शनिवार, 4 जुलाई 2015

छत्तीसगढ़: '36 हजार करोड का धान घोटाला, CM समेत पत्नी और साली शामिल'



नई दिल्ली। कांग्रेस ने छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री रमन सिंह पर 36 हजार करोड़ रुपए के धान घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे और मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच कराने की मांग की।

CM समेत पत्नी और साली शामिल

कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने कहा कि घोटाले में सिर्फ डा़ॅ सिंह ही शामिल नहीं हैं बल्कि उनकी पत्नी, उनकी साली और उनके रसोइया का नाम भी शामिल है। इस घोटाले के पुख्ता सबूत हैं और इसमें शामिल लोगों के नाम डायरी, पेन ड्राइव तथा अन्य दस्तावेजों में मौजूद हैं।

फसल की तैयारी से लेकर ब्रिक्री तक में घोटाला

माकन ने कहा कि धान की फसल की तैयारी से लेकर उसकी ब्रिक्री तक में घोटाला हुआ है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को मिली एक डायरी में स्पष्ट खुलासा हुआ है कि घोटाले में मुख्यमंत्री और उनके परिवार के लोग के नाम शामिल है। ब्यूरो पहले ही स्वीकार कर चुका है कि उसकी अपनी सीमाएं हैं और वह दायरे में रहकर ही कार्रवाई करने की स्थिति में है।

मुख्य आरोपी से 113 पेजों का दस्तावेज बरामद

कांग्रेस नेता ने कहा कि घोटाले के मुख्य आरोपी से 113 पेजों का दस्तावेज हासिल हुए हैं लेकिन इनमें से सिर्फ छह पेज ही चालान के रूप में पेश किए गए। उनका कहना था कि जो आरोपी हैं उनके नाम गवाह के रूप में पेश किए गए हैं इसलिए चालान में किसी का नाम नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो जांच

माकन ने कहा कि इस घोटाले में खुद मुख्यमंत्री और उनके परिवार के सदस्यों के नाम हैं इसलिए इसकी निष्पक्ष जांच उच्चतम न्यायालय की निगरानी में एक विशेष जांच दल द्वारा की जानी चाहिए।

आरएसएस तक पहुंचा घोटाले का पैसा

उनका यह भी आरोप है कि इस घोटाले का पैसा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मुख्यालय नागपुर, भाजपा मुख्यालय नयी दिल्ली और लखनऊ तक पहुंचा है। उन्होंने कहा कि अब तक भाजपा शासित राज्य महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और राजस्थान में घोटाले हुए हैं लेकिन छत्तीसगढ का यह घोटाला इन सबसे बड़ा है और कांग्रेस इसकी निष्पक्ष जांच की मांग करती है।

नई दिल्ली।सिविल सर्विसेज का रिजल्ट घोषित, टॉप 5 में चार लड़कियां



नई दिल्ली।सिविल सर्विसेज का रिजल्ट घोषित, टॉप 5 में चार लड़कियां


संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने शनिवार दोपहर सिविल सर्विसेज एग्जाम का रिजल्ट घोषित कर दिया। परीक्षा अगस्त 2014 में आयोजित हुई थी। टॉप 5 लिस्ट में चार लड़कियां हैं, टॉपर इरा सिंघल, रेणु राज, निधि गुप्ता, वंदना राव औऱ सुहर्ष भगत हैं। परीक्षा में कुल 1364 उम्मीदवार पास हुए हैं।



इस बार आय़ोग ने ये रिजल्ट इंटरव्‍यू होने के महज चार दिन के अंदर जारी किया है। देश भर के 59 केंद्रों में 2,137 स्थानों पर पिछले साल 24 अगस्त को सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की गई थी।

करीब 9.45 लाख उम्‍मीदवारों ने इसके लिए आवेदन किया था और करीब 4.51 लाख उम्‍मीदवार परीक्षा में शामिल हुए। इनमें से 16,933 उम्‍मीदवार मेन एग्‍जाम के लिए सफल हो सके।

आपको बता दें कि UPSC सिविल सर्विस एग्‍जाम तीन चरणों प्रारंभिक, मुख्य एवं साक्षात्कार में आयोजित होता है।

आयोग ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), समूह ए और बी के लिए केंद्रीय सेवाओं के लिए गत वर्ष दिसम्बर में हुई परीक्षा और इस वर्ष अप्रैल-मई में हुए साक्षात्कार में सफल हुए 1236 उम्मीदवारों की सूची जारी की है।



