धोनी ने भावनाओं को पहुंचाई ठेस,केस दर्ज बेंगलूरू। बेंगलूरू की निचली अदालत में टीम इण्डिया के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के खिलाफ हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने का केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि धोनी ने हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाया है।सामाजिक कार्यकर्ता जयकुमार हीरेमथ की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर धोनी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। छठे मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी चूरी खान ने धारा 295 और आईपीसी की धारा 34 के तहत केस दर्ज किया है। हीरेमथ ने अपनी शिकायत में कहा था कि धोनी को एक बिजनेस मैगजीन के विज्ञापन में भगवान विष्णु के रूप में दिखाया गया है। विज्ञापन में धोनी के हाथ में जूता है। कोर्ट इस मामले पर 12 मई को शिकायतकर्ता के बयान दर्ज करेगा।
राजस्थान,यूपी में सर्वाधिक पुलिस अत्याचार नई दिल्ली। भारत में पुलिस अत्याचार को लेकर संयुक्त राष्ट्र की ओर से पेश की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वष्ाü 2011 में पुलिस फायरिंग में हुई 109 मौत में से सबसे ज्यादा मौतें राजस्थान और उत्तर प्रदेश में हुई थीं। यह रिपोर्ट न्यायेतर,एकपक्षीय एवं निष्पादन को लेकर संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिवेदक क्रिस्टोफ हेंस ने तैयार की है। भारत सरकार के निमंत्रण पर आए हेंस ने 19 मार्च से लेकर 30 मार्च तक विभिन्न भारतीय शहरों का दौरा किया।
राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड की रिपोर्ट का हवाला देते हुए हेंस ने कहा कि सबसे ज्यादा मौतें तब हुई जब पुलिस ने दंगा नियंत्रण,चरमपंथी गतिविधियां और आतंकवाद के विरूद्ध कार्रवाई की। इस रिपोर्ट को जेनेवा में जून 2013 में होने वाली संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार काउंसिल की बैठक में पेश किया जाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थिति जम्मू और कश्मीर में भी बेहतर नहीं है। प्रदर्शनों को रोकने के लिए सुरक्षा बलों के असंगत इस्तेमाल से देश के विभिन्न कोनों में कई लोगों की मौतें हो गईं। वर्ष 2010 में जम्मू-कश्मीर में विरोध प्रदर्शनों पर काबू पाने के लिए प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में करीब 100 लोग मारे गए।
हेंस ने भारत सरकार से ऎसी हत्याओं का सच जानने के लिए आयोग का गठन करने के लिए सुझाव दिया ताकि लोगों में विश्वास पैदा किया जा सके। उन्होंने कहा कि आयोग को पूर्व में पुलिस की ओर से की गई कार्रवायों की जांच करे ताकि सच सामने आ सके।
उत्तर-पूर्व राज्यों और जम्मू-कश्मीर में विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा आर्मड फोर्सेस (स्पेशल पावर्स) एक्ट को हटाने के लिए उठाई जा रही मांग पर हेंस ने भारत सरकार से इसे पूरी तरह हटाने या फिर इसमें संशोधन करने की मांग की है ताकि इस एक्ट की आड़ में सुरक्षा बल कोई गलत कदम नहीं उठाए।
हेंस ने भारत में न्यायेतर हत्याओं को गंभीर मसला बताया है। इन हत्याओं में कमजोर लोग,खासकर महिलाओं पर सबसे ज्यादा खतरा रहता है। फर्जी मुठभेड़ों पर हेंस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरएम) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि वर्ष 1993 से लेकर 2008 में 2 हजार 560 लोग मुठभेड़ में मारे गए थे। इनमे से एनएचआरएम ने 1 हजार 224 मामलों को फर्जी करार दिया था।
महाराष्ट्र प्रांत में बीड के बुडरूक गांव में सात वर्षीय एक मासूम के साथ 70 वर्षीय एक व्यक्ति ने कथित तौर पर बलात्कार किया।
पुलिस सब इंस्पेक्टर आरडी पंचाल ने बताया कि यह घटना कल उस समय हुयी जब धरूर तहसील में लड़की अपने घर के बाहर खेल रही थी। आरोपी दामोधर हिमताजी डोंगरे ने प्रलोभन देकर उसे नजदीक के एक खेत में ले गया और उसके साथ यौनाचार किया।
पुलिस ने बताया कि लड़की के चाचा ने आरोपी को खेत में अपराध करते हुए पकड़ लिया। पीड़ित की दादी के शिकायत के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया और उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता के विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया।
20 से 30 हजार में लड़कियों का सौदा बरेली। उत्तर प्रदेश की बरेली जिला पुलिस ने पश्चिम बंगाल से बहला फुसलाकर लाकर नाबालिग लड़कियों को 20 से 30 हजार रूपए में बेचने वाले मानव तस्करों के एक गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है। सारे मामले का खुलासा तब हुआ जब मीरगंज के हल्दीखुर्द गांव की गलियों में रविवार शाम भागती जा रही एक 14 साल की लड़की को ग्रामीणों ने रोका। बाद में लड़की की आपबीती सुनकर ग्रामीणों ने पुलिस को मामले की जानकारी दी। पूछताछ से पता चला कि कोलकाता के काचरापाडा के नीमतला की रहने वाली वाली इस लड़की तथा उसकी छोटी बहिन को मीरगंज क्षेत्र के ही चुरई दलपतपुर निवासी कल्लू ने बंधक बनाकर रखा था।इस लड़की ने बताया कि गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली कक्षा आठ की इस छात्रा से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने कल्लू के घार छापा मारकर चौथी कक्षा में पढ़ने वाली उसकी छोटी बहिन को भी मुक्त करा लिया। सूत्रों के अनुसार पूछताछ से पता चला है कि 12 से 17 साल की इन सभी लड़कियों को अच्छे घरों में शादी का झांसा देकर मीरगंज क्षेत्र के शेखूपुरा गांव का निवासी जहांगीर कोलकाता से लेकर आया था। इन लड़कियों को बंद कमरों में रखने के बाद सौदा तय होने पर उनको बेचा गया था। करीब एक महीने पहले कोलकाता से अगवा कर लाई गई 10 लड़कियों में से एक के मीरगंज क्षेत्र से तस्करों के चंगुल से छूटने के बाद हरकत में आई पुलिस ने मीरगंज और फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्रों से गिरोह के सरगना जहांगीर तथा तीन महिलाओं समेत आठ सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। गिरोह द्वारा बेची गई एक अन्य लड़की को भी मुक्त करा लिया। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि मानव तस्करों द्वारा पश्चिम बंगाल से लाकर जिले के मीरगंज और फतेहगंज पचिमी क्षेत्रों में 20 से 30 हजार रूपए में बेची गई आठ अन्य लड़कियों की बरामदगी के लिए छापेमारी जारी है। इन लड़कियों की बरामदगी के लिए पुलिस एवं अपराध शाखा के अलावा मानव तस्करी निरोधक इकाई की टीमें लगाई गई हैं।
रॉ के लिए जासूसी करता था सरबजीत! नई दिल्ली। दो दशकों से ज्यादा समय पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में गुजारने के बाद जेल में हुए आत्मघाती हमले में जान गंवा बैठा भारतीय कैदी सरबजीत सिंह क्या सच में भारतीय जासूस था। हाल ही सूत्रों के हवाले से यह खुलासा किया गया है कि रिसर्च एंड एनालिसेस विंग (रॉ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सरबजीत को पाकिस्तान में एक मिशन पर भेजा था। इंटेलिजेंस के सूत्रों के मुताबिक, "सरबजीत पाकिस्तान में भेजा गया भारतीय जासूस था। वह रॉ की ओर से दिए गए टास्क किया करता था, पाकिस्तान से भागते वक्त वह पकड़ा गया।" हालांकि पूर्व इंटेलिजेंस अधिकारी ने खुलासा किया कि सरबजीत को कोई नीतिगत मकसद से ऑपरेशन नहीं सौंपा गया था, बल्कि 90 के दशक में ऎसे कई मिशन एजेंसी ने पाकिस्तान में किए थे। अधिकारी ने बताया, "इस दौरान रॉ ने कई ऑपरेशन किए जिनमें से कई तो पूरी तरह से विचारहीन थे। सरबजीत जैसे जासूसों और उनके परिवार वालों को बड़ी रकम अदा की गई थी। कई बार एजेंसी अधिकारी अपनी डींग हांकने के लिए भी इस तरह के ऑपरेशन करते हैं ताकि अगर कुछ मिल सके तो वे अपने कॉलर ऊंचे कर सकें।"सूत्रों का कहना है कि एजेंसी ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि अगर दुश्मन की जमीन पर उनका कोई जासूस पकड़ा जाता है तो वे उसके परिवार को कितनी रकम अदा करेंगे। सूत्रों ने बताया, "यह कीमत हर केस और ऑपरेशन में अलग होती है। इसमें अभी कोई समानता नहीं आई है।"