बुधवार, 26 दिसंबर 2018

मां ने 'फेसबुक लवर' के साथ भागने से रोका तो बेटी ने की चाकुओं से गोदकर हत्या

मां ने 'फेसबुक लवर' के साथ भागने से रोका तो बेटी ने की चाकुओं से गोदकर हत्या
मां ने 'फेसबुक लवर' के साथ भागने से रोका तो बेटी ने की चाकुओं से गोदकर हत्या
खास बातें
फेसबुक पर हुई थी लड़के से दोस्ती
पुलिस ने आरोपी लड़की और दो लड़कों को किया गिरफ्तार
घटना में मां की मौके पर हुई मौत
चेन्नई: एक किशोरी ने अपनी मां की सिर्फ इस बात पर चाकुओं से गोदकर हत्या (Murder) कर दी क्योंकि उसने उसे अपने 'फेसबुक लवर' के साथ भागने से रोका था. रिश्तों को शर्मशार करने वाली यह घटना तमिलनाडु के थिरुवल्लूर की है. पुलिस (TamilNadu police) ने घटना के सामने आने के बाद आरोपी किशोरी को हिरासत में ले लिया है. पुलिस के अनुसार आरोपी की पहचान देवी प्रिया के रूप में की है. प्रिया कॉलेज की छात्रा है. पुलिस (TamilNadu police) की शुरुआती जांच में पता चला है कि प्रिया को विवेक नाम के युवक से पहले फेसबुक पर दोस्ती की और बाद में दोनों के बीच प्यार हो गया. आरोपी ने पुलिस को बताया कि विवेक उसे शादी के बाद अपने घर ले जाना चाहता था.
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पुलिस अधिकारी ने बताया कि विवेक ने आरोपी छात्रा को बताया था कि वह उसे लेने नहीं आ पा रहा है लेकिन उसके दो दोस्त उसे लेने आ रहे हैं. इसके बाद प्रिया ने अपना बैग पैक करना शुरू किया. इसी दौरान प्रिया की मां ने उससे जब बैग पैक करने के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वह अपने फेसबुक फ्रेंड के साथ शादी करने जा रही है और वापस नहीं आएगी. प्रिया की मां ने उसे ऐसा करने से रोकना चाहा.मां द्वारा रोके जाने से गुस्सा होकर प्रिया ने अपनी रसोई में रखी चाकू उठाई और मां पर ताबड़-तोड़ हमला शुरू कर दिया. प्रिया ने मां पर तब तक हमला जारी रखा जब तक उसकी मौत न हो गई.


इसके बाद वह विवेक के दोस्तों के साथ जाने के लिए घर से निकल गई. लेकिन उसके कपड़ों पर खून के निशान देखकर गांव वालों ने पुलिस को इसकी जानकारी दी. इसके बाद मौके पर आई पुलिस ने आरोपी लड़की और विवेक के दो दोस्तों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस फिलहाल तीनों से पूछताछ कर रही है. गौरतलब है कि इससे पहले एक ऐसी ही घटना दिल्ली में सामने आई थी. यहां दिल्ली के एक रेस्तरां में एक युवक की चाकुओं से गोदकर हत्या (Man stabbed to Death)  कर दी गई थी. पुलिस (Delhi Police) के अनुसार घटना दक्षिणी दिल्ली के साकेत स्थित नुक्कड़वाला रेस्तरां की थी.


मामले की जांच कर रहे पुलिस (Delhi Police) अधिकारी के अनुसार आरोपी ने युवक के सीने पर ताबड़-तोड़ कई बार हमले किया था. मृतक रेस्तरां (Murder in Restaurant) का कर्मचारी था और उसकी पहचान हेमंत कुमार के रूप में की गई थी. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने घायल हेमंत को मदन मोहन मालवीय अस्पताल लेकर गई जहां डॉक्टरों की टीम ने उसे मृत घोषित कर दिया था. दक्षिणी दिल्ली (Delhi Police) पुलिस के डीसीपी विजय कुमार ने बताया था कि शुरुआती जांच में पता चला है कि हेमंत अपने तीन साथियों के साथ उस रेस्तरां में काम करता था

जैसलमेर। *सिफ्ट और आर्मी गाड़ी की हुई भिड़त। 4 जख्मी 1 की मौके पर हुई मौत*

जैसलमेर। *सिफ्ट और आर्मी गाड़ी की हुई भिड़त। 4 जख्मी 1 की मौके पर हुई मौत*



लाठी। क्षेत्र के गंगाराम की ढाणी के पास हुआ भीषण एक्सीडेंट जिसमे 1 की हुई मौके पर मौत 4 हुए बुरी तरह घायल।घायल को तुरंत एम्बुलेन्स की सहायता सै पुलिस ने और ग्रामीणों ने तुरंत पहुँचाया उपचार के लिए लाठी चिकत्सालये।उपचार के दौरान से पहले ही 1 की हुई थी एक्सीडेंट में मौत डॉक्टर ने उपचार कर 4 को किया जैसलमेर रैफर।4 लोगो की बतायी जा रही बहुत ही सिरियश हालात।पुलिस प्रसासन जुटी सहायता में।एक्सीडेंट सिफ्ट गाड़ी और आर्मी की टाटरा का हुआ।भिड़त में 4 बुरी तरह जख्मी 1 की हुई मोके पर मौत।सभी लोग मिली जानकारी के अनुसार बीकानेर के बताये जा रहे है

इंटरनेशनल गोल्फर ज्योति रंधावा शिकार करते हुए गिरफ्तार, भेजे गए जेल

इंटरनेशनल गोल्फर ज्योति रंधावा शिकार करते हुए गिरफ्तार, भेजे गए जेल

पुलिस हिरासत में ज्योति सिंह रंधावा।


मशहूर गोल्फर ज्योति सिंह रंधावा को बहराइच के कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र में शिकार करते हुए गिरफ्तार कर लिया गया है। वन विभाग की टीम ने केस दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया है।