इन सफल उम्मीदवारों में 590 सामान्य वर्ग के, 354 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी) के 194 और 98 अनुसूचित जनजाति (एसटी) से हैं। प्रतीक्षा सूची में 127 सामान्य, 105 ओबीसी, 19 एससी और तीन एसटी के उम्मीदवार हैं।

जोधपुर अवैध शराब के गढ़ में पुलिस का छापा, तीन महिलाओं सहित सात गिरफ्तार



जोधपुर  अवैध शराब के गढ़ में पुलिस का छापा, तीन महिलाओं सहित सात गिरफ्तार
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अवैध शराब निर्माण का गढ़ माने जाने वाले मसूरिया स्थित नट बस्ती में पुलिस ने शनिवार सुबह कार्रवाई करते हुए सैकड़ों लीटर अवैध शराब बरामद कर सात लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने शराब निर्माण में प्रयुक्त होने वाले वॉश और वहां बनी भट्टियों को भी नष्ट किया। करीब 2 घंटे चली कार्रवाई के दौरान 100 घरों की तलाशी ली गई। गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ चल रही है।

एसीपी दुर्गसिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थानाधिकारी चन्द्रप्रकाश पारीक, प्रताप नगर थानाधिकारी अमित सिहाग, सूरसागर थानाधिकारी नीतिन दवे और उपनिरीक्षक सोमकरण सहित 100 पुलिसकर्मियों ने सुबह करीब पांच बजे नटबस्ती में दबिश दी। पुलिस टीम ने बस्ती में बने कुल 100 के आसपास घरों में जांच की। यहां टीम ने शराब बनाने में प्रयुक्त की जाने वाली लगभग एक हजार लीटर वॉश बरामद की, जिसे वहीं नष्ट कर दिया गया।सके अलावा शराब बनाने के लिए बनी हुई सभी भट्टियों को भी नष्ट किया। मौके से पुलिस ने 80 बीयर की बोतलें, 60 लीटर अंग्रेजी शराब, 15 लीटर हथकड़ी शराब भी जब्त की है। कार्रवाई के दौरान नट बस्ती से तीन महिलाओं सहित 6 लोगों को गिरफ्तार किया है।

नट बस्ती में कार्रवाई के बाद पुलिस ने अवैध शराब के निर्माण और वारंटियों की मौजूदगी की सूचना पर पास की गवारिया बस्ती में भी छापा मारा। यहां से एक आरोपी गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों को प्रताप नगर थाने लाया गया, जहां आगे की कार्रवाई चल रही है।

शुक्रवार, 3 जुलाई 2015

हेमामालिनी व घायलों से मिली सीएम राजे,घायल परिवार नहीं लेगा सरकार से मुआवज़ा

हेमामालिनी व घायलों से मिली सीएम राजे,घायल परिवार नहीं लेगा सरकार से मुआवज़ा


जयपुर। कल रात दौसा के समीप सांसद और अभिनेत्री हेमामालिनी के हुए एक्सिडेंट के बाद आज प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ट्रोमा अस्पताल में इस एक्सिडेंट में घायल हुए अन्य लोगों से मिलने पहुंची, कल रात दौसा के पास हेमामालिनी की मर्सिडीज और एक ऑल्टो के बीच टक्कर हो गई थी जिसके बाद ऑल्टो में सवार एक बच्ची की मौत हो गई थी और चार अन्य लोग घायल हो गए.. घायलों को एसएमएस अस्पताल स्थित ट्रोम सेंटर में भर्ती करवाया गया है।

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आज मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ट्रोमा अस्पताल में घायलों के हालचाल जानने पहुंची। घायलों का नाम हनुमान,शिखा,सीमा और सोमिल है। डॉक्टर्स का कहना है कि फिलहाल सभी लोग खतरे से बाहर है और अगले 24 घंटे तक इन सभी को डॉक्टर्स के ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा, वहीं सवाई मानसिंह अस्पताल में घायलों से मिलने के बाद सीएम राजे फोर्टिस अस्पताल में सासंद हेमा मालिनी से मिलने पहुंची, जहां उन्होने हेमा मालिनी के स्वास्थ्य की जानकारी डॉक्टरों से ली और उनकी कुशलक्षेम पूछी।



