मंगलवार, 21 जुलाई 2015

मेड़तासिटी ईओ के नाम से रिश्वत लेते पार्षद गिरफ्तार



मेड़तासिटी  ईओ के नाम से रिश्वत लेते पार्षद  गिरफ्तार 


भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो अजमेर की टीम ने सोमवार को मेड़ता सिटी में बड़ी कार्रवाई करते हुए नगर पालिका के ईओ के नाम से कैशियर की डिमांड पर 11 हजार 700 रुपए की रिश्वत लेते बिचौलिए पार्षद उदयराज उर्फ पिंटू नागर को रंगें हाथों गिरफ्तार किया है।

पार्षद ने एक ठेकेदार का अटका हुआ बिल पास करवाने की एवज में ईओ के नाम से यह रिश्वत ली थी। एसीबी ने पार्षद को गिरफ्तार करने के बाद ईओ व कैशियर को फोन लगाया, लेकिन ईओ व कैशियर ने फोन रिसीव नहीं किया। मामले में ईओ की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। एसीबी अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में ईओ श्रवण चौधरी व कैशियर की भूमिका पर साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

जानकारी के अनुसार दो दिन पहले बालाजी कन्सट्रेक्शन कम्पनी के ठेकेदार खाखड़ की निवासी प्रकाश लटियाल ने अजमेर एसीबी में परिवाद दायर किया था। उसने परिवाद में अटका हुआ बिल पास करवाने की एवज में ईओ श्रवण चौधरी के नाम से कैशियर हीरदान द्वारा रिश्वत मांगने की शिकायत की। इस मामले में पार्षद उदयराज द्वारा बिचौलिया की भूमिका के निभाने की जानकारी दी। एसीबी ने शिकायत की पुष्टि करवाई।

ईओ व कैशियर की भूमिका की जांच शुरू

इस मामले में एसीबी द्वारा जब सत्यापन करवाया गया तो पता चला कि पार्षद उदयराज बिल पास कराने की एवज में ली गई राशि में ईओ व कैशियर के लिए बिचौलिए की भूमिका निभा रहा है। एसीबी निरीक्षण खान ने बताया कि अब एसीबी ईओ श्रवण चौधरी व कैशियर हीरदान के खिलाफ साक्ष्य के आधार पर जांच करेगी।

ईओ व कैशियर ने नहीं उठाए फोन

पार्षद की गिरफ्तारी के बाद एसीबी ने ईओ श्रवण चौधरी व कैशियर हीरदान को कई फोन लगाए। लेकिन एसीबी के लपेटे में आने के डर से दोनों ने फोन रिसीव करने बंद कर दिए। एसीबी ने दोनों से संपर्क नहीं होने के बाद मंगलवार की कार्रवाई पूरी कर आरोपी को पूछताछके लिए अजमेर ले गई। उसे बुधवार को अजमेर स्थित एसीबी न्यायालय में पेश किया जाएगा।

मेड़ता नगर पालिका में मची हलचल

पार्षद उदयराज उर्फ पिंटू नागर की गिरफ्तारी व मामले में ईओ व कैशियर का नाम सामने आते ही मेड़ता नगर पालिका में खलबली मच गई। मंगलवार दोपहर बाद एसीबी द्वारा नगर पालिका से जुड़े मामले में कार्रवाई की भनक के बाद आधा कार्यालय खाली हो गया और चपरासी से लेकर बाबू व आए दिन नगर पालिका में घुमने वाले कई बिचौलिए गायब हो गए।

तीन प्रतिशत कमीशन में तय हुआ सौदा

शिकायत का सत्यापन होने पर सामने आया कि बिल पास करवाने की एवज में 3 प्रतिशत कमीशन के हिसाब से 22 हजार 700 रुपए लेन-देन का मामला पार्षद उदयराज से तय हुआ। रिश्वत के तीन प्रतिशत अलग-अलग लोगों को देने की बात भी कही गई। पुष्टि होते ही एसीबी ने मंगलवार को जाल बिछा दिया।

रंग उतरा तो होश उड़े

सोमवार को दिन में एसीबी टीम के निरीक्षक मोहम्मद इस्माईल के नेतृत्व में एएसआई नन्दूसिंह श्योकुमार गुर्जर, भरत सिंह, कैलाश, जीवणराम, गिरधारी सिंह सहित सात सदस्यों की टीम ने जाल बिछाकर परिवादी प्रकाश लटियाल को कुल रिश्वत की एक किश्त के रंग लगाए हुए 11 हजार 700 रुपए दिए। प्रकाश ने बिचौेलिए पार्षद उदयराज को राशि देने की बात कही तो पार्षद ने उसे सामुदायिक अस्पताल के पास बुलाया। यहां राशि देते ही पहले से जाल बिछाए बैठी एसीबी ने उसे घेर लिया और मेड़ता सिटी थाने ले आई। वहां पार्षद के हाथ धुलवाएं गए। जिसमें नोटों पर लगा रंग आया तो पार्षद के होश उड़ गए।

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