रंधावा व उनके साथी महेश वीराजदार को कतर्नियाघाट के मोतीपुर रेंज से मंगलवार गिरफ्तार किया गया। मिली जानकारी के अनुसार, वन अधिकारी देर रात मोतीपुर रेंज में गश्त कर रहे थे। इसी दौरान रंधावा व उनके साथी को गिरफ्तार किया गया।

रंधावा अभिनेत्री चित्रांगदा सिंह के पूर्व पति हैं। फील्ड डॉयरेक्टर रमेश पांडेय ने बताया कि रंधावा यहां शूकर व सांभर का शिकार करने आए थे। इनके पास से चीतल की खाल, एक राइफल व कैपर गाड़ी भी बरामद की गई है।

महेश वीराजदार पूर्व आर्मी कैप्टन हैं और रोला, महाराष्ट्र के निवासी हैं।

*अजमेर जल्द से जल्द स्मार्ट सिटी के कार्य करवाना और पर्यटन को बढ़ावा देना रहेगी प्राथमिकता- विश्वमोहन शर्मा*

*अजमेर जल्द से जल्द स्मार्ट सिटी के कार्य करवाना और पर्यटन को बढ़ावा देना रहेगी प्राथमिकता- विश्वमोहन शर्मा*
*शर्मा जिले को प्रदेश में अग्रणी बनाने का भी करेंगे प्रयास*


नवीन वैष्णव अजमेर


राजस्थान में सरकार बदलते ही प्रशासनिक पदों पर भी फेरबदल शुरू हो गया है। अजमेर को विश्व मोहन शर्मा के रूप में सरकार ने नया कलक्टर प्रदान किया है। शर्मा वर्तमान में श्रम एवं रोजगार विभाग के संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत हैं। शर्मा ने आज रात्रि में ही पदभार ग्रहण करने की बात कही।
उन्होंने बातचीत में कहा कि अजमेर को स्मार्ट सिटी में शामिल किया गया है ऐसे में वह जल्द से जल्द स्मार्ट सिटी के कार्यों को पूरा करवाएंगे। अजमेर में जो पर्यटन स्थल हैं उन्हें ओर अधिक विकसित करवाएंगे जिससे कि पर्यटकों की आवक बढ़े। ख्वाजा साहब की दरगाह और तीर्थ नगरी पुष्कर के विकास के लिए भी पूरा ध्यान देंगे। इसके साथ ही सरकार की जो भी योजनाएं होंगी उन्हें जमीनी स्तर पर लागू करवाकर आमजन को इसका फायदा पहुंचाने का उनका प्रयास रहेगा।
*श्रमिकों को नहीं आएगी परेशानी*
शर्मा ने कहा कि श्रम एवं रोजगार विभाग के संयुक्त सचिव रहे हैं तो वह अजमेर जिले के श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन करवाकर लाभार्थियों को लाभ दिलवाएंगे। इसमें पूरी पारदर्शिता भी बरती जाएगी। किसी भी श्रमिक को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, इसकी भी व्यवस्था करवाई जाएगी।
*अधिकांश समय जयपुर में बीता*
1978 में झारखण्ड के धनबाद में जन्में विश्व मोहन शर्मा अब तक कई पदों का बखूबी निर्वहन कर चुके हैं। सर्वप्रथम उन्होंने पाली के एसडीएम, इसके बाद झालावाड़ में जिला परिषद के सीईओ, राजस्थान सरकार के वित्त विभाग के संयुक्त सचिव, तेरह महिने तक जैसलमेर कलक्टर भी रह चुके हैं। वर्ष 2016 में वापस जयपुर आ गए और जलदाय विभाग के संयुक्त सचिव रहे, यहां से उन्हें हाऊसिंग बोर्ड का सचिव बनाकर भेजा गया। वहीं वर्ष 2017 से अब तक वह श्रम एवं रोजगार विभाग के संयुक्त सचिव पद पर कार्यरत थे। अधिकांश समय उनका जयपुर में ही बीता।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
9252958987, 9351087614
25-12-2018
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बाडमेर नव नियुक्त जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता आज दोपहर बाद कार्यभार ग्रहण करेंगे

बाडमेर नव नियुक्त जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता आज दोपहर बाद कार्यभार ग्रहण करेंगे

बाडमेर नव नियु
क्त जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता आज दोपहर बाद अपना पदभार ग्रहण करेंगे।।हिमांशु गुप्ता अजमेर में कार्यरत थे।।2012 बेच के आईएएस हिमांशु गुप्ता अजमेर नगम निगम में आयुक्त पद पर नियुक्त थे।।साथ ही स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सीईओ के रूप में 2017 से कार्यरत है।।पंजाब लुधियाना के निवाड़ी गुप्ता धौलपुर में सब डिविजन मजिस्ट्रेट रहे।।कलेक्टर के तौर पर पहली पोस्टिंग। बाडमेर में लोकसभा चुनाव और अकाल से निपटना मुख्य कार्य प्राथमिकता रहेगी।।

बाड़मेर महेन्दर ने आल इंडिया CBSE नेशनल एथलेटिक्स स्पोर्ट्स मीट 2018 में गोल्ड मैडल , बाड़मेर का नाम रोशन किया

बाड़मेर महेन्दर ने आल इंडिया CBSE नेशनल एथलेटिक्स स्पोर्ट्स मीट 2018 में  गोल्ड मैडल , बाड़मेर का नाम रोशन किया 



