शनिवार, 1 जून 2013
'घर-घर पहुंचाएंगे महाराणा प्रताप के आदर्श'
'घर-घर पहुंचाएंगे महाराणा प्रताप के आदर्श'
लाडनूं राजस्थान के सूरज कहे जाने वाले महाप्रतापी स्वतंत्रता के मसीहा महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर 11 जून को जयपुर में भवानी निकेतन में प्रदेश स्तरीय भव्य आयोजन किया जाएगा। समारोह में दो लाख लोगों की भीड़ जुटाई जाएगी। यह जानकारी देते हुए महाराणा प्रताप जयंती समारोह समिति के मंत्री श्यामप्रताप सिंह रूंवा ने यहां सेठिया गेस्ट हाउस में पत्रकारों से रूबरू होते हुए बताया कि महाराणा प्रताप के आदर्श को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से यह सामूहिक आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग मनाए जाने वाले प्रताप जयंती समारोहों को स्थगित करके उन सब लोगों से जयपुर पहुंचने क.ा आह्वान किया गया है। प्रदेश की समस्त तहसीलों में आयोजन समिति के तहत कमेटियों का गठन किया जाकर व्यापक स्तर पर जनसंपर्क का कार्यक्रम बनाया गया है। उन्होंने बताया कि नागौर जिले से 200 बसों को जयपुर ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राजपूत करणी सेना के प्रदेशाध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने बताया कि महाराणा प्रताप जयंती समारोह के मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह होंगे।
समारोह में कांग्रेस व भाजपा के सभी राजपूत नेता, सांसद और विधायक शामिल होंगे। कांग्रेस के लोकेंद्र सिंह कालवी, जोधपुर नरेश गजसिंह, केंद्रीय मंत्री चंद्रेश कुमारी आदि के अलावा प्रताप फाउंडेशन, राजपूत सभा, भवानी निकेतन, राजपूत करणी सेना आदि सभी संगठनों के पदाधिकारी इस कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। इस अवसर पर गजेंद्र सिंह ओडिंट, नरपत सिंह गौड़, मदन सिंह आसोटा, राजेंद्र प्रसाद टाक और अनूप तिवाड़ी आदि उपस्थित थे।
देश के लिए प्राण न्योछावर करने वाले इतिहास में अमर'
जोधियासी
गांव तीतरी में शुक्रवार को शहीद तेजाराम जांदू की मूर्ति का अनावरण बीकानेर जिला प्रमुख रामेश्वर लाल डूडी व महिला एवं बाल विकास मंत्री मंजू देवी मेघवाल ने किया।
इस मौके पर डूडी ने कहा कि शहीदों की शहादत को और देश की सीमा पर अपने प्राण न्योछावर करने वाले देश भक्तों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। इस दौरान राज्यमंत्री मेघवाल ने कहा कि शहीद के परिवार के लिए प्रत्येक तरह की सहायता के लिए वह सदैव तैयार रहेगी। शहीदों की शहादत से युवाओं में देश भक्ति की भावना जागृत होती है। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी मेजर बाबू सिंह राठौड़ ने कहा कि शहीद तेजाराम देश भक्ति के लिए अमर रहेंगे। शहीद के परिवार को सैनिक कल्याण विभाग की ओर से सुविधा मुहैया कराई जाएगी। शहीद के परिवार का सम्मान गौरव की बात है। वीर तेजा स्थली संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष अर्जुनराम मेहरिया ने कहा कि देश हित में जान देने वाले सैनिक इतिहास में अमर हो जाते हैं।
उन्होंने युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान शहीद की वीरांगना बावरी देवी को स्मृति चिन्ह देकर और शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया गया। शहीद सुमेर सिंह के पिता पृथ्वी सिंह व लालगढ़ के शहीद राजेंद्र सिंह के पुत्र का भी सम्मान किया गया।
इस मौके पर ग्रामीणों ने शहीद तेजाराम के नाम पर राजकीय विद्यालय का नाम रखने की मांग की। समारोह में पूर्व उपजिला प्रमुख डॉ. सहदेव चौधरी, उपप्रधान आईदान राम भाटी, भैराराम धुंधवाल, चाऊ सरपंच छैलू सिंह राठौड़, नोखा सरपंच एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपाराम चौधरी समेत कई लोग शामिल थे।
एक सप्ताह बाद पता चलेगा, किसने रुपए निकाले सेशन जज के के्रडिट कार्ड से
एक सप्ताह बाद पता चलेगा, किसने रुपए निकाले सेशन जज के के्रडिट कार्ड से
पाली
जिला सेशन न्यायाधीश ताराचंद सोनी के क्रेडिट कार्ड को हैक कर अज्ञात व्यक्तियों द्वारा 950 रुपए निकालने के मामले में पुलिस की जांच एसबीआई मुख्यालय की क्रेडिट कार्ड डिवीजन की रिपोर्ट पर अटक गई है। एसबीआई ने इस मामले में विशेष जांच दल गठित किया है। कोतवाली पुलिस की तरफ से भेजे गए ई-मेल के जवाब में शुक्रवार को बैंक ने कहा कि मामले की तह में जाने के लिए साइबर एक्सपट्र्स की टीम को लगाया गया है। यह टीम एक सप्ताह में जांच कर रिपोर्ट देगी। पुलिस ने अपने स्तर पर भी स्थानीय साइबर क्राइम एक्सपर्ट से संपर्क किया है। फिलहाल इस मामले में पुलिस को अभी तक आरोपियों के बारे में कोई सुराग नहीं लगा है। घटना के बारे में कोतवाली प्रभारी भंवर रणधीरसिंह ने शुक्रवार शाम को सेशन जज से मिलकर प्रगति रिपोर्ट से अवगत कराया। जानकारी के अनुसार सेशन जज के क्रेडिट कार्ड से रुपए डेबिट होने के मामले में पुलिस ने अपनी तरफ से मुकदमा दर्ज किया है। जिसमें सेशन जज की तरफ से अपने साथ हुई ठगी की सूचना को आधार बनाया गया है। पुलिस को प्रारंभिक पड़ताल में अभी तक इतना ही पता चल पाया है कि यह रकम आरोपियों ने नई दिल्ली के किसी मेट्रो रेलवे स्टेशन से डेबिट हुए है। दिल्ली में 40 से अधिक मेट्रो स्टेशन हैं। पुलिस के सामने यह भी बड़ी चुनौती है कि आरोपियों ने यह क्रेडिट कार्ड किस तरह से हैक किया, क्योंकि मूल कार्ड सेशन जज के पास ही मौजूद है। अंदेशा जताया जा रहा है कि कहीं से कार्ड द्वारा परचेजिंग के समय कॉपी गई सूचनाओं के आधार पर आरोपियों ने क्लोन तैयार कर लिया हो या फिर स्कैनिंग से डाटा चोरी कर वारदात को अंजाम दिया हो। इसके लिए पुलिस को एसबीआई मुख्यालय से रिपोर्ट का इंतजार है। इसके आधार पर पता चल सकेगा कि कब-कब क्रेडिट कार्ड से संबंधित जानकारी किस आधार पर अपडेट हुई और कहां से रुपए निकाले गए।
अपडेट नहीं है हमारी पुलिस
कंप्यूटर एक्सपर्ट मनोहर कुमार के अनुसार देश के सभी राज्यों का एक पक्ष यह भी है कि साइबर अपराध की तेजी से बढ़ती घटनाओं के मुकाबले पुलिस और इन्फोर्समेंट एजेंसियां कम्प्यूटर तकनीक के मायाजाल से पूरी तरह वाकिफ नहीं हैं। हैकिंग, डाटा चोरी, डिजिटल हस्ताक्षर, सर्विलेंस और गोपनीय दस्तावेजों की खुफिया हमले से बचाने के लिए राज्यों में अपनाई जा रही कंप्यूटर इमर्जेंसी रिस्पांस टीम (सर्ट-इन) तकनीक भी पूरी तरह से सफल साबित नहीं हो पा रही है।
तेजी से बढ़ रहा है साइबर क्राइम
पाली के सेशन जज के क्रेडिट कार्ड से मंगलवार को दिल्ली के किसी मेट्रो स्टेशन की लोकेशन पर रुपए डेबिट किए गए, जबकि कार्ड उनके पास मौजूद था, मोबाइल पर मैसेज के जरिये मिली थी सेशन जज को अपने साथ हुई ठगी की जानकारी
