पिता ही निकला आठ वर्षीय मासूम की इज्जत का लुटेरा
श्रीगंगानगर आठ साल की मासूम बच्ची का उसके पिता ने ही दुष्कर्म कर रिश्तों को शर्मसार कर दिया। इसी बच्ची को आरोपी अपना बनाकर सात साल पहले पंजाब से गोद लेकर आया था। इस संबंध में सदर पुलिस ने जांच कर आरोपी को बुधवार शाम गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने अपने कैंटर चालक पर दुष्कर्म के आरोप लगाए थे जो झूठे पाए गए। जांच अधिकारी राहुल यादव ने बताया कि धालेवाला निवासी 64 वर्षीय गुरनामसिंह मेहरा सिख ने छह जुलाई को पुलिस अधीक्षक को शिकायत कर आरोप लगाए थे। इसमें बताया गया था कि नौ जी छोटी निवासी बाबा उर्फ जग्गासिंह ने उसकी आठ साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और पिकअप हड़पकर धोखाधड़ी की। चूनावढ़ पुलिस ने परिवाद दर्ज कर जांच सदर पुलिस को दी गई। पुलिस ने अनुसंधान में पाया कि बच्ची का पिता गुरनामसिंह खुद ही दुष्कर्म का आरोपी है। बच्ची के मजिस्टे्रट बयान में यह साफ हो गया और आरोपी को पुरानी आबादी में रवि चौक से एक मकान में छुपे हुए को गिरफ्तार कर लिया।अपनी इज्जत बचाने के लिए कराया झूठा मामलाआरोपी अपनी मासूम बच्ची को पांच जून को जग्गासिंह के घर छोड़कर वापस आ गया। जग्गासिंह की पत्नी को पीडि़ता मासूम ने इस घटना के बारे में बताया। इसके बाद जग्गासिंह ने फोनकर गुरनामसिंह को उलाहना दिया। आरोपी ने अपना जुर्म छुपाने के लिए धालेवाला से मौजीज लोगों की पंचायत लेकर जग्गासिंह के घर गया। वहां पंचायत के सामने गुरनामसिंह की कलई खुल गई। उसने अपना जुर्म छुपाने के लिए बच्ची को सिखाकर एसपी के सामने पेश किया। एसपी के आदेश से तत्काल चूनावढ़ पुलिस ने जग्गासिंह और उसके परिवार के खिलाफ मामला दर्ज किया और जांच सदर पुलिस को सौंप दी। जांच में बच्ची को उपचार के बाद मानव कल्याण आश्रम में रखा गया। करीब दो सप्ताह बाद मासूम बच्ची सामान्य हुई तब मजिस्टे्रट बयान दर्ज कराए गए। इसमें बच्ची ने अपने पिता पर ही दुष्कर्म के आरोप लगाए।खुद की नहीं गोद ली हुई है बच्चीमामले में सामने आया कि गुरनामसिंह पंजाब के मोगा शहर में मजदूरी करता था। वहां से एक बिहारी परिवार की इस बच्ची को 2008 में गोद लेकर आया था। उसके खुद के कोई संतान नहीं थी। 2009 में उसकी पत्नी की मौत हो गई। उसके बाद आरोपी ने इस बच्ची को अपने पिकअप चालक नौ जी निवासी जग्गासिंह के पास छोड़ आया। बच्ची वहां उसके बच्चों के साथ पलती रही और बड़ी होकर स्कूल पढऩे जाती रही। आरोपी बच्ची को 26 मई को गांव में गुरुद्वारा में धार्मिक आयोजन के अवसर पर वापस घर लेकर आया था। उसे पांच जून को नौ जी छोड़ आया। इसी दौरान उसने दो बार दुष्कर्म का प्रयास किया।