रविवार, 26 जुलाई 2015

जवाई नदी में उफान, टापू पर फंसे तीन पशुपालक, गांवो



पाली/ सुमेरपुर/ नाणा पाली/ सुमेरपुर/ नाणा. आदिवासी क्षेत्र में गुरुवार की रात से लगातार बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। आसपास के कई गांवों-कस्बों का संपर्क कट गया है। नाना पिडंवाडा मार्ग पर जवाई नदी में शनिवार को बरसाती पानी की आवक बढऩे से पुलिया के ऊपर पानी बहने लगा, जिससे नाना-पिडण्वाडा मार्ग करीब तीन घंटे तक बंद रहा।



इस दौरान जवाई नदी में पशु चराने गए तीन पशुपालक नदी में फंस गए। तीनों ने नदी के बीच बने टापू पर चढ़ कर जान बचाई। ये तीनों करीब चार-पांच घंटे टापू पर फंसे रहे। बाद में ग्रामीणों की मदद से इन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया। इस दौरान क्षेत्र में बिजली भी बंद हो गई, जिससे क्षेत्रवासी परेशान रहे।







सुमेरपुर नगर व आसपास के क्षेत्र में शनिवार को अच्छी बारिश हुई। बारिश के चलते जवाई नदी में पानी की आवक शुरू हो गई और दोपहर बाद नदी उफान पर रही। इस दौरान वीरमपुरा रोड स्थित नाणा गांव के समीप जवाई के बीच स्थित एक टापू पर तीन पशुपालक फंस गए।







क्षेत्रवासियों के अनुसार नाणा निवासी पप्पा उर्फ पुखराज व वीरमपुरा की भागल निवासी गोपाराम रेबारी व लच्छाराम रेबारी अपने पशुओं को लेने के लिए नदी की दूसरी ओर जा रहे थे।







इस दौरान अचानक नदी में तेज जल प्रवाह शुरू हो गया। नदी में अचानक पानी बढ़ते देख उक्त तीनों व्यक्ति नदी के बीच बने एक टापू पर जा चढ़े, लेकिन नदी का स्तर बढ़ता गया।







इस दौरान कुछ लोगों ने तीनों को टापू पर फंसे देखा तो ग्रामीणों को बताया। इस सम्बन्ध में पता चलने पर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और तीनों को बचाने के प्रयास शुरू किए। ग्रामीणों के अनुसार नाणा गांव के समीप वीरमपुरा मार्ग स्थित जवाई नदी के पुल पर अपराह्न बाद करीब चार से पांच फीट ऊंचाई तक पानी बहने लगा। इस दौरान पानी का प्रवाह भी काफीे तेज रहा।



इस सम्बन्ध में पता चलने पर पुलिस उपअधीक्षक अमरसिंह व थानाधिकारी सहित अन्य पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी भी घटना स्थल के लिए रवाना हुए।



सम्पर्क कटा

क्षेत्र में हो रही तेज बारिश से जवाई नदी सहित अन्य छोटे-बड़े नदी नाले उफान पर है। बारिश से नाणा व आसपास के गांवों का सम्पर्क कट गया है। एेसी स्थिति बचाव दल मौके पर नहीं पहुंच पा रहे हैं।



नाणा संवादाता के अनुसार आदिवासी क्षेत्र में गुरुवार की रात से लगातार बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। आसपास के कई गांवों-कस्बों का संपर्क कट गया है।

नाना पिडंवाडा मार्ग पर जवाई नदी में शनिवार को बरसाती पानी की आवक बढऩे से पुलिया के ऊपर दो फीट ऊंचाई तक पानी बहने लगा, जिससे नाना-पिडण्वाडा मार्ग करीब तीन घंटे तक बंद रहा।



इस दौरान क्षेत्र में बिजली भी बंद हो गई, जिससे क्षेत्रवासी परेशान रहे। नाना से सोन गिरी हनुमानजी मंदिर व मालनू गांव जाने वाले मार्ग पर बरसाती पानी आने से जमीन धंस गई, जिससे रास्ता बंद हो गया।




पानी के कारण जमीन के नीचे कटाव हो गया है और अभी भी जमीन के नीचे से पानी बह रहा है। इससे हादसे का अंदेशा बना हुआ है। इस मार्ग पर रेलवे का कार्य भी चल रहा है, जिससे जगह-जगह पानी रुकने से खेतों में बारिश का पानी भर गया है। नाना से सोनगिरी हनुमानजी मंदिर जाने वाला रास्ता भी पूरी तरह बंद हो गया है।

मकराना साढ़े तीन लाख रुपए की रिश्वत लेते खनिज विभाग का फोरमैन रंगे हाथों गिरफ्तार

मकराना साढ़े तीन लाख रुपए की रिश्वत लेते खनिज विभाग का फोरमैन रंगे हाथों गिरफ्तार

बंद पड़ी मार्बल खदान को वापस शुरू करने के एवज में साढ़े तीन लाख रुपए की रिश्वत लेते खनिज विभाग फोरमैन श्रीपाल शेखावत को अजमेर एसीबी ने गुरुवार रात्रि में रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
फोरमैन की गिरफ्तारी के साथ ही खनिज विभाग के अधिकारियों के पसीने छूट गए। साढ़े तीन लाखों रुपए की बड़ी रकम रिश्वत में लेने के इस मामले में विभाग के कई अधिकारियों पर एसीबी की गाज गिर सकती है।
एसीबी एएसपी राममूर्ति जोशी ने बताया कि मार्बल खदानधारी रामगोपाल बोहरा की घाटी देवी रेंज स्थित बंद मार्बल खदान संख्या 135 को वापस शुरू करने के एवज में आरोपी फोरमैन श्रीपाल शेखावत ने परिवादी से पांच लाख रुपए रिश्वत मांगी थी।
परिवादी द्वारा की गई शिकायत का सत्यापन व खदानधारी बोहरा व आरोपी से बातचीत का रिकार्डेड ब्योरा एसीबी को मिलने के बाद टीम ने फोरमैन को रंगे हाथों गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछाया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जोशी के नेतृत्व गुरुवार को टीम मकराना पहुंची। यहां देर रात में एएसपी जोशी ने कार्रवाई को अंजाम दिया और साढ़े तीन लाख रुपए की रिश्वत के साथ फोरमैन शेखावत को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
5 लाख की मांग, 3.50 लाख रुपए में सौदा
आरोपी शेखावत ने बोहरा से बंद मार्बल खदान को वापस शुरू करने के लिए 5 लाख रुपए रिश्वत की मांग की थी। काफी जोड़-तोड़ करने के बाद परिवादी के साथ उसका साढ़े तीन लाख रुपए में सौदा तय हुआ।

अजमेर जुटेगा साहित्य का महाकुंभ

अजमेर जुटेगा साहित्य का महाकुंभ

शहर में साहित्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 18 से 20 सितम्बर तक द्वितीय अजमेर लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन होगा। इसमें कई नामचीन साहित्यकार, लेखक, समाजसेवी, पत्रकार एवं बुद्धिजीवी शिरकत करेंगे।
महाकुंभ अजमेर लिटरेरी सोसायटी के तत्वावधान में होगा। समन्वयक रासबिहारी गौड़ के अनुसार होटल मेरवाड़ा एस्टेट में होने वाले द्वितीय साहित्यिक महाकुंभ में विविध विषयों पर खुली चर्चा होगी। इनमें पुण्य प्रसून वाजपेयी, आलोक श्रीवास्तव, तरुण विजय, अभिज्ञान प्रकाश, विनोद शर्मा, ओम थानवी, साहित्य क्षेत्र से मैत्रेयी पुष्पा, असगर वजाहत, अशोक वाजपेयी, कुमार विश्वास, ज्ञान चतुर्वेदी, वर्तिका नंदा, पराग प्रियदर्शन, वसीम बरेलवी और अन्य शामिल होंगे।
सिनेमा जगत से गीतकार इरशाद कामिल, शैलेश लोढा, राजीव पॉल, निर्देशक अजय जैन, सामाजिक राजनीतिक क्षेत्र से निखिल डे, जल संसाधन मंत्री किरण माहेश्वरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास, रीमा हूजा, तृप्ति पांडे, धर्मेन्द्र कंवर, ऋतुराज देवांग और अन्य शिरकत करेंगे।
सांस्कृतिक कार्यक्रम भी
समारोह के दौरान चिरपरिचित नृत्यांगना गीता चंद्रन का भरतनाट्यम, असगर वजाहत के नाटक गोडसे ञ्च गांधी.कॉम का मंचन और सांस्कृतिक और साहित्यिक कार्यक्रम होंगे। कॉलेज-स्कूली विद्यार्थियों को भी इससे रूबरू कराया जाएगा। स्थानीय खबरनवीस, साहित्यकार, लेखक भी विभिन्न सत्रों में शामिल होंगे।
चलेंगे समानांतर सत्र
डॉ. संजय भार्गव ने बताया कि अजमेर की महाकुंभ में लोक संस्कृति पर आधारित समानान्तर सत्र चलेंगे। बारादरी, ढाई दिन का झौंपड़ा, गऊघाट और चौपड़ पांडाल बनाए जाएंगे। इस दौरान कला दीर्घा, पुस्तक प्रदर्शनी, फेस्टिवल वॉल, कहानी, कविता प्रतियोगिता का आयोजन होगा। संचालन समिति सदस्य सोमरत्न आर्य ने बताया कि स्थानीय स्तर से डॉ. सी. पी. देवल, रमेश अग्रवाल, डॉ. श्याम माथुर, राजेंद्र शर्मा, बक्शीश सिंह, अनन्त भटनागर, वीना शर्मा, विमलेश शर्मा और अन्य प्रमुख हैं।
इसके अलावा विभिन्न कमेटियों का गठन किया गया है। इनमें रमेश ब्रहावर, विनोद शर्मा, नवीन सोगानी, ललित जैन, विरेंद्र सिंह, डॉ. सतीश अरोड़ा, डॉ. रजनी भार्गव, रेखा गोयल, गोपाल सिंह, रीना मिश्रा, संजय बदनौर, इंदु जैन, निरंजन महावर, अजीत अग्रवाल, राजेश गोयल और अन्य शामिल हैं।

बीकानेर बीस गांवों की जमीनों को लेकर करोड़ों का घोटाला



बीकानेर बीस गांवों की जमीनों को लेकर करोड़ों का घोटाला


मास्टर प्लान में आरक्षित करीब डेढ दर्जन गांवों की कीमती जमीन को नियमों को ताक पर रख कर आवंटित कर सरकार को करोड़ों की चपत लगाने के आरोप से जुड़े परिवाद की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने शुरु की है। यह परिवादी ब्यूरो मुख्यालय गया था जहां से दर्ज होकर बीकानेर आया।

ब्यूरो विशेष अनुसंधान इकाई के अपर पुलिस अधीक्षक परवतसिंह इस परिवाद की जांच कर रहे हैं। इसमें खासकर स्टाम्प ड्यूटी व प्रचलित दर डीएलसी से बीस प्रतिशत अधिक राशि लेकर खातेदारी अधिकार देने का नियम है लेकिन दोनों ही बिन्दुआें पर सरकार को हानि हुई।

जानकारी के अनुसार परिवाद में उल्लेख है कि नगरीय विकास विभाग ने 16 जून 1976 को एक अधिसूचना जारी कर बीकानेर के इर्दगिर्द बीस गावों की जमीनों को मास्टर प्लान में शामिल किया था।

सरकारी अधिकारियों ने 29 अगस्त 2007 से 2012 के बीच पुरानी डीएलसी दर से राशि लेकर अवैध तौर पर खातेदारी अधिकार बांट दिए। चार साल पूर्व तत्कालीन जिला कलक्टर डाक्टर पृथ्वी ने पूर्व एडीएम केएल मीणा के नेतृत्व में एक कमेटी गठित की और इस बारे में मिली शिकायत व खबरों में उल्ल्ेाखित बिन्दुओं की जांच कराई।

कमेटी ने खातेदारी की आवंटन प्रक्रिया को प्रथम दृष्टया गलत मान दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की। जिन गांवों की जमीनों में नियम विरूद्ध खातेदारी अधिकार दिए गए उनमें बीछवाल, अनोपसागर, उदासर, रिडमलसर पुरोहितान, सरह कजानी, शिवबाड़ी, जोहड़बीड़, किशमीदेसर, भोजनशाला, भीनासर ,सुजानदेसर, श्रीरामसर, करमीसर, सरह तेलिया, रूघनासथसर, नत्थूसर,, सरह नथानिया, चकगर्बी, बीकानेर शहर व गंगाशहर शामिल है।

परिवाद के साथ कमेटी की जांच का कुछ रिकार्ड तो आया है और कुछ लिया जाना है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि चार साल पहले जांच के बाद किन अधिकारियों व कर्मचारियों पर क्या कार्रवाई हुई।

हमारी धरती की तरह नहीं, खोजी गई दूसरी जमीन

हमारी धरती की तरह नहीं, खोजी गई दूसरी जमीन 



हमारी धरती तो हमारी धरती है और दूसरी धरती उसका मुकाबला नहीं कर सकती। यह हम ही नहीं, अंतरिक्ष वैज्ञानिक भी कह रहे हैं। अमरीका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा की ओर से दूसरी धरती (452 बी ग्रह) की खोजी गई इस जमीन को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं।
इस पर सवाल उठाने वाले देश के अंतरिक्ष विशेषज्ञों का कहना है कि नासा की खोजी नई धरती हमारी धरती की तरह नहीं घूमती है। यह रिपोर्ट अनुमान के आधार पर बनाई है। इसमें अभी गहराई से अध्ययन नहीं किया है। उससे पहले ही रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी। इसलिए इतना जल्दी यह मानना ठीक नहीं कि वहां पृथ्वी जैसा उच्च स्तरीय मानव जीवन हो सकता है।
जोधपुर आए इसरो के हैदराबाद स्थित रीजनल रिमोट सेंसिंग सेंटर के मुख्य महाप्रबंधक जे आर शर्मा ने पत्रिका से एक विशेष भेंट में बताया कि नासा के कैपलर स्पेस टेलिस्कॉप की शुरुआती इमेजेज के आधार पर 452 बी ग्रह पर आई रिपोर्ट में पूरा विवरण नहीं बताया है। यह बात नासा की साइट पर भी बताई है। इसमें नासा के छोटे ग्रुप ने कैपलर से मिले डाटा का अध्ययन किया है।
इस पर बड़े ग्रुप का अध्ययन जरूरी है। इसमें वॉटर, एयर और टोपाग्राफी के स्पेशलिस्ट होंगे जो मिल कर कैपलर की इमेजेज का बारीकी से अध्ययन करते हैं। इसके बाद पूरा परिणाम सामने आएगा। चीफ जनरल मैनेजर शर्मा ने कहा कि उन्हें इस तरह के ग्रहों में पानी होने की बात सुनते-सुनते 24 साल हो गए लेकिन आज तक कोई प्रमाण सामने नहीं आया है। पानी वाली इमेज के गहराई से अध्ययन के बाद ही मानव जीवन की संभावना का पता चलेगा।

आज हम जिस पृथ्वी पर रहते हैं उसके दो मोशन है। पहले मोशन में वो अपने सूरज का 365 दिन में चक्कर लगाती है। जबकि नासा की रिपोर्ट कहती है कि दूसरी नई धरती अपने सूरज का 385 दिन में चक्कर लगाती है। नासा की रिपोर्ट में यह नहीं बताया कि नई धरती दूसरे मोशन में अपनी खुद की धूरी पर घुमती है या नहीं। जिस धरती पर आज मानव जीवन विद्यमान है वो सूरज का चक्कर लगाने के साथ अपनी धुरी पर भी घूमती है। अंतरिक्ष में किसी भी ग्रह की स्थिरता के लिए यह घूर्णन जरूरी है।
- प्रो.ओपीएन कल्ला, निदेशक, इंटरनेशनल सेंटर फॉर रेडियो साइंस, पूर्व उप निदेशक, इसरो
अपनी धुरी पर घूर्णन से बनती हैं ऋतुएं
हम जिस धरती पर रहते हैं वह अपनी धुरी पर 24 घंटे में घूर्णन करती है, उससे रात दिन बनते हैं। सूरज के चारों तरफ 365 दिन में चक्कर लगाने से चार ऋतुएं बनती हैं। मानव जीवन इन्हीं ऋतुओं से प्रभावित होता है।