गुरुवार, 23 जुलाई 2015

जयपुर।सीएम की पुलिस को नसीहत, क्षेत्राधिकार में नहीं उलझे- मानवीय आधार पर भी करें काम



जयपुर।सीएम की पुलिस को नसीहत, क्षेत्राधिकार में नहीं उलझे- मानवीय आधार पर भी करें काम
सीएम वसुंधरा राजे ने राजस्थान पुलिस को क्षेत्राधिकार में नहीं उलझने के साथ ही मानवीय आधार पर काम करने की नसीहत दी है। सचिवालय में कलेक्टर्स-एसपी कॉन्फ्रेन्स के दूसरे दिन प्रदेश के विभिन्न ज़िलों से आए एसपी'ज़ को सम्बोधित करते हुए सीएम राजे ने कहा कि कई बार क्षेत्राधिकार को लेकर जरूरतमंद को समय पर पुलिस की मदद नहीं मिल पाती।



थानाधिकारी इस बात का ध्यान रखें कि किसी व्यक्ति को तत्काल मदद की जरूरत हो तो क्षेत्राधिकार में उलझने की बजाय मानवीय आधार पर उसकी मदद की जाए।







नई तकनीक का लें सहारा

मुख्यमंत्री ने कहा कि बदलते समय में प्रशासन के अन्य क्षेत्रों की तरह पुलिसिंग में भी बदलाव आ रहे हैं। ऐसे में प्रभावी पुलिसिंग के लिये जरूरी है कि पुलिस अधिकारी अनुसंधान में आधुनिक तकनीक के उपयोग को शामिल करें।



अपनाये "ज़ीरो टॉलरेंस" नीति

राजे ने पुलिस अधीक्षकों से अपराध और अपराधियों पर नियंत्रण पाने के लिए ''जीरो टॉलरेंस'' की नीति अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पुलिस उन पर सख्त कार्रवाई करें जो कानून तोड़ते हैं, लेकिन कानून की पालना करने वाले लोगों के प्रति मानवीय और संवेदनशील रुख ज़रूर अपनायें।







पहले पूर्वानुमान- फिर विश्लेषण- फिर उठाये कदम

राजे ने कहा कि किसी भी घटना का पूर्वानुमान रखते हुए उसका विश्लेषण करें और समय रहते ठोस कदम उठाएं। पुलिस अधीक्षक इस बात का विशेष ध्यान रखें कि दो लोगों के बीच का झगड़ा या कोई 'पर्सनल इश्यू' साम्प्रदायिक तनाव का रंग न ले पाए।



जनप्रतिनिधियों के पत्रों और फोन का जवाब दें

सीएम ने पुलिस अधिकारियों को सांसद, विधायक, जिला प्रमुख, प्रधान और अन्य जनप्रतिनिधियों के पत्रों के साथ ही फोन कॉल्स का जवाब देने पर भी ज़ोर दिया। कलेक्टर्स की तरह पुलिस अधिकारियों को भी फोन नहीं उठाने की स्थिति में कॉल बैक करने की नसीहत दी।







सोशल मीडिया पर करें फोकस

राजे ने पुलिस को सोश्यल मीडिया से जुड़ने और हाईटेक होने की ओर भी फोकस किया। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में सोशल मीडिया संवाद और अपनी राय रखने का अच्छा प्लेटफार्म बन गया है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इस तरह के प्रयासों को रोकने के लिए एक सैल का गठन किया जाये ताकि इन गतिविधियों पर निगरानी रखकर त्वरित कार्रवाई की जा सके।







कलक्टर्स के साथ सूचनाएं साझा करें

राजे ने पुलिस अधिकारियों को सम्बंधित ज़िलों के कलेक्टर्स के साथ कोर्डिनेशन बनाने की भी नसीहत दी। उन्होंने कहा कि अंतर राज्यीय अपराधों पर लगाम कसने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पड़ौसी राज्यों के पुलिस अधिकारियों के साथ नियमित संवाद रखें।



उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सीमा वाले जिलों के पुलिस अधीक्षकों से कहा कि वे बीएसएफ एवं सेना के अधिकारियों के साथ भी निरंतर संवाद रखें। उन्होंने कलक्टर्स के साथ इंटेलीजेंस इनपुट शेयर करने पर भी बल दिया।



गुर्जर आंदोलन के दौरान पुलिस की भूमिका सराहनीय

राजे ने हाल में हुए गुर्जर आंदोलन के दौरान प्रभावी पुलिस प्रबंधन की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अच्छी बात है कि महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं जनजाति तथा कमजोर वर्गों से संबंधित अपराधों में कमी आई है।

जोधपुर बिना नंबर प्लेट की कार से गन व हथियार बरामद, एक गिरफ्तार



जोधपुर  बिना नंबर प्लेट की कार से गन व हथियार बरामद, एक गिरफ्तार

जोधपुर ग्रामीण पुलिस ने देर रात चेकिंग के दौरान कार से एक गन सहित कुछ हथियार बरामद किए। चालक को गिरफ्तार कर कार जब्त कर ली गई है। गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ जारी है।।

