गुरुवार, 16 जुलाई 2015

चलती वैन में आग लगने से छह महिलाओं की मौत

चलती वैन में आग लगने से छह महिलाओं की मौत


विरूधुनगर। तमिलनाडु में शिवकासी के समीप एक चलती वैन में आग लग जाने से उसमें सवार छह महिला मजदूरों की मौत हो गई जबकि सात अन्य गंभीर रूप से झुलस गए।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि एक निजी पटाखा फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों को लेकर जा रही एक वैन पराईपट्टी गांव के समीप अनियंत्रित होकर एक नाले में गिर गई जिसके बाद उसमें आग लग गई।

 वैन में आग लगने से उसमें सवार छह महिलाओं की जलकर मौत हो गई तथा सात अन्य बुरी तरह झुलस हो गए। घटना की सूचना मिलते ही वरिष्ठ पुलिस एवं राजस्व अधिकारी मौके पर पहुंचे एवं बचाव अभियान का जायजा लिया।

अग्निशमन एवं बचावकर्मियों ने हादसे में बचे लेकिन गंभीर रूप से झुलसे लोगों को शिवकासी के अस्पताल में भर्ती कराया।

ट्रेक पर मिट्टी ढही, रेल यातायात थमा

ट्रेक पर मिट्टी ढही, रेल यातायात थमा


रायपुर मारवाड़ (पाली)। दिल्ली-अहमदाबाद रेल मार्ग पर बुधवार को दीपावास फाटक के समीप अंडरपास बनाने के दौरान मिट्टी ढहने से ट्रेक क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे रेल मार्ग पर यातायात बाधित हो गया। इस अवरोध से शाम करीब साढ़े छह बजे के बाद से दर्जनों ट्रेनों के सैकड़ों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। अजमेर डीआरएम की मौजदूगी में देर रात मरम्मत कार्य जारी रहा और देर रात 11.51 बजे रेल यातायात सुचारु हो पाया।


प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार शाम को करीब साढ़े छह बजे ब्रांदा से जयपुर की ओर जा रही यात्री ट्रेन इस अंडरपास के ऊपर से होकर गुजरी थी। तेज रफ्तार से इस ट्रेन के गुजरने के साथ ही अंडरपास के नीचे सुरक्षा के लिहाज से लगा रखे लोहे के पिलर्स मिट्टी ढहने से सरक गए। गनीमत रही कि यह घटना ट्रेन के गुजरने के बाद हुई। अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।



इस घटना के दौरान वहां मौजूद रेलवे कार्मिको ने इसकी सूचना हरिपुर स्टेशन पर दी। रेलवे अधिकारियों के आदेश पर हादसे की आंशका को देखते हुए रेलवे यातायात रोक दिया गया। रेलवे टीम मौके पर पहुंची और मरम्मत कार्य शुरू करवा दिया। इधर, रात करीब दस बजे अजमेर डीआरएम नरेश सालेचा मौके पर पहुंचे। सालेचा देर रात तक मौके पर मौजूद रहे।



यूं किया मरम्मत कार्य



रेलवे अधिकारियों ने मौके पर करीब 150 श्रमिकों की मदद से मरम्मत कार्य शुरू करवाया। आधुनिक मशीनों के जरिए मिट्टी की खुदाई करवाई गई। प्लास्टिक के कट्टों में मिट्टी भरकर उन्हें अंडरपास के नीचे रखवाया गया। इनके ऊपर लोहे की बड़ी गार्डर को वेल्ड कर रेलवे लाइन को सुरक्षा दी गई। रेलवे अधिकारियों ने बीच राह में फंसे यात्रियों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए यातायात को सुचारु करने के लिए बड़ी गार्डर लगा वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाही, लेकिन हादसे की आशंका के चलते वह कामयाब नहीं हो पाई।



आस्था में पड़ गया खलल



अधिक मास के अंतिम दिन अमावस्या पर गुरुवार को हरिद्वार में शाही स्नान की मंशा लिए हरिद्वार मेल से रवाना हुए सैकड़ों श्रद्वालु इस घटना के कारण हरिपुर रेलवे स्टेशन पर ही अटक गए। देर रात तक यातायात सुचारु नहीं होने से वे शाही स्नान से वंचित रह जाएंगे। इधर, रजमान के मुबारक महीने के अंतिम दिन अजमेर दरगाह शरीफ में इबादत के लिए जाने वाले जायरीन भी बीच में ही अटक गए।



