गुरुवार, 30 जुलाई 2015

बाड़मेर। जिला परिषद के सीईओ को गिरफ्तार करने के आदेश

बाड़मेर। जिला परिषद के सीईओ को गिरफ्तार करने के आदेश




बाड़मे। राजस्थान लोकायुक्त के आदेश की पालना नहीं करने पर बाड़मेर जिला परिषद के सीईओ गोपालराम बिरदा को गिरफ्तार करने के आदेश दिए है। बाड़मेर एसपी को लोकायुक्त के आदेश मिले है। वर्ष 2009 में ग्रामसेवक रामाराम, तनदान और खूमाराम तंवर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के संबंध में सीईओ से तीन माह पहले लोकायुक्त ने रिपोर्ट मांगी थी। इस मामले में सीईओ की ओर से लोकायुक्त के आदेश की पालना नहीं किए जाने पर बाड़मेर एसपी देशमुख परिस को पत्र जारी कर सीईओ को गिरफ्तार करने के आदेश दिए है।<a href='/tags/rajasthan'>Rajasthan </a><a href='/tags/barmer'>Barmer </a><a href='/tags/barmer'>Barmer</a><a href='/tags/बाड़मेर-जिला'>बाड़मेर जिला</a><a href='/tags/परिषद'>परिषद</a><a href='/tags/सीईओ'>सीईओ</a><a href='/tags/आदेश'>आदेश</a>

बाड़मेर पानी फिर उसी राह, कवास में चिंता



बाड़मेर पानी फिर उसी राह, कवास में चिंता


2006 की बाढ़ से तबाह हुए कवास में एक बार फिर चिंता के बादल छा गए हैं। जिलेभर में पिछले पांच दिनों से हो रही बारिश से भय का माहौल बना हुआ है। कवास में भी लोग डरे हुए हैं। प्रशासन की ओर से लोगों को सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

जिले में लगातार पांच दिनों से बारिश चल रही है। हालांकि मंगलवार को दिन में कुछ स्थानों पर मामूली बारिश हुई थी, लेकिन रात में मूसलाधार बारिश से फिर वही स्थिति रही। बुधवार को भी भारी बारिश हुई।

गुड़ामालानी व इसके आस-पास के इलाके में अभी भी पानी भरा हुआ है। उधर, भाडखा व नागड़दा से एकत्र पानी बुधवार दोपहर तक रोहिली गांव की रपट तक पहुंच गया। गुरुवार सुबह तक यह पानी मंूढ़ों की ढाणी तक पहुंचने का अनुमान है।

गौरतलब है कि वर्ष 2006 में कवास में बाढ़ का पानी इसी रास्ते से आया था। कवास में बुधवार को हुई मूसलाधार बारिश से गलियों समेत मुख्य चौराहे पर तीन-तीन फीट पानी जमा हो गया। कवास के पास ही नौसर ग्राम के दो राजस्व गांवों में ढाणियां टापू बन गई है।

उधर, सीमावर्ती सेड़वा क्षेत्र में स्थिति खराब हो रही है। यहां मंगलवार रात में 146 एमएम बारिश हुई, वहीं बुधवार को दिनभर बारिश चली। शाम के समय भी मूसलाधार बारिश का दौर जारी था। इस कारण क्षेत्र में करीब 36 गायों की मौत हो गई।

बायतु। क्षेत्र में लगातार बारिश से व्यापारियों की चिंता बढ़ गई है। उन्होंने अपनी दुकानों से सामान निकाल सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की कवायद शुरू कर दी है। किराणा, अनाज व कपड़े के बड़े व्यापारियों ने बुधवार को अधिकतर सामान सुरक्षित स्थान पर भिजवा दिया। वहीं छोटे व्यापारी भी अपना सामान पैक करने में लग गए हैं। उधर, भाडखा व नागड़दा से एकत्र पानी बुधवार दोपहर तक रोहिली गांव की रपट तक पहुंच गया।

दोपहर बाद हुई तेज बारिश के मद्देनजर इस पानी का वेग बढ़ गया। इससे कवास के लोगों की चिंता बढ़ गई है। गुरुवार सुबह तक यह पानी मंूढ़ों की ढाणी तक पहुंचने का अनुमान है। कवास से व्यापारी दिनेश माहेश्वरी, तगाराम गोदारा, किस्तुरचंद राठी व चौथमल ने अपनी दुकानें तथा गोदाम खाली कर दिए।

