भीलवाड़ा थाना प्रभारी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय (महिला उत्पीडऩ मामलात्) ने नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म के मामले में गवाही देने नहीं आ रहे सुभाषनगर थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी ओमप्रकाश वर्मा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
वर्तमान में वर्मा अजमेर जिले के केकड़ी थाना प्रभारी है। अदालत ने अजमेर पुलिस अधीक्षक को गिरफ्तारी वारंट भेजकर सीआई को 5 अगस्त को अदालत में पेश करने के आदेश दिए हैं। मामले में अनुसंधान अधिकारी वर्मा को गवाही देने के लिए अदालत ने कई बार बुलाया, लेकिन सीआई हाजिर नहीं हुए। राजस्थान उच्च न्यायालय ने भी प्रकरण में शीघ्र निस्तारण के आदेश दिए थे।
यह था मामला
9 मई 2009 को एक व्यक्ति ने सुभाषनगर थाने में मामला दर्ज कराया। परिवादी ने आरोप लगाया कि 6 मई को उसकी नाबालिग पुत्री नागौरी मोहल्ले में रह रही मां को बुलाने के लिए घर से निकली। रास्ते से युवक उसे बहला-फुसलाकर ले गया।
उसके साथ चित्तौडग़ढ़ में ले जाकर दुष्कर्म किया। बाद में उसकी धनेत में जबरन शादी करवा दी। सुभाषनगर थाना पुलिस ने धनेत से पीडि़ता को मुक्त करवा कर दो जनों को गिरफ्तार किया, जबकि कुछ लोग फरार हो गए। इस मामले की जांच सुभाषनगर थानाप्रभारी ओमप्रकाश वर्मा ने की थी।
अमरोहा। उत्तर प्रदेश के अमरोहा में देहात क्षेत्र में सात युवकों द्वारा एक युवती से बलात्कार किए जाने और बाद में पंचायत द्वारा उन्हें पांच-पांच थप्पड़ और दस-दस हजार रुपए का जुर्माना लगाकर बरी कर दिए जाने का मामला प्रकाश में आया है।
पुलिस के अनुसार अमरोहा देहात क्षेत्र के अम्बरपुर में एक युवती रिश्तेदारी में आई थी। गांव के ही सात युवकों द्वारा उसके साथ गैंगरेप किया गया। मामला एक ही बिरादरी का होने के कारण गांव की पंचायत ने बलात्कार के आरोपियों को पांच-पांच थप्पड़ और दस-दस हजार रुपए की सजा सुनाकर आरोप से बरी कर दिया।
मामला पुलिस अधीक्षक संजीव त्यागी के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने पंचायत की वीडियो क्लिप बरामद कर बलात्कार आरोपियों और पंचायत करने वाले पंचों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं। पीडि़त युवती को मेडिकल जांच के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया है। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।
नई दिल्ली सुप्रीमकोर्ट ने जाट आरक्षण मामले में अपने फैसले को सही ठहराते हुए केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका मंगलवार को खारिज कर दी।
न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पुनरीक्षण याचिका खारिज करते हुए कहा कि हम सरकार के इस रुख से सहमत नहीं हो सकते कि नौ राज्यों में जाट सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं, इसलिए उन्हें पिछड़े समुदायों की केंद्रीय सूची में डाला जाए।
न्यायालय ने गत मार्च में दिए अपने महत्वपूर्ण फैसले में जाटों के आरक्षण को असंवैधानिक बताया था। इसी फैसले के खिलाफ सरकार ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी। शीर्ष अदालत ने नौकरियों और शिक्षा में जाट समुदाय के उम्मीदवारों को आरक्षण दिए जाने के सरकार के फैसले को नकारात्मक और प्रतिकूल बताया था।
जाटों को आरक्षण देने का यह फैसला संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने 2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले लिया था। बाद में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने भी इसका समर्थन किया था।
राजसमंद प्रेमिका ने ही अपने घर बुला करवाई हत्या
अवैध संबंधों के खुलासे के बाद अपने टूटते दाम्पत्य को बचाने के लिए महिला ने साजिश के तहत अपने कथित प्रेमी को घर बुलाया फिर उसे पति को सौंप दिया। नाराज पति ने इज्जत से खिलवाड़ करने वाले युवक को सबक सिखाने के लिए अपने भाइयों के साथ मिलकर इतनी बेरहमी से पीटा की उसकी मौत ही हो गई।
घबराकर आरोपितों ने लाश को घर से कुछ ही दूरी पर 100 फीट रोड स्थित सूचना केन्द्र की झाडिय़ों में फेंक दिया।राजनगर थाना पुलिस ने मामले की गुत्थी सुलझाते हुए हत्या आरोपित पत्नी सहित चार जनों को गिरफ्तार कर लिया।
अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि आकोदिया का खेड़ा (कुंवारिया) निवासी मनोहर (30) पुत्र कालूदास वैष्णव की हत्या के आरोप में 100 फीट रोड महावीर कॉलोनी निवासी हंसराज पुत्र गोवर्धन भील, उसके भाई रामलाल भील, चचेरे भाई गोपाल पुत्र हरिकिशन व पत्नी इंद्रा भील को गिरफ्तार किया गया। दल में राजसमंद उपअधीक्षक ओमकुमार, राजनगर वृत्त निरीक्षक विवेकसिंह, सहायक उपनिरीक्षक सुखलाल, हैड कांस्टेबल गोविन्द सिंह, रचना, सिपाही महावीर, राजेन्द्र, शक्तिसिंह, जगदीश चरनाल व सुरेश आदि शामिल थे।