बाड़मेर बालोतरा निवासी महेंद्र चौधरी ने सी बी एस सी की स्पोर्ट्स मीट में गोल्ड जीत क्र राजस्थान  किया

लिखमाराम साई के पुत्र महेन्दर चौधरी साई जो कि बालोतरा में दूध डेरी के पीछे, वार्ड नं. 34 के निवासी ने बहुत ही बड़ी विजेता प्राप्त की है। महेन्दर ने आल इंडिया CBSE नेशनल एथलेटिक्स स्पोर्ट्स मीट 2018 में उन्होंने 400 मीटर दौड में गोल्ड मैडल प्राप्त किया है जो कि कर्नाटक के दावनगिरी जिले मे हुआ था। महेन्दर ने ये 400 मीटर की दौड 48.23 सेकंड में पूरी की। महेन्दर और अन्य कई खेल प्रतियोगिता में बहुत से पदक हासिल किए है जैसे कि वे महाराष्ट्र ,केरल,आंध्रप्रदेश,कर्नाटक,पंजाब,छत्तीसगढ़,राजस्थान,गुजरात और तमिल नाडु में भी बहुत से मैडल प्राप्त किये है। 5 साल के स्पोर्ट्स कैरियर में महेन्दर ने 104 गोल्ड मैडल और 19 चैंपियन ट्रॉफी भी लिए है। इसी के साथ महेन्दर ने 10 CBSE की बोर्ड एग्जाम में भी 96.8% प्राप्त किय और उसकेलिए उनको अवार्ड से भी सम्मानित किया। इसी महत्व खेल प्रतियोगिता में महेन्दर को संजय घोड़ावत इंटरनेशनल स्कूल कोल्हापुर की तरफ से 25000 रुपया और अवार्ड इनाम से सम्मानित किया जो कि कोल्हापुर के जिला कलेक्टर , कोल्हापुर के तहसीलदार और स्कूल के प्रिंसिपल के हाथों से सम्मानित किया। इसी विजेता प्राप्ति के लिए महेन्दर को बधाई हो।

मंगलवार, 25 दिसंबर 2018

जेसलमेर। नमित मेहता होंगे जिले के नए युवा कलेक्टर

जेसलमेर। नमित मेहता होंगे जिले के नए युवा कलेक्टर

जैसलमेर। जिले को मिला युवा जिला कलक्टर। जोधपुर निवासी है जैसलमेर के नए जिला कलक्टर, IAS नमित मेहता होंगे । जैसलमेर के नए युवा जिला कलक्टर, आयुक्त अजमेर विकास प्राधिकरण अजमेर पद से हुआ तबादला, वैसे वर्तमान जिला कलक्टर ओम कसेरा का कार्यकाल रहा काबिले तारीफ, नए जिला कलक्टर का रहेंगा बेहतरीन कार्यकाल की उम्मीद है।

गहलोत मंत्रिपरिषद से बाहर हुए 13 दिग्गजों को प्लान-B के जरिए करेंगे एडजस्ट

गहलोत मंत्रिपरिषद से बाहर हुए 13 दिग्गजों को प्लान-B के जरिए करेंगे एडजस्ट


जयपुर . कांग्रेस सरकार के मुखिया अशोक गहलोत के मंत्रिपरिषद में शामिल सभी 23 मंत्रियों ने शपथ ले ली है.  इसके साथ ही सीएम अशोक गहलोत सरकार को चलाने के लिए भी पूरी तरह से तैयार हो गए हैं. लेकिन, उससे पहले उनके सामने दिग्ग्जों को एडजस्ट करने की चुनौती खड़ी हो गई है. ये वो दिग्गज हैं, जिन्हें कैबिनेट में जगह नहीं मिल पाई है. इनकी नाराजगी की खबर गहलोत तक पहुंचने के बाद सभी को एडजस्ट करने की जद्दोजहद सरकार के स्तर पर शुरू हो चुकी है.


गहलोत के मंत्रिपरिषद से इस बार  13 दिग्ग्जों को किनारे कर दिया गया. जिसके बाद से इनके नाराज होने की  खबरें सामने आने लगी हैं. गहलोत के मंत्रिपरिषद में केवल 6 पुराने नेताओं को ही जगह मिली है. जबकि, 17 नेता नए  शामिल किए गए हैं. जिसके बाद पार्टी के दिग्गज नेता नाराज हो गए. ऐसे में गहलोत सरकार के सामने अब इससे भी बड़ी 13 दिग्गज नेताओं को एडजस्ट करने की चुनौती खड़ी हो गई है. इन नेताओं में पूर्व केन्द्रीय मंत्री ओर प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, पूर्व मंत्री बिजेन्द्र ओला, पूर्व मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीय,पूर्व अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत, वरिष्ठ विधायक परसराम मोरदिया, 7 बार के विधायक और राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भंवर लाल शर्मा, पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र पारीक, पूर्व मंत्री राजकुमार शर्मा और महेश जोशी ओर पूर्व मंत्री जितेन्द्र सिंह , शकुंतला रावत और जाहिदा खान हैं. जानकारों का कहना है कि गहलोत पायलट को अच्छे से पता है कि ये सभी नेता अपने क्षेत्र के दिग्गज हैं. इनकी नाराजगी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकती है. इसे देखते हुए गहलोत अभी  से सक्रिय हो गए हैं. जिससे लोकसभा के समीकरण पर किसी प्रकार की कोई आंच नहीं आए.



ऐसे कर सकते हैं दिग्गजों को संतुष्ट

बिजेन्द्र ओला
तीसरी बार विधायक बने पूववर्ती गहलोत सरकार में मंत्री रहे. इन्हे पार्टी झुंझुनू से लोकसभा का टिकट दे सकती है. पिछला चुनाव इनके परिवार से ही लड़ा था.

