सोनिया ने सुषमा को गले लगाया
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संसद में जारी गतिरोध को खत्म करने की मंगलवार को पहल की। सोनिया गांधी ने सेंट्रल हॉल के बाहर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा को गले लगाया।
लोकसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद जब सुषमा स्वराज पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण लालकृष्ण आडवाणी और अन्य सांसदों के साथ जब सेंट्रल हॉल की तरफ जा रही थी तभी सोनिया गांधी वहां पहुंची। कांग्रेस अध्यक्ष ने एक हाथ सुषमा स्वराज के कंधे पर रखा और उन्हें गले लगाया।
सोनिया और सुषमा कुछ कदम साथ साथ चली। दोनों को बात करते हुए कई सांसदों ने देखा। इन सांसदों ने बताया कि दोनों ने जोशीले अंदाज में एक दूसरे से बात की। हालांकि भाजपा नेताओं ने यह नहीं बताय कि दोनों के बीच किस मसले पर बातचीत हुई।
सोनिया गांधी चाहती है कि 10 मई को समाप्त हो रहे बजट सत्र से पहले खाद्य सुरक्षा और जमीन अधिग्रहण विधेयक पारित हो जाए।
खाद्य सुरक्षा विधेयक लोकसभा में पेश भी किया जा चुका है लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण बिल पर चर्चा नहीं हो पा रही है। भाजपा रेल मंत्री पवन बंसल और कानून मंत्री अश्विनी कुमार के इस्तीफे की मांग पर अड़ी हुई है। सुषमा स्वराज ने सोमवार को कहा था कि जब तक दोनों मंत्री इस्तीफा नहीं देते तब तक संसद नहीं चलते देंगे और न ही कोई बिल बिना चर्चा के पारित कराने दिया जाएगा। हालांकि भाजपा दोनों विधेयकों पर सैद्धांतिक रूप से सहमत है। पार्टी ने कुछ संशोधनों के सुझाव दिए हैं।
सोनिया और सुषमा की जुगलबंदी हैरान करने वाली थी क्योंकि गत शुक्रवार को सुषमा स्वराज ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के कारण उन्हें लोकसभा में बोलने नहीं दिया गया। सुषमा ने कहा था कि सोनिया गांधी ने अपने सांसदों को हंगामा करने के लिए उकसाया,जिस कारण वह अपनी बात लोकसभा में नहीं रख पाई।
मंगलवार, 7 मई 2013
खास खबर ...जैसलमेर कुलधरा में भूतो और प्रेतातामाओ से बातचीत का दावा
भूत प्रेत व आत्माओं पर रिसर्च करने वाली टीम ने कुलधरा में की भूतों से बात, दिल्ली से आई पेरानार्मल सोसायटी की टीम ने कुलधरा गांव में बिताई रात। टीम ने माना कि यहां कुछ न कुछ असामान्य जरूर है।
जैसलमेर. भूत प्रेत व आत्माओं की उपस्थिति के बारे में विख्यात किस्से कहानियों पर कोई विश्वास करता है तो कोई नहीं। लेकिन भूत प्रेत व आत्माओं के डर को दूर करने व इसके रिसर्च में जुटी संस्था पेरानॉर्मल सोसायटी दिल्ली भी मानती है कि ऐसे भयानक स्थानों पर कुछ न कुछ असामान्य जरूर है। हालांकि उनके अनुसार डरने वाली कोई चीज नहीं है, बस आत्मविश्वास बढ़ जाए तो असामान्य स्थिति भी नजर नहीं आती है। टीम के एक सदस्य ने बताया कि विजिट के दौरान रात में कई बार मैंने महसूस किया कि किसी ने मेरे कंधे पर हाथ रखा, जब मुड़कर देखा तो वहां कोई नहीं था।
दिल्ली की पेरानॉर्मल सोसायटी की टीम अध्यक्ष गौरव तिवारी के नेतृत्व में शनिवार की रात्रि में कुलधरा गांव पहुंची। ऐसी धारना है कि कुलधरा में रात बिताना मुमकिन नहीं है, यहां कई आत्माओं का वास है। इसी डर को दूर करने के लिए सोसायटी के 18 सदस्य एवं अन्य 10-12 लोग रात्रि में कुलधरा गांव में रहे। इसके लिए इस टीम ने कलेक्टर से परमिशन भी ली थी।
टीम के सदस्यों के साथ गए कुछ लोगों ने बताया कि वास्तव में कुलधरा में आत्माएं निवास करती है। टीम ने इलेक्ट्रोनिक उपकरणों से इसका पता लगाया जिसमें कई असामान्य स्थितियां सामने आई। कहीं परछाई नजर आई तो कहीं कुछ आवाजें और तो और टीम की गाडिय़ों पर बच्चों के हाथ के निशान भी दिखाई दिए।
आत्माओं ने अपने नाम भी बताए
पेरानॉर्मल सोसायटी के उपाध्यक्ष अंशुल शर्मा ने बताया कि हमारे पास एक डिवाइस है जिसका नाम गोस्ट बॉक्स है। इसके माध्यम से हम ऐसी जगहों पर रहने वाली आत्माओं से सवाल पूछते हैं। कुलधरा में भी ऐसा ही किया जहां कुछ आवाजें आई तो कहीं असामान्य रूप से आत्माओं ने अपने नाम भी बताए।
अचानक तापमान में उतार चढ़ाव
इस टीम के पास एक के-2 मीटर डिवाइस थी जिससे वे तापमान को रिकार्ड कर रहे थे। रात्रि में कुलधरा में करीब एक बजे जहां तापमान 41 बता रहा था वहीं कुछ दूर चलने पर अचानक तापमान 31 हो गया। शर्मा का कहना है कि कुछ न कुछ पेरानॉर्मल था। टीम के सदस्यों को शुरूआत में ऐसा अहसास हुआ कि उनके कंधे पर कोई हाथ रख रहा है वहीं कुछ स्थानों पर लेजर किरणों में ऐसा महसूस हुआ कि परछाई के रूप में कोई जा रहा है।
बच्चों के हाथ के निशान मिले
शनिवार की रात्रि में जो टीम कुलधरा गई थी उनकी गाडिय़ों पर बच्चों के हाथ के निशान मिले। टीम के सदस्य जब कुलधरा गांव में घूमकर वापस लौटे तो उनकी गाडिय़ों के कांच पर बच्चों के पंजे के निशान दिखाई दिए।
अंधविश्वास व डर को दूर करना उद्देश्य
टीम के सदस्यों ने बताया कि टीम इस विषय पर रिसर्च कर रही है और उनका मुख्य उद्देश्य अंधविश्वास और डर को दूर करना। रात्रि में कुलधरा गांव में जहां शुरूआत में कुछ असामान्य स्थिति सामने आई वह धीरे धीरे कम होती गई। जैसे जैसे टीम के सदस्यों का आत्मविश्वास बढ़ा वैसे वैसे ही असामान्य चीजें खत्म होती गई। शर्मा ने बताया कि पेरानॉर्मल सोसायटी ऐसी डरावनी व भयानक 500 जगहों का अवलोकन कर चुकी है। जहां ऐसी धारणा होती है कि रात बिताना मुमकिन नहीं है वहां वे रात बिताते हैं और लोगों के भय को दूर करने का प्रयास करते हैं।
दिखी असामान्य चीजें
हमने कुलधरा में एक रात बिताई, जहां कुछ असामान्य चीजें सामने आई। गाडिय़ों पर पंजों के हाथ के निशान, गोस्ट बॉक्स से सवाल पूछे गए तो कुछ नाम भी सामने आए और इसके अलावा कुछ असामान्य अहसास भी हुआ। हालांकि यह सब डरावना नहीं था, जैसे जैसे आत्मविश्वास बढ़ा वैसे ही असामान्य स्थितियां कम होती गई। हमारा उद्देश्य अंधविश्वास व डर को दूर करना है।
अंशुल शर्मा, उपाध्यक्ष, पेरानॉर्मल सोसायटी दिल्ली
राजस्थान के बेरिजगार युवाओ के लिए ख़ास खबर
राजस्थान के बेरिजगार युवाओ के लिए ख़ास खबर
युवा उधमिता प्रोत्साहन सुविधा केन्द्र का शुभारम्भ
बाडमेर, 7 मर्इ। जिला उधोग केन्द्र बाडमेर में मंंगलवार को राजस्थान वित निगम बालोतरा के प्रबन्धक हरीसिंह चौधरी एवं जिला उधोग केन्द्र के महाप्रबन्धक आलोक पाण्डेय द्वारा युवा उधमिता प्रोत्साहन सुविधा केन्द्र का शुभारम्भ किया गया।
इस अवसर पर राजस्थान वित निगम बालोतरा के प्रबन्धक चौधरी ने युवा उधमिता प्रोत्साहन योजना की विस्तार पूर्वक जानकारी करार्इ। उन्होने बताया कि सुविधा केन्द्र में युवा उधमी जिनकी आयु 35 वर्ष तक है एवं आर्इआर्इटी, आर्इटीआर्इ, स्नातक की शैक्षणिक योग्यता रखते है, को युवा उधमिता प्रोत्साहन योजना का मार्ग दर्शन प्रदान किया जाएगा। योजना के तहत आन लार्इन फार्म भरने का कार्य एक मर्इ से प्रारम्भ कर दिया गया है, जिसकी अनितम तिथि 31 मर्इ, 2013 है।
उन्होने बताया कि आन लार्इन प्राप्त आवेदनों मे से 5000 युवा उधमियों का पैनल द्वारा चयन किया जाएगा, जिन्हें 15000 रूपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। तत्पश्चात 5000 आवेदनों मे से 1000 युवा उधमियों का चयन किया जाएगा जिन्हे रीकों औ़धोगिक क्षेत्र में उधोग लगाने हेतु राजस्थान वित निगम पच्चीस से नब्बे लाख तक साढे तेरह प्रतिशत ब्याज दर से ऋण दिया जाएगा। समय पर ऋण भुगतान करने पर राज्य सरकार द्वारा 6 प्रतिशत ब्याज का पुनर्भरण किया जाएगा।
उन्होने युवाओं से अधिक से अधिक योजना का लाभ उठाने का आहवान किया है। इस संंबंध में विस्तृत जानकारी निगम की वेबसार्इwww.rfc.rajasthan.gov.inपर प्राप्त की जा सकती है।
आरयूआर्इडीपी के परियोजना निदेशक ने लिया निर्माण कार्यो का जायजा
आरयूआर्इडीपी के परियोजना निदेशक ने लिया निर्माण कार्यो का जायजा
निर्माण कार्यो को शीध्र पूर्ण करने के निर्देश
बाडमेर, 7 मर्इ। राजस्थान शहरी ढांचागत विकास परियोजना के परियोजना निदेशक डा. पृथ्वीराज ने मंगलवार को बाडमेर शहर में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यो का निरीक्षण किया तथा निर्माणाधीन कार्यो की प्रगति की समीक्षा की।
इस अवसर पर परियोजना निदेशक ने निर्माणाधीन रेलवे आवर बि्रज के रेलवे सीमा में रेलवे द्वारा कराये जाने वाले निर्माण की धीमी गति पर चिन्ता व्यक्त करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्माण कार्य में गति लाने के निर्देश दिए ताकि बि्रज का कार्य शीध्र पूर्ण होकर जनता के उपयोग में आ सकें। उन्होने बाडमेर शहर के लिये निर्माणाधीन सिवरेज परियोजना एवं सिवरेज ट्रीटमेन्ट प्लांट का भौतिक अवलोकन कर सन्तोष व्यक्त करते हुए निर्माण कार्यो को निर्धारित समयावधि में पूर्ण करने के निर्देश दिए।
परियोजना निदेशक डा. पृथ्वीराज ने निर्माणाधीन जलदाय परियोजना के तहत कराली नाडी पर किये गये निर्माण कार्यो का जायजा लिया। स्थानीय लोगों ने अवगत कराया कि पूर्व में सात दिन मे पानी की सप्लार्इ होती थी जबकि अब 72 घण्टे में पानी की सप्लार्इ मिल रही है। उन्होने जलदाय विभाग के अधिकारियों से मौके पर निर्माणाधीन जलदाय परियोजना को शीध्रतिशीध्र पूर्ण कर लोगों के उपयोग में लाने के प्रयास करने पर जोर दिया। उन्होने उक्त परियोजना को जनोपयोगी बनाने के उदृेश्य से आवश्यक सभी निर्माण कार्यो को जुलार्इ माह तक पूर्ण करने के निर्देश दिए ताकि लोगों को वर्तमान मे 72 घण्टे से मिल रही पानी की सप्लार्इ को 48 घण्टे तक किया जा सकें।
इसी क्रम में उन्होने जिला कलक्टर भानु प्रकाष एटूरू से मुलाकात कर शहर में चल रहे निर्माण कार्यो एवं उनमें आ रही समस्याओं के बारे में विस्तृत चर्चा की।
उन्होने बाडमेर शहर में चल रहे कार्यो को दु्रतगति से पूर्ण करने का भरोसा दिलाया एवं आवश्यकतानुसार अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध करवाकर शेष रहे क्षेत्रों मे भी सिवरेज लार्इन डलवाने का भी आश्वासन दिया।
भ्रमण के दौरान आरयूआर्इडीपी के अधीक्षण अभियन्ता जोन जोधपुर राजेश मेहता, टीम लीडर एसएनसी लेवलिन पी.सी. चौहान, अधिशाषी अभियन्ता आर्इपीआर्इयू बाडमेर एल.एन. सैनी सहित संबंधित अधिकारी उपसिथत थे।
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इस अवसर पर परियोजना निदेशक ने निर्माणाधीन रेलवे आवर बि्रज के रेलवे सीमा में रेलवे द्वारा कराये जाने वाले निर्माण की धीमी गति पर चिन्ता व्यक्त करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्माण कार्य में गति लाने के निर्देश दिए ताकि बि्रज का कार्य शीध्र पूर्ण होकर जनता के उपयोग में आ सकें। उन्होने बाडमेर शहर के लिये निर्माणाधीन सिवरेज परियोजना एवं सिवरेज ट्रीटमेन्ट प्लांट का भौतिक अवलोकन कर सन्तोष व्यक्त करते हुए निर्माण कार्यो को निर्धारित समयावधि में पूर्ण करने के निर्देश दिए।
परियोजना निदेशक डा. पृथ्वीराज ने निर्माणाधीन जलदाय परियोजना के तहत कराली नाडी पर किये गये निर्माण कार्यो का जायजा लिया। स्थानीय लोगों ने अवगत कराया कि पूर्व में सात दिन मे पानी की सप्लार्इ होती थी जबकि अब 72 घण्टे में पानी की सप्लार्इ मिल रही है। उन्होने जलदाय विभाग के अधिकारियों से मौके पर निर्माणाधीन जलदाय परियोजना को शीध्रतिशीध्र पूर्ण कर लोगों के उपयोग में लाने के प्रयास करने पर जोर दिया। उन्होने उक्त परियोजना को जनोपयोगी बनाने के उदृेश्य से आवश्यक सभी निर्माण कार्यो को जुलार्इ माह तक पूर्ण करने के निर्देश दिए ताकि लोगों को वर्तमान मे 72 घण्टे से मिल रही पानी की सप्लार्इ को 48 घण्टे तक किया जा सकें।
इसी क्रम में उन्होने जिला कलक्टर भानु प्रकाष एटूरू से मुलाकात कर शहर में चल रहे निर्माण कार्यो एवं उनमें आ रही समस्याओं के बारे में विस्तृत चर्चा की।
उन्होने बाडमेर शहर में चल रहे कार्यो को दु्रतगति से पूर्ण करने का भरोसा दिलाया एवं आवश्यकतानुसार अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध करवाकर शेष रहे क्षेत्रों मे भी सिवरेज लार्इन डलवाने का भी आश्वासन दिया।
भ्रमण के दौरान आरयूआर्इडीपी के अधीक्षण अभियन्ता जोन जोधपुर राजेश मेहता, टीम लीडर एसएनसी लेवलिन पी.सी. चौहान, अधिशाषी अभियन्ता आर्इपीआर्इयू बाडमेर एल.एन. सैनी सहित संबंधित अधिकारी उपसिथत थे।
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बाडमेर सीमावर्ती गांवों में रात्रिकालीन विचरण पर प्रतिबन्ध
सीमावर्ती गांवों में रात्रिकालीन विचरण पर प्रतिबन्ध
बाडमेर, 7 मर्इ । जिला मजिस्टे्रट भानु प्रकाष एटूरू ने दण्ड प्रकि्रया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत बाडमेर जिले मे भारत पाक अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर भारत के अन्दर की ओर दो किलोमीटर क्षेत्र में रात्रिकालीन विचरण पर प्रतिबन्ध लगा दिया है।
जिला मजिस्टे्रट द्वारा जारी आदेश के मुताबिक रात्रिकालीन प्रतिबन्ध बाडमेर जिले में भारत पाक सीमा से लगते हुए दो किलोमीटर क्षेत्र के समस्त ग्रामों में लागू होगा।
प्रतिबन्ध वाले गांव
बूठिया, जुमा फकीर की बस्ती, तालब का पार, सजन का पार, सून्दरा, पांचला, हमीराणी, मोती की बेरी, रोहिडी, सगोरालिया, मुनाबाव, अकली, मालाणा, छोटी खडीन, मखन का पार, अमी का पार, तामलोर, त्रिमोही, गडरारोड, केरला, पदमडा, रिछयाली, बाडमेरों का पार, सजनाणी, नारे का पार, केरकोरी, पादरिया, पीरे का पार, पांधी का पार, लकडियाली, बनों की बस्ती, लधे का पार, तालब का पार, चान्दाणियों का पार, झैलून, बिन्दुसियाणी, कबूल की ढाणी, सजन का पार, कुम्हारों का टीबा, रासबानी, राठौडों का तला, माधुरी का तला, भभूते की ढाणी, भीलों का तला, सादुलाणियों की गफन, हेजम का तला, उम्मेदपुरा, कल्याणपुरा, केलनोर, समेलों का तला, मीठडाऊ, मीये का तला, जाटों का बेरा, बरवाल, देहवा, लालपुर, ब्राहमणों की ढाणी, रेलिया, सोमराड, बसिये का तला, जानपालिया, सरार्इयों का तला, दीपला, सारला, समोते का पार, शोभाला जेतमाल, हुरों का तला, तालसर, हुसैन का तला, रडवा, सुजों का निवाण उर्फ मेगे की बेरी, नवातला, बाखासर, सरूपे का तला, आगिनशाह की ढाणी, सैयद मौज अली का तला, कृष्ण का तला, रते का तला, भाडा, एकल, रामपुरा, हाथला, बछवाल, भलगाव समिमलित है।
प्रतिबनिधत समय
जिला मजिस्टे्रट के आदेश के अनुसार इन गांवों में सायं 7.00 बजे से प्रात: 6.00 बजे तक आवागमन प्रतिबंधित रहेगा। जिले में भारत-पाक सीमा से लगते हुए उक्त वर्णित 2 किलोमीटर क्षेत्र में प्रवेश व विचरण करने वाले समस्त व्यकितयों को सख्त चेतावनी दी गर्इ है कि वे उक्त प्रतिबनिधत क्षेत्र में रात्रि के समय सक्षम अधिकारी की वैध अनुमति के बिना गमनागमन अथवा विचरण नहीं करें। आदेश का उल्लंधन करने वाले व्यकितयों के विरूद्ध दण्ड प्रकि्रया संहिता के तहत कडी कार्यवाही की जायेगी।
इनको रहेगी छूट
जिला मजिस्टे्रट के आदेश के अनुसार समस्त कार्यपालक मजिस्टे्रट, पुलिस, सीमा सुरक्षा बल एवं अन्य एजेनिसयों के अधिकारियों कर्मचारियों जो अवांछित गतिविधियों की रोकथाम तथा कानून एवं व्यवस्था की डयूटी के लिए उक्त क्षेत्रों में उक्त समय के लिये तैनाती पर है, पर प्रभावी नहीं होगा। उक्त आदेश आगामी दो माह के लिये प्रभावी होगा।
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