खास खबर:- मुनाबाव खोखरापार सड़क मार्ग खुलेगा मंगल को दूसरी बार जसवंत सिंह परिवार के कारण
बाड़मेर न्यूज ट्रैक की खास खबर
बाड़मेर पूर्व वित्त विदेश मंत्री जसवंत सिंह अपने काफिले के साथ मुनाबाव खोखरापार सड़क मार्ग से विशेष स्वीकृति लेकर गए थे इसी मार्ग से वापस आये तब किसी ने नही सोचा कि यह सड़क मार्ग एक बार फिर जसवंत सिंह परिवार के कारण मानवता के नाते खुलवाया जाएगा। बाड़मेर जिले के गडरारोड़ की निवासी 65 वर्षीय महिला रेशामा कुछ रोज पूर्व अपनी पुत्री से मिलने पाकिस्तान गई वही उनकी मृत्यु हो गई। उनके पुत्रो से रेशामा के शव को वतन की मिट्टी में सुपुर्द करने के लिए शव बाड़मेर लाने की गुहार जिला प्रशासन, और शिव विधायक मानवेन्द्र सिंह से की।।
जसवंत सिंह परिवार का जलवा आज भी पाकिस्तान और हिंदुस्तान में बरकरार है। जिला कलेक्टर शिव प्रसाद नकाते ने एक जिला कलेक्टर के तौर पर पूर्व प्रयास किये की शव थार एक्सप्रेस से शनिवार को ही अस जाए मगर दुर्भाग्य से शव नही आ पाया।। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी अपने सतत प्रयास कर रही थी।मगर सड़क मार्ग से बाघा बॉर्डर से शव भेजने की बात पाक सरकार के अधिकारियों ने कहि।।इधर मानवेन्द्र सिंह अपने रसूखात के चलते पाक एम्बेसी के अधिकारियों से व्यक्तिगत संपर्क में थे।।उन्होंने अपने व्यक्तिगत प्रभाव का इस्तेमाल कर पाक अधिकारियों को रेशामा का शव खोखरापार मुनाबाव सड़क मार्ग से भेजने के लिए राजी किया।।जसवंत सिंह परिवार के प्रति आज भी पाकिस्तान में सम्मान का भाव है।।
सबके सामूहिक प्रयास थे मगर सड़क मार्ग दूसरी बार खुलवाने में मानवेन्द्र सिंह का प्रयास सफल रहा।रेशामा को अपने वतन की मिट्टी नसीब होगी। मंगलवार प्रातः एक बार फिर खोखरापार मुनाबाव सड़क मार्ग खुलेगा जहां से रेशामा का शव आएगा। सरकारी औपचारिकता के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा। मानवेन्द्र सिंह के मानवीय संवेदनाओं को सलाम।
मुनाबाव - खोखरापार सड़क मार्ग से हिन्दुस्तान आएगा रेशामा का शव
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बाड़मेर पूर्व वित्त विदेश मंत्री जसवंत सिंह अपने काफिले के साथ मुनाबाव खोखरापार सड़क मार्ग से विशेष स्वीकृति लेकर गए थे इसी मार्ग से वापस आये तब किसी ने नही सोचा कि यह सड़क मार्ग एक बार फिर जसवंत सिंह परिवार के कारण मानवता के नाते खुलवाया जाएगा। बाड़मेर जिले के गडरारोड़ की निवासी 65 वर्षीय महिला रेशामा कुछ रोज पूर्व अपनी पुत्री से मिलने पाकिस्तान गई वही उनकी मृत्यु हो गई। उनके पुत्रो से रेशामा के शव को वतन की मिट्टी में सुपुर्द करने के लिए शव बाड़मेर लाने की गुहार जिला प्रशासन, और शिव विधायक मानवेन्द्र सिंह से की।।
जसवंत सिंह परिवार का जलवा आज भी पाकिस्तान और हिंदुस्तान में बरकरार है। जिला कलेक्टर शिव प्रसाद नकाते ने एक जिला कलेक्टर के तौर पर पूर्व प्रयास किये की शव थार एक्सप्रेस से शनिवार को ही अस जाए मगर दुर्भाग्य से शव नही आ पाया।। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी अपने सतत प्रयास कर रही थी।मगर सड़क मार्ग से बाघा बॉर्डर से शव भेजने की बात पाक सरकार के अधिकारियों ने कहि।।इधर मानवेन्द्र सिंह अपने रसूखात के चलते पाक एम्बेसी के अधिकारियों से व्यक्तिगत संपर्क में थे।।उन्होंने अपने व्यक्तिगत प्रभाव का इस्तेमाल कर पाक अधिकारियों को रेशामा का शव खोखरापार मुनाबाव सड़क मार्ग से भेजने के लिए राजी किया।।जसवंत सिंह परिवार के प्रति आज भी पाकिस्तान में सम्मान का भाव है।।
सबके सामूहिक प्रयास थे मगर सड़क मार्ग दूसरी बार खुलवाने में मानवेन्द्र सिंह का प्रयास सफल रहा।रेशामा को अपने वतन की मिट्टी नसीब होगी। मंगलवार प्रातः एक बार फिर खोखरापार मुनाबाव सड़क मार्ग खुलेगा जहां से रेशामा का शव आएगा। सरकारी औपचारिकता के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा। मानवेन्द्र सिंह के मानवीय संवेदनाओं को सलाम।