सीपी जोशी
जोशी पांच बार विधायक एक बार सांसद रहे हैं. वो प्रदेश में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं तो संगठन में प्रदेशाध्यक्ष पद पर भी रहें हैं. इसी तरह सांसद रहते हुए वो कई विभागों के कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं. ऐसे में पार्टी उन्हें भीलवाड़ा से चुनाव लड़वा सकती है. पहले भी ये भीलवाडा से सांसद रह चुके हैं.

महेन्द्रजीत सिंह मालवीय
लगातार तीन बार से विधायक हैं, एक बार सांसद रह चुके हैं. इन्हें बांसवाडा डूंगरपुर से सांसद का चुनाव लड़वाया जा सकता है. वैसे भी बीता चुनाव इनकी पत्नी ने ही लड़ा था.

दीपेन्द्र सिंह शेखावत
पांच बार के विधायक पहले स्पीकर रह चुके हैं . इन्हे फिर से ये जिम्मेदारी दी जा सकती है.

परसराम मोरदिया
वरिष्ठ विधायक गहलोत के पिछले कार्यकाल में हाउसिंग बोर्ड के चेयमैन थे. इस बार एससी आयोग का अध्यक्ष बनाया जा सकता है . वसुन्धरा राजे ने भी सीनियर विधायक सुन्दर लाल को ये पद दिया था. इसी तरह से गहलोत भी मोरदिया को ये पद दे सकतें है.

भंवर लाल शर्मा
सात बार के विधायक ब्राह्मण समाज के बडे नेता हैं. इन्हे विप्र बोर्ड का अध्यक्ष बनाकर दिया जा सकता है कैबिनेट का दर्जा.

राजेन्द्र पारीक
इन्हें अगले कैबिनेट तक इंतजार करना होगा

राजकुमार शर्मा
इन्हें विधानसभा में मुख्य सचेतक पद दिया जा सकता है नहीं तो फिर अगली कैबिनेट विस्तार तक इंतजार करना होगा

महेश जोशी
अगर राजकूमार शर्मा को मुख्य सचेतक नही बनाया गया तो महेश जोशी को ये पद दिया जा सकता है. पहले भी ये उप मुख्य सचेतक रह चुके हैं. अगर इन्हे ये पद नही मिला तो इन्हे भी अगले कैबिनेट विस्तार तक इंतजार करना होगा.

हेमाराम चौधरी
नेता प्रतिपक्ष और कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं अब इन्हें विधानसभा में उपाध्यक्ष पद दिया जा सकता है.

डॉ जितेन्द्र सिंह
देवनारायण बोर्ड का अध्यक्ष बनाकर इन्हें कैबिनेट का दर्जा  दिया जा सकता है.

शकुंतला रावत
मोदी लहर में जीतने वाली एक मात्र महिला विधायक हैं, इस बार भी विधायक बनी हैं. इन्हें महिला या बाल आयोग जिम्मेदारी दी जा सकती है. अगर शकुंतला रावत इसके लिए तैयार नहीं हुई तो इनका अगली कैबिनेट में आना तय है

जाहिदा खान
भरतपुर से तीन मंत्री बनाये जाने के चलते ये कैबिनेट का हिस्सा नहीं बन सकी हैं. इन्हें भी दोनो आयोग के लिए पुछा जाएगा, नही तो अगले कैबिनेट विस्तार में मौका दिया जाएगा.




डिप्टी सीएम पायलट ने लोकसभा चुनाव से पहले संगठन में बदलाव के दिए संकेत

डिप्टी सीएम पायलट ने लोकसभा चुनाव से पहले संगठन में बदलाव के दिए संकेत


जयपुर . कांग्रेस की सरकार बनने के बाद डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने लोकसभा चुनाव की तैयारियां करने की बात कहते हुए संगठन में बदलाव के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी स्तर पर तैयारियां शुरु हो गई है. मजबूत संगठन के  साथ चुनाव मैदान में उतरेंगे.


मीडिया से बातचीत के दौरान पायलट ने कहा कि संगठन में निरंतर बदलाव होते रहते हैं. संगठन और सरकार दोनों मिलकर जनता की उम्मीदों पर खरा उतरें. यही दायित्व है. पार्टी स्तर पर लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी है. मजबूत संगठन के साथ चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा कहा कि इस बार के लोकसभा चुनाव में 25 में से 22 से 23 सीटें कांग्रेस जीतेगी. साथ ही यह भी कहा कि आम तौर पर देखा गया है कि जिस पार्टी की सरकार होती है, उसे ही बहुमत मिलता है.  ऐसे में मुझे लगता है कि इस बार भी वैसा ही होगा. आपको बता दें कि संगठन के कई पदाधिकारियों के चुनाव लड़ने के बाद पार्टी स्तर पर लोकसभा चुनाव से पहले बदलाव किया जाना लगभग तय माना जा रहा है . उन्होंने मंत्रिपरिषद के सवाल पर कहा कि अभी मंत्रिपरिषद बना है. पहली बार में भौगोलिक रूप से मैं  समझता हूं कि सभी संभागों को प्रतिनिधित्व का मौका मिला है. उन्होंने कहा कि पहला मंत्रिपरिषद का विस्तार हुआ है. कुछ समय के बाद दूसरा विस्तार हो सकता है.


