मंगलवार, 21 जुलाई 2015

सिविल इलाको में मिले पुराने अज्ञात बमों पर सेना का स्पष्टीकरण

सिविल इलाको में मिले पुराने अज्ञात बमों पर  सेना का स्पष्टीकरण


हाल में पिछले कुछ समय से सेना के पुराने अज्ञात बम सिविल क्षेत्रों में मिलने और उनसे जानलेवा दुर्घटनाएं होने की खबरें लगातार मीडिया में आ रही है। जिससे आम नागरिक केे मन में सेना के प्रति रक्षा ओैर सुरक्षा के सम्बन्ध में दुविधा उत्पन्न हो रही है।

सेना ने स्पष्ट किया, कि सिविल इलाको में मिल रहे सेना के पुराने बम वो है, जो कि सेना कि चांदमारी में फायर के बाद फटे नहीं और उ्रन्हें सिविल व्यक्तियों öारा सेना के चांदमारी क्षेत्र में बिना आज्ञा के प्रवेष करके उठा लिया। ऐसे व्यक्ति इन बगैर फटे बमों को पीतल का टुकड़ा समझ कर उठा लेते है ताकि उसे कबाड़ी को बेचकर कुछ पैसे कमा सके।

चांदमारी क्ष्ेात्र सेना öारा एक्वायर कि गयी जमीन पर विकसित कि जाती हेै। इस क्षेत्र में किसी सिविलियन व्यक्ति के लिए प्रवेष निषेध होता है। इस बारे में सिविल व्यक्तियों को चेतावनी देने के लिए चांदमारी क्षेत्रों के समीप सेना öारा चेतावनी बोर्ड लगाये गये है। लेकिन इस आदेष को लागु करने कि जिम्मेदारी वहां के क्षेत्रीय पुलिस की होती है। क्योंकि, सेना चांदमारी क्ष्ेात्र में उसी समय होती है जब वह गोलाबारी फायर करने का अभ्यास करती है। सेना भी चांदमारी क्षेत्रों में गोलाबारी फायर का अभ्यास करने से पहले क्षेत्रीय पुलिस से अनुमति लेती है। गोलाबारी फायर के अभ्यास करने के बाद सेना अपनी पुरी कोषिष से उन विस्फोटकों को ढुंढती है जो जिन्दा हो एवं फटे ना हो और फिर ऐसे बमोें का विनाष करती है। लेकिन चांदमारी क्षेत्रों का इलाका बहुत बड़ा होने के कारण कुछ बगैर फटे बम जमीन में दबे रह जाते है। ऐसे बम उस क्षेत्र के लोगो öारा चांदमारी क्षेत्रों में बिना आज्ञा के प्रवेष करकेे सिविल इलाकों में लाये जाते है और हादसे का कारण बनते हैै।

सेना अपने प्रोसिजर का पालन करते हुए अपने एमीनेषन एवं युद्ध सामाग्री का हिसाब किताब रखती है और हर गोलाबारी फायर अभ्यास के बाद पूरी कोषिष से जिन्दा एवं न फटे बमोें को ढुंढकर उनका विनाष करती है। पिछले साल जून ओेेैेर जुलाई के महिनांे में सेना ने पोकरण चांदमारी क्षेत्र को सुरक्षित बनाने के लिए पुरे चांदमारी इलाके में जिन्दा बमों को ढुंढकर निष्क्रिय किया। इसके अलावा जब कभी भी सिविल क्षेत्रों में इस प्रकार के बम मिलते है और सिविल प्रषासन ˜ारा मदद मांगने पर भारतीय सेना ने देषवासियों की रक्षा और सुरक्षा को प्राथमिकता देेते हुए हमेषा उन बमों को निष्क्रिय और विनाष करने के लिए पहल की है।

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