रॉ के लिए जासूसी करता था सरबजीत!
नई दिल्ली। दो दशकों से ज्यादा समय पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में गुजारने के बाद जेल में हुए आत्मघाती हमले में जान गंवा बैठा भारतीय कैदी सरबजीत सिंह क्या सच में भारतीय जासूस था। हाल ही सूत्रों के हवाले से यह खुलासा किया गया है कि रिसर्च एंड एनालिसेस विंग (रॉ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सरबजीत को पाकिस्तान में एक मिशन पर भेजा था।
इंटेलिजेंस के सूत्रों के मुताबिक, "सरबजीत पाकिस्तान में भेजा गया भारतीय जासूस था। वह रॉ की ओर से दिए गए टास्क किया करता था, पाकिस्तान से भागते वक्त वह पकड़ा गया।"
हालांकि पूर्व इंटेलिजेंस अधिकारी ने खुलासा किया कि सरबजीत को कोई नीतिगत मकसद से ऑपरेशन नहीं सौंपा गया था, बल्कि 90 के दशक में ऎसे कई मिशन एजेंसी ने पाकिस्तान में किए थे।
अधिकारी ने बताया, "इस दौरान रॉ ने कई ऑपरेशन किए जिनमें से कई तो पूरी तरह से विचारहीन थे। सरबजीत जैसे जासूसों और उनके परिवार वालों को बड़ी रकम अदा की गई थी। कई बार एजेंसी अधिकारी अपनी डींग हांकने के लिए भी इस तरह के ऑपरेशन करते हैं ताकि अगर कुछ मिल सके तो वे अपने कॉलर ऊंचे कर सकें।"
सूत्रों का कहना है कि एजेंसी ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि अगर दुश्मन की जमीन पर उनका कोई जासूस पकड़ा जाता है तो वे उसके परिवार को कितनी रकम अदा करेंगे। सूत्रों ने बताया, "यह कीमत हर केस और ऑपरेशन में अलग होती है। इसमें अभी कोई समानता नहीं आई है।"
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