नागाणा थानाधिकारी देवीचंद ढाका बीते तीन दिनों से स्थिति पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं। कवास में बुधवार को हुई मूसलाधार बारिश से गलियों समेत मुख्य चौराहे पर तीन-तीन फीट पानी जमा हो गया।

नौसर में बढ़ा खतरा

कवास के नजदीक के नौसर ग्राम पंचायत के दो राजस्व गांव टापू बन गए हैं। नौसर तालाब में लगातार पानी की आवक होने से आस-पास के आबादी क्षेत्रों में खतरा बढ़ गया है।

तालाब से पानी के रिसाव के कारण कई ढाणियां टापू का रूप ले चुकी हैं। मेघवालों का बास व भीलों का बास के लोगों ने अपने घर खाली कर दिए हैं। बुधवार को करीब पचास से ज्यादा परिवारों ने ऊंचाई वाले स्थानों पर अस्थायी छप्पर बना लिए।

खाने-पीने का बंदोबस्त नहीं

नौसर गांव में तालाब के पानी से बचने के लिए घरों को छोड़कर गए परिवार धोरों पर समस्याआें से जूझ रहे हैं। नौसर सरपंच शंकरलाल ने बताया कि धोरों पर बैठे लोगों के लिए खाने-पीने का बंदोबस्त नहीं हो पाया है। प्रशासन ने तालाब के पानी की निकासी लूणी नदी की ओर करने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली।

जाटों ने किया दिल्ली-फिरोजपुर रेलवे ट्रैक जाम



जींद। हरियाणा के जींद जिले के धरौंदी गांव में गत दिनों दलितों को प्लाटों पर कब्जा दिलाने के दौरान हुए विवाद ने तूल पकड़ लिया है और जाटों ने बुधवार को आंदोलन का एलान करके गांव मेें दिल्ली-फिरोजपुर रेलवे ट्रैक जाम कर दिया।



सैंकड़ों की तादात में लोग रेलवे ट्रेक के बीच में बैठ गए। जाटों की मांग है कि इस प्रकरण में मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी और परिजनों को 25 लाख रूपए की अनुग्रह राशि दी जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए। गांव में हालात तनावपूर्ण हैं जिसे देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।







गौरतलब है कि गत 18 जुलाई को प्रशासन द्वारा दलितों को सौ-सौ गज के प्लाटों पर कब्जा दिलाने के दौरान जाटों और दलितों में झड़प हो गई थी। झगड़े के दौरान चाकु लगने से जाट समुदाय के विक्रम नामक युवक की मौत हो गई थी और संदीप घायल हो गया था। घटना के बाद गांव से करीब 150 दलित परिवार पलायन कर गए थे।







जाटों ने बुधवार को गांव में युवक की मौत के बाद शोकसभा का आयोजन किया था जिसमें बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और यह महापंचायत में तब्दील हो गई। मृतक की पत्नी को नौकरी और अनुग्रह राशि नहीं मिलने पर लोगों ने आंदोलन का एलान करते हुए तुरंत दिल्ली-फिरोजपुर रेलवे ट्रैक जाम कर दिया।







जींद रेलवे स्टेशन के अधीक्षक अनिल यादव ने बताया कि जाटों के इस प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली की तरफ से जींद होते हुए पंजाब जाने वाली कई मेल गाडिय़ों का रास्ता बदल कर वाया पानीपत कर दिया गया है।