एसबीआई के क्रेडिट कार्ड डिवीजन ने साइबर क्राइम एक्सपट्र्स की टीम गठित कर जांच शुरू की, पुलिस को सात दिन में रिपोर्ट देने की जानकारी दी, स्थानीय पुलिस भी ले रही है साइबर क्राइम विशेषज्ञों की मदद
आतंकवाद की श्रेणी का अपराध, 10 साल की सजा का प्रावधान
वरिष्ठ अधिवक्ता भागीरथसिंह राजपुरोहित का कहना है कि ब्लॉग, इंटरनेट जालस्थलों, ई-मेल के जरिये देश और प्रजातांत्रिक व्यवस्था विरोधी गतिविधियों को भी आतंकवाद मानते हुए साइबर अपराध की श्रेणी में रखा गया है। इसके लिए विधिवत रूप से भारतीय साइबर कानून या सूचना प्रौद्योगिकी कानून-2000 में संशोधन किया जा चुका है, लेकिन इसका नकारात्मक पहलू यह है कि केन्द्र और राज्य सरकारों ने अभी तक न तो कोई ऐसा साझा प्रयास किया और न ही एकल कोशिश की है, जिससे कि आम जनता को साइबर क्राइम के प्रति जागृत किया जा सकता। इस कानून के अनुसार साइबर अपराधियों को अब आतंकवादी मानकर कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी और जिसमें 10 साल तक की सजा का प्रावधान भी किया गया है।
देश में 76 फीसदी इंटरनेट उपभोक्ता हो रहे हैं साइबर क्राइम के शिकार
देश में 76 फीसदी इंटरनेट उपभोक्ता हो रहे हैं साइबर क्राइम के शिकार
अमेरिकी कंपनी सिमैन्टेक की एक रिपोर्ट के अनुसार साइबर अपराध के मामले में भारत जहां विश्व में पांचवे पायदान पर है, वहीं इस देश में साइबर क्राइम तेजी से पांव पसार रहा है। भारत में तीन चौथाई इंटरनेट उपभोक्ता किसी न किसी तरह साइबर क्राइम का शिकार होते हैं और इस लिहाज से इसे सबसे बुरी तरह प्रभावित देश माना जा सकता है। सुरक्षा समाधान उपलब्ध कराने वाली फर्म सिमैन्टेक ने अपने एक अध्ययन में निष्कर्ष निकालते हुए बताया है कि वैश्विक स्तर पर लगभग 65 फीसदी इंटरनेट उपभोक्ता साइबर क्राइम के शिकार होते हैं। जबकि भारत में यह संख्या 76 प्रतिशत है। इनमें कम्प्यूटर वायरस, ऑनलाइन क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी और आइडेंटिटी थेफ्ट जैसे अपराध शामिल हैं। देश में साइबर संबंधी अपराधों की घटनाओं में करीब 50 फीसदी की बढ़ोतरी हर साल हो रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी रिपोर्ट में इस संबंध में जानकारी दी गई है।
परंपरागत साइबर अपराधों में किसी व्यक्ति की निजी जानकारी पता कर धोखाधड़ी करना, क्रेडिट कार्ड का ब्यौरा पता कर ठगी करना और अहम सूचनाओं की चोरी करना शामिल है।
बुनियादी सावधानियां
परंपरागत साइबर अपराधों में किसी व्यक्ति की निजी जानकारी पता कर धोखाधड़ी करना, क्रेडिट कार्ड का ब्यौरा पता कर ठगी करना और अहम सूचनाओं की चोरी करना शामिल है।
बुनियादी सावधानियां
क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट लगातार जांचते रहें। कार्ड कंपनी की साइट पर रजिस्टर कर हर हफ्ते कार्ड का ब्यौरा देखें।
कार्ड मिलने पर उसके पीछे साइन कर लें। कार्ड के पीछे आपकी सुरक्षा के लिए तीन अंकों का सीवीवी नंबर होता है। मुमकिन हो तो इसे याद कर लें और कार्ड पर इसे मिटा दें। कार्ड का पिन मिलने के बाद इसे बदल लें और याद कर लें।
कार्ड की मोबाइल अलर्ट सुविधा एक्टिवेट करा लें। कार्ड से जुड़े हर ट्रांजेक्शन पर आपको एसएमएस के जरिये सूचना मिलती रहेगी।
कार्ड कंपनी को हमेशा अपनी ताजा सूचनाएं दें। ऐसा न हो कि आपके कार्ड के बारे में सूचनाएं कहीं और भेजी जा रही हो।
कार्ड से जुड़े जितने भी कागज हो, उन्हें नष्ट करते रहें।
कार्ड खो जाने या उसका दुरुपयोग होने पर तत्काल बैंक को खबर करें और कार्ड को इनएक्टिव करवा दें। कुछ बैंक एक तय मियाद तक सूचना देने पर कार्ड के दुरुपयोग से सुरक्षा देते हैं।
फोन पर कार्ड से जुड़ी सूचनाएं देते समय सावधानी बरतें।
कार्ड की क्लोनिंग से ठगी, जिले में पहला मामला
कार्ड मिलने पर उसके पीछे साइन कर लें। कार्ड के पीछे आपकी सुरक्षा के लिए तीन अंकों का सीवीवी नंबर होता है। मुमकिन हो तो इसे याद कर लें और कार्ड पर इसे मिटा दें। कार्ड का पिन मिलने के बाद इसे बदल लें और याद कर लें।
कार्ड की मोबाइल अलर्ट सुविधा एक्टिवेट करा लें। कार्ड से जुड़े हर ट्रांजेक्शन पर आपको एसएमएस के जरिये सूचना मिलती रहेगी।
कार्ड कंपनी को हमेशा अपनी ताजा सूचनाएं दें। ऐसा न हो कि आपके कार्ड के बारे में सूचनाएं कहीं और भेजी जा रही हो।
कार्ड से जुड़े जितने भी कागज हो, उन्हें नष्ट करते रहें।
कार्ड खो जाने या उसका दुरुपयोग होने पर तत्काल बैंक को खबर करें और कार्ड को इनएक्टिव करवा दें। कुछ बैंक एक तय मियाद तक सूचना देने पर कार्ड के दुरुपयोग से सुरक्षा देते हैं।
फोन पर कार्ड से जुड़ी सूचनाएं देते समय सावधानी बरतें।
कार्ड की क्लोनिंग से ठगी, जिले में पहला मामला
एटीएम का पासवर्ड चुराकर रुपए निकालने के मुकदमे तो जिले में पहले भी दर्ज हुए हैं लेकिन सेशन जज के साथ हुई ठगी का यह पहला मामला है। साइबर क्राइम के वर्ष 2012 में 8 मुकदमे दर्ज किए गए थे। इसमें पुलिस ने रायपुर में आरेापियों को पकड़ा भी था,मगर क्रेडिट कार्ड से धोखाधड़ी कर रुपए निकालने का पुलिस के लिए यह नया मामला आया है। पुलिस की जिले में कई साइबर क्राइम के लिए अलग से विंग नहीं है। साइबर क्राइम के जिले में अधिकतर मामले फेसबुक पर गलत नाम से आईडी बनाकर किसी को ब्लैकमेल करने, फर्जी आईडी से सिम खरीदकर किसी को फैक कॉल्स करने, परेशान करने समेत छिटपुट घटनाएं होती हैं। इसके लिए पुलिस मोबाइल कंपनियों व अन्य एजेंसियों के माध्यम से सूचनाएं जुटाकर कार्रवाई कर देती है। इस प्रकार के अपराध में आरोपियों तक पहुंचने के लिए अपनी खुद की विंग के अभाव में अभी तक पुलिस बैंक अधिकारियों के सहारे ही मामले की पड़ताल में जुटी हुई है।
सावधान रहें, ऐसे चुराई जा सकती हैं आपकी सूचनाएं
- कचरे में फेंके गए कार्डों से जुड़े कागजों को खंगालकर ।
-भुगतान के समय आपके कार्ड की मैग्नेटिक पटï्टी की एक मशीन के जरिये कॉपी बनाकर (क्लोनिंग और स्कीमिंग) ।
- ऑनलाइन एड्रेसेज पर डाली गई जानकारी को हैक करके।
- बैंक के डेटाबेस और उससे जुड़े कॉल सेंटर की सूचनाओं में सेंध लगाकर ।
- ई-मेल के जरिये झांसा देकर फ्रॉड वेबसाइटों पर आपसे कार्ड का डेटा इनपुट करवाकर (फिशिंग)।
ऑफ लाइन सावधानियां :-
- पेट्रोल पंप वगैरह में क्रेडिट/डेबिट कार्ड के जरिये भुगतान करते समय खुद वहीं रहें। ऐसे मामलों में कार्ड क्लोन कर लिए जाने की आशंका रहती है। कोई शख्स कार्ड को भीतर ले जाना चाहता है तो आप भी उसके साथ जाएं। इसमें शर्म की कोई बात नहीं है, अपने हितों की रक्षा करना आपका हक है।
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सावधान रहें, ऐसे चुराई जा सकती हैं आपकी सूचनाएं
- कचरे में फेंके गए कार्डों से जुड़े कागजों को खंगालकर ।
-भुगतान के समय आपके कार्ड की मैग्नेटिक पटï्टी की एक मशीन के जरिये कॉपी बनाकर (क्लोनिंग और स्कीमिंग) ।
- ऑनलाइन एड्रेसेज पर डाली गई जानकारी को हैक करके।
- बैंक के डेटाबेस और उससे जुड़े कॉल सेंटर की सूचनाओं में सेंध लगाकर ।
- ई-मेल के जरिये झांसा देकर फ्रॉड वेबसाइटों पर आपसे कार्ड का डेटा इनपुट करवाकर (फिशिंग)।
ऑफ लाइन सावधानियां :-
- पेट्रोल पंप वगैरह में क्रेडिट/डेबिट कार्ड के जरिये भुगतान करते समय खुद वहीं रहें। ऐसे मामलों में कार्ड क्लोन कर लिए जाने की आशंका रहती है। कोई शख्स कार्ड को भीतर ले जाना चाहता है तो आप भी उसके साथ जाएं। इसमें शर्म की कोई बात नहीं है, अपने हितों की रक्षा करना आपका हक है।
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शराबी से सगाई तोड़ी तो क्या गुनाह किया
शराबी से सगाई तोड़ी तो क्या गुनाह किया
पंचों से प्रताडि़त दंपती व उसके परिजन एसपी के पास गुहार लेकर पहुंचे
जैसलमेर पंचों से प्रताडि़त विवाहित अमका देवी ने कहा कि मेरे पिताजी ने पूर्व में शराबी से मेरी सगाई तोड़ दी और दूसरी जगह विवाह कर दिया तो क्या गुनाह किया। अमका ने कहा कि एक पिता की ख्वाहिश होती है कि उसकी बेटी हमेशा पति के साथ खुश रहे। एक शराबी पति के साथ कोई लड़की कैसे खुश रह सकती है। जिससे सगाई हुई थी उसके शराबी होने का पता चला तो मेरे पिता ने सगाई तोड़ दी। यह व्यथा है पंचों से प्रताडि़त हो रहे परिवार की। शुक्रवार को दंपती व उसके परिजन जिला मुख्यालय पहुंचे और एसपी से न्याय की गुहार लगाई।
इससे पूर्व इन्होंने सांगड़ थाने में मुकदमा भी दर्ज करवा दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
क्या है मामला: मामले के अनुसार कृपाराम ने अपनी पुत्री अमका की सगाई गत वर्ष भियाड़ निवासी सवाईराम से की थी। कृपाराम को जब पता चला कि सवाईराम शराबी है तो उसने सगाई तोड़ दी और अपनी पुत्री की 17 जनवरी 2013 में काठोड़ा निवासी चमाराम से कर दी। इसके बाद भियाड़ क्षेत्र के समाज के लोगों ने पंचों को बिठाकर पंचायती की और दोनों कृपाराम व चमाराम के परिवार को समाज से बाहर कर दिया। चमाराम ने भियांड वालों को ढाई लाख रुपए जुर्माने के रूप में दिए जिससे चमाराम के परिवार को समाज में शामिल कर दिया गया वहीं कृपाराम आर्थिक रूप से कमजोर होने के चलते दंड नहीं भर सका। इसके बाद गत 28 मई से 30 मई तक रामा गांव में फिर से पंचायती हुई और पंचों ने कृपाराम को 5 लाख रुपए का दंड व उसकी दो पुत्रियों की भियांड में शादी करने का फरमान सुनाया। इससे व्यथित होकर कृपाराम अपनी पुत्री जंवाई को लेकर पुलिस में पहुंचा और मुकदमा दर्ज करवाया।
आए दिन मिलती हैं धमकियां
चमाराम ने बताया कि वह अपनी पत्नी अमका के साथ डर-डर कर रह रहा है। पंचों के फरमान के चलते उसकी पत्नी अमका सहमी हुई है। अमका के पिता कृपाराम ने बताया कि पंचों के आदमी आए दिन उन्हें धमकियां दे रहे हैं कि अमका का अपहरण कर लेंगे और जान से मार देंगे।
पंचों से प्रताडि़त दंपती व उसके परिजन एसपी के पास गुहार लेकर पहुंचे
जैसलमेर पंचों से प्रताडि़त विवाहित अमका देवी ने कहा कि मेरे पिताजी ने पूर्व में शराबी से मेरी सगाई तोड़ दी और दूसरी जगह विवाह कर दिया तो क्या गुनाह किया। अमका ने कहा कि एक पिता की ख्वाहिश होती है कि उसकी बेटी हमेशा पति के साथ खुश रहे। एक शराबी पति के साथ कोई लड़की कैसे खुश रह सकती है। जिससे सगाई हुई थी उसके शराबी होने का पता चला तो मेरे पिता ने सगाई तोड़ दी। यह व्यथा है पंचों से प्रताडि़त हो रहे परिवार की। शुक्रवार को दंपती व उसके परिजन जिला मुख्यालय पहुंचे और एसपी से न्याय की गुहार लगाई।
इससे पूर्व इन्होंने सांगड़ थाने में मुकदमा भी दर्ज करवा दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
क्या है मामला: मामले के अनुसार कृपाराम ने अपनी पुत्री अमका की सगाई गत वर्ष भियाड़ निवासी सवाईराम से की थी। कृपाराम को जब पता चला कि सवाईराम शराबी है तो उसने सगाई तोड़ दी और अपनी पुत्री की 17 जनवरी 2013 में काठोड़ा निवासी चमाराम से कर दी। इसके बाद भियाड़ क्षेत्र के समाज के लोगों ने पंचों को बिठाकर पंचायती की और दोनों कृपाराम व चमाराम के परिवार को समाज से बाहर कर दिया। चमाराम ने भियांड वालों को ढाई लाख रुपए जुर्माने के रूप में दिए जिससे चमाराम के परिवार को समाज में शामिल कर दिया गया वहीं कृपाराम आर्थिक रूप से कमजोर होने के चलते दंड नहीं भर सका। इसके बाद गत 28 मई से 30 मई तक रामा गांव में फिर से पंचायती हुई और पंचों ने कृपाराम को 5 लाख रुपए का दंड व उसकी दो पुत्रियों की भियांड में शादी करने का फरमान सुनाया। इससे व्यथित होकर कृपाराम अपनी पुत्री जंवाई को लेकर पुलिस में पहुंचा और मुकदमा दर्ज करवाया।
आए दिन मिलती हैं धमकियां
चमाराम ने बताया कि वह अपनी पत्नी अमका के साथ डर-डर कर रह रहा है। पंचों के फरमान के चलते उसकी पत्नी अमका सहमी हुई है। अमका के पिता कृपाराम ने बताया कि पंचों के आदमी आए दिन उन्हें धमकियां दे रहे हैं कि अमका का अपहरण कर लेंगे और जान से मार देंगे।
बाड़मेर .....सरपंच के खिलाफ विधवा से दुष्कर्म का मामला दर्ज
बालोतरा गिड़ा थाना क्षेत्र में एक विधवा ने सणतरा सरपंच के खिलाफ अपहरण कर जबरन शराब पिलाकर दुष्कर्म करने का मामला दर्ज कराया।
पुलिस के अनुसार विधवा ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि २६ मई को शाम ६ बजे वह सियागों की गोलाई सरहद तरली बेरी सड़क पर उसके पीहर जाजवा जाने के लिए बस के इंतजार में खड़ी थी। इतने में मलवा की तरफ से एक बोलेरो नंबर आरजे ०४ यूए २४४९ में सवार होकर सणतरा सरपंच भगवानाराम पुत्र तेजाराम जाट निवासी सणतरा व उसका ड्राइवर आए और उन्होंने उसे जबरदस्ती बोलेरो जीप में डाल दिया। इसके बाद सरपंच ने जीप के कांच बंद कर दिए और उसका मुंह बांधकर करीब २-३ घंटा तक इधर-उधर लेकर घूमते रहे। इस दरम्यान सरपंच ने उसे जबरदस्ती शराब पिलाई और ज्यादती की। रात्रि करीब ११ बजे सरपंच उसे चिडिय़ा रोड पर एक खाली कमरे में ले जाकर पूरी रात उसके साथ बार-बार दुष्कर्म किया। दूसरे दिन २७ मई को सवेरे सरपंच उसे छोड़कर जाते-जाते धमकियां दे गया कि अगर किसी को यह बात बताई तो उसे जान से मार देगा।
इसके बाद जैसे-तैसे कर पीडि़ता अपने पीहर पहुंची और डरी-डरी रहने के बाद जब पीहरवालों ने उसे पूछा तो उसने आपबीती बताई। पुलिस ने सरपंच के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
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