बालेसर थाने के पास से इंदा रोड जाती है। ग्रामीण पुलिस टीम ने यहां बुधवार रात्रि जांच के दौरान एक बिना नंबर प्लेट की मारुति कार देखी। संदिग्ध लगने पर कार की तलाशी ली गई, जिसमें एक गन, चार रॉड और एक गुप्ती बरामद हुई।







बालेसर थाना पुलिस ने कुई इंदा, बालेसर निवासी कार चालक सोहन सिंह पुत्र उमेद सिंह को गिरफ्तार कर कार जब्त कर लिया। तलाशी के दौरान कार में एक नंबर प्लेट भी मिला है, जिसके बारे में पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।



आशंका जताई जा रही है कि कार चोरी की होगी, जिसे आरोपी ने चुराई होगी और बचने के लिए नंबर प्लेट निकाल दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

सूफीयत के रंग में रगी दरगाह, जन्नती दरवाजे से गुजर पूरी की कुल की रस्म

सूफीयत के रंग में रगी दरगाह, जन्नती दरवाजे से गुजर पूरी की कुल की रस्म


अजमेर सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के पीरो मुर्शिद ख्वाजा उस्मान हारूनी के उर्स में गुरुवार को अकीदतमंद का सैलाब उमड़ा। दरगाह क्षेत्र में चारों तरफ जायरीन का रैला नजर आया। जायरीन नाचते-गाते दरगाह पहुंचे। उनमें दोपहर एक बजे तक जन्नती दरवाजे से गुजर कर जियारत करने की होड़ मची रही।

कुल की रस्म के बाद जन्नती दरवाजा बंद कर दिया गया। उर्स में शिरकत करने के लिए जायरीन सुबह जल्दी ही दरगाह पहुंचने लगे। सुबह पांच बजे जन्नती दरवाजा खुलते ही वहां जियारत के लिए लम्बी कतार लग गई। अकीदतमंद ने सिर पर चादर और फूलों की टोकरियां लेकर जन्नती दरवाजे से प्रवेश कर आस्ताना में हाजिरी दी। सुबह 9 बजे महाना छठी की दुआ के वक्त दरगाह परिसर खचाखच भर गया। इस दौरान शिजराख्वानी हुई। खुद्दामें ख्वाजा ने मुल्क में अमन-चैन और खुशहाली की दुआ की।

बजे शादियाने, तोप की सलामी

महफिलखाने में सुबह 11 बजे कुल की महफिल शुरू हुई। इसमें शाही कव्वाल असरार हुसैन ने रंग व बधावा पेश किया। उन्होंने आसमान से बरसत है रंग ख्वाजा के घर अंगना...Ó सूफियाना कलाम पेश कर अकीदतमंद को झूमने पर मजबूर कर दिया। दोपहर पौने एक बजे दरगाह में शादियाने बजाए गए। बड़े पीर की पहाड़ी से तोप दागी गई। इस दौरान आस्ताना शरीफ में कुल की रस्म हुई।

इसके बाद जन्नती दरवाजा बंद कर दिया गया। उर्स के मौके पर आहता-ए-नूर में भी महफिल हुई। खादिम एस.एफ.हसन चिश्ती ने बताया कि महफिल की शुरुआत तिलावत-ए-कुरान शरीफ से हुई। इसमें नात-मनकबत और कव्वालियों के नजराने पेश किए गए। कव्वालों ने ख्वाजा साहब और उनके गुरु के शान में कलाम पेश किए। ख्वाजा उस्मान हारूनी के जीवन पर प्रकाश डाला गया।

जगह-जगह लगा जाम

उर्स में उमड़ी भीड़ के कारण दरगाह क्षेत्र में जगह-जगह जाम की सी स्थिति रही। खाईलैंड मार्केट, नया बाजार, डिग्गी चौक, पन्नीगरान चौक, लंगरखाना गली, नला बाजार, फूल गली, दरगाह बाजार, अंदरकोट आदि क्षेत्रों में ज्यादा भीड़ रही। छठी की दुआ के बाद दरगाह से निकलते वक्त भी धक्का-मुक्की का आलम रहा।

आसमान से गिरी आफत, किशोरी सहित दो की मौत

आसमान से गिरी आफत, किशोरी सहित दो की मौत


भीलवाड़ा। जिले में गुरुवार को दो अलग-अलग जगहों पर आकाशीय बिजली गिरने से किशोरी सहित दो जनों की मौत हो गई। वहीं एक बबूल का पेड़ जल गया तथा बकरियों की मौत हो गई।

गुरुवार अपराह्न बिजली गिरने से तिलस् वां क्षेत्र के सुटियाल मोजा हल्का में बिजली गिरने से मंजू बंजारा झुलस गई। जिसे बिजौलियां अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई। इसी तरह बागौर क्षेत्र के तिलोली निवासी 15 वर्षीय किरण कंवर की मौत हो गई। बिजली गिरने से एक बबूल का पेड़ फटकर जल गया।