एक साथ सभी को मंत्री बनाया जाना संभव नहीं है. लेकिन, जिन लोगों ने पार्टी के लिए पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ काम किया है, पार्टी को जीत दिलाने में भूमिका निभाई है. उन्हें बेहतर मौका जरूर मिलेगा. पायलट ने कहा कि अभी सरकार बनी है विधानसभा सत्र चलेगा, साथ ही अभी ढेर सारी नियुक्तियां होनी है. ऐसे में सभी को सही प्लेटफॉर्म देकर उनकी प्रतिभा को सामने लाया जाएगा. पायलट के इस बयान के बाद से सियासी चर्चाओं के साथ ही कयासों का दौर  तेज हो गया है. माना जा रहा है कि मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं किए गए दिग्गजों के साथ ही अन्य कई नेताओं को भी पार्टी एडजस्ट करेगी. जिससे लोकसभा चुनाव के लिए जमीनी समीकरण बेहतर रूप से साधा जा सके.

नरपत सिंह राजवी मिले गहलोत से ,भाजपा से हे खफा

नरपत सिंह राजवी मिले  गहलोत से ,भाजपा से हे खफा 
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जयपुर. पूर्व उपराष्ट्रपति स्वर्गीय भैरो सिंह शेखावत के जवाई साहब और भाजपा विधायक नरपत सिंह राजवी इन दिनों प्रदेश भाजपा संगठन से खफा खफा है. आलम यह है कि विधानसभा चुनाव जीतने के बाद नरपत सिंह राजवी ने संगठनात्मक बैठकों और कार्यक्रमों से दूरी ही बना ली है.आज उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उनके निवास पर उनसे मुलाकात भी की ,

भाजपा के विपक्ष में जाने के बाद जयपुर में कांग्रेस सरकार के खिलाफ हुए पहले विरोध प्रदर्शन में भी नरपत सिंह राजवी गायब थे. तो उसके बाद विधानसभा चुनाव हार की समीक्षा के लिए हुई संगठनात्मक बैठक से भी राजवी ने दूरी बनाई. मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर हुए कार्यक्रम में भी नरपत सिंह राजवी शामिल नहीं हुए. नरपत सिंह राजवी की संगठन से नाराजगी की चर्चा भाजपा के गलियारों में है लेकिन प्रदेश नेतृत्व से जुड़े.


पदाधिकारी राजवी के मामले में फिलहाल मौन ही है. दरअसल नरपत सिंह राजवी की नाराजगी की एक बड़ी वजह उनके विधानसभा क्षेत्र विद्याधर नगर में उनसे पूछे बिना मंडल पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाना है. विधानसभा चुनाव के दौरान इन्हीं मंडल पदाधिकारियों ने नरपत सिंह राजवी का टिकट काटे जाने की वकालत तक की थी. बावजूद इसके राजवी को टिकट मिला और राजवी भारी बहुमत से चुनाव जीतकर भी आए.

चुनाव में जब जयपुर से आने वाले 2 काबीना मंत्री सहित कई दिग्गज धाराशायी हो गए. तब राजवी ने चुनाव जीता और इस जीत में उन्हें अपने ही विधानसभा क्षेत्र में मौजूद भाजपा संगठन इकाई की कोई मदद नहीं मिल पायी. लिहाजा चुनाव जीतने के बाद राजवी ने अपने विधानसभा क्षेत्र के मंडल पदाधिकारियों और जयपुर शहर भाजपा इकाई पर कार्रवाई की मांग कर डाली. बकायदा इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री से लेकर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष तक से कहा हैं.


शहर अध्यक्ष से चल रही राजवी की अनबन
जयपुर शहर भाजपा अध्यक्ष संजय जैन और विधायक नरपत सिंह राजवी के बीच लंबे समय से खींचतान चल रही है. दोनों एक दूसरे के धुर विरोधी माने जाते हैं. यही कारण है की संजय जैन ने विद्याधर नगर मंडल में पदाधिकारियों की नियुक्ति में राजवी से राय तक नहीं ली. साथ ही राजवी के मौजूदा विधायक रहते विद्याधर नगर क्षेत्र से खुद के लिए टिकट की मांग तक कर डाली.

अब जब राजवी जीत गए हैं तो निष्क्रिय भाजपा शहर इकाई पर कार्यवाई की मांग कर संगठन से दूर हो गए हैं. हालांकि राजवी और जयपुर शहर भाजपा अध्यक्ष के बीच चल रहे गतिरोध की जानकारी पार्टी के आला नेताओं और पदाधिकारियों को भी है. लेकिन संगठनात्मक कार्यक्रमों से राजवी की दूरी से वे खुद को अनभिज्ञ बताते हैं. या फिर राजवी के कार्यक्रम में नहीं आने के पीछे अपने स्तर पर कई बहाने भी गिनाते हैं.

बाड़मेर। हिमांशु गुप्ता बाड़मेर के नए कलक्टर

बाड़मेर। हिमांशु गुप्ता बाड़मेर के नए कलक्टर

बाड़मेर। राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग ने मंगलवार शाम भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के तबादले किए। बाड़मेर जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते को गंगानगर कलक्टर लगाया गया है। वहीं बाड़मेर के नए जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता होंगे। गुप्ता वर्तमान में आयुक्त नगर निगम अजमेर एवं अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्मार्ट सिटी लिमिटेड अजमेर में डेढ़ साल से कार्यरत हैं। उन्हें जिला कलक्टर के पद पर पहली बार पोस्टिंग मिली है।


61 आईएएस बदले,गुप्ता बाडमेर ,मेहता जैसलमेर कलेक्टर

61 आईएएस बदले,गुप्ता बाडमेर ,मेहता जैसलमेर कलेक्टर


जेयपुर राजस्थान में सरकार बदलने के साथ सरकारी अफसरों का  बदलना भी तेजी से हो रहा।आज कार्मिक विभाग ने 61 आईएएस की ट्रांसफर लिस्ट जारी की।।हिमांशु गुप्ता बाडमेर ,नमित मेहता जेसलमेर कलेक्टर होंगे।।यहां देखें पूरी लिस्ट, किन-किन जिलों के कलेक्टर बदले गए
रवि जैन- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, बीकानेर
जगरूप सिंह यादव- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, जयपुर 
आरुषि अजय मलिक- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, भरतपुर
दिनेश कुमार यादव- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, नागौर
नन्नू मल पहाड़िया- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, करौली
सत्यपाल सिंह भड़िया- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, सवाईमाधोपुर
आनंदी- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, उदयपुर
इंद्र सिंह- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, बारां
दिनेश चंद जैन- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, पाली
राजेश भट्ट- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, भीलवाड़ा
महेंद्र सोनी- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, जालौर
चेतन राम देवड़ा- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, डूंगरपुर
कुमारपाल गौतम जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, झुंझुनू
प्रकाश राजपुरोहित जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, जोधपुर
इंद्रजीत सिंह जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, अलवर
नेहा गिरी जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, धौलपुर
विश्व मोहन शर्मा जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, अजमेर
एन शिवप्रसाद मदान- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, श्रीगंगानगर
संदेश नायक- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, चूरू
शिवांगी स्वर्णकार- जिला कलेक्टर, चित्तौड़गढ़ 
रुक्मणि रियार- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, बूंदी
ओम प्रकाश कसेरा- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, प्रतापगढ़
सिद्धार्थ सिहाग- जिला कलेक्टर जिला मजिस्ट्रेट, झालावाड़
हिमांशु गुप्ता- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट बाड़मेर
अमित मेहता- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, जैसलमेर
अविचल चतुर्वेदी- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, दौसा
आशीष गुप्ता- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, बांसवाड़ा
अरविंद कुमार पोसवाल- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, राजसमंद


सोमवार, 24 दिसंबर 2018

बाड़मेर के दिग्गज नेताओं ने शपथ ग्रहण समारोह का किया बहिष्कार

बाड़मेर के दिग्गज नेताओं ने शपथ ग्रहण समारोह का किया बहिष्कार

गहलोत सरकार के नवगठित कैबिनेट मे पूर्व राजस्व मंत्री हेमाराम चोधरी पूर्व पंचायती राज मंत्री अमीन खान पचपदरा विधायक मदन प्रजापत व बाङमेर विधायक मेवाराम जैन ने सपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया! चारों विधायको ने शपथ ग्रहण समारोह में ना जाकर अपनी नाराजगी व्यक्त की गौरतलब है कि राजस्थान सरकार के मंत्रीमण्डल का गठन आज जयपुर में हुआ था जिसको लेकर रविवार को चयनित विधायकों की लिस्ट सोशल मीडिया और समाचार चैनलों पर दिखाई जा रही थी जिसमें बाड़मेर के दिग्गज नेता हेमाराम चौधरी और अमीन खान सहित लगातार तीसरी बार जीतने वाले बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन का नाम नही होने से उनके प्रसंशको व कांग्रेस कार्यकर्ताओं को निराशा हाथ लगी जिससे कार्यर्कर्ताओं में रोष की स्थिति पैदा हो गयी उसके बाद रविवार शाम से ही कार्यकर्ता लगातार सोशल मीडिया पर पार्टी का विरोध कर रहे हैं साथ ही कई प्रसंशको ने इस्तीफे और प्रदर्शन की भी पेशकश की मगर समझाइश के बाद वर्तमान समय तक ऐसा कोई मामला सुनने में नही आया मगर कार्यर्कर्ताओं की भावना को देखते हुए बाड़मेर के चारों विधायकों ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार कर अपना गुस्सा जाहिर किया!


उल्लेखनीय है की बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी विधानसभा विधायक और 5 बार विधायक रहे हेमाराम चौधरी,शिव विधानसभा से 5 बार विधायक रहे अमीन खान और बाड़मेर विधानसभा से लगातार तीसरी बार विधायक बनने वाले मेवाराम जैन का नाम मंत्रीमण्डल में होना लगभग तय माना जा रहा था मगर ऐनवक्त उनको शामिल ना करने से कार्यर्कर्ताओं की नाराज हो गए जिनकी नाराजगी को देखते हुए आगामी लोकसभा चुनाव में निंसंदेह पार्टी को नुकसान हो सकता है जो कांग्रेस के लिए खतरे का संकेत है

फिर चला गहलोत का जादू , मंत्रिमंडल में भी पायलट पर भारी पड़े अशोक गहलोत, समझें कैबिनेट का समीकरण

फिर चला गहलोत का जादू , मंत्रिमंडल में भी पायलट पर भारी पड़े अशोक गहलोत, समझें कैबिनेट का समीकरण


राजस्थान में आज कांग्रेस सरकार का मंत्रिमंडल बन जाएगा. राजभवन में सुबह 11.30 बजे 23 विधायक मंत्री पद की शपथ लेंगे. इनमें से 17 यानी दो तिहाई से ज्यादा नए चेहरे हैं. जातिगत समीकरणों को देखते हुए 13 कैबिनेट और 10 राज्य मंत्री बनाए गए हैं. वहीं, गठबंधन की राजनीति को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय लोक दल से जीते भरतपुर के विधायक सुभाष गर्ग को भी मंत्री बनाया जा रहा है. बड़ी बात ये है कि कैबिनेट में 60 फीसदी अशोक गहलोत समर्थक हैं तो 40 फीसदी पायलट समर्थकों को जगह मिली है. यानी एक बार फिर गहलोत सचिन पायलट पर भारी पड़ गए हैं.


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13 कैबिनेट मंत्री

बीडी कल्ला, शांति धारीवाल, परसादी लाल मीणा, मास्टर भंवरलाल मेघवाल, लालचंद कटारिया, डॉ रघु शर्मा, प्रमोद जैन भाया, विश्वेंद्र सिंह, हरीश चौधरी, रमेश चंद्र मीणा, उदयलाल आंजना, प्रताप सिंह खाचरियावास, सालेह मोहम्मद.

