गुरुवार, 23 जुलाई 2015

बाड़मेर सोना संधा में मर गई थी नेहा : पुलिस, अस्पताल में तो जिंदा आई थी : डॉक्टर



बाड़मेर  सोना संधा में मर गई थी नेहा : पुलिस, अस्पताल में तो जिंदा आई थी : डॉक्टर


बहुचर्चित नेहा मर्डर केस में पुलिस अनुसंधान पूरा होने के बाद न्यायालय में चार्जशीट दाखिल हो गई। पुलिस जांच का नतीजा कहता है कि गडरारोड से 24 किलोमीटर दूर जयसिंधर की सरहद में स्थित सोना संधा गोलाई में ही नेहा की मौत हो गई।

जबकि पुलिस को ही दिए बयानों में गडरारोड सीएचसी के डॉ. अशोक मीना ने कहा है कि जब नेहा को अस्पताल लाया गया, तब वह जिंदा थी। उन्होंने नेहा को दो इंजेक्शन लगाए और पम्पिंग किया। डॉक्टर के अनुसार गडरारोड से बाड़मेर रेफर करते समय नेहा की सांसें चल रही थी।

हेलिपेड पर मरा समझा, गोलाई पर चलने लगी

पुलिस अनुसंधान के मुताबिक गडरारोड कस्बे के निकट राणासर रोड स्थित हेलिपेड पर ही उसके पति प्रदीप बालाच ने उसे मरा मान लिया था। दुर्घटना का रूप देने के लिए वह उसे सोना संधा जयसिंधर की तरफ ले गया। सोना संधा की गोलाई में प्रदीप व हितेश ने मिलकर नेहा को धक्का देकर गाड़ी से नीचे गिराया।

गाड़ी से नीचे गिरने के बाद नेहा को अचानक होश आया और वह चलने-फिरने लगी। फिर प्रदीप नेहा के पास गया और उसे घसीटकर सड़क से दूर ले गया। यहां उसने नेहा के मुंह व नाक पर हाथ रखा और नेहा ने दम तोड़ दिया। पुलिस के मुताबिक रात करीब साढ़े दस बजे नेहा की मौत हुई।

प्रदीप ने पूछा-यह जिंदा तो है

गडरारोड निवासी दशरथ मेघवाल के बयानों के मुताबिक 19 अप्रेल की रात करीब साढ़े दस बजे प्रदीप बालाच का उसके पास फोन आया कि नेहा का एक्सीडेंट हो गया है। दशरथ अपनी गाड़ी लेकर वहां पहुंचा, तब तक ग्यारह बज गए। फिर करीब बारह बजे ये सीएचसी पहुंचे। डॉ. अशोक मीना के मुताबिक प्रदीप बालाच ने मुझसे पूछा कि यह जिंदा तो है न। इस पर मैंने कहा- हां अभी तक जिंदा है। इसके बाद नेहा को बाड़मेर रेफर किया गया। बाड़मेर पहुंचने पर चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया।

कइयों को फोन किया, ताकि गवाह बन सके

पुलिस की चार्जशीट के अनुसार 19 अप्रेल की रात नेहा की हत्या करने से पहले प्रदीप ने अपने ससुर भीमाराम, मित्र खंगार, टीकम, दशरथ मेघवाल, मामा ससुर पेमाराम को फोन किए कि वह गडरारोड से बाड़मेर निकल रहा है। फिर उसने योजनाबद्ध तरीके से इन्हीं को यह बात बताई कि शगुन नहीं हो रहे हैं, इसलिए वह सोना संधा धोरा स्थित भूरे की बस्ती मंदिर जा रहा है। नेहा व रजत उसके साथ है। पुलिस का मानना है कि प्रदीप इन सभी को नेहा की मौत दुर्घटना से होने की बात बताकर गवाह के रूप में इस्तेमाल करना चाहता था, लेकिन ऐसा करने में विफल रहा।

अजब प्रेम की गजब कहानी

चार्जशीट के अनुसार वर्ष 2012 में प्रदीप बालाच जब जालोर एसडीएम था, उस दौरान जालौर में एक महिला इंजीनियर की पोस्टिंग हुई। इन दोनों के बीच पहले दोस्ती फिर प्रेम भी हो गया। महिला इंजीनियर के सम्पर्क में आने के बाद प्रदीप व उसकी पत्नी नेहा के बीच झगड़े होने लगे। प्रदीप ने अपने रिश्तेदार के नाम से महिला इंजीनियर के पिता के साथ एक फैक्ट्री खोल दी।

वह महिला इंजीनियर से शादी के ख्वाब देखने लगा। इसी ख्वाब के चलते उसने अपनी पत्नी को मौत के घाट उतार दिया। लेकिन महिला इंजीनियर ने पुलिस को दिए बयानों में बताया कि प्रदीप के साथ उसका पारिवारिक रिश्ता जरूर बना, लेकिन शादी जैसी कोई बात संभव ही नहीं थी, क्योंकि वे दोनों अलग-अलग वर्गों से थे।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें