मंगलवार, 7 मई 2013

चुमुर पोस्ट की कीमत पर चीन से डील!


चुमुर पोस्ट की कीमत पर चीन से डील!

नई दिल्ली। सराकर लाख दावें करें कि गतिरोध खत्म करने के लिए चीन के साथ कोई डील नहीं हुई है लेकिन एक समाचार पत्र की रिपोर्ट कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। समाचार पत्र के मुताबिक गतिरोध खत्म करने के लिए भारत को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है।

समाचार पत्र कहता है कि भारतीय बलों ने जब वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब चुमुर सेक्टर में बनाए गए बंकर हटाने का वादा किया तभी चीन डीओबी सेक्टर से अपने सैनिकों को पीछे हटाने को तैयार हुआ। गौरतलब है कि चीन ने डीओबी सेक्टर में पांच तंबू गाड़ दिए थे। 15 अप्रेल को चीनी घुसपैठ के करीब तीन हफ्ते बाद रविवार को दोनों देशों के बीत गतिरोध खत्म हुआ था।

बातचीत और स्थानीय भौगोलिक स्थिति से परिचत सुरक्षा प्रतिष्ठानों के सूत्रों के मुताबिक जब सेना एलएसी के नजदीक चुमुर सेक्टर से बंकर हटाने पर राजी हुई तभी 21 दिन पुराना गतिरोध खत्म हो पाया। जिन बंकरों को लेकर सवाल हैं वे मौजूदा सीमा पर बने हुए हैं। भारत ने प्रोएक्टिव कदमों के तहत ये बंकर बनाए थे जिन पर चीन ने आपत्ति जताई थी।

कहा जा रहा है कि जब नई दिल्ली ने स्थायी ढांचे को हटाने की चीन की मांग पर सहमत हुआ तभी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी 15 अप्रेल से पहले वाली स्थिति बहाल करने पर राजी हुई। भारत ने ये बंकर काराकोरम हाईवे पर नजर रखने के लिए बनाए थे।

यह भी दावा किया गया है कि भारत ने चीन की आक्रामक गश्त से निपटने के लिए घुसपैठ की टैक्टिक्स अपनाई है। कुछ कदमों को वापस लेना बड़ा त्याग नहीं है। यह भी दावा किया गया है कि ये बंकर चीनी घुसपैठ का प्रतिकार करने के लिए बनाए गए थे।

गफूर भट्टा में अतिक्रमण पर गिरी गाज


गफूर भट्टा में अतिक्रमण पर गिरी गाज


नगर परिषद की टीम ने 70-80 झोंपे गिराए 

जैसलमेर  नगरपरिषद ने एक बार फिर शहर की कच्ची बस्तियों में अतिक्रमण हटाने शुरू कर दिए हैं। आयुक्त आर.के. माहेश्वरी के निर्देशानुसार अतिक्रमण दस्ते ने सोमवार को गफूर भट्टा क्षेत्र में करीब 70-80 अतिक्रमण हटाए और सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त करवाया। गौरतलब है कि इन दिनों शहर की कच्ची बस्तियों में विकास कार्य चल रहे हैं। जिसके तहत वहां हुए अतिक्रमणों को लगातार हटाया जा रहा है। वर्तमान में भी कई अतिक्रमण मौजूद हैं। कई छोटे मोटे झोंपे बने हुए हैं जहां कोई नहीं रहता है। सर्वे के बाद में बने झोंपों को अतिक्रमण मानकर हटाया जा रहा है। 

अतिक्रमण हटाने गई टीम में अशोक मतड़, सार्दुलसिंह सोढ़ा, द्वारकाप्रसाद श्रीमाली, भगवानदास सेवक सहित कई पुलिसकर्मी भी थे। टीम के नेतृत्व में जेसीबी के माध्यम से ई ब्लॉक में पार्क में हो रखे अतिक्रमण, कॉमर्शियल ब्लॉक में बने झोंपे तथा सड़क मार्ग पर बने झोंपों को ध्वस्त किया गया। इस दौरान कुछ जगह मामूली विरोध का भी सामना करना पड़ा लेकिन मामला शांत हो गया। नगरपरिषद के अतिक्रमण दस्ते ने दोपहर 12 बजे से लेकर देर शाम तक 70 से अधिक अतिक्रमण हटाए।