फांसी के फंदे पर झूला मुंबई बम धमाकों का गुनहगार, जन्मदिन के दिन मिली मौत

मुंबई। मुंबई बम ब्लास्ट के गुनहगार याकूब मेमन को गुरुवार को 6.30 मिनट पर नागपुर जेल में फांसी दे दी गई। याकूब की फांसी के दौरान उसके परिवार के लोग भी जेल परिसर में मौजूद थे। जेल अधीक्षक  सहित 6 अधिकारियों की मौजूदगी में फांसी दी गई।पोस्टमार्टम के बाद उसका शव उसके परिवार को सौंप दिया जाएगा।
याकूब के शव का पोस्टमार्टम शुरु
जेल प्रशासन ने सुबह 7 बजकर 1 मिनट पर उसे मृत घोषित किया। इसके साथ याकूब के शव का पोस्टमार्टम शुरु कर दिया।
जन्मदिन के दिन ही मौत
 ये भी अजीब संयोग की है कि आज ही के दिन याकूब का जन्म हुआ था और आज ही के दिन उसे मौत मिली। आज याकूब का 53 वां जन्मदिन है।
इससे पहले  देर रात तक जबरदस्त नाटकीय घटनाक्रम चला। शीर्ष अदालत के फांसी पर रोक से इनकार और राष्ट्रपति के दया याचिका ठुकराने के बाद याकूब के वकील बुधवार देर रात फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।
उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल विद्यासागर राव द्वारा याकूब की दया याचिका खारिज करने के खिलाफ अपील की। वहीं राष्ट्रपति के पास दया याचिका लंबित बताते फांसी पर रोक की मांग भी की। याकूब के वकील ने मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू से देर रात मिलने का समय मांगा तथा फांसी पर 14 दिन की रोक लगाने की मांग को लेकर रात 3 बजे सुप्रीम कोर्ट खुलवा लिया।
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मामले की सुनवाई कोर्ट नंबर चार में शुरू हुई। मेनन के वकील आंनद ग्रोवर ने 6 दलीलें कोर्ट के समक्ष रखीं। इस दौरान अटॉनी जनरल मुकुल रोहतगी ने सरकार का पक्ष रखा। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जस्टिस दीपक मिश्रा ने याकूब मेनन की फांसी को बरकरार रखा।
जेल में फांसी की तैयारियां चलती रही
सूत्रों के अनुसार सुबह तड़के 3.50 पर याकूब को उठाया गया और उसे स्नान के बाद नया कपड़ा दिया गया। उसके बाद चार बजे उसे प्रार्थना के लिए समय दिया गया। सुबह पांच बजे नाश्ते के बाद 6 बजे उसे धार्मिक पुस्तकें पढऩे के लिए दी गईं।
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 उसके बाद कुछ समय के लिए आराम करने का वक्त दिया गया। सुबह सात बजे उसे बताया गया कि उसे फांसी क्यों दी जा रही है। फांसी देने से पूर्व उसे काला कपड़ा पहनाया गया।
फांसी देने को लेकर बुधवार रात तक तस्वीर साफ नहीं हो पाई थी। राष्ट्रपति से सुप्रीम कोर्ट तक लगातार खारिज होती याकूब की याचिकाओं के मद्देनजर नागपुर सेंट्रल जेल में फांसी की तैयारियां चलती रही।
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 वहीं मेमन ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के फैसले को चुनौती देते शीर्ष कोर्ट में ताजा याचिका लगा दी। उससे पहले शीर्ष कोर्ट ने मेमन के डेथ वारंट पर अमल रोकने व क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर दी तो राष्ट्रपति ने भी दूसरी बार दाखिल उसकी दया याचिका केंद्र की सिफारिश पर नामंजूर कर दी।
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भारतीय जनता पार्टी तथा कांग्रेस ने कहा कि कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा, लेकिन ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने कहा है कि राजनीतिक समर्थन की कमी के कारण ही मेमन को फांसी दी जा रही है।
संवेदनशील जगहों पर अतिरिक्त सुरक्षाबल
राज्य सरकार ने किसी अप्रिय घटना को टालने के लिए जेल परिसर में तथा बाहर, मुंबई के माहिम स्थित मेमन के घर के बाहर तथा राज्य भर में अन्य संवेदनशील जगहों पर अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात कर रखे थे।

बुधवार, 29 जुलाई 2015

एसीबी एसपी ममता राहुल ने कार्यभार संभाला

एसीबी एसपी  ममता राहुल ने कार्यभार संभाला

बीकानेर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो बीकानेर रेंज में नौ साल बाद पुलिस अधीक्षक के रिक्त पड़े पद पर ममता राहुल ने बुधवार को कार्यभार संभाल लिया।

कुछ दिन पूर्व वह ब्यूरो में आई थी तब मुख्यालय ने उन्हें बीकानेर रेंज का प्रभार सौंपा था। तब वह बीकानेर आ रेंज अधिकारियों की मीटिंग लेकर वापस चली गई थी।

ब्यूरो के पुलिस महानिदेशक ने उन्हें अब बीकानेर रेंज कार्यालय में ही रहने के आदेश दिए हैं।

बुधवार को उन्होंने कार्यभार संभालते ही अपर पुलिस अधीक्षक नरोत्तम लाल वर्मा व विशेष अनुसंधान इकाई के एएसपी परवत सिंह के साथ स्टाफ से चर्चा की और लंबे समय से बकाया प्रकरण निपटाने के निर्देश दिए।

बीकानेर कार्यालय में दो पुलिस उपअधीक्षक समेत कई कर्मचारियों के पद रिक्त हैं। नई पुलिस अधीक्षक ने मुख्यालय के स्तर पर स्टाफ का मुद्दा ले जाने की बात कही।