यह एक दुर्घटना थी जिसमें हमनें बच्ची को खो दिया:घायल परिवार
सांसद और अभिनेत्री हेमामालिनी की कार के साथ हुए एक्सिडेंट में घायल मरीज़ों के परिजनों ने सरकार से किसी भी तरह के मुआवजे की मांग को खारिज कर दिया है। परिजनों का कहना है कि यह एक दुर्घटना थी और हमने एक बच्ची को खो दिया है, लेकिन हम किसी भी तरह के मुआवजे की मांग नहीं कर रहे है। हम सरकार से ​सिर्फ यही मांग कर रहे है कि हमारे घायल लोगों को अच्छी चिकित्सा सुविधा मिले। हालांकि चिकित्सा विभाग ने इन सभी मरीजों के निशुल्क उपचार के आदेश दे दिए है।

15 बच्चों के झुलस जाने के बाद प्रशासन की खुली नींद,बसेड़ी हादसे पर जांच कमेटी गठित

15 बच्चों के झुलस जाने के बाद प्रशासन की खुली नींद,बसेड़ी हादसे पर जांच कमेटी गठित


— घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन
— जेईएन और लाइनमैन निंलबित, एईएन को चार्जशीट
— उर्जा राज्यमंत्री और डिस्कॉम सीएमडी घटनास्थल पर
— झूलते तारों से लगातार हो रहे हादसे
— लगातार हो रहे हादसों के बावजूद झूलते तारों को ठीक करने का नहीं चलाया अभियान
— और कितने हादसों के इंतजार में है डिस्कॉम प्रशासन
—झूलते तारों पर डिस्कॉम प्रशासन का रवैया सवालों के घेरे में




जयपुर/धौलपुर। राजस्थान में झूलते तारों से लगातार हो रहे हादसों के बावजूद जयपुर डिस्कॉम प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। बसेडी में बस के झूलते तारों की चपेट में आकर करंट की चपेट में आने की घटना के बाद मंत्री और सीएमडी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। जयपुर डिस्कॉम सीएमडी ने बसेडी के जूनियर इंजीनियर हरिओम शर्मा और लाइनमैन नरेश को तत्काल निंलबित ​कर दिया है।

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तत्कालीन एईएन केएल बोरदिया को चार्जशीट देने का फेसला किया है। जयुपर डिस्कॉम सीएमडी ने घटना की जांच के लिए जयुपर जोन के चीफ इंजीनियर नवीन अरोडा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई है, जांच कमेटी में विजिलेंस के एडीशनल एसपी सरिता बडगुजर और भरतपुर के एसई पीके मित्तल को शामिल किया है।



जांच कमेटी पूरे मामले की ​जांच कर ​सीएमडी को रिपोर्ट सौंपेगी। बसेडी की घटना के बाद डिस्कॉम् प्रशासन ने छोटे स्तर के कर्मचारियों पर कर्रवाई कर दी है लेकिन बिजली के झूलते तारों को ठीक करने की दिशा में अभी तक कुछ नहीं किया है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि लगातार हो रहे हादसों के बावजूद डिस्कॉम झूलते तारों को ठीक करने के लिए अभियान क्यों नहीं चला रहा।

क्या था पूरा मामला

पूरा प्रदेश अभी टोंक जिले में विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते हुए हादसे को भूला नहीं था वही आज धौलपुर जिले के बसेड़ी कस्बे में भी एक बार हादसे की पुनरावृत्ति हो गई।
दरअसल बसेड़ी कस्बे के जारगा गाँव में संचालित सनब्राइट पब्लिक स्कूल की सुबह बच्चो को स्कूल के लिए लेने गयी थी तभी भगवान सिंह का पूरा के पास झूलती हाईटेंशन लाइन से छू गई जिससे बस में करंट आ गया।



अचानक आए करंट से बस में सवार 13 बच्चे झुलस गए वहीं एक बच्चे को छोड़ने आयी एक गर्भवती महिला भी उसकी चपेट में आ गयी घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग और पुलिस प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और घायलो को उपचार के लिए बसेड़ी चिकित्सालय में भर्ती कराया जहां से 4 बच्चो को गंभीर हालत के चलते रैफर कर दिया है।



वैसे तो सरकार की ओर से बच्चों को स्कूल से लाने ले जाने के लिए बाल वाहिनियों का प्रयोग किया जाता है, लेकिन जारगा के इस निजी स्कूल की बात करे तो संचालक के द्वारा यात्री बस से छात्रों को लाने ले जाने में काम में ली जा रही है इस हादसे में जहां विद्युत विभाग की लापरवाही तो साफ़ उजागर है लेकिन स्कूल संचालक की लापरवाही से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।