन सीमेन्ट कारखाने विकसित होने मे अभी समय लग सकता है। सोहनलाल रैगर, खनि अभियंता, जैसलमेर
इसलिए है सीमेन्ट उद्योग की संभावनाएं
सरहदी जैसलमेर जिले मे सीमेंट उद्योग स्थापित करने के लिए अनुकूल परिस्थितियां मौजूद।
जिले मे अत्यधिक मात्रा मे चूना पत्थर व जिप्सम के भंडार।
प्रचुर मात्रा मे छोटे आकार का वह लाइम टोन, जो स्टील मिलो को नहीं भेजा जा रहा और आरएसएमएम के समीप अनुपयोगी पड़ा है।
उद्योग इकाई को शुरू करने के लिए भूमि और इंदिरा गांधी नहर
का पानी उपलब्ध
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