अवैध हथियार बरामद,दो गिरफ्तार

अवैध हथियार बरामद,दो गिरफ्तार

नागौर. श्रीबालाजी थाने पुलिस ने अवैध रूप से हथियार रखने के आरोप में रविवार रात दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार थानाधिकारी मनोज माचरा गश्त पर थे। इस दौरान रेलवे क्रॉसिंग के पास काले कांच की स्कार्पिओ खड़ी थी। पूछताछ में वे संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए।

जांच की गई तो आरोपियों के कब्जे से बारह बोर का देशी कट्टा, दो जिंदा कारतूस बरामद किए गए। इस दौरान नोखा थाने के रोडा निवासी ओमप्रकाश पुत्र मांगीलाल मेघवाल, श्यामलाल पुत्र उगमाराम मेघवाल को गिरफ्तार किया गया।

80 किग्रा गांजा बरामद, पांच गिरफ्तार

80 किग्रा गांजा बरामद, पांच गिरफ्तार

मेड़ता रोड। नारकॉटिक्स विभाग एवं आरपीएफ टीम द्वारा सोमवार को गुवाहाटी एक्सप्रेस ट्रेन में की कार्रवाई से हड़कम्प मच गया। जानकारी के अनुसार टीम की ओर से पांच व्यक्तियों को 80 किलो गांजे के साथ गिरफ्तार किया। नारकॉटिक्स विभाग ने आरोपियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।

सोमवार सुबह गुवाहाटी से बाड़मेर व बीकानेर को जाने वाली गुवाहाटी एक्सप्रेस के साधारण कोच में नारकोटिक्स विभाग की टीम के साथ मेड़तारोड आरपीएफ के उप निरीक्षक बीएन तिवारी, एएसआई डंूगरसिंह ने तलाशी ली। जिसमें पांच व्यक्तियों के पास से पुलिस ने 80 किलो गांजा बरामद किया। आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों को मेड़तारोड आरपीएफ थाने में लाया गया। उन्हें पूछताछ के लिए नारकोटिक्स विभाग की टीम को सौंप दिया गया।

नाम उजागर नहीं करने के पीछे आखिर क्या है वजह : समाचार लिखे जाने तक नारकॉटिक्स विभाग एवं आरपीएफ अधिकारियों की ओर से पांचों आरोपियों के नाम उजागर नहीं किए गए। पांचों आरोपी कौन व कहां के हैं साथ ही अवैध गांजा कहां से खरीद कर कहां ले जा रहे थे। इन सारे सवालोंं के जवाब पूछताछ में सामने आएंगे।

सैन्य जमीन घोटाले की जांच सीबीआई को

सैन्य जमीन घोटाले की जांच सीबीआई को

जोधपुर/नई दिल्ली। रक्षामंत्री ए के एंटनी ने राजस्थान के जोधपुर में सेना की जमीन को लेकर हुए घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। इस घोटाले में रक्षा मंत्रालय और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने कथित तौर पर वर्ष 2007 में 4.84 एकड़ जमीन पूर्व राजघराने की ओर से संचालित एक ट्रस्ट को दे दी थी। सूत्रों के मुताबिक शहर के बीच में स्थित इस जमीन को व्यवसायिक रूप से विकसित किया जा रहा है और वर्तमान में इसकी कीमत 15 करोड़ रूपए है।

सूत्रों ने बताया कि इस मामले की अतिरिक्त सचिव रैंक के अधिकारी की ओर से जांच पूरी करने के बाद रक्षा मंत्री ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि जितने भी सैन्य जमीनों को लेकर घोटाले हुए हैं, उन पर किसी भी तरह की नरमी नहीं बरती जानी चाहिए और न ही इनमें शामिल किसी को बचाया जाए।जोधपुर जमीन घोटाले में सूत्रों का कहना है कि रक्षा भूसंपत्ति संगठन के वरिष्ठ अधिकारियों का इसमें हाथ हो सकता है और सीबीआई जांच के दौरान उनके कार्यो की समीक्षा की जाएगी।

कब होगी जांच शुरू
असल में वर्ष 2007 में हुए इस जमीन घोटाले को लेकर पहले 9 जनवरी, 2012 को भी रक्षामंत्री सीबीआई से जांच कराने की बात कह चुके हैं लेकिन अभी तक सीबीआई ने इसे पंजीकृत नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार सेना ने भी सीबीआई को सहयोग का आश्वासन दिया है कि वह इस मामले में सभी दस्तावेज उपलब्ध करवाने के लिए तैयार है।