मुंबई। मुंबई बम ब्लास्ट के गुनहगार याकूब मेमन को गुरुवार को 6.30 मिनट पर नागपुर जेल में फांसी दे दी गई। याकूब की फांसी के दौरान उसके परिवार के लोग भी जेल परिसर में मौजूद थे। जेल अधीक्षक सहित 6 अधिकारियों की मौजूदगी में फांसी दी गई।पोस्टमार्टम के बाद उसका शव उसके परिवार को सौंप दिया जाएगा।
याकूब के शव का पोस्टमार्टम शुरु
जेल प्रशासन ने सुबह 7 बजकर 1 मिनट पर उसे मृत घोषित किया। इसके साथ याकूब के शव का पोस्टमार्टम शुरु कर दिया।
जन्मदिन के दिन ही मौत
ये भी अजीब संयोग की है कि आज ही के दिन याकूब का जन्म हुआ था और आज ही के दिन उसे मौत मिली। आज याकूब का 53 वां जन्मदिन है।
इससे पहले देर रात तक जबरदस्त नाटकीय घटनाक्रम चला। शीर्ष अदालत के फांसी पर रोक से इनकार और राष्ट्रपति के दया याचिका ठुकराने के बाद याकूब के वकील बुधवार देर रात फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।
उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल विद्यासागर राव द्वारा याकूब की दया याचिका खारिज करने के खिलाफ अपील की। वहीं राष्ट्रपति के पास दया याचिका लंबित बताते फांसी पर रोक की मांग भी की। याकूब के वकील ने मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू से देर रात मिलने का समय मांगा तथा फांसी पर 14 दिन की रोक लगाने की मांग को लेकर रात 3 बजे सुप्रीम कोर्ट खुलवा लिया।
मामले की सुनवाई कोर्ट नंबर चार में शुरू हुई। मेनन के वकील आंनद ग्रोवर ने 6 दलीलें कोर्ट के समक्ष रखीं। इस दौरान अटॉनी जनरल मुकुल रोहतगी ने सरकार का पक्ष रखा। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जस्टिस दीपक मिश्रा ने याकूब मेनन की फांसी को बरकरार रखा।
जेल में फांसी की तैयारियां चलती रही
सूत्रों के अनुसार सुबह तड़के 3.50 पर याकूब को उठाया गया और उसे स्नान के बाद नया कपड़ा दिया गया। उसके बाद चार बजे उसे प्रार्थना के लिए समय दिया गया। सुबह पांच बजे नाश्ते के बाद 6 बजे उसे धार्मिक पुस्तकें पढऩे के लिए दी गईं।
उसके बाद कुछ समय के लिए आराम करने का वक्त दिया गया। सुबह सात बजे उसे बताया गया कि उसे फांसी क्यों दी जा रही है। फांसी देने से पूर्व उसे काला कपड़ा पहनाया गया।
फांसी देने को लेकर बुधवार रात तक तस्वीर साफ नहीं हो पाई थी। राष्ट्रपति से सुप्रीम कोर्ट तक लगातार खारिज होती याकूब की याचिकाओं के मद्देनजर नागपुर सेंट्रल जेल में फांसी की तैयारियां चलती रही।
वहीं मेमन ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के फैसले को चुनौती देते शीर्ष कोर्ट में ताजा याचिका लगा दी। उससे पहले शीर्ष कोर्ट ने मेमन के डेथ वारंट पर अमल रोकने व क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर दी तो राष्ट्रपति ने भी दूसरी बार दाखिल उसकी दया याचिका केंद्र की सिफारिश पर नामंजूर कर दी।
भारतीय जनता पार्टी तथा कांग्रेस ने कहा कि कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा, लेकिन ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने कहा है कि राजनीतिक समर्थन की कमी के कारण ही मेमन को फांसी दी जा रही है।
संवेदनशील जगहों पर अतिरिक्त सुरक्षाबल
राज्य सरकार ने किसी अप्रिय घटना को टालने के लिए जेल परिसर में तथा बाहर, मुंबई के माहिम स्थित मेमन के घर के बाहर तथा राज्य भर में अन्य संवेदनशील जगहों पर अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात कर रखे थे।
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