10 राज्य मंत्री

गोविंद सिंह डोटासरा, श्रीमति ममता भूपेश, अर्जुन बामनिया, भंवरसिंह भाटी, सुखराम विश्नोई, अशोक चांदणा, टीकाराम जूली, भजनलाल जाटव, राजेंद्र यादव, सुभाष गर्ग.

गहलोत कैबिनेट का विश्लेषण

विश्वेंद्र सिंह-मंत्रिमंडल में शामिल विधायकों में विश्वेंद्र सिंह है जो डीग से विधायक हैं और तीन बार सांसद रह चुके हैं, पूर्वी राजस्थान के बड़े जाट नेता हैं और पहली बार मंत्री बन रहे हैं. उनकी पायलट से नहीं पटती है.

हरीश चौधरी- हरीश चौधरी बायतु से चुनाव जीते हैं और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव हैं. पश्चिमी राजस्थान के बड़े जाट नेता हैं और एक बार बाड़मेर से सांसद भी रह चुके हैं. ये पायलट के करीबी माने जाते हैं.

रमेश चंद्र मीणा- पहली बार विधायक चुने गए हैं और पहली बार ही मंत्री बन रहे हैं. 2008 से में पहली बार बहुजन समाज पार्टी से जीते थे. कांग्रेस सरकार को समर्थन देकर संसदीय सचिव बने और लगातार तीसरी बार विधानसभा पहुंचे हैं. सपोटरा से बड़े मीणा नेता किरोड़ी लाल मीणा की पत्नी गोलमा देवी को हराकर विधान सभा में पहुंचे हैं और पायलट के करीबी हैं.

रघु शर्मा- रघु शर्मा ने अजमेर लोकसभा उपचुनाव जीतकर कांग्रेस का कद बढ़ाया था. उसके बाद कैंपेन समिति के अध्यक्ष भी बने हैं. केकड़ी विधानसभा से दूसरी बार चुनाव जीते हैं. गहलोत के खास हैं. कभी पायलट के करीबी भी थे.

उदय लाल आंजना- उदय लाल निंबाहेड़ा से दूसरी बार विधायक हैं और ओबीसी के बड़े नेता हैं. एक बार सांसद रह चुके हैं और गहलोत समर्थक हैं.

प्रताप सिंह खाचरियावास- प्रताप सिंह जयपुर के जिला अध्यक्ष हैं और 5 साल तक उन्होंने बीजेपी सरकार के खिलाफ संघर्ष किया है. दूसरी बार विधायक बने हैं. जयपुर की सिविल लाइन सीट से जीते हैं. पायलट के बेहद करीबी हैं.

सालेह मोहम्मद- सालहे पोकरण से दूसरी बार चुनाव जीते हैं और सरकार में एकमात्र मुस्लिम मंत्री हैं. विवादों में रहने वाले सालेह मोहम्मद पश्चिमी राजस्थान के बड़े मुस्लिम नेता गाजी फकीर के बेटे हैं. सालहे गहलोत कैंप के हैं.

गोविंद सिंह- डोटासरा विधानसभा में कांग्रेस की तरफ से मुख्य सचेतक रहे गोविंद सिंह लक्ष्मणगढ़ से तीसरी बार विधायक बने हैं. पायलट के करीबी हैं और उन्हें गहलोत से भी परहेज नहीं है.

ममता भूपेश- ममता मंत्रिमंडल में एकमात्र महिला चेहरा हैं और दूसरी बार विधायक बनी हैं. इससे पहले कांग्रेस सरकार में संसदीय सचिव रह चुकी हैं. किसी कैंप में नही हैं.

अर्जुन बामणिया- ये बांसवाड़ा से तीसरी बार चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं और कांग्रेस में प्रदेश सचिव रह चुके हैं. अर्जुन बामणिया को गहलोत समर्थक माना जाता है.

भंवरसिंह भाटी- कोलायत से दूसरी बार लगातार जीते भंवरसिंह भाटी ने बीजेपी के बड़े दिग्गज नेता देवी सिंह भाटी को पहली बार हराया था और दूसरी बार उनकी बहू को हराया है. भाटी गहलोत समर्थक हैं.


सुखराम बिश्नोई- सुखराम सांचौर सीट से लगातार दूसरा चुनाव जीते हैं. मोदी लहर के बावजूद भी वह पिछली बार जीत कर आए थे और बिश्नोई समाज के प्रतिनिधि के रूप में मंत्रिमंडल में शामिल किए गए हैं. सुखराम गहलोत समर्थक हैं.

अशोक चांदणा- युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चांदणा भी मंत्री बन रहे हैं जो लगातार दूसरी बार चुनाव जीते हैं. विपक्ष में उनका तेवर काफी रहा है और वे गहलोत समर्थक हैं.

टीकाराम जूली- अलवर ग्रामीण से दूसरी बार विधायक हैं और कांग्रेस में जितेंद्र सिंह के करीबी हैं.

भजन लाल जाटव- भजन लाल पहली बार 2014 में विधानसभा उपचुनाव में वैर सीट से ही जीते थे और इस बार भी जीते हैं. भजन लाल पायलट के करीबी हैं.

राजेंद्र यादव- कोटपूतली विधानसभा से लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए राजेंद्र यादव ने लोकसभा चुनाव में भी यादव वोट दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. यादव गहलोत समर्थक हैं.

सुभाष गर्ग- कांग्रेस के सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल के टिकट पर पहली बार चुनाव जीते हैं और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेहद करीबी हैं.

