नई दिल्ली सुप्रीमकोर्ट ने जाट आरक्षण मामले में अपने फैसले को सही ठहराते हुए केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका मंगलवार को खारिज कर दी।
न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पुनरीक्षण याचिका खारिज करते हुए कहा कि हम सरकार के इस रुख से सहमत नहीं हो सकते कि नौ राज्यों में जाट सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं, इसलिए उन्हें पिछड़े समुदायों की केंद्रीय सूची में डाला जाए।
न्यायालय ने गत मार्च में दिए अपने महत्वपूर्ण फैसले में जाटों के आरक्षण को असंवैधानिक बताया था। इसी फैसले के खिलाफ सरकार ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी। शीर्ष अदालत ने नौकरियों और शिक्षा में जाट समुदाय के उम्मीदवारों को आरक्षण दिए जाने के सरकार के फैसले को नकारात्मक और प्रतिकूल बताया था।
जाटों को आरक्षण देने का यह फैसला संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने 2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले लिया था। बाद में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने भी इसका समर्थन किया था।
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