मंगलवार, 21 जुलाई 2015

सोजत हत्या के आरोप में एक गिरफ्तार

 सोजत हत्या के आरोप में एक गिरफ्तार


 सोजत  धुंधला ग्राम में गम दिनों आपसी लेनदेन को लेकर हुए झगड़े में एक वृद्ध की मृत्यु के बाद पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्ज कर एक आरोपित को गिरफ्तार किया है। आरोपित से पूछताछ की जा रही है।

थानाधिकारी रामवीर जाखड़ ने बताया कि धुंधला निवासी सोनाराम जाट व उसके बहनोई भंवरलाल जाट के साथ नंदु सोनी, पवन सोनी व पदमसिंह ने मारपीट की, जिससे भंवरलाल जाट की मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने नंदु सोनी को गिरफ्तार किया है।

शव की शिनाख्त, परिजनों के आने पर पोस्टमार्टम

शव की शिनाख्त, परिजनों के आने पर पोस्टमार्टम


बाबरा बाबरा. रास थाना क्षेत्र के ब्यावर मेड़ता राजमार्ग स्थित रविवार शाम एक होटल के पास खड़े ट्रेलर में मिले शव की शिनाख्त ट्रेलर चालक के रूप में हुई है। लेकिन, मृतक के परिजनों के नहीं पहुंचने से शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका। परिजनों के पश्चिम बंगाल से पहुंचने के बाद मंगलवार को पोस्टमार्टम करवाया जाएगा।

रास थानाप्रभारी जसवंतसिंह राजपुरोहित ने बताया कि रविवार शाम को गोपालपुरा सरहद स्थित एक होटल के पास सीमेंट के बेग से लदे खड़े एक ट्रेलर में चालक का शव पड़ा मिला था। इसकी शिनाख्त ट्रेलर चालक पश्चिम बंगाल के सिलीगड़ी प्रधाननगर निवासी सुरेन्द्रसिंह (50) पुत्र बच्चनसिंह के रूप में हुई। वह पिछले दस वर्ष से एक कम्पनी में ड्राइविंग का कार्य कर रहा था। मृतक के परिजनों को सूचना दी गई है। उनके पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी प्रधाननगर से आने के बाद मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। शव को बर्फ की सिलियों पर मोर्चरी में सुरक्षित रखवाया गया है। प्रथमदृष्टिया चालक की मौत हृदय गति रुकने से होना पाया गया है। बावजूद इसके पोस्टमार्टम के बाद ही वस्तुस्थिति का पता चल पाएगा।

पुलिस के अनुसार रास स्थित एक सीमेंट फैक्ट्री से शनिवार शाम को एक ट्रांसपोर्ट कम्पनी के जरिए टै्रेलर में सीमेंट के कट्टे लदवाकर चालक सुरेन्द्रसिंह ट्रेलर को लेकर उत्तराखण्ड के रूड़की के लिए रवाना हुआ था। रास्ते में रास थाना क्षेत्र के ब्यावर मेड़ता राजमार्ग स्थित गोपालपुरा सरहद में चालक एक होटल के पास खाना खाकर ट्रेलर में चला गया। वहां रविवार शाम तक खड़े ट्रेलर में कोई हलचल नहीं होने पर होटल कर्मचारियों व अन्य वाहन चालकों ने ट्रेलर की केबिन में झांककर कर देखा तो ट्रेलर में एक व्यक्ति का शव पड़ा नजर आया।

मेड़तासिटी ईओ के नाम से रिश्वत लेते पार्षद गिरफ्तार



मेड़तासिटी  ईओ के नाम से रिश्वत लेते पार्षद  गिरफ्तार 


भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो अजमेर की टीम ने सोमवार को मेड़ता सिटी में बड़ी कार्रवाई करते हुए नगर पालिका के ईओ के नाम से कैशियर की डिमांड पर 11 हजार 700 रुपए की रिश्वत लेते बिचौलिए पार्षद उदयराज उर्फ पिंटू नागर को रंगें हाथों गिरफ्तार किया है।

पार्षद ने एक ठेकेदार का अटका हुआ बिल पास करवाने की एवज में ईओ के नाम से यह रिश्वत ली थी। एसीबी ने पार्षद को गिरफ्तार करने के बाद ईओ व कैशियर को फोन लगाया, लेकिन ईओ व कैशियर ने फोन रिसीव नहीं किया। मामले में ईओ की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। एसीबी अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में ईओ श्रवण चौधरी व कैशियर की भूमिका पर साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

जानकारी के अनुसार दो दिन पहले बालाजी कन्सट्रेक्शन कम्पनी के ठेकेदार खाखड़ की निवासी प्रकाश लटियाल ने अजमेर एसीबी में परिवाद दायर किया था। उसने परिवाद में अटका हुआ बिल पास करवाने की एवज में ईओ श्रवण चौधरी के नाम से कैशियर हीरदान द्वारा रिश्वत मांगने की शिकायत की। इस मामले में पार्षद उदयराज द्वारा बिचौलिया की भूमिका के निभाने की जानकारी दी। एसीबी ने शिकायत की पुष्टि करवाई।

ईओ व कैशियर की भूमिका की जांच शुरू

इस मामले में एसीबी द्वारा जब सत्यापन करवाया गया तो पता चला कि पार्षद उदयराज बिल पास कराने की एवज में ली गई राशि में ईओ व कैशियर के लिए बिचौलिए की भूमिका निभा रहा है। एसीबी निरीक्षण खान ने बताया कि अब एसीबी ईओ श्रवण चौधरी व कैशियर हीरदान के खिलाफ साक्ष्य के आधार पर जांच करेगी।

ईओ व कैशियर ने नहीं उठाए फोन

पार्षद की गिरफ्तारी के बाद एसीबी ने ईओ श्रवण चौधरी व कैशियर हीरदान को कई फोन लगाए। लेकिन एसीबी के लपेटे में आने के डर से दोनों ने फोन रिसीव करने बंद कर दिए। एसीबी ने दोनों से संपर्क नहीं होने के बाद मंगलवार की कार्रवाई पूरी कर आरोपी को पूछताछके लिए अजमेर ले गई। उसे बुधवार को अजमेर स्थित एसीबी न्यायालय में पेश किया जाएगा।

मेड़ता नगर पालिका में मची हलचल

पार्षद उदयराज उर्फ पिंटू नागर की गिरफ्तारी व मामले में ईओ व कैशियर का नाम सामने आते ही मेड़ता नगर पालिका में खलबली मच गई। मंगलवार दोपहर बाद एसीबी द्वारा नगर पालिका से जुड़े मामले में कार्रवाई की भनक के बाद आधा कार्यालय खाली हो गया और चपरासी से लेकर बाबू व आए दिन नगर पालिका में घुमने वाले कई बिचौलिए गायब हो गए।

तीन प्रतिशत कमीशन में तय हुआ सौदा

शिकायत का सत्यापन होने पर सामने आया कि बिल पास करवाने की एवज में 3 प्रतिशत कमीशन के हिसाब से 22 हजार 700 रुपए लेन-देन का मामला पार्षद उदयराज से तय हुआ। रिश्वत के तीन प्रतिशत अलग-अलग लोगों को देने की बात भी कही गई। पुष्टि होते ही एसीबी ने मंगलवार को जाल बिछा दिया।

रंग उतरा तो होश उड़े

सोमवार को दिन में एसीबी टीम के निरीक्षक मोहम्मद इस्माईल के नेतृत्व में एएसआई नन्दूसिंह श्योकुमार गुर्जर, भरत सिंह, कैलाश, जीवणराम, गिरधारी सिंह सहित सात सदस्यों की टीम ने जाल बिछाकर परिवादी प्रकाश लटियाल को कुल रिश्वत की एक किश्त के रंग लगाए हुए 11 हजार 700 रुपए दिए। प्रकाश ने बिचौेलिए पार्षद उदयराज को राशि देने की बात कही तो पार्षद ने उसे सामुदायिक अस्पताल के पास बुलाया। यहां राशि देते ही पहले से जाल बिछाए बैठी एसीबी ने उसे घेर लिया और मेड़ता सिटी थाने ले आई। वहां पार्षद के हाथ धुलवाएं गए। जिसमें नोटों पर लगा रंग आया तो पार्षद के होश उड़ गए।

सोमवार, 20 जुलाई 2015

जोधपुर आसाराम मामला: पीडि़त पक्ष के वकीलों को भी पुलिस सुरक्षा



जोधपुर आसाराम मामला: पीडि़त पक्ष के वकीलों को भी पुलिस सुरक्षा


गुरुकुल की नाबालिग छात्रा के यौन उत्पीडऩ के मामले में सोमवार को सेशन न्यायालय (जोधपुर जिला) में नियमित सुनवाई हुई। समयाभाव के कारण अनुसंधान अधिकारी चंचल मिश्रा के बयान पूरे नहीं हुए।

पुलिस सुरक्षा में आसाराम को न्यायालय में पेश किया गया। पीडि़त पक्ष के वकीलों को भी पुलिस सुरक्षा मुहैया करवाई गई है। पुलिस के जवानों के साथ अधिवक्ता कोर्ट पहुंचे। आसाराम की झलक पाने के लिए बड़ी संख्या में उनके समर्थक बारिश के बावजूद कोर्ट में डटे रहे।

मुंबई।निःस्वार्थ भाव से डीडी किसान के साथ अमिताभ, नहीं लिए पैसे



मुंबई।निःस्वार्थ भाव से डीडी किसान के साथ अमिताभ, नहीं लिए पैसे


अभी हाल ही में बी-टाउन के शहंशाह अमिताभ बच्चन के दूरदर्शन के चैनल डीडी किसान से जुडऩे की बात लोगों के सामने आई थी और यह भी पता चला था कि अमिताभ बच्चन को इस चैनल से जुडऩे के लिए साढ़े छह करोड़ रुपये भी दिए जा चुके हैं।

लेकिन डीडी किसान से संबंधित आए दिन उठ रहे सवालों पर विराम लगाते हुए अमिताभ बच्चन से साफ कर दिया है कि उन्होंने न तो इस चैनल के अनुबंध में प्रवेश किया है और न ही चैनल की ओर से किसी भी तरह की कोई धनराशि ली है।

नहीं ली कोई धनराशि

अमिताभ बच्चन आगे बताते हैं कि मैं लोव लिंटास नामक एडवर्टाइजिंग एजेंसी के साथ काम कर रहा था, जो डीडी किसान के लिए कैंपेन कर रहा था। इसके लिए हमारा किसी के साथ कोई कॉन्ट्रैक्ट नहीं किया था और न ही मैंने लिंटस की ओर से कोई धनराशि ली है।

निःस्वार्थ भाव से किया काम

वे कहते हैं कि उस कैंपेन से संबंधित मुझे लिंटास कंपनी को जो भी कुछ देना था, वह सब मैं पहले ही कर चुका हूं। डीडी किसान जैसे कैंपेन के लिए मैंने निःस्वार्थ भाव से काम किया है। इसके अलावा अगर उनके पास कोई भी सबूत है तो सत्यापन के लिए हमारे पास भेजने का कष्ट करें।