गुरुवार, 9 जुलाई 2015

जयपुर।जयपुर चक्काजाम: सडकों पर शुरू हुआ दो घंटे का "राम-राज्य"



जयपुर।जयपुर चक्काजाम: सडकों पर शुरू हुआ दो घंटे का "राम-राज्य"

राजधानी के प्राचीन मंदिरों को तोडऩे के विरोध में विभिन्न हिंदूवादी संगठनों का सामूहिक तौर पर चक्का जाम शुरू ठीक नौ बजने के साथ ही शुरू हो गया। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के समर्थित चक्का जाम के तहत शहर के कुल 71 प्रमुख चौराहे-तिराहे और मुख्य मार्गों पर सुबह 9 से 11 बजे तक दो घंटे का "राम- राज्य" शुरू हुआ।

राजधानी के इन तमाम मार्गों पर इसका असर भी देखने को मिला। दो घंटे के चक्काजाम को सफल बनाने के लिए प्रदर्शनकारी सड़क पर उत्तर आए। इस दौरान कई जगहों से लोगों के जाम में फंसे होने की खबरें मिलनी शुरू हो गई हैं।

चक्काजाम से बचने के लिए लोगों ने बदली दिनचर्या

शहर दो घंटे के लिए पूरी तरह से थमने की आशंका के चलते ज़्यादातर लोग चक्काजाम शुरू होने के 9 बजे से पहले ही घरों से अपने-अपने गंतव्य की और निकल गए। ऐसे में सडकों पर सामान्य दिनों की अपेक्षा सुबह नौ बजे से पहले सडकों पर ज़्यादा यातायात का दबाव रहा।

सरकारी दफ्तरों में साढ़े 9 बजे का समय होने की वजह से अधिकारी-कर्मचारी वर्ग नौ बजे से पहले ही दफ्तरों पर पहुँच गया। वहीं, प्राइवेट नौकरी करने वालों के दफ्तर का नियमित समय भी सामान्य तौर पर सुबह दस बजे से है, लिहाज़ा यह वर्ग भी नौ बजे से पहले अपने दफ्तरों पर पहुँच गया।




जयपुर मैट्रो पर दिखाई दिया असर

राजधानी की सड़क पर चक्काजाम का असर जयपुर मैट्रो पर नज़र आया। सुबह की पारी में मैट्रो जहां इक्का-दुक्का मुसाफिरों के सात दौड़ती है, वही मेट्रो आज यात्रियों के भारी दबाव के साथ चली। प्रदर्शनकारियों से मैट्रो को सुरक्षित रखने के लिए सभी स्टेशनों पर पुलिस का जाप्ता तैनात किया हुआ है।




वाहनचालकों ने ढूंढे वैकल्पिक मार्ग

चक्काजाम कर रहे आंदोलनकारियों के सड़क पर आने से मुख्य मार्गों पर पहियों की रफ़्तार थमी हुई सी नज़र आ रही है। प्रदर्शन के दो घंटे की मियाद के दौरान फंसे वाहनचालक अपने गंतव्य तक जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग तलाशते नज़र आ रहे हैं।




मूकदर्शक बनी रही पुलिस

चक्काजाम के दौरान आंदोलनकारियों से निपटने के लिए बुधवार को गृहमंत्री के दावों की सड़क पर पोल खुलती नज़र आई। गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने बुधवार को पुलिस अफसरों को आंदोलनकारियों के हुड़दंग मचाने पर सख्ती से निपटने के निर्देश दिए थे।

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लेकिन इन आदेशों की पालना सड़क पर ज़रा सी भी नहीं दिखी। प्रदर्शनकारियों के सामने पुलिस मूक दर्शक बनी दिखा दी। कई जगहों पर पुलिस के सामने ही वाहनचालक प्रदर्शनकारियों से झगड़ते नज़र आए।

चक्काजाम के लिए 4 जिलों में बंटा शहर

संघ के नेतृत्व में मंदिर बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले प्रस्तावित चक्का जाम के लिए शहर को चार क्षेत्रों में बांटा गया। इनमें ऋषि गालव नगर में कुल 27 स्थान, मालवीय नगर क्षेत्र में कुल आठ स्थान, मानसरोवर क्षेत्र में कुल 14 स्थान और विद्याधर नगर क्षेत्र में कुल 22 स्थान चिह्नित किए गए हैं। जहां पर वाहनों को रोके जा रहे हैं।

