छह साल की बच्ची से स्टेशन पर रेप
आजमगढ। उत्तर प्रदेश के आजमगढ रेलवे स्टेशन पर लावारिश हालत में मिली एक छह साल की बालिका के साथ बलात्कार किए जाने का मामला प्रकाश में आया है।
जीआरपी प्रवकता ने बुधवार को बताया कि एक छह साल की लड़की स्टेशन के पास लावारिश हालत में मिली। लड़की को महिला थाने भेजकर उसका मेडिकल कराया गया जिसमें उसके साथ करीब दस दिन पहले बलात्कार किए जाने की पुष्टि हुई है।
बालिका दिल्ली की रहने वाली है। इस सिलसिले में मामला दर्ज करा दिया गया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
बुधवार, 29 मई 2013
96 लाख में मिलेगी अक्षरधाम की जमीन
96 लाख में मिलेगी अक्षरधाम की जमीन
जोधपुर। जोधपुर में बनने वाले अक्षरधाम की स्वीकृति का अंतिम फैसला अब एक-दो दिन में होने की संभावना है। नगर निगम कालीबेरी योजना के निकट 40 बीघा जमीन अक्षरधाम निर्माण एजेंसी को रिजर्व प्राइस पर 96 लाख, 8 हजार 617 रूपए में देगा।
पहले देनी थी 76 बीघा जमीन
निगम ने अक्षरधाम के लिए जमीन देने को कई फेरबदल किए। सबसे पहले कालीबेरी के खसरा नम्बर 415 की 1456 बीघा जमीन में से कालीबेरी आवासीय योजना व योजना के बाहर 76.38 बीघा जमीन दिए जाने का निर्णय किया गया था। इसमें 36 बीघा जमीन आवासीय स्कीम व 40 बीघा जमीन आवासीय स्कीम से बाहर थी।
महंगी न पड़े इसलिए दी 40 बीघा
निगम ने तय किया कि यदि आवासीय स्कीम की जमीन अक्षरधाम के लिए दी जाती है तो वह काफी महंगी होगी। इस कारण आवासीय स्कीम के पास वाली चालीस बीघा जमीन दी है। यह जमीन वर्तमान में कालीबेरी आवासीय योजना के पास नॉर्थ-ईस्ट की तरफ है। सूत्रों के अनुसार जयपुर में उच्च स्तरीय बैठक में जोधपुर में अक्षरधाम निर्माण के लिए जमीन दिए जाने का प्रस्ताव रखा जाना है। इसके बाद सशुल्क जमीन अक्षरधाम निर्माण एजेंसी बच्चासनवासी श्री अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (वीएपीएस) को दे दी जाएगी। पिछले दिनों आठ मई को नगरीय विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव जी.एस.संधु ने जोधपुर प्रवास के दौरान अक्षरधाम निर्माण के लिए जमीन दिए जाने संबंधी जानकारी दी थी।
जोधपुर। जोधपुर में बनने वाले अक्षरधाम की स्वीकृति का अंतिम फैसला अब एक-दो दिन में होने की संभावना है। नगर निगम कालीबेरी योजना के निकट 40 बीघा जमीन अक्षरधाम निर्माण एजेंसी को रिजर्व प्राइस पर 96 लाख, 8 हजार 617 रूपए में देगा।
पहले देनी थी 76 बीघा जमीन
निगम ने अक्षरधाम के लिए जमीन देने को कई फेरबदल किए। सबसे पहले कालीबेरी के खसरा नम्बर 415 की 1456 बीघा जमीन में से कालीबेरी आवासीय योजना व योजना के बाहर 76.38 बीघा जमीन दिए जाने का निर्णय किया गया था। इसमें 36 बीघा जमीन आवासीय स्कीम व 40 बीघा जमीन आवासीय स्कीम से बाहर थी।
महंगी न पड़े इसलिए दी 40 बीघा
निगम ने तय किया कि यदि आवासीय स्कीम की जमीन अक्षरधाम के लिए दी जाती है तो वह काफी महंगी होगी। इस कारण आवासीय स्कीम के पास वाली चालीस बीघा जमीन दी है। यह जमीन वर्तमान में कालीबेरी आवासीय योजना के पास नॉर्थ-ईस्ट की तरफ है। सूत्रों के अनुसार जयपुर में उच्च स्तरीय बैठक में जोधपुर में अक्षरधाम निर्माण के लिए जमीन दिए जाने का प्रस्ताव रखा जाना है। इसके बाद सशुल्क जमीन अक्षरधाम निर्माण एजेंसी बच्चासनवासी श्री अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (वीएपीएस) को दे दी जाएगी। पिछले दिनों आठ मई को नगरीय विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव जी.एस.संधु ने जोधपुर प्रवास के दौरान अक्षरधाम निर्माण के लिए जमीन दिए जाने संबंधी जानकारी दी थी।
सात साल की मासूम से दुष्कर्म
सात साल की मासूम से दुष्कर्म
जैतारण(पाली)। आनंदपुर कालू थाना क्षेत्र में एक सात वर्षीय मासूम से दुष्कर्म का प्रकरण सामने आया है। तीन दिन पुरानी घटना की आनंदपुर कालू पुलिस ने जांच प्रारंभ करते हुए आरोपित की तलाश में दल भेजा है। मंगलवार को पीडिता का मेडिकल करवाया गया।
सहायक उप निरीक्षक अमरसिंह ने बताया कि 25 मई की रात्रि को एक सात वर्षीय किशोरी अपने घर मे अकेली सो रही थी तथा उनके माता व पिता अपने घर से थोड़ी दूर एक शादी में बंदोली देखने के लिए हुए थे। इस दौरान पड़ोसी छोटूराम (25) पुत्र भंवरूराम ने मासूम के साथ दुष्कर्म किया। घर लौटे परिजनों को जब घटना की जानकारी मिली तो वे घबरा गए। सूचना मिलने पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच प्रारंभ की है। मंगलवार को पीडिता का मेडिकल करवाया गया और आरोपित की तलाश में टीम भेजी है।
जैतारण(पाली)। आनंदपुर कालू थाना क्षेत्र में एक सात वर्षीय मासूम से दुष्कर्म का प्रकरण सामने आया है। तीन दिन पुरानी घटना की आनंदपुर कालू पुलिस ने जांच प्रारंभ करते हुए आरोपित की तलाश में दल भेजा है। मंगलवार को पीडिता का मेडिकल करवाया गया।
सहायक उप निरीक्षक अमरसिंह ने बताया कि 25 मई की रात्रि को एक सात वर्षीय किशोरी अपने घर मे अकेली सो रही थी तथा उनके माता व पिता अपने घर से थोड़ी दूर एक शादी में बंदोली देखने के लिए हुए थे। इस दौरान पड़ोसी छोटूराम (25) पुत्र भंवरूराम ने मासूम के साथ दुष्कर्म किया। घर लौटे परिजनों को जब घटना की जानकारी मिली तो वे घबरा गए। सूचना मिलने पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच प्रारंभ की है। मंगलवार को पीडिता का मेडिकल करवाया गया और आरोपित की तलाश में टीम भेजी है।
मंगलवार, 28 मई 2013
पूरे वेतन पर पीएफ लाभ देने की तैयारी!
पूरे वेतन पर पीएफ लाभ देने की तैयारी!
नई दिल्ली। कामगारों के लिए खुशखबरी है। अगर सब ठीक रहा तो आपको मूल वेतक की बजाए पूरे वेतन पर पीएफ लाभ मिलेगा। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) इस पर काम कर रहा है। हालांकि उद्योग जगत इसकी खिलाफत कर रहा है। वर्तमान में नियोक्ता मूल वेतन और महंगाई भत्ते पर 12 प्रतिशत देकर इतीश्री कर लेते हैं,जबकि कई कंपनियां तो यह भी नहीं देती।
इसके चलते,हजारों कर्मचारियों का मूल वेतन तो वही रहता है,जबकि भत्तों में बढ़ोतरी कर कंपनियां उनका वेतन बढ़ा देती हैं। कई मामलों में वेतम वृद्धि के कारण कर्मचारी टैक्स के फेर में फंस जाते हैं और कंपनियां वेतन से संबंधित खर्चो पर कर जमा का फायदा उठाते हैं।
ईपीएफओ ने पिछले साल इस बदलाव को लेकर सभी कंपनयिो को एक सर्कुलर भेजा था,लेकिन कंपनियों के भारी विरोध के चलते और इस सोच के चलते की कामगार जो वेतन घर ले जाएगा,उसमें कमी आएगी,इस सर्कुलर को वापस ले लिया गया था।
उद्योग जगत इसका अब भी विरोध कर रहा है,लेकिन केन्द्रीय श्रम मंत्रालय से हरी झंडी मिलने के बाद ईपीएफओ इसे लागू करने की तैयारी में है। रिपोर्ट अभी श्रम मंत्रालय के पास पड़ी है,लेकिन सूत्रों का कहना है कि सरकार इसे लागू करने की तैयारी में है। इसे लागू करने के बाद कोई कानूनी अड़चन नहीं आए,ईपीएफओ बोर्ड इस पर चर्चा कर अपनी भी मुहर लगा देगा।
सूत्रों की माने तो उद्योग जगह सरकार के इस फैसले पर शांत नहीं बैठने वाला है। कन्फेडरेशन ऑफ इंडिया इंडस्ट्री (सीआईआई) ने श्रम मंत्री मलिक अजुर्न खर्गे को चार पन्नों का पत्र लिखकर इस योजना को लागू नहीं करने की अपील की है। वहीं,दूसरे उद्योग जगत भी इसके खिलाफ आवाज उठा सकते हैं।
सीआईआई का कहना है कि विभिन्न हाई कोर्टो के आदेशों के बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। सीआईआई के एक प्रबंधक ने कहा कि इस योजना के लागू होने पर कामगारों के पास निवेश करने के विकल्प कम हो जाएंगे।
प्रबंधक ने कहा कि भत्तों मे बढ़ोतरी से कर्मचारी खुश रहते हैं,अगर यह योजना लागू होती है तो हाथ में आने वाले वेतन में कमी आ जाएगी। कंपनी क्षेत्र का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि छोटे और मध्यम उद्यमों पर अत्यधिक आर्थिक भार बढ़ जाएगा।
हालांकि सरकार ने उद्योग जगत के विरोध का जवाब देते हुए कहना कि ईपीएफओ सदस्यता उन कर्मचारियों के लिए जरूरी है जो 6 हजार 500 रूपए महीना कमाते हैं। इससे ऊपर वेतन लेने वाले कर्मचारी चाहें तो इस योजना से अपने आप को अलग कर सकते हैं।
नई दिल्ली। कामगारों के लिए खुशखबरी है। अगर सब ठीक रहा तो आपको मूल वेतक की बजाए पूरे वेतन पर पीएफ लाभ मिलेगा। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) इस पर काम कर रहा है। हालांकि उद्योग जगत इसकी खिलाफत कर रहा है। वर्तमान में नियोक्ता मूल वेतन और महंगाई भत्ते पर 12 प्रतिशत देकर इतीश्री कर लेते हैं,जबकि कई कंपनियां तो यह भी नहीं देती।
इसके चलते,हजारों कर्मचारियों का मूल वेतन तो वही रहता है,जबकि भत्तों में बढ़ोतरी कर कंपनियां उनका वेतन बढ़ा देती हैं। कई मामलों में वेतम वृद्धि के कारण कर्मचारी टैक्स के फेर में फंस जाते हैं और कंपनियां वेतन से संबंधित खर्चो पर कर जमा का फायदा उठाते हैं।
ईपीएफओ ने पिछले साल इस बदलाव को लेकर सभी कंपनयिो को एक सर्कुलर भेजा था,लेकिन कंपनियों के भारी विरोध के चलते और इस सोच के चलते की कामगार जो वेतन घर ले जाएगा,उसमें कमी आएगी,इस सर्कुलर को वापस ले लिया गया था।
उद्योग जगत इसका अब भी विरोध कर रहा है,लेकिन केन्द्रीय श्रम मंत्रालय से हरी झंडी मिलने के बाद ईपीएफओ इसे लागू करने की तैयारी में है। रिपोर्ट अभी श्रम मंत्रालय के पास पड़ी है,लेकिन सूत्रों का कहना है कि सरकार इसे लागू करने की तैयारी में है। इसे लागू करने के बाद कोई कानूनी अड़चन नहीं आए,ईपीएफओ बोर्ड इस पर चर्चा कर अपनी भी मुहर लगा देगा।
सूत्रों की माने तो उद्योग जगह सरकार के इस फैसले पर शांत नहीं बैठने वाला है। कन्फेडरेशन ऑफ इंडिया इंडस्ट्री (सीआईआई) ने श्रम मंत्री मलिक अजुर्न खर्गे को चार पन्नों का पत्र लिखकर इस योजना को लागू नहीं करने की अपील की है। वहीं,दूसरे उद्योग जगत भी इसके खिलाफ आवाज उठा सकते हैं।
सीआईआई का कहना है कि विभिन्न हाई कोर्टो के आदेशों के बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। सीआईआई के एक प्रबंधक ने कहा कि इस योजना के लागू होने पर कामगारों के पास निवेश करने के विकल्प कम हो जाएंगे।
प्रबंधक ने कहा कि भत्तों मे बढ़ोतरी से कर्मचारी खुश रहते हैं,अगर यह योजना लागू होती है तो हाथ में आने वाले वेतन में कमी आ जाएगी। कंपनी क्षेत्र का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि छोटे और मध्यम उद्यमों पर अत्यधिक आर्थिक भार बढ़ जाएगा।
हालांकि सरकार ने उद्योग जगत के विरोध का जवाब देते हुए कहना कि ईपीएफओ सदस्यता उन कर्मचारियों के लिए जरूरी है जो 6 हजार 500 रूपए महीना कमाते हैं। इससे ऊपर वेतन लेने वाले कर्मचारी चाहें तो इस योजना से अपने आप को अलग कर सकते हैं।
पड़ोसन के चक्कर में पत्नी को जिंदा जलाया
पड़ोसन के चक्कर में पत्नी को जिंदा जलाया
जयपुर/सीकर। सीकर शहर में विवाहोत्तर अवैध संबंधों की आग में एक हंसते-खेलते परिवार की खुशियों स्वाह हो गई। पड़ोसन से अवैध संबंधों के आरोपी पति ने अपनी पत्नी 25 वर्षीय ज्योति से पीछा छुड़वाने के लिए उसे जिंदा जला दिया। उसकी इस करतूत में छोटे भाई और पड़ोसन ने भी साथ दिया। दो बच्चों की मां ज्योति अब अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रही है और डॉक्टर्स ने उसे अभी खतरे से बाहर नहीं बताया है।
दिल दहलाने वाली यह घटना सोमवार की है। पीडिता को आग के हवाले करने के बाद जब मकान से धुंआ उठा तो उसे देख पीडिता के पति और जेठ को किसी अनहोनी का अंदेशा हुआ वो दौड़कर मौके पर पहुंचे। मौके पर ज्योति को आग से लिपटा देख दोनों ने तुरंत आग बुझाकर उसे अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल में चिकित्सकों ने ज्योति की हालत गंभीर बताते हुए इलाज शुरू कर दिया लेकिन उसकी स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। उधर,पुलिस ने भी पीडिता के बयान दर्ज कर मामला दर्ज कर लिया और अब उसे आरोपियों की तलाश है।
जलाने में पति के साथ पड़ोसन भी
जानकारी के अनुसार पीडिता का पति रमेश आए दिन दहेज को लेकर अपनी पत्नी झगड़ा करता था। सोमवार शाम 5 बजे जब रमेश घर आया तो दोनों में किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। इस पर गुस्साए पति ने देवर और पड़ोस में रहने वाली महिला के साथ मिलकर उसे जिंदा जलाने की साजिश रच डाली और उस पर केरोसिन डालकर आग लगा दी। बाद में मौके पर पहुंचे पीडिता के ससूर और जेठ ने उसे बचाने की कोशिश की और अस्पताल पहुंचाया।
पड़ोसन ने लगाई गृहस्थी में आग
स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार पीडिता के पड़ोस में रहने वाली एक महिला के हाथों ही उनकी हंसती-खेलती गृहस्थी को आग लगी है। बताया जा रहा है कि ज्योति के पति रमेश के इस पड़ोसन से अवैध संबंध रहे हैं और इन्हीं संबंधों को लेकर पति-पत्नी में अक्सर झगड़ा भी होता था।
गर्भवती थी पीडिता,फिर भी दया नहीं
पीडिता ज्योति(25) को दो महीने का गर्भ था और डॉक्टर्स ने उसे भारी काम नहीं करने और सावधानी बरतने की सलाह दी थी। लेकिन आरोपी पति और उसके सहयोगियों ने उसके गर्भ में पल रही नन्हीं सी जान की भी परवान नहीं की और आग के हवाले कर दिया। बता दें कि आरोपी रमेश और पीडिता की 4 साल पहले शादी हुई थी। दंपती के दो बच्चे भी हैं।
जयपुर/सीकर। सीकर शहर में विवाहोत्तर अवैध संबंधों की आग में एक हंसते-खेलते परिवार की खुशियों स्वाह हो गई। पड़ोसन से अवैध संबंधों के आरोपी पति ने अपनी पत्नी 25 वर्षीय ज्योति से पीछा छुड़वाने के लिए उसे जिंदा जला दिया। उसकी इस करतूत में छोटे भाई और पड़ोसन ने भी साथ दिया। दो बच्चों की मां ज्योति अब अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रही है और डॉक्टर्स ने उसे अभी खतरे से बाहर नहीं बताया है।
दिल दहलाने वाली यह घटना सोमवार की है। पीडिता को आग के हवाले करने के बाद जब मकान से धुंआ उठा तो उसे देख पीडिता के पति और जेठ को किसी अनहोनी का अंदेशा हुआ वो दौड़कर मौके पर पहुंचे। मौके पर ज्योति को आग से लिपटा देख दोनों ने तुरंत आग बुझाकर उसे अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल में चिकित्सकों ने ज्योति की हालत गंभीर बताते हुए इलाज शुरू कर दिया लेकिन उसकी स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। उधर,पुलिस ने भी पीडिता के बयान दर्ज कर मामला दर्ज कर लिया और अब उसे आरोपियों की तलाश है।
जलाने में पति के साथ पड़ोसन भी
जानकारी के अनुसार पीडिता का पति रमेश आए दिन दहेज को लेकर अपनी पत्नी झगड़ा करता था। सोमवार शाम 5 बजे जब रमेश घर आया तो दोनों में किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। इस पर गुस्साए पति ने देवर और पड़ोस में रहने वाली महिला के साथ मिलकर उसे जिंदा जलाने की साजिश रच डाली और उस पर केरोसिन डालकर आग लगा दी। बाद में मौके पर पहुंचे पीडिता के ससूर और जेठ ने उसे बचाने की कोशिश की और अस्पताल पहुंचाया।
पड़ोसन ने लगाई गृहस्थी में आग
स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार पीडिता के पड़ोस में रहने वाली एक महिला के हाथों ही उनकी हंसती-खेलती गृहस्थी को आग लगी है। बताया जा रहा है कि ज्योति के पति रमेश के इस पड़ोसन से अवैध संबंध रहे हैं और इन्हीं संबंधों को लेकर पति-पत्नी में अक्सर झगड़ा भी होता था।
गर्भवती थी पीडिता,फिर भी दया नहीं
पीडिता ज्योति(25) को दो महीने का गर्भ था और डॉक्टर्स ने उसे भारी काम नहीं करने और सावधानी बरतने की सलाह दी थी। लेकिन आरोपी पति और उसके सहयोगियों ने उसके गर्भ में पल रही नन्हीं सी जान की भी परवान नहीं की और आग के हवाले कर दिया। बता दें कि आरोपी रमेश और पीडिता की 4 साल पहले शादी हुई थी। दंपती के दो बच्चे भी हैं।
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