मोबाइल कॉल से लगा सुराग
जोशी ने बताया कि 15 जुलाई को 100 फीट रोड सूचना केन्द्र के पीछे झाडिय़ों में शव पड़े होने की सूचना मिली थी। शहर का पॉश इलाका होने से मामला गंभीर था। जिला पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार ने हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए विशेषज्ञ पुलिसकर्मियों की टीम का गठन किया। घटनास्थल पर मिले कागजात, खून के धब्बे व मोबाइल कॉल रिकार्ड की गहन छानबीन की गई। जांच के दौरान सामने आया कि मृतक की घटना वाले दिन एक नम्बर पर कई बार बात हुई थी। नम्बर की जानकारी करने पर वह महावीर कॉलोनी निवासी इंद्रा भील का निकला। आगे जांच में सामने आया कि युवक के महिला के साथ अवैध संबंध थे।
सबक सिखाना चाहता था
आरोपित हंसराज भील काम के सिलसिले में अक्सर बाहर रहता था। इस दौरान उसकी पत्नी पास में ही टेंट हाऊस पर काम करने वाले मनोहर के सम्पर्क में आ गई थी। दोनों में करीब डेढ़ साल पहले प्रेम प्रसंग शुरू हुआ धीरे-धीरे परवान चढऩे लगा। इस बीच महिला के पति व उसके घरवालों को इसकी खबर लग गई। हंसराज ने पत्नी से इसको लेकर जमकर झगड़ा किया।
वहीं मनोहर को सबक सीखाने के लिए एक बार उसे रात में घर बुलाने के लिए पत्नी को राजी कर लिया। परिवार के दबाव में महिला ने अपने प्रेमी को 14 जुलाई की रात को रात करीब साढ़े 11 बजे महावीर कॉलोनी स्थित घर पर बुलाया। पहले से ही घात लगाकर बैठे उसके पति हंसराज व उसके भाईयों ने मनोहर को दबोच लिया। इसके बाद जमकर लोहे के सरिए, लठ्ठ से वार किया। केबिल के तार से गला दबाकर हत्या कर दी। बाद में शव को घर से कुछ ही दूरी पर झाडिय़ों में फेंक दिया।
जोधपुर घर-घर राशन सामग्री उपलब्ध करवाने की कवायद, द्वितीय चरण में जोधपुर का नम्बर
जिले में राशन की दुकानों से यूनिट रजिस्टर के द्वारा ऑनलाइन फीडिंग का कार्य शुरू कर दिया गया है। यह काम पूरा होने के बाद घर-घर राशन सामग्री पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। जोधपुर जिले में यह कार्य द्वितीय चरण में शुरू होगा।
ऑनलाइन फीडिंग के कार्य मे प्रदेश में अब तक 15 हजार से अधिक राशन कार्ड फीडिंग का कार्य किया जा चुका है। जोधपुर जिले में अब तक 1500 राशनकार्ड की फीडिंग हुई है। आठ जिलों मे पोस मशीन से खाद्य सामग्री का वितरण किया जाएगा, जिसके लिए रसद विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है।
प्रथम चरण में राज्य के झुंझुनूं, सीकर, अजमेर, टोंक, झालावाड, बांरा, धौलपुर व बूंदी जिले मे पोस मशीन के माध्यम से खाद्य सामग्री का वितरण किया जाएगा। इसी प्रकार द्वितीय चरण में जोधपुर, अलवर, भरतपुर, बीकानेर, जयपुर, कोटा व उदयपुर जिले मे पोस मशीन के माध्यम से खाद्य सामग्री का वितरण किया जाएगा तथा तृतीय चरण मे सभी जिलों में पोस मशीन से खाद्य सामग्री वितरण करवाने का कार्य किया जाएगा।
सभी को मिले 5 किलो गेहूं
राज्य सरकार ने सभी जिला रसद अधिकारियों को एक परिपत्र जारी करके कहा है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्र्तगत सभी पात्र उपभोक्ताओं को अगस्त 2015 से 5 किलो गेहूं प्रति यूनिट प्रतिमाह उपलब्ध करवाएं।
इसके लिए डीएसओ को प्राप्त आवंटन का पात्र व्यक्तियों को पूरा-पूरा लाभ दिलवाने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के अन्र्तगत समावेशन एवं निष्कासन के मानदण्ड के अनुसार एनएफएसए की सूचियों से अपात्र व्यक्तियों को निष्कासित कर नई सूचियों बनाने के लिए कहा गया है।
इस अधिनियम के तहत अन्त्योदय परिवारों को 35 किलो तथा अन्य पात्र परिवारों को 5 किलो गेहूं प्रति माह, प्रति व्यक्ति के हिसाब से उपलब्ध करवाए जाएंगे।
ऑनलाइन होगा भुगतान
कम्प्यूटरीकरण के सम्पूर्ण प्रोजेक्ट के पूर्ण होने पर लक्षित वर्गों को खाद्यान्न, चीनी व केरोसीन आदि का वितरण कम्प्यूटरीकृत प्रणाली के मार्फत बायोमेट्रिक डेटा के आधार पर किया जा सकेगा तथा उचित मूल्य दुकानदारों को कमीशन का भुगतान तथा खाद्यान्न व अन्य आवश्यक वस्तुओं के आवंटन की कार्यवाही भी ऑनलाइन किया जाना संभव हो सकेगा।
ऑनलाइन होने के बाद सामग्री पहुंचाने का कार्य
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्र्तगत सभी पात्र उपभोक्ताओं को माह अगस्त 2015 से 5 किलो गेहूं प्रति यूनिट प्रतिमाह उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। राशनकार्ड का काम ऑनलाइन होने के बाद घर-घर राशन सामग्री पहुंचाने का कार्य शुरू करेंगे।
- डॉ. सुबोध अग्रवाल, प्रमुख शासन सचिव, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग।