मंगलवार, 28 जुलाई 2015

दुर्घटना में पिता की मौत, पुत्र घायल

दुर्घटना में पिता की मौत, पुत्र घायल


कोटा. विज्ञान नगर थाना क्षेत्र में मंगलवार सुबह अज्ञात वाहन की टक्कर से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि उसका पुत्र घायल हो गया।
पुलिस ने बताया कि कोटड़ी गोरधनपुरा निवासी महावीर प्रसाद गोयल (46) अपने पुत्र राहुल के साथ महावीर नगर में शादी समारोह में शामिल होकर बाइक से घर जा रहा था। आईएल कॉलोनी के सामने फ्लाई ओवर पर अज्ञात वाहन ने उसे टक्कर मार दी।
इससे बाइक डिवाइडर से जा टकराई। दुर्घटना में पिता-पुत्र दोनों घायल हो गए। उन्हें एमबीएस अस्पताल पहुंचाया गया, जहां जांच के बाद डॉक्टर ने महावीर को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। साथ ही अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

जयपुर तोगडिया ने लिया सरकार को आडे हाथ,कहा शाॅल,मैंगो आैर शेक हैंड की सियासत छोडे मोदी



जयपुर तोगडिया ने लिया सरकार को आडे हाथ,कहा शाॅल,मैंगो आैर शेक हैंड की सियासत छोडे मोदी


विश्व हिन्दू परिषद् के नेता प्रवीण तोगड़िया जयपुर में गुरदासपुर आतंकवादी हमले पर पाक को लिया आड़े हाथो लेने के साथ साथ केन्द्र सरकार पर भी जमकर निशाना साधा। भारत माता मंदिर में आयोजित एक प्रेस वार्ता में तोगडिया ने कहा पाकिस्तान के मामले में केंद्र सरकार की विदेश नीति हुई फेल हम सिर्फ बाते कर रहे है और शाल फल दे रहे है और पाकिस्तान बदले में एके 47 और आतंकवाद भेज रहा है।







ताेगडिया ने अप्रत्यक्ष रूप से पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मैंगो आैर शाल की सियासत खूब हो गर्इ है। अब म्यांनमार की तरह पीआेके में जाकर आतंकवादियो पर कार्यवाही होनी चाहिये। फायर ब्रांड विहिप नेता प्रवीण तोगडिया ने कहा कि जब अमेरिका लादेन पर पाकिस्तान में जाकर कार्यवाही कर सकता है तो भारत पाक अधिकृत काश्मीर में आतंकवादियो पर कार्यवाही क्यो नही कर सकता। क्योकि पीआेके तो संसद में पारित प्रस्ताव के मुताबिक भारत का ही अंग है।











याकूब मेमन की फांसी का विरोध करने वालो पर भी गरजे तोगडिया

याकूब मेमन की फांसी का विरोध करने वालों पर निशाना साधते हुए तोगडिया ने एेसे लोगो का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिये। सलमान खान और ओवेसी को गद्दार बताते हुए तोगडिया ने कहा कि चले जाना चाहिये दोनों को पाकिस्तान। तोगडिया ने बताया कि उम्मीद थी की पीएम नरेन्द्र भार्इ मोदी दाऊद को पिंजरे में डाल के लाएंगे लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नही हुर्इ लेकिन उम्मीद है कि पीएम इस मामले में जल्द ही एक्शन लेगें।







पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को बताया बहादुर प्रधानमंत्री

वहीं एक सवाल के जवाब में विहिप नेता प्रवीण भाई तोगडिया ने पूर्व पीएम स्वर्गीय इंदिरा गांधी की तारीफ करते हुए उन्हे बहादुर पीएम बताते हुए कहा कि उन्होंने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिये थे।







जयपुर मंदिर तोडने पर कहा कि पुर्ननिर्माण होना चाहिये

जयपुर में मंदिर तोड़ने के मामले पर तोगडिया ने कहा कि ये गलत हुआ है। सभी मंदिर का हो पुनर्निर्माण होना चाहिये आैर दोषी अधिकारी उसी मंदिर में जाके माफ़ी मांगे नहीं मांगेंगे तो 71 पीढ़ी भुगतेगी।उधर तोगडिया ने पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के निधन पर दी उन्हे श्रद्वांजलि देते हुए कलाम को देशभक्त साइंटिस्ट और सफल राष्ट्रपति बताया ।

पोकरण को इसलिए प्यार करते थे कलाम,रेत के धोरों में पूर्णिमा की रात मुझे अच्छी लगती है।

रेत के धोरों में पूर्णिमा की रात मुझे अच्छी लगती है। मैं पूरे चांद वाली इस रात कुछ पल अकेले बिताना चाहता हूं...और मैं पोकरण को प्यार करता हूं क्योंकि यह कुछ करने और स्वच्छंदता का एक बेहतर मंच है।'


पूर्व राष्ट्रपति कलाम ने 2005 में जयपुर के करीब छह सौ स्कूली बच्चों के साथ संवाद के दौरान यह बात कही तो इसमें एक गहरा राज छिपा था। यह सभी जानते हैं कि 'जनता का राष्ट्रपति' (पीपुल्स प्रेजीडेंट) कलाम ने भारत को परमाणु ताकत के रूप में प्रतिष्ष्ठापित करने में अहम भूमिका निभाई थी और दोनों की परमाणु परीक्षण पोकरण की धरती पर हुए थे, लेकिन पोकरण के प्रति कलाम का प्यार परमाणु अभियान से लगातार 24 वर्षों तक जुड़े रहने का नतीजा था।







1974 के बाद जब 1999 में 'बुद्ध फिर मुस्कराए' तो ये कलाम का ही कमाल था कि 1995 में भारत की परमाणु परीक्षण तैयारियों को पकड़ लेने वाले अमरीकी उपग्रहों तक को भनक नहीं लग सकी। कलाम ने जैसे ही प्रधानमंत्री वाजपेयी को हॉटलाइन पर 'बुद्ध फिर मुस्कराए' का संदेश देकर लाइन काटी और इसकी आधिकारिक घोषणा हुई तो पूरी दुनिया स्तब्ध रह गई।



ऑप शक्ति के अल्फा, ब्रावो, चार्ली....
कलाम ने ही परमाणु दो की परिकल्पना को साकार किया था। हालांकि 1999 में हुए पांच परमाणु विस्फोटों की तैयारी कई बरसों से चल रही थी, लेकिन मई 1999 के पहले 11 दिन जिस तरह से 'ऑपरेशन शक्ति' को अंजाम तक पहुंचाया गया, उसके कोड ने अल्फा, ब्रावो, चार्ली...आदि कलाम के अलावा किसी को पता नहीं थे।







सेव की पेटियां
ऑपरेशन शक्ति की शुरुआत सेव की पेटियां भारतीय वायुसेना के मालवाहन विमान एएन-32 में रखने के साथ हुई थी। एक मई को तड़के तीन बजे मुम्बई के सांताक्रुज हवाई अड्डे से जैसलमेर तक का हवाई सफर और जैसलमेर से पोकरण तक सेना के ट्रकों में सेव की पेटियों के साथ इस यात्रा की कमान मेजर जनरल नटराज (आर. चिदम्बरम) और 'मामाजी' (अनिल काकोडकर) के पास थी, लेकिन जैसे ही ट्रकों का कारवां सेव की पेटियां लेकर खेतोलाई गांव में बनाए गए 'डीयर पार्क' (परीक्षण नियंत्रण कक्ष) के प्रार्थना हॉल तक पहुंचा, कमान मेजर जनरल पृथ्वी राज (कलाम) के हाथ आ गई। दरअसल, लकड़ी के बक्सों में सेव नहीं, बल्कि भाभा ऑटोमिक रिसर्च सेंटर में बनाए गए परमाणु बम थे, जिन्हें बड़ी गोपनीयता के साथ मुम्बई से पोकरण लाया गया था।







व्हाइट हाउस में विस्फोट
परमाणु परीक्षण के लिए देह झुलसाने वाले गर्मी में महीनों से काम कर रहे कलाम ने सारा काम इस गोपनीयता से अंजाम दिया कि किसी को पता नहीं चल सका कि भारत इतना बड़ा धमाका करने वाला है। उन्होंने अल्फा कम्पनी की मदद से पांच गहरे कुए खुदवाए थे। इनके नाम भी अजीब थे।