बाड़मेर सोना संधा में मर गई थी नेहा : पुलिस, अस्पताल में तो जिंदा आई थी : डॉक्टर



बाड़मेर  सोना संधा में मर गई थी नेहा : पुलिस, अस्पताल में तो जिंदा आई थी : डॉक्टर


बहुचर्चित नेहा मर्डर केस में पुलिस अनुसंधान पूरा होने के बाद न्यायालय में चार्जशीट दाखिल हो गई। पुलिस जांच का नतीजा कहता है कि गडरारोड से 24 किलोमीटर दूर जयसिंधर की सरहद में स्थित सोना संधा गोलाई में ही नेहा की मौत हो गई।

जबकि पुलिस को ही दिए बयानों में गडरारोड सीएचसी के डॉ. अशोक मीना ने कहा है कि जब नेहा को अस्पताल लाया गया, तब वह जिंदा थी। उन्होंने नेहा को दो इंजेक्शन लगाए और पम्पिंग किया। डॉक्टर के अनुसार गडरारोड से बाड़मेर रेफर करते समय नेहा की सांसें चल रही थी।

हेलिपेड पर मरा समझा, गोलाई पर चलने लगी

पुलिस अनुसंधान के मुताबिक गडरारोड कस्बे के निकट राणासर रोड स्थित हेलिपेड पर ही उसके पति प्रदीप बालाच ने उसे मरा मान लिया था। दुर्घटना का रूप देने के लिए वह उसे सोना संधा जयसिंधर की तरफ ले गया। सोना संधा की गोलाई में प्रदीप व हितेश ने मिलकर नेहा को धक्का देकर गाड़ी से नीचे गिराया।

गाड़ी से नीचे गिरने के बाद नेहा को अचानक होश आया और वह चलने-फिरने लगी। फिर प्रदीप नेहा के पास गया और उसे घसीटकर सड़क से दूर ले गया। यहां उसने नेहा के मुंह व नाक पर हाथ रखा और नेहा ने दम तोड़ दिया। पुलिस के मुताबिक रात करीब साढ़े दस बजे नेहा की मौत हुई।

प्रदीप ने पूछा-यह जिंदा तो है

गडरारोड निवासी दशरथ मेघवाल के बयानों के मुताबिक 19 अप्रेल की रात करीब साढ़े दस बजे प्रदीप बालाच का उसके पास फोन आया कि नेहा का एक्सीडेंट हो गया है। दशरथ अपनी गाड़ी लेकर वहां पहुंचा, तब तक ग्यारह बज गए। फिर करीब बारह बजे ये सीएचसी पहुंचे। डॉ. अशोक मीना के मुताबिक प्रदीप बालाच ने मुझसे पूछा कि यह जिंदा तो है न। इस पर मैंने कहा- हां अभी तक जिंदा है। इसके बाद नेहा को बाड़मेर रेफर किया गया। बाड़मेर पहुंचने पर चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया।

कइयों को फोन किया, ताकि गवाह बन सके

पुलिस की चार्जशीट के अनुसार 19 अप्रेल की रात नेहा की हत्या करने से पहले प्रदीप ने अपने ससुर भीमाराम, मित्र खंगार, टीकम, दशरथ मेघवाल, मामा ससुर पेमाराम को फोन किए कि वह गडरारोड से बाड़मेर निकल रहा है। फिर उसने योजनाबद्ध तरीके से इन्हीं को यह बात बताई कि शगुन नहीं हो रहे हैं, इसलिए वह सोना संधा धोरा स्थित भूरे की बस्ती मंदिर जा रहा है। नेहा व रजत उसके साथ है। पुलिस का मानना है कि प्रदीप इन सभी को नेहा की मौत दुर्घटना से होने की बात बताकर गवाह के रूप में इस्तेमाल करना चाहता था, लेकिन ऐसा करने में विफल रहा।

अजब प्रेम की गजब कहानी

चार्जशीट के अनुसार वर्ष 2012 में प्रदीप बालाच जब जालोर एसडीएम था, उस दौरान जालौर में एक महिला इंजीनियर की पोस्टिंग हुई। इन दोनों के बीच पहले दोस्ती फिर प्रेम भी हो गया। महिला इंजीनियर के सम्पर्क में आने के बाद प्रदीप व उसकी पत्नी नेहा के बीच झगड़े होने लगे। प्रदीप ने अपने रिश्तेदार के नाम से महिला इंजीनियर के पिता के साथ एक फैक्ट्री खोल दी।

वह महिला इंजीनियर से शादी के ख्वाब देखने लगा। इसी ख्वाब के चलते उसने अपनी पत्नी को मौत के घाट उतार दिया। लेकिन महिला इंजीनियर ने पुलिस को दिए बयानों में बताया कि प्रदीप के साथ उसका पारिवारिक रिश्ता जरूर बना, लेकिन शादी जैसी कोई बात संभव ही नहीं थी, क्योंकि वे दोनों अलग-अलग वर्गों से थे।