जहां की तहां रोकी ट्रेन



इस घटना के दौरान जो ट्रेन जिस जगह पहुंची, उसे वहीं रोक दिया गया। कुछ ट्रेन स्टेशन पर रोकी गई। अधिकांश स्टेशन पर रात्रि में ट्रेनों का ठहराव नहीं होने से यात्रियों को न तो पीने का पानी नसीब हो पाया और न ही खाने को कुछ मिल पाया। वे भूखे प्यासे रेलवे ट्रेन पर चहल कदमी करते यातायात सुचारु होने का इंतजार करते रहे।



रात 11.51 पर सुचारु हुआ मार्ग



घंटों की मशक्कत के बाद देर रात 11.51 बजे रेल यातायात सुचारु हो पाया। सेन्दड़ा स्टेशन पर खड़ी राजधानी एक्सपे्रस ट्रेन को अण्डरपास के ऊपर से धीमी गति से निकाला गया। टे्रक ठीक होने के बाद करीब 11.16 बजे बर रेलवे स्टेशन से इंजन मंगवाकर बर से हरिपुर रेलवे स्टेशन के बीच तीन फेरे लगवाकर ट्रेक की जांच की गई। उसके बाद सेन्दड़ा में खड़ी सवारी गाड़ी को यहां से धीमी गति से निकाला गया।



ट्रेक अब सुरक्षित



सुरक्षा के लिहाज से पुख्ता प्रबंध करने के बाद बर स्टेशन पर खड़े इंजन को तीन बार अलग-अलग रफ्तार से इस ट्रेकसे गुजारा। पूर्णतया संतुष्टी होने के बाद सेन्दड़ा स्टेशन पर खड़ी राजधानी एक्सप्रेस को धीमी गति से इस ट्रेक से गुजारा गया। ट्रेक पूर्णतया सुरक्षित है। यातायात सुचारु कर दिया गया है।



नरेश सालेचा, डीआरएम, अजमेर

बुधवार, 15 जुलाई 2015

क्वीन हरीश लड़की बन 56 देशों में कर चुके डांस, अब 'गंगाजल 2' में बनेंगे ITEM GIRL



मुंबई. फिल्म निर्माता ऑडियंस को लुभाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाते हैं। इस बार डायरेक्टर प्रकाश झा भी अपनी फिल्म 'गंगाजल 2' में कुछ नया करने जा रहे हैं। खबर है कि वे आइटम गर्ल के रूप में किसी एक्ट्रेस को नहीं, बल्कि एक लड़के को दिखाने जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, "यह शख्स कोई और नहीं, बल्कि वही क्वीन हरीश हैं, जिन्होंने लड़कियों की तरह डांस के हुनर के चलते दुनियाभर में अपनी पहचान बना ली है।"
 फाइल फोटो : क्वीन हरीश
56 देशों में कर चुके डांस :

राजस्थान के जैसलमेर में जन्मे हरीश फीमेल डांसर के अवतार में अब तक 56 देशों में डांस कर चुके हैं। उन्हें खासतौर से बेले डांस के लिए जाना जाता है। हरीश करीब एक दशक से अपने डांस के कारण लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

'गंगाजल 2' से बॉलीवुड डेब्यू

कहा जा रहा है कि कई लाइव शो कर चुके हरीश प्रियंका चोपड़ा स्टारर अपकमिंग फिल्म 'गंगाजल 2' से बॉलीवुड डेब्यू करने जा रहे हैं। वे सिंगर ऋचा शर्मा के आइटम नंबर पर डांस करते नजर आएंगे। बताया जा रहा है कि इस डांस की शूटिंग किसी देसी ठेका पर हुई है।

डांसिंग स्किल से सबको चौंकाया

कहा जा रहा है कि हरीश के डांसिंग स्किल को देखकर उस समय सेट पर सभी लोग हैरत में रह गए, जब उन्होंने पूरे ट्रैक की शूटिंग मात्र चार घंटों में पूरी कर ली।

जोधपुर छह डिस्कॉम अधिकारियों के तबादले



जोधपुर छह डिस्कॉम अधिकारियों के तबादले


जोधपुर डिस्कॉम के चार एक्सईएन व दो एईएन के बुधवार को तबादले किए गए। डिस्कॉम सचिव (प्रशासन) भागीरथ विश्नोई ने बताया कि एक्सईएन जेठाराम चौधरी को सिरोही से आबूरोड, कन्हैयालाल रैगर को नोखा से सोजत सिटी, पीएस चौधरी को जिला वृत्त से पीपीपी सेल जोधपुर व तरुण कुमार सोनी को पीपीपी सेल जोधपुर से जोधपुर जिला वृत्त लगाया गया है।

वहीं शहर के लाल सागर एईएन कार्यालय पर कार्यरत एईएन यूके व्यास का तबादला एक्सईएन विजिलेंस बाड़मेर व एईएन केके व्यास को एमएण्डपी जोधपुर से एक्सईएन नोखा लगाया गया है। फिलहाल लाल सागर एईएन का पद खाली है।

‘लुप्त सरस्वती नदी को खोजने का काम इसी साल जैसलमेर से शुरू होगा’



जैसलमेर: केन्द्रीय भूजल विभाग ने लुप्त हुई प्राचीन सरस्वती नदी को खोजने एवं उसके जल प्रवाह को ढूंढने का चालू वर्ष में जैसलमेर से शुरू किया जाएगा।

‘लुप्त सरस्वती नदी को खोजने का काम इसी साल जैसलमेर से शुरू होगा’




विभाग के मुख्य अभियंता सूरजभान सिंह के अनुसार राज्य के पांच जिलों में सरस्वती को खोजने के लिए 69 करोड़ रुपये की योजना बनाई हैं। इस योजना की विस्तारित परियोजना रिपोर्ट केंद्र सरकार के जल संसाधन मंत्रालय को भिजवाई हैं। इस योजना में केन्द्र और राज्य सरकार की चार ऐजेन्सियां केन्द्रीय भूजल विभाग के अलावा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हार्डलॉजी (एनआईएच) रुड़की, फिजीकल रिसर्च लेब्रोटरी (पीआरएल) अहमदाबाद एवं इसरो संयुक्त रूप से कार्य कर रहे हैं।




उन्होंने बताया कि इस परियोजना पर वर्ष 2015 में जैसलमेर से काम शुरु होकर वर्ष 2019 तक पूरा होने की संभावना हैं। जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, गंगानगर एवं हनुमानगढ़ के 543 किमी क्षेत्र में होने वाली इस नदी की खोज की जायेगी। वरिष्ठ भू जल वैज्ञानिक विमल सोनी ने बताया कि इसके प्रथम चरण में करीब 100 ट्यूबवैल खोदे जायेंगे। इनसे निकले पानी की एनआईएच रुड़की द्वारा कार्बन डेटिंग की जायेगी तथा इन कुओं के सेडीमेंट की टेस्टिंग की फिजीकल रिसर्च लेब्रोटरी अहमदाबाद द्वारा किया जाएगी।




सोनी ने बताया कि खासकर गंगानगर क्षेत्र में 20 ऐसे कुएं खोदे जायेंगे जिसमे जोधपुर का पानी पाकिस्तान जाता हैं। उस पानी को इन कुओं में रिचार्ज किया जाएगा इसके बाद इनका अध्ययन किया जायेगा कि ये पानी कहां जा रहा हैं। अगर ये पानी गंगानगर से होता हुआ जैसलमेर. बाड़मेर तक जाए तो निश्चित रुप से स्पष्ट हो जाएगा कि यह ही सरस्वती का प्राचीन मार्ग हैं। इस मार्ग से सरस्वती नदी बहती थी। जारी




सोनी ने बताया कि परियेाजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाकर केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय को भिजवाई गई हैं। भू जल वैज्ञानिक डॉ एन डी इणखिया ने बताया कि जैसलमेर के नाचना क्षेत्र से करीब 40 किमी दूर 50.60 किमी के रेडिएशन में 500 फुट के नीचे से अपने आप निकल रहे पानी के संबंध में उन्होंने कहा कि यह सरस्वती का पानी हैं या नहीं, यह कहना मुश्किल हैं। इस पर शोध के बाद ही कुछ कहा जा सकता हैं।




जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने भी नाचना क्षेत्र के भ्रमण के दौरान नाचना से 430 फुट गहरे खुदे नलकूप में अपने आप आ रहे भूमिगत जल का अवलोकन किया। नाचना के किसान सगताराम के खेत में खोदे गए नलकूप से कम गहराई से आ रहे पानी के बारे में जानकारी ली। वहीं किसान ने बताया कि उसने फरवरी 2015 में इस नलकूप को खोदा था तब से ही भूगर्भ से स्वत: तेजी से पानी आ रहा है।