बीडी कल्ला- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और बीकानेर पश्चिम से चुनाव जीते हैं. राजस्थान में करीब 12 मंत्रालय संभाल चुके हैं. गहलोत कैंप में हैं.

शांति धारीवाल- कोटा दक्षिण से चुनाव जीते हैं और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेहद करीबी हैं. इन्हें भारी-भरकम मंत्रालय मिलता रहा है .

परसादी लाल मीणा- लालसोट से चुनाव जीते हैं और पिछला चुनाव हार गए थे. मीणा समाज से कांग्रेस का चेहरा हैं. गहलोत के करीबी हैं.

मास्टर भंवरलाल मेघवाल- मास्टर भंवरलाल सुजानगढ़ से चुनाव जीते हैं और सचिन पायलट के बेहद करीबी हैं. एससी समाज के नेता हैं. शिक्षा मंत्री थे, लेकिन इस्तीफा देना पड़ा था.

लालचंद कटारिया- जयपुर की झोटवाड़ा सीट से विधायक बने हैं और मनमोहन सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री रह चुके हैं. पहली बार राज्य मंत्री बनने जा रहे हैं और अशोक गहलोत के करीबी हैं.

प्रमोद जैन भाया- प्रमोज जैन अंता सीट से विधायक बने हैं और सचिन पायलट के बहुत करीबी हैं. पिछली सरकार में बीच में हटा दिया गया था.

इन दिग्गजों को नहीं मिली जगह

राजस्थान में इस बार जिन बड़े दिग्गज नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है उनमें सीपी जोशी, हेमाराम चौधरी, भरत सिंह, दीपेंद्र सिंह शेखावत, परसराम मोरदिया, राजेंद्र पारीक, अशोक बैरवा, महेश जोशी, जितेंद्र सिंह , महेंद्रजीत सिंह मालवीय, बृजेंद्र ओला और राजकुमार शर्मा हैं.

जातिगत आधार पर देखें तो सबसे ज्यादा 4 जाट विधायक मंत्री बन रहे हैं. दो ब्राह्मण, दो राजपूत, 3 वैश्य, 4 एससी, 3 एसटी, एक गुर्जर, एक विश्नोई, एक मुस्लिम, दो ओबीसी हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट दोनों ओबीसी से आते हैं.

रविवार, 23 दिसंबर 2018

*मेवाराम जैन को मंत्रिमंडल में शामिल न करना क्षेत्र के लोगो के साथ इमोशनल अत्याचार*

*मेवाराम जैन को मंत्रिमंडल में शामिल न करना क्षेत्र के लोगो के साथ इमोशनल अत्याचार*

*चन्दन सिंह भाटी*

*बाडमेर विपरीत परिस्थितियों में बाडमेर विधानसभा क्षेत्र से हैट्रिक लगा कर विधानसभा में पहुंचे मेवाराम जैन को अशोक गहलोत मंत्रिमंडल में शामिल न करना क्षेत्र के लोगो के साथ इमोशनल अत्याचार है।आखिर जैन की कैबिनेट में अनदेखी क्यों कि गई।।यह बड़ा सवाल है।।मेवाराम जैन ने हमेशा बाडमेर सीट विपरीत परिस्थितियों में जीत कर कांग्रेस को दी।गत चुनाव में मोदी लहर में पश्चिमी राजस्थान से मात्र तीन विधायक जीते जिनमे एक मुख्यमंत्री बनेऔर एक को काबीना मंत्री बनाया जा रहा है।।तीसरा विधायक मेवाराम जैन को अलग थलग रखा।।शायद इसका कारण है कि वो बड़े जातीय समुहबक प्रतिनिधित्व नही करते।मगर कांग्रेस भूल रही है कि मेवाराम जैन छतीस कौम का प्रतिनिधित्व करते है।एक बड़ा व्वत बैंक उनके साथ जुड़ा है।।मेवाराम जैन ने विधानसभा में जिले की समस्याओं को प्रखरता से उठाया।।बहुत सारे मुद्दे पटल पर रखे।।संजीदगी और राजनीति का सामंजस्य है।।मेवाराम जैन को मंत्री मंडल में प्रमोद जैन और शांति धारीवाल पे प्राथमिकता देनी चाहिए थी।।ये दोनो हाडौतो से आते है।।जब कद्दावर जाट नेता हेमाराम चौधरी पर हरीश चौधरी और अमीन खान पर साले मोहम्मद को प्राथमिकता दी जा सकती है तो मेवाराम को क्यों नही।।शायद कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव को ध्यान में रख मंत्रियों का चयन किया।।हम किसी की काबिलियत पर शक नही कर रहे मगर जनता की आवाज़ बन चुके मेवाराम जैन मंत्रिमंडल में शामिल होने की सारी योग्यता रखते है।।दिग्गज जाट नेता कर्नल सोनाराम चौधरी को बड़े अंतर से हराना कोई कम उपलब्धि नही है।।राहुल गांधी ने भी बयान दिया था कि बड़ी जीत वालो को मौका दिया जाएगा।।फिर मेवाराम जैन मामले में चूक कैसे हो गई।।मेवाराम जैन से लोगो को अपेक्षाएं रहती है ।इन अपेक्षाओं पे वो खरा भी उतरते है।।मंत्रिमंडल में मेवाराम जैन होने चाहिए थे।।हालांकि उन्हें अगले विस्तार में कोई न कोई पद दे दिया जाएगा मगर वो जिस पद के हकदार है उन्हें फिलवक्त वंचित रखा।।यह बाडमेर जिले के लोगो के गले नही उतरती।।मंत्री मंडल में शामिल करना न करना मुख्यमंत्री का विषधाधिकार है।मगर मेवाराम जैन जनता की आवाज़  है।।