जयपुर।थाने की पहली मंज़िल से कूदा शख्स, गंभीर घायल
शहर के गलता गेट थाने की पहली मंज़िल से एक युवक के कूदने का मामला सामने आया है। इस वाक्ये के बाद घायल युवक को गंभीरावस्था में एसएमएस अस्पताल भर्ती करवाया गया। युवक अस्पताल के पॉलीट्रोमा में भर्ती है और उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
गलता गेट थाना पुलिस के अनुसार थाने की पहली मंज़िल से नीचे कूदने वाले शख्स का नाम नौशाद उर्फ़ अतीक है। गलता गेट इलाके के बॉस बदनपुरा के रहने वाला नौशाद आरी-तारी का काम करता है।
सोमवार शाम को 24 वर्षीय नौशाद पर उसी के साथ काम करने वाले वसीम ने उसका मोबाइल चोरी करने का आरोप लगाया। इसी बात को लेकर वसीम ने उसके एक साथी रईसुद्दीन के साथ मिलकर नौशाद की जमकर पिटाई कर डाली। नौशाद को पीटने के बाद वसीम और रईसुद्दीन नौशाद को गलता गेट थाने ले गए।
घटना के दौरान नौशाद का शराब के नशे में होना बताया जा रहा है। पुलिस ने नौशाद को हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए थाने की पहली मंज़िल में बैठने के लिए कहा। इसपर नौशाद थाने की पहली मंज़िल में चला गया। कुछ देर बाद पुलिस को नौशाद के पहली मंज़िल से नीचे कूदने की जानकारी मिली।
खबर फैलते ही थाना स्टाफ में हड़कम्प की स्थिति बन गई। पुलिसकर्मियों की ही मदद से नौशाद को एसएमएस अस्पताल ले जाया गया। जहां उसे उपचार के लिए भर्ती कराया गया है।
फरार होने की फिराक में था
गलता थाना पुलिसकर्मियों के मुताबिक़ नौशाद थाने से फरार होने की फिराक में था। नौशाद की कोशिश थाने की पहली मंज़िल से पाईप के सहारे नीचे उतरकर भागने की थी। लेकिन इसी दरम्यान वो नीचे गिर गया।
जयपुर।कैबिनेट ने पहली बार की खुद के काम की समीक्षा, लिए कई महत्वपूर्ण फैसले
राज्य कैबिनेट ने पहली बार स्वयं के लिए निर्णयों के क्रियान्वयन की समीक्षा की। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में वर्ष 2014 और 2015 के दौरान हुई कैबिनेट बैठकों में लिए गए निर्णयों के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई।
बैठक में पूर्व प्राथमिक शिक्षा अध्यापक के 1 हज़ार 148 पदों पर शीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू करने और स्थानीय निकाय चुनाव में शैक्षिणक अर्हता का समावेशन करने के निर्णय का अनुमोदन किया गया।
सीएम ने फैसलों के समबद्ध क्रियान्विति पर दिया ज़ोर
संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने बताया कि राज्य के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी मंत्रिमण्डल ने स्वयं अपने निर्णयों के क्रियान्वयन की समीक्षा की है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में मंत्रिमण्डल की बैठकों में 173 निर्णय लिए गए, जिनमें से 162 का क्रियान्वयन हो चुका है और 11 प्रगतिरत हैं।
इसी प्रकार वर्ष 2015 में हुई बैठकों में 148 निर्णय लिए गए, जिनमें से 89 क्रियान्वित हो चुके हैं और 59 प्रगतिरत हैंं। उन्होंने बताया कि आज हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में मुख्यमंत्री ने एक-एक निर्णय की समीक्षा करते हुए प्रगतिरत निर्णयों की समयबद्घ क्रियान्वति पर बल दिया।
निकाय चुनाव में शैक्षणिक अर्हता का समावेशन
कैबिनेट ने राजस्थान नगर पालिका अधिनियम, 2009 की धारा 21 में संशोधन के लिए राजस्थान नगर पालिका (संशोधन) अध्यादेश, 2015 का अनुमोदन कर दिया। संशोधन के तहत स्थानीय निकायों के सदस्य निर्वाचित होने के सम्बन्ध में शैक्षणिक अर्हता का प्रावधान किया गया है।
इसके तहत नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवार की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता दसवीं कक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा। उन्हें राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड या इसके समकक्ष अन्य बोर्ड का दसवीं उत्तीर्ण का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा। इसके अलावा उन्हें घर में शौचालय होने का शपथ-पत्र भी देना होगा।
वर्ष 1999 से पूर्व कृषि भूमि कॉलोनियों का होगा नियमन
वर्ष 1999 से पूर्व कृषि भूमि पर बसी आवासीय बस्तियों को आवासीय भूखण्ड का पट्टा देने के लिए पूर्व में निर्धारित कट ऑफ डेट 30 सितम्बर, 2012 को बढ़ाकर 31 मई, 2013 करने का निर्णय लिया गया, इससे करीब सवा लाख परिवार लाभान्वित होंगे। इन्हें प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान देय छूट का लाभ दिया जाएगा।
एनटीटी के 1148 पदों पर भर्ती शीघ्र
राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से पूर्व प्राथमिक शिक्षा अध्यापक (एनटीटी) के 1 हज़ार 148 पदों के लिए पूर्व में स्थगित परीक्षा की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू होगी। इससे इन पदों पर शीघ्र नियुक्ति हो जाएगी।
चयनित कांस्टेबलों की समायोजन प्रक्रिया जल्द
वर्ष 2013 में खान एवं भूविज्ञान विभाग द्वारा खनिज संरक्षण बल के लिए आयोजित कांस्टेबल लिखित परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को शारीरिक दक्षता परीक्षा के बाद आरएसी की 14वीं बटालियन में समायोजित किया जाएगा। आगामी माह से यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
सिविल इलाको में मिले पुराने अज्ञात बमों पर सेना का स्पष्टीकरणहाल में पिछले कुछ समय से सेना के पुराने अज्ञात बम सिविल क्षेत्रों में मिलने और उनसे जानलेवा दुर्घटनाएं होने की खबरें लगातार मीडिया में आ रही है। जिससे आम नागरिक केे मन में सेना के प्रति रक्षा ओैर सुरक्षा के सम्बन्ध में दुविधा उत्पन्न हो रही है। सेना ने स्पष्ट किया, कि सिविल इलाको में मिल रहे सेना के पुराने बम वो है, जो कि सेना कि चांदमारी में फायर के बाद फटे नहीं और उ्रन्हें सिविल व्यक्तियों öारा सेना के चांदमारी क्षेत्र में बिना आज्ञा के प्रवेष करके उठा लिया। ऐसे व्यक्ति इन बगैर फटे बमों को पीतल का टुकड़ा समझ कर उठा लेते है ताकि उसे कबाड़ी को बेचकर कुछ पैसे कमा सके। चांदमारी क्ष्ेात्र सेना öारा एक्वायर कि गयी जमीन पर विकसित कि जाती हेै। इस क्षेत्र में किसी सिविलियन व्यक्ति के लिए प्रवेष निषेध होता है। इस बारे में सिविल व्यक्तियों को चेतावनी देने के लिए चांदमारी क्षेत्रों के समीप सेना öारा चेतावनी बोर्ड लगाये गये है। लेकिन इस आदेष को लागु करने कि जिम्मेदारी वहां के क्षेत्रीय पुलिस की होती है। क्योंकि, सेना चांदमारी क्ष्ेात्र में उसी समय होती है जब वह गोलाबारी फायर करने का अभ्यास करती है। सेना भी चांदमारी क्षेत्रों में गोलाबारी फायर का अभ्यास करने से पहले क्षेत्रीय पुलिस से अनुमति लेती है। गोलाबारी फायर के अभ्यास करने के बाद सेना अपनी पुरी कोषिष से उन विस्फोटकों को ढुंढती है जो जिन्दा हो एवं फटे ना हो और फिर ऐसे बमोें का विनाष करती है। लेकिन चांदमारी क्षेत्रों का इलाका बहुत बड़ा होने के कारण कुछ बगैर फटे बम जमीन में दबे रह जाते है। ऐसे बम उस क्षेत्र के लोगो öारा चांदमारी क्षेत्रों में बिना आज्ञा के प्रवेष करकेे सिविल इलाकों में लाये जाते है और हादसे का कारण बनते हैै। सेना अपने प्रोसिजर का पालन करते हुए अपने एमीनेषन एवं युद्ध सामाग्री का हिसाब किताब रखती है और हर गोलाबारी फायर अभ्यास के बाद पूरी कोषिष से जिन्दा एवं न फटे बमोें को ढुंढकर उनका विनाष करती है। पिछले साल जून ओेेैेर जुलाई के महिनांे में सेना ने पोकरण चांदमारी क्षेत्र को सुरक्षित बनाने के लिए पुरे चांदमारी इलाके में जिन्दा बमों को ढुंढकर निष्क्रिय किया। इसके अलावा जब कभी भी सिविल क्षेत्रों में इस प्रकार के बम मिलते है और सिविल प्रषासन ˜ारा मदद मांगने पर भारतीय सेना ने देषवासियों की रक्षा और सुरक्षा को प्राथमिकता देेते हुए हमेषा उन बमों को निष्क्रिय और विनाष करने के लिए पहल की है।
एसपी से कातिलाना हमले की निष्पक्ष जांच की गुहारबाड़मेर, 21 जुलाई। महादेवपुरा निवासी लिखमाराम ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर उसकी पुत्री पर हुए कातिलाना हमले संबंधित प्रकरण की जांच निष्पक्ष पुलिस अधिकारी से करवाने की गुहार की है। इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाने के लिए पीड़िता अपने साथ करीब एक दर्जन ग्रामीणांे को लेकर मंगलवार को पुलिस अधीक्षक से मिली।कमठाई ग्राम पंचायत के महादेवपुरा निवासी लिखमाराम पुत्र आसूराम ने मंगलवार को पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर बताया कि 11 जुलाई को उसकी पुत्री पर आरोपी ठाकराराम वगैरह ने कातिलाना हमला किया। इस संबंध मंे सिणधरी पुलिस स्टेशन मंे 11 जुलाई को मामला दर्ज करने के लिए एफआईआर पेष की गई। लेकिन आरोपियांे को फायदा पहुंचाने के लिए संबंधित हैड कांस्टेबल की ओर से 13 जुलाई को दोपहर बाद प्रकरण दर्ज किया गया। ज्ञापन मंे बताया कि घटना घटित होने एवं प्रकरण दर्ज होने के बाद आज दिनांक तक कोई भी पुलिसकर्मी जांच करने के लिए घटनास्थल पर नहीं आया है। जबकि आरोपी ठाकराराम वगैरह की ओर से पीड़ित पक्ष को राजीनामा करने के लिए धमकाया जा रहा है। ज्ञापन मंे इस मामले की जांच सिणधरी पुलिस स्टेषन के अलावा किसी अन्य थाने के अधिकारी से करवाकर न्याय दिलाने की गुहार की गई है।