बाड़मेर एमपी को हाईकौर्ट का नोटिस
-जिले के जयसिंधर में केन्द्रीय विद्यालय खोलने में लगाया था अडंगा, जिला कलेक्टर के माध्यम से रूकवा दिया था स्टुडेंट्स का एडमिशन
-खंडपीठ ने दिए जयसिंधर में ही एडमिशन जारी रखने व सत्र शुरू करने के अंतरिम आदेश
जोधपुर
राजस्थान हाईकोर्ट ने बाडमेर जिले के जेसिंधर गांव में केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना में रोडे अटकाने के मामले में बाडमेर एमपी कर्नल सोनाराम तथा बाडमेर कलेक्टर सहित केवीएस बोर्ड को नोटिस जारी करते हुए 24 अगस्त तक जवाबतलब किया है। इस बीच में जयसिंधर गांव में ही केन्द्रीय विद्यालय में प्रवेश जारी रखने व सत्र शुरू करने के अंतरिम आदेश जारी किए हैं। यह आदेश वरिष्ठ न्यायाधीश गोविंद माथुर व न्यायाधीश जयश्री ठाकुर की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता तेजाराम व अन्य की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई में दिए।
खंडपीठ में याचिकाकर्ताओं की ओर से संदीप शाह ने कहा कि मुनाबाव से 10 किमी दूर बॉर्डर एरिया के गांव जयसिंधर में वर्ष 2010 में केन्द्रीय विद्यालय खोलने का प्रस्ताव भेजा गया था, जिसका सर्विसेज की ओर से तथा जिला कलेक्टर की ओर से भी अनुमोदन कर दिया गया। इसके लिए याचिकाकर्ता तेजाराम व अन्य ग्रामीणों ने मिल जुल कर वर्ष 2011 में करीब 25 बीघा जमीन भी मुहैया करवाई गई। इसी बीच में बाडमेर के एमपी कर्नल सोनाराम ने 12 मार्च 2015 को केवीएस को नया प्रस्ताव भ्भेज कर स्कूल जयसिंधर की जगह चोहटन में खोलने के लिए पत्र लिखा। लेकिन केवीएस बोर्ड को जयसिहर का प्रस्ताव सही लगा।
एडमिशन रूकवा दिए
इस पर जयसिंधर में केवीएस स्कूल में प्रस्तावित 200 सीट के लिए एडमिशन प्रक्रिया शुरू की गई जिस के लिए करीब छह सौ से अधिक आवेदन प्राप्त हो गए। लेकिन इस बीच में बाडमेर जिला कलेक्टर ने एडमिशन रजिस्टर पर हाथ से नोट लगाते हुए जयसिंहर में एडमिशन प्रक्रिया को रोकने तथा चोहटन में केवीएस खोलने की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश लिख दिया। इस पर तेजाराम व अन्य ग्रामीणों ने इसे चुनौती देते हुए जनहित याचिका दायर की।
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