इनमें से दो सौ मीटर गहरे जिस कुएं में हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया गया, उसे व्हाइट हाउस का नाम दिया गया था, जबति फिसन बम के कुए को ताजमहल और पहले सबकिलोटन बम वाले कुए को कुम्भकर्ण का नाम दिया गया। बाकी दो कुए एनटी-1 व एनटी-2 दूसरे दिन किए गए परीक्षणों के लिए आरक्षित रखे गए थे।



फौजी बनकर घूमते थे
पूरे अभियान के दौरान कलाम व अन्य वैज्ञानिक न सिर्फ फौजी नाम से रहे, बल्कि उन्होंने पूरे अभियान के दौरान फौज की वर्दी ही पहने रखी। पोकरण के बस स्टैण्ड पर कई बार ये वैज्ञानिक फौज की गाडिय़ों में घूमने आते थे, लेकिन इनकी हस्ती लोगों को भी तभी पता चली, जब दूसरे परमाणु परीक्षण की खबरें सामने आई।



फौजी वर्दी पहन छिपाया परमाणु बम
जयुपरÐ यूं तो भारत 1995 में ही परमाणु बम का परीक्षण करना चाहता था लेकिन अमेरिका के जासूसी सैटेलाइट ने इस तैयारी को पहले ही पकड़ लिया और भारत को दुनिया के दबाव के सामने झुकना पड़ा।



1996 में जब पहली बाजपेयी सरकार बनी तो परमाणु परीक्षण का राजनीतिक निर्णय तो ले लिया गया लेकिन चुनौती थी अमेरिकी सैटेलाइटों को मात देना। जिम्मा दिया गया एपीजे अब्दुल कलाम को।



इस दौरान पहली बाजपेयी सरकार गिर गई। 1998 में जब फिर से बाजपेयी की सरकार बनी तो डीआरडीओ प्रमुख कलाम और परमाणु ऊर्जा आयोग के चेयरमैन राजगोपाल चिंदमबरम को हरी छड़ी दे दी।



मिसाइल मैन अब्दुल कलाम ने इस जिम्मेंवारी को बखूबी निभाया। अभियान को लेकर सतर्क ने अमेरिकी सैटलाइट से बचने के लिए वह फौजी ट्रक में और फौज की वर्दी में ही पोकरण आते-जाते थे।



गुप्त तैयारी की बाद जब 11 मई 1998 में एक के बाद एक पांच विस्फोट पोकरण में किए गए तो फिर दुनिया की आंखें फटी की फटी रह गई और आपेरशन शक्ति में एक नहीं पांच बार बुद्ध मुस्कुराए।

सोमवार, 27 जुलाई 2015

बिग ब्रेकिंग। . बाड़मेर जिले में भूकम्प के झटके

बिग ब्रेकिंग। . बाड़मेर जिले में भूकम्प के झटके 

बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर के बालोतरा पचपदरा शिव सिवाना सहित कई स्थानो पर पौने दस बजे भूकम्प के झटको ने लोगो को दहला दिया ,अचानक आये भूकम्प के झटको ने लोगो को चिंता में दाल दिया ,थारवासी भारी बारिश के क्झलते वैसे भी परेशानी में हैं ,

पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का शिलांग में निधन



नई दिल्ली।
पूर्व राष्ट्रपति और देश के 'मिसाइल मैन' एपीजे अब्दुल कलाम का सोमवार शाम को शिलांग में निधन हो गया। वे 84 वर्ष के थे।


सूत्रों से यहां प्राप्त जानकारी के अनुसार, डॉ. कलाम शिलांग के भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में एक व्याख्यान देते वक्त अचानक अचेत होकर गिर पड़े।



उसके बाद उन्हें शाम साढ़े छह बजे के करीब बेथानी अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।



'भारत रत्न' कलाम











भारत में मिसाइल टेक्नॉलजी के जनक कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में हुआ था।



वह 2002 से 2007 तक देश के 11वें राष्ट्रपति रहे।







पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में 1998 में पोखरण में हुए परमाणु परीक्षण में भी उनका अहम योगदान रहा।







विज्ञान के क्षेत्र में शानदार उपलब्धियों के लिए उनको पद्म भूषण और देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा जा चुका है।