शुक्रवार, 3 जुलाई 2015

15 बच्चों के झुलस जाने के बाद प्रशासन की खुली नींद,बसेड़ी हादसे पर जांच कमेटी गठित

15 बच्चों के झुलस जाने के बाद प्रशासन की खुली नींद,बसेड़ी हादसे पर जांच कमेटी गठित


— घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन
— जेईएन और लाइनमैन निंलबित, एईएन को चार्जशीट
— उर्जा राज्यमंत्री और डिस्कॉम सीएमडी घटनास्थल पर
— झूलते तारों से लगातार हो रहे हादसे
— लगातार हो रहे हादसों के बावजूद झूलते तारों को ठीक करने का नहीं चलाया अभियान
— और कितने हादसों के इंतजार में है डिस्कॉम प्रशासन
—झूलते तारों पर डिस्कॉम प्रशासन का रवैया सवालों के घेरे में




जयपुर/धौलपुर। राजस्थान में झूलते तारों से लगातार हो रहे हादसों के बावजूद जयपुर डिस्कॉम प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। बसेडी में बस के झूलते तारों की चपेट में आकर करंट की चपेट में आने की घटना के बाद मंत्री और सीएमडी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। जयपुर डिस्कॉम सीएमडी ने बसेडी के जूनियर इंजीनियर हरिओम शर्मा और लाइनमैन नरेश को तत्काल निंलबित ​कर दिया है।

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तत्कालीन एईएन केएल बोरदिया को चार्जशीट देने का फेसला किया है। जयुपर डिस्कॉम सीएमडी ने घटना की जांच के लिए जयुपर जोन के चीफ इंजीनियर नवीन अरोडा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई है, जांच कमेटी में विजिलेंस के एडीशनल एसपी सरिता बडगुजर और भरतपुर के एसई पीके मित्तल को शामिल किया है।



जांच कमेटी पूरे मामले की ​जांच कर ​सीएमडी को रिपोर्ट सौंपेगी। बसेडी की घटना के बाद डिस्कॉम् प्रशासन ने छोटे स्तर के कर्मचारियों पर कर्रवाई कर दी है लेकिन बिजली के झूलते तारों को ठीक करने की दिशा में अभी तक कुछ नहीं किया है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि लगातार हो रहे हादसों के बावजूद डिस्कॉम झूलते तारों को ठीक करने के लिए अभियान क्यों नहीं चला रहा।

क्या था पूरा मामला

पूरा प्रदेश अभी टोंक जिले में विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते हुए हादसे को भूला नहीं था वही आज धौलपुर जिले के बसेड़ी कस्बे में भी एक बार हादसे की पुनरावृत्ति हो गई।
दरअसल बसेड़ी कस्बे के जारगा गाँव में संचालित सनब्राइट पब्लिक स्कूल की सुबह बच्चो को स्कूल के लिए लेने गयी थी तभी भगवान सिंह का पूरा के पास झूलती हाईटेंशन लाइन से छू गई जिससे बस में करंट आ गया।



अचानक आए करंट से बस में सवार 13 बच्चे झुलस गए वहीं एक बच्चे को छोड़ने आयी एक गर्भवती महिला भी उसकी चपेट में आ गयी घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग और पुलिस प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और घायलो को उपचार के लिए बसेड़ी चिकित्सालय में भर्ती कराया जहां से 4 बच्चो को गंभीर हालत के चलते रैफर कर दिया है।



वैसे तो सरकार की ओर से बच्चों को स्कूल से लाने ले जाने के लिए बाल वाहिनियों का प्रयोग किया जाता है, लेकिन जारगा के इस निजी स्कूल की बात करे तो संचालक के द्वारा यात्री बस से छात्रों को लाने ले जाने में काम में ली जा रही है इस हादसे में जहां विद्युत विभाग की लापरवाही तो साफ़ उजागर है लेकिन स्कूल संचालक की लापरवाही से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।

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