अनूपगढ़ हिफाजत को तरसती विरासत

अनूपगढ़  हिफाजत को तरसती विरासत


अनूपगढ़. शहर के हृदय के बीचों-बीच वर्षों पुराना गढ़ स्थित है, यह गढ़ अनूपगढ़ के वार्ड नं. 12, 13, 14, 18 के अतंर्गत आता है। वर्तमान में यह गढ़ एक दम जर्जर स्थिति में है और यह एक विषाला खण्डहर में तबदील हो चुका है। गढ़ के अन्दर कंटीली झाडिय़ा उग कर जंगल सा प्रतीत करवाती है और इसका अधिकतर हिस्सा गिर चुका है और जो दीवारें शेष हैं वो भी गिरनासन्न अवस्था में है और कभी भी गिर सकती है और इसके गिरने से काफी जान-माल का नुकसान हो सकता है और कुछ वर्ष पहले गढ़ की दीवार गिरने से एक महिला के हाथ-पैर टूटने की घटना घटित हो चुकी है।

आसपास के घरों के लिए खतरा

शहर का हृदय स्थल होने के कारण व चार वार्ड के घरों के साथ चिपके होने के कारण रिहायषी मकानों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है, गढ़ की दीवारें 60-80 फीट ऊंची है। इसके बिल्कुल आस-पास विद्युत ट्रांसफॉर्मर भी कई जगह लगे हैं यदि कभी भविष्य में ये गढ़ की दीवार कभी इन विद्युत तारों पर गिरती है तो सारे ट्रांसफार्मर गिर जायेंगे और शॉर्ट-सर्किट से लोगों का बिजली उपकरण जल के राख हो जायेगा और इसका मलबा लोगों के मकानों तक पहुंच जायेगा। वर्तमान में आबकारी विभाग इस गढ़ में स्थित है आबकारी विभाग इसे नजूल सम्पति मानता है ज्ञात रहे 1993 से आबकारी विभाग यही स्थित है इससे पहले यहां राजस्व तहसील हुआ करती है। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने भी इसे असुरक्षित घोषित कर दिया है विभाग भी इस बात को मानता है कि गढ़ एकदम असुरक्षित है और कहीं-कहीं तो मात्र मिट्टी की मोटी दीवारें रह गई हैं। ईटों का कहीं कोई नामोनिषान नहीं है, जिससे लोगों का मानना है कि यह मिट्टी की दीवार बाहर गली में खेलते उनके छोटे-छोटे बच्चों पर कभी भी गिर सकती है।

कमरे हो चुके नष्ट

सार्वजनिक निर्माण विभाग के अनुसार गढ़ के अन्दर जो कमरे हैं वे लगभग नष्ट हो चुके हैं। वार्डवासियों ने इस गढ़ को नगरपालिका को हस्तान्तरित कर हेरिटेज पार्क बनाने की मांग की है, जिससे कि विरासत की पहचान बनी रहे और लोगों को जान-माल का नुकसान भी न हो।

वार्ड नं. 18 निवासी रवि शर्मा के अनुसार यदि कभी कोई अनहोनी होती है, तो इसकी जिम्मेवारी कोई भी नहीं लेगा हमारे घरों में लाखों के विद्युत उपकरण है व अमूल्य जिंदगिया है, जो कि मानो चाकु की नोक पर टिकी हुई है, सरकार से हमारी यही मांग है कि इसका शीघ्र उद्धार करवाया जावे। वार्ड नं. 18 के ही पार्षद मुकेष बाघला उर्फ राजू ने बताया कि जब भी बरसात होती है हमारे वार्ड में गढ़ का मलबा पूरी सड़क पर पसर जाता है, मैंने खुद के खर्च से ये मलबा कई बार उठवाया है, सरकार को चाहिए कि इस सम्पति का उचित प्रयोग करें। वार्ड नं. 13 के कालु सोनी ने बताया कि पहले भी हमारी नानी इस गढ़ का षिकार हो चुकी है उसके हाथ-पैर टूट गये थे, आगे से ऐसा न हो उसके लिए इसे मरम्मत कर पार्क बना दिया जाना चाहिए। वार्ड नं. 14 के राजेन्द्र चुघ ने बताया कि अगर गढ़ गिरता है, तो हमारे मकानों को भारी नुकसान पहुंच सकता है।

पाकिस्तान से आ सकता है टिड्डी दल

पाकिस्तान से आ सकता है टिड्डी दल


पाली। मानसून के शुरू होते ही हवा के रुख के साथ पाकिस्तान सीमा से जुड़े बाड़मेर जिले से जालोर होते हुए टिड्डी दल पाली आ सकता है। कार्यालय उप निदेशक कृषि विभाग ने इस संबंध में चेतावनी जारी की है। टिड्डी दल आने की संभावना को देखते हुए कृषि विभाग टिड्डी मण्डल कार्यालय से निरंतर सम्पर्क बनाए हुए है। कृषि विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए किसानों से भी आह्वान किया कि टिड्डी दल के नजदीक आते ही तुरंत इसकी सूचना नजदीकी नियंत्रण कक्ष, कृषि पर्यवेक्षक, सहायक कृषि अधिकारी, पटवारी सहित अन्य अधिकारियों को दें। जहां भी टिड्डी के अण्डे देने के स्थान की जानकारी मिले तो उसे यांत्रिक विधि से तुरंत नष्ट किया जाए।

नियंत्रण कक्ष स्थापित

कृषि विभाग ने टिड्डी दल की सूचना को लेकर जिला एवं उखण्ड स्तर पर नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किए हैं। जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष का फोन नम्बर 02932-231341 तथा 223076 निर्धारित किया गया है। इसके अलावा कृषि पर्यवेक्षक राजेन्द्रसिंह राजपुरोहित के मोबाइल नम्बर 94689-77275, कृषि उपखण्ड पाली के 02932-222076, कृषि उपखण्ड बाली के 02936-222160, कृषि उपखण्ड सोजत के फोन नम्बर 02960-222478 निर्धारित हैं।

वनस्पति को नुकसान

टिड्डी कीट वनस्पति को नष्ट कर देता है। इनकी प्रजनन क्षमता अधिक होने के कारण बहुत बड़ी संख्या में झुण्ड के रूप में ये एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं। ये जिस स्थान पर डेरा बैठता है वहां की सारी वनस्पति को खत्म कर देता है। एेसे में फसलों के लिए ये दल सर्वाधिक नुकसानदायक होता है।

आशंका ज्यादा

मानसून सत्र में इनके आने की आशंका रहती है, सावधानी के तौर पर चेतावनी जारी की है। नियंत्रण कक्ष भी खोल दिए हैंं।

जितेन्द्रसिंह शक्तावत, उपनिदेशक, कृषि विस्तार, जिला परिषद, पाली

जालोर।प्रेमिका के गांव के बाहर लटका प्रेमी का शव

जालोर।प्रेमिका के गांव के बाहर लटका प्रेमी का शव

जालोर में ऑनर किलिंग का मामला सामने आया है। प्रेमी का शव प्रेमिका के गांव के बाहर ही पेड़ से लटका मिला है। शव को बुधवार सवेरे ग्यारह बजे तक लटके हुए बीस घंटे का समय हो गया था, लेकिन शव को परिजनों ने नीचे नहीं उतारने दिया। मामला झाब थाना इलाके का है।
पुलिस के अनुसार इलाके में स्थित इटादा गांव में रहने वाली युवती का लूणवा गांव में रहने वाले युवक भंवराराम के साथ प्रेम-प्रसंग था। दोनों कुछ दिन पहले घर से भाग गए और शादी कर ली।
पुलिस ने बताया कि युवती के पिता ने मामला भी दर्ज कराया था। मंगलवार दोपहर दोनों वापस लौट आए और युवती को भंवराराम ने उसके घर छोड़ दिया। गांव के बाहर आकर भंवराराम पेड़ से लटक गया।
पुलिस ने बताया कि उसकी जेब में एक सुसाइड नोट भी मिला है। उधर, भंवराराम के परिजनों ने इसे हत्या मानते हुए पुलिस को शव नहीं उतारने दिया। आज सवेरे ग्यारह बजे तक शव पेड़ से लटका रहा, लेकिन परिजन शव उतारने के लिए तैयार नहीं हुए।

जोधपुर डॉक्टर ने सरकारी स्कूल में कराया बेटी का दाखिला

जोधपुर  डॉक्टर ने सरकारी स्कूल में कराया बेटी का दाखिला

सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था पर तमाम सवालिया निशान लगते रहे हैं, दूसरी ओर एक चिकित्सक ने इन सारी बातों को दरकिनार कर सरकारी विद्यालयों पर भरोसा जताया है। डॉक्टर विकास जैन ने अपनी पुत्री डिंपल को निजी स्कूल से निकालकर उसका दाखिला राजकीय माध्यमिक विद्यालय पावटा में कक्षा तीसरी में करवाया है। उनका मानना है कि इतनी भारी फीस होने के बावजूद निजी स्कूलों में कोई परफॉर्मेंस नजर नहीं आती।
डॉ. जैन मूलत: नागौर जिले के डेगाना जंक्शन के रहने वाले हैं, यहां उनका आवास पावटा में है। उनकी पोस्टिंग डेगाना जंक्शन कम्यूनिटी सेंटर में है। हाल में वे महात्मा गांधी अस्पताल स्थित ऑर्थोपेडिक विभाग में एक साल का सॢटफिकेट कोर्स कर रहे हैं।
सफाई करवाओ मगर मास्क लगाकर
सरकारी स्कूल में कक्षों की साफ-सफाई बच्चों से करवाना आम बात है। एक दिन डॉ. जैन की पत्नी कविता स्कूल पहुंची तो बच्चे सफाई कर रहे थे। उन्होंने इसपर तो कोई एेतराज नहीं जताया मगर सफाई के दौरान बच्चों के मुंह पर मास्क लगाने की नसीहत जिम्मेवारों को जरूर दी। क्लास टीचर के अनुसार डिंपल क्लास में सबसे होशियार बच्ची है।
निजी स्कूलों में आए दिन बदलते हैं शिक्षक
डॉ. जैन का कहना है कि इससे पहले उनकी बेटी पावटा स्थित एक निजी स्कूल में पढ़ती थी। जहां बच्चों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा था। वे खुद अपने गांव डेगाना जंक्शन में आदर्श विद्या मंदिर स्कूल में पढ़े। उनके बड़े भाई, जो कि डॉक्टर हैं, उन्होंने 12वीं तक पूरी स्कूल शिक्षा सरकारी विद्यालय से ली है। जितने पढ़ाने में पारंगत सरकारी शिक्षक हैं, उतने निजी स्कूल के शिक्षक नहीं हैं। बच्चे में पढऩे की लगन होनी चाहिए।
सरकारी स्कूल सभी शांत एरिया में हैं, प्राइवेट स्कूल सभी रोड पर होते हंै। ऐसे में ज्यादातर दुर्घटना का भी खतरा रहता है। यहां खेलने-कूदने के बड़े-बड़े ग्राउंड होते हैं। इस स्कूल में वे एक साल तक अपनी बच्ची को पढ़ाएंगे। यदि उन्हें लगा कि स्कूल का माहौल अच्छा है तो वे आगे भी बच्ची को यहीं पढ़ाएंगे। वे अपनी बेटी की गुरुवार को टीसी जमा करवाकर उसका पंजीयन करा देंगे। उनकी बेटी पिछले तीन-चार दिन से स्कूल पढऩे आ रही है।
बच्चों से नहीं कराते काम
चिकित्सक की बच्ची स्कूल में पढ़ रही है बहुत अच्छी बात है, स्कूल में बच्चों से किसी तरह का काम नहीं करवाया जाता है। यूं तो थोड़ी बहुत धूल उड़ेगी।
मेघसिंह राठौड़, कार्यवाहक प्रधानाध्